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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य में जन-सहयोग से विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे

मुख्यमंत्री श्री चौहान को एक वर्ष का सक्रिय कार्यकाल पूर्ण होने पर प्रदेश भर से मिली बधाइयाँ
रैन अंधेरी बीतेगी, पतवार चलाते जायेंगे, मंजिल आयेगी,आयेगी: मुख्यमंत्री श्री चौहान

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में जन सहयोग से विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे। नागरिकों की भागीदारी से मध्यप्रदेश विद्युत, सिंचाई, पेयजल, सड़क निर्माण, कृषि क्षेत्र में अनेक उपलब्धियाँ अर्जित कर विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ा है। अब विकास को अन्य नए आयाम भी प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मुख्यमंत्री के दायित्व के रूप में एक वर्ष की अवधि पूर्ण होने के अवसर पर प्रदेश भर से मिली बधाइयों के उत्तर में कहा कि जब वर्ष 2003 के आखिरी महीने में मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और सुश्री उमा भारती के नेतृत्व में नई सरकार बनी थी, उसके पहले हमें बदहाल मध्यप्रदेश मिला था।

सड़क, पानी, बिजली से वंचित लोगों को दी सुविधाएँ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उस समय सड़कें बहुत खराब थीं। चारों और अंधेरा छाया रहता था। बीमारू मध्यप्रदेश को विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने के लिए सबसे पहले सड़कों के निर्माण की प्राथमिकता तय की गई। प्रदेश में दो लाख किलोमीटर की शानदार सड़कें बनवाई गईं। इसके पश्चात बेटियों के लिए वरदान सिद्ध हुई मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और लाड़ली लक्ष्मी योजना को लागू किया गया। प्रदेश में लोगों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाने पर ध्यान दिया गया। यही नहीं खेती के लिए दस घंटे विद्युत आपूर्ति का कार्य भी पूरा हुआ। वर्ष 2013 में इन कार्यों को पूर्ण कर संकल्प पूर्ति की गई। लोक सेवा गारंटी जैसे क्रांतिकारी कानून बनाए गए।

किसान कल्याण

कृषि हमारी अर्थ-व्यवस्था की रीढ़ है और रोजगार देने का सबसे बड़ा साधन भी। मध्यप्रदेश ने एक या दो नहीं सात कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त किए। गत वर्ष कोरोना संकट के बाद भी देश में सर्वाधिक गेहूं उपार्जन का रिकॉर्ड मध्यप्रदेश ने बनाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिंचाई क्षेत्र में पहले कुल रकबा सिर्फ सात लाख हेक्टेयर था। इसे बढ़ाकर 41 लाख किया गया। इसे निरंतर बढ़ाने का लक्ष्य है। नर्मदा नदी को क्षिप्रा नदी से जोड़ा गया। गंभीर नदी से भी जोड़ा गया। अब हम नर्मदा जी को कालीसिंध और पार्वती से जोड़ रहे हैं। जो पानी बहकर व्यर्थ चला जाता था उसे रोककर सिंचाई की समुचित व्यवस्था की गई। पेयजल के प्रबंध भी किए गए।

बुंदेलखण्ड की तस्वीर बदलेगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज विश्व जल दिवस पर प्रधानमंत्री जी के समक्ष हुए त्रि-पक्षीय समझौते से केन और बेतवा को जोड़ने की महत्वपूर्ण पहल हुई है। इससे मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड अंचल की तकदीर और तस्वीर बदल जाएगी। इस अंचल के 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बेहतर सिंचाई होगी। यही नहीं करीब 41 लाख लोगों को पर्याप्त पेयजल भी मिल सकेगा।

पर्यटन विकास

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन संभावनाओं का दोहन किया जाएगा। इसके फलस्वरूप भारत ही नहीं विश्व के देशों के सैलानी मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों पर आयेंगें। बफर में सफर और नाईट सफारी की शुरूआत की गई है। इससे पर्यटन बढ़ेगा जिससे युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार देने का लक्ष्य पूरा होगा।

तीर्थ-दर्शन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के बुजुर्ग लोगों को देश के अनेक तीर्थ-स्थानों का भ्रमण करवाने के लिए राज्य सरकार ने व्यवस्था की। मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना का लाभ लेकर नागरिकों ने आत्मिक आनंद की अनुभूति की। मध्य प्रदेश की इस योजना को अन्य राज्यों ने भी अपनाया।

आनंद विभाग के माध्यम से बेहतर जीवन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आनंद विभाग का गठन कर अल्पविराम जैसे कार्यक्रमों से जनता को जोड़ा गया। शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को आनंद संस्थान द्वारा विभिन्न पाठ्यक्रमों से लाभान्वित किया गया। विद्यालयों, वृद्ध आश्रम और कारावासों में लोकरंजन के कार्यक्रम आयोजित किए गए। धन प्राप्ति और पद प्राप्ति से हटकर आनंद के महत्व का अनुभव करवाने के लिए आनंद विभाग की गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं।

किसानों की प्रगति

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि क्षेत्र का निरंतर विस्तार हुआ है। गेहूँ और धान के उपार्जन के रिकॉर्ड बनाए गए। अनेक पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त करने में हमारा प्रदेश सफल रहा है। किसानों को कोरोना संकट के समय प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना का लाभ दिलवाया गया। छोटे और सीमांत किसानों को सालाना दस हजार की राशि प्राप्त होती है। मध्यप्रदेश में शून्य प्रतिशत पर ब्याज दिलवाने, फसल बीमा योजना का लाभ दिलवाने और किसानों को उनकी उपज कहीं भी विक्रय करने की सुविधा दी गई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनके उत्पादन को उपार्जित करने की व्यवस्था मजबूत की गई।

कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में जब कोरोना कहर बनकर आया तब उपचार की समुचित व्यवस्था नहीं थी। मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभालते ही सबसे पहले इन व्यवस्थाओं को मजबूत किया गया। ऑक्सीजन, औषधियों और अस्पतालों में बेड की पर्याप्त व्यवस्था की गई। लोगों को जागरूक करने के लिए फेस मास्क के उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य हुआ है। जिस संक्रमण को नियंत्रित किया गया वह फिर से विस्तार न पा सके, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

हरीतिमा विकास

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे गत माह से निरंतर प्रतिदिन एक पौधा लगा रहे हैं। इसके लिए अन्य लोगों को भी प्रेरित कर रहे हैं। प्रदेश में हरियाली का विस्तार हुआ है। आने वाली पीढ़ियों को बेहतर पर्यावरण उपलब्ध कराने की ठोस पहल की गई है। सभी नागरिक अपने दिवंगत प्रियजन की स्मृति में पौधा लगाएँ। इसके साथ ही परिवार के सदस्यों के जन्म दिवस और विवाह वर्षगांठ के अवसर पर भी पौधे लगाकर हरीतिमा के विकास में सहयोग प्रदान करें।

यह रात अंधेरी बीतेगी मंजिल आएगी, आएगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि एक वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभालने के समय कोरोना का संक्रमण सर्वाधिक था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की कविता की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि मैंने इस संकल्प के साथ शपथ ली थी कि ‘हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता और मिटाता हूँ, गीत नया गाता हूँ, गीत नया गाता हूँ।’ मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संबल, उनके प्रेम और आशीर्वाद और जन सहयोग के कारण कठिन परिस्थितियों में भी चुनौती का सामना किया जा सका। अभी भी जो कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आई है, वह निश्चित ही समाप्त होगी। अंधेरा छँटेगा, सूरज निकलेगा, यह रैन अंधेरी बीतेगी, पतवार चलाते जाएंगे, मंजिल आएगी, आएगी।

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