आजादी में क्रांतिकारियों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अमर शहीद क्रांतिकारियों की सही गाथा देश के सामने रखी
मध्यप्रदेश की धरती पर बनाये जा रहे है क्रांतिकारियों के स्मारक
अलग-अलग कलस्टर बनाकर औद्योगिकीकरण की करेंगे नई शुरुआत
इंदौर की जनता ने भी जन-भागीदारी का अद्भुत इतिहास रचा
किसानों के खेत की प्यास बुझाने मध्यप्रदेश ने स्थापित किया नया रिकॉर्ड
मध्यप्रदेश ने कोरोना से निपटने का जन-भागीदारी मॉडल बनाया
अगले साल से मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नेहरू स्टेडियम इंदौर में फहराया राष्ट्रीय ध्वज, ली परेड की सलामी
प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की दी बधाई
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गणतंत्र दिवस पर इंदौर के नेहरू स्टेडियम में ध्वजारोहण कर भव्य परेड की सलामी ली। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई देते हुये अपने संदेश में कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। यह अमृत महोत्सव और गणतंत्र दिवस का आज अद्भुत और अविस्मरणीय संगम है। देश में 23 जनवरी को हमने नेताजी सुभाष चंद्र बोस का 125वाँ जन्म-दिन मनाया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी के जन्म-दिन को पराक्रम दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया। गणतंत्र दिवस के पर्व पर मैं नेता जी के चरणों में प्रणाम करता हूँ, नमन करता हूँ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि देश को आजादी कोई अंग्रेजों ने चांदी की तस्तरी में रखकर भेंट नहीं की थी। एक तरफ पूज्य बापू जी के नेतृत्व में अहिंसक आंदोलन चला था, तो दूसरी तरफ क्रांतिकारियों ने अपने रक्त की अंतिम बूँद से भारत माता की पवित्र माटी को रंगा था। उनके त्याग, तपस्या और बलिदान से देश स्वतंत्र हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कहते हुए कभी-कभी तकलीफ होती है कि स्वतंत्रता के बाद हमें आजादी का इतिहास तक गलत पढ़ाया गया। देश को बताया गया कि हिंदुस्तान को आजादी महात्मा गांधी, नेहरु जी, इंदिरा जी ने दिलाई। मैं बापू जी के योगदान को अस्वीकार नहीं करता, बापूजी तो विश्वबंधु है। आजादी की क्रांतिकारी धारा को भुला दिया गया, एक नहीं अनेक अमर शहीद क्रांतिकारियों की स्मृति को संजो के नहीं रखा गया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूँ। उन्होंने अमर शहीद क्रांतिकारियों की सही गाथा न केवल देश के सामने रखी बल्कि उनकी स्मृति बनी रहे और प्रेरणा मिलती रहें, इसके लिये देश में अनेक स्मारकों का निर्माण करवाया है। मुझे कहते हुए प्रसन्नता है कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा लगाई जाएगी। मध्यप्रदेश की धरती पर भी हमने महारानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, टंट्या भील, रघुनाथ शाह-शंकर शाह, भीमा नायक, राणा बख्तावर सिंह, कुंवर चैन सिंह, राजा विभूत सिंह और बादल भोई आदि क्रांतिकारियों के स्मारक बनाकर जो कर्ज राष्ट्र पर उनका है उसे चुकाने का विनम्र प्रयास किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यह पंक्तियाँ भी कही – “शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।”
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं बाबा साहब अंबेडकर और संविधान बनाने वाली सभी प्रारूप समितियों को नमन करता हूँ। बाबा साहब अंबेडकर की 125 वीं जयंती पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाना प्रारंभ किया। यह हमारे संविधान निर्माताओं के चरणों में विनम्र आदरांजली है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि संविधान तो निर्जीव है, उसे लोग जीवित बनाते हैं। हम भारत के लोग सचमुच में भारत के संविधान की प्राणवायु और प्राणशक्ति हैं। सही अर्थों में गणतंत्र जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा चलाया जाने वाला शासन है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कहते हैं – जनता की शक्ति ही, राष्ट्र शक्ति है। उनका मानना है कि कोई भी काम बिना जनता के सहयोग से बिना जनता की भागीदारी से पूरा नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज जब वैश्विक महामारी कोरोना से पूरी दुनिया लड़ रही है, मुझे प्रसन्नता है मध्यप्रदेश ने कोरोना से निपटने का जन-भागीदारी मॉडल बनाया है। मैं अपने प्रिय बहन-भाइयों और बेटे-बेटियों से कहना चाहता हूँ कि कोरोना अभी गया नहीं है। हमने कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर का मुकाबला डटकर किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों का हृदय से आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से कोरोना को नियंत्रित करने में सफलता मिली। उन्होंने कहा कि कोरोना से मुकाबला करने के लिये हमने जिला, विकासखंड, ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियाँ बनाई। हमारे जन-प्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों, समाजसेवियों, धर्मगुरुओं, विभिन्न संस्थाओं ने मध्यप्रदेश को सुरक्षा कवच देने में सक्रिय भूमिका निभाई है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज मैं अहिल्या माँ की पवित्र नगरी में खड़े होकर गर्व से कहता हूँ कि इंदौर की जनता ने भी जन-भागीदारी का अद्भुत इतिहास रचा है। इंदौर और प्रदेशवासियों ने मिलकर कोविड-19 की दूसरी लहर का भी मुकाबला किया है। अभी हम तीसरी लहर के प्रकोप से गुजर रहे हैं। कोरोना रोगियों की संख्या स्थिर होना शुरू हो गई है। सावधानी में ही सुरक्षा है। मैं अपील करना चाहता हूँ कि सभी लोग मास्क लगाकर रखे, दूरियाँ बनाकर रखें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं एक बार फिर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने कोविड-19 की वैक्सीन के लिए टास्क फोर्स बनाई। हमारे वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों को प्रणाम, जिन्होंने भारत में समय रहते एक नहीं दो-दो स्वदेशी वैक्सीन बना ली। मुझे कहते हुए गर्व है कि देश में लगभग 168 करोड़ वैक्सीन डोज़ लगा दिए गए हैं। वैक्सीन बनाने से लेकर टीका लगाने तक का एक अद्भुत कार्यक्रम जन- सहयोग से संपन्न हुआ। मैं प्रधानमंत्री जी का इस जीवन रक्षक कार्य के लिए अभिनंदन करता हूँ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आत्म-निर्भर भारत का मंत्र दिया। आत्म-निर्भर भारत के लिए हमने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का संकल्प लिया है। अधोसंरचना, सुशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थ-व्यवस्था और रोजगार के लिये हम एक-एक कदम आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेशवासियों को बताते हुए मुझे प्रसन्नता है कि, कभी मध्यप्रदेश “सड़कों में गड्ढे का प्रदेश” कहा जाता था। आज 2 लाख किलोमीटर से ज्यादा शानदार सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। अब हमारा संकल्प अटल एक्सप्रेस-वे, नर्मदा एक्सप्रेस-वे बनाने का है। यह केवल रोड नहीं, मध्यप्रदेश की आर्थिक प्रगति का रोडमैप होंगे। नई टाउनशिप, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, विकास के अलग-अलग कलस्टर बनाकर हम औद्योगिकीकरण की नई शुरुआत करेंगे। भोपाल, इंदौर के बीच में एक अलग इंडस्ट्रियल हब पर हम तेजी से काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पहले प्रदेश में बिजली आती कम थी और जाती ज्यादा थी। पूर्व में 5 हजार मेगा वॉट की उपलब्धता थी, जो आज बढ़कर 21 हजार मेगावाट से ज्यादा हो गई है। जनता को पर्याप्त मात्रा में बिजली मिले, इसके लिए एक नहीं अनेकों उपाय किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हम केवल थर्मल पावर प्लांट नहीं लगा रहे हैं, सूरज से भी बिजली बनाने के काम में मध्यप्रदेश आगे है। एक नहीं अनेक सोलर पावर प्लांट पर काम चल रहा है। रीवा में एशिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट बन कर तैयार है और ओंकारेश्वर बांध में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनाकर हम सूरज से बिजली बनाएंगे। यह ऊर्जा, क्लीन ऊर्जा है, जो पर्यावरण को बचाने का भी काम करती है। हम सूरज से, हवा से, पानी से और बायोमॉस से बिजली बना रहे हैं |
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि खेती हमारी अर्थ-व्यवस्था की रीढ़ है। नदियों के पानी को रोककर किसान के सूखे खेत की प्यास बुझाने में मध्यप्रदेश ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। कभी जब यह मांग की गई थी कि नर्मदा का पानी क्षिप्रा में लाओ तो कह दिया गया था कि इंपॉसिबल है, यह हो नहीं सकता। हमने कहा असंभव शब्द हमारे शब्द-कोष में नहीं है। नर्मदा जी को क्षिप्रा से जोड़ा गया, गंभीर से जोड़ा गया, अब कालीसिंध और पार्वती नदी से जोड़ रहे हैं। मालवा और निमाड़ में नर्मदा जी से अन्य नदियों में पानी लेकर किसानों के खेतों की प्यास बुझा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि न केवल मालवा और निमाड़ में, बल्कि विंध्य, बुंदेलखंड, महाकौशल, भोपाल, ग्वालियर, चंबल संभाग में भी किसान भाइयों के खेतों में पानी पहुँचेगा। उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि कभी मध्यप्रदेश में सिंचाई का रकबा साढ़े 7 लाख हेक्टेयर हुआ करता था, जिसे बढ़ाकर हमने 43 लाख हेक्टेयर कर दिया और आने वाले समय में इसे 65 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाएंगे। मध्यप्रदेश के हिस्से की नर्मदा जी की एक-एक बूंद का उपयोग करेंगे। इसके लिये नई-नई सिंचाई योजनाएँ बना-बनाकर न केवल सिंचाई के लिए बल्कि पीने के लिए स्वच्छ पेयजल भी उपलब्ध करवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शहरों के साथ गाँव में भी पेयजल संकट को खत्म करने का संकल्प हमने लिया है। प्रदेश के हर एक गाँव में घर-घर नल से जल उपलब्ध कराया जाएगा। जल जीवन मिशन में तेजी से कार्य किया जा रहा है। पिछले डेढ़ साल में 44 लाख घरों में पानी पहुँचाया जा चुका है। शीघ्र ही 2 करोड़ घरों तक पानी ले जाएंगे, जिससे हमारी बहनों और बेटियों को घर से बाहर निकल कर पानी न लाना पड़े।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के मेहनती किसानों ने अन्न के भंडार भरे हैं और उचित दाम देने के लिए हमने रिकॉर्ड स्तर पर खरीदी भी की है। गेहूँ के उत्पादन में मध्य प्रदेश के किसानों ने पंजाब को पीछे छोड़ दिया है। पिछले साल 1 करोड़ 28 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा हमने खरीदी की थी। इस साल 45 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूँ की धान हमने खरीदी है। अन्न के भंडार भरपूर हैं, रखने की जगह नहीं है, अस्थाई कैंप में रखा जा रहा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम किसानों द्वारा उत्पादित खाद्यान्न खरीदेंगे नहीं। किसानों की सभी फसलें खरीदी जाएंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसान भाइयों से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान समय में फसलों का विविधीकरण जरूरी है। केमिकल फर्टिलाइजर ने हमारी धरती की उर्वरक क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। इसलिए हमें गेहूँ और धान के अलावा बाकी फसलें भी लगानी होगी और साथ में प्राकृतिक एवं जैविक खेती की ओर बढ़ना होगा। जैविक खेती में आज भी मध्यप्रदेश देश में नंबर वन है। इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि पिछले 22 महीने में लगभग 1 लाख 48 हज़ार करोड़ रूपये किसानों के खाते में डाले गये हैं। पिछले साल की फसल बीमा योजना का पैसा भी जल्द किसानों के खाते में डाले जाएंगे। मौसम की मार से अगर किसानों की फसलें प्रभावित होंगी तो उनको राहत देने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का पैसा लगातार किसानों के खाते में दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र का मतलब “जनता का राज” है। भगवान ने जो संसाधन दिए हैं, वह सब के लिये हैं। लेकिन समाज में असमानता दिखाई देती है। हमारा संकल्प है कि गरीबों की जिंदगी बेहतर बनाने रोटी, कपड़ा, मकान, पढ़ाई, लिखाई, दवाई, रोजगार का इंतजाम सबके लिए सुलभ कराएंगे। हमारी सरकार गरीब भाई-बहनों को सस्ता राशन देने मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना और कोविड-19 के कठिन काल में नि:शुल्क राशन देने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि 1 साल में 16 हज़ार करोड़ रूपये हमने गरीबों को राशन देने पर खर्च किये है। प्रत्येक माह की 7 तारीख का दिन अन्न उत्सव का दिन होता है, जिसमें गरीब परिवारों को राशन प्रदान किया जाता है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के हर गरीब का अधिकार उसका मकान है। हमने 28 लाख मकान अब तक बनाए हैं1 ग्रामीण क्षेत्रों में 5 लाख से अधिक मकान बन रहे हैं। हमारी कोशिश है कोई गरीब झोपड़ी में न रहे और जल्दी उनको पक्का मकान बनाकर दिया जाए। इसके लिए गाँव और शहरों में अभियान चलाएंगे। प्रदेश के हर भूमिहीन परिवार को मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना से जमीन का मालिक बनाया जाएगा। शहरों में बहुमंजिल भवन (मल्टी) बनाकर आवास उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी ने हमें बता दिया है कि इलाज और उसकी नि:शुल्क व्यवस्था एक बड़ी आवश्यकता है। प्रधानमंत्री जी ने आयुष्मान भारत अभियान चलाया है। मध्यप्रदेश में योजना में 2 करोड़ 60 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। उन्होंने आव्हान किया कि जिन पात्र लोगों के कार्ड नहीं बने है, वे अपना आयुष्मान कार्ड बनवा लें। प्रशासन इस काम में शिद्दत से कार्य करे। आयुष्मान कार्ड से सरकारी और शासन से संबद्ध अस्पतालों में 5 लाख रुपए तक का इलाज नि:शुल्क किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर सभी जिलों में रोजगार दिवस मनाया। हम तय किया था कि 1 लाख रोजगार हर महीने देंगे। मुझे प्रसन्नता है कि 2 महीने में ही हमने 5 लाख 26 हज़ार लोगों को स्व-रोजगार के लिए अलग-अलग योजनाओं से ऋण दिलवाकर उनकी आजीविका की गाड़ी पटरी पर लाये हैं। यह क्रम जारी रहेगा। आगामी 25 फरवरी के दिन फिर रोजगार दिवस मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना और मुख्यमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना में बिना ब्याज की ऋण राशि उपलब्ध करवाकर युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। स्ट्रीट वेंडर्स के लिये आदर्श व्यवस्था बनाने के लिये हाकर्स कॉर्नर बनाये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पिछले साल से अब तक लगभग 44 हजार सरकारी नौकरियों में हमने भर्ती की है। भर्ती का अभियान जारी रहेगा। अगले साल तक एक लाख नौकरियाँ और दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि केवल सरकारी नौकरियाँ रोजगार की पूर्ति नहीं कर सकती। प्राइवेट सेक्टर में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारे बच्चे भी गजब प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। स्टार्ट-अप के क्षेत्र में इंदौर के नौजवानों ने अद्भुत रिकॉर्ड बनाए हैं। हम जल्द ही स्टार्ट-अप की नई नीति लाने वाले हैं। उन्होंने युवाओं से आव्हान किया कि यदि उनके पास इनोवेटिव आइडिया है तो उसे सरकार के साथ शेयर करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं चाहता हूँ कि इंदौर देश की स्टार्ट-अप राजधानी बनें। आज मैं कुछ बच्चों से बात भी कर रहा हूँ, जिन्होंने स्टार्ट-अप के क्षेत्र में बेहतर काम किया है। ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से हमारी बहनें आर्थिक रूप से सशक्त हों, इसके लिए प्रयास लगातार जारी है। स्व-सहायता समूह की बहनों ने अपनी मेहनत से एक नया इतिहास रचा है। लगभग 40 लाख बहनें अभियान से जुड़ी है। उनके द्वारा अलग-अलग उत्पाद का निर्माण कर रोजगार के नए-नए अवसर पैदा किये जा रहे हैं। समूह के कामों को हम तेजी से आगे बढ़ाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में लगातार निवेश आ रहा है। इस साल लगभग 38 हजार करोड़ रूपये का निवेश आया है। प्रदेश के कई क्षेत्र औद्योगिक हब के रूप में उभर रहे है। बड़े उद्योगों के साथ एमएसएमई के माध्यम से अलग-अलग क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। हम एमएसएमई के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा करेंगे, जिससे समाज के हर वर्ग का कल्याण हो।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के लिए हमने तय किया था कि पेसा एक्ट कानून लागू करेंगे, उस पर कार्यवाही प्रारंभ हो गई है। चिन्हित ब्लॉकों में “राशन आपके ग्राम योजना” प्रारंभ कर दी गई है। सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 16 फरवरी को संत रविदास जी की जयंती से 14 अप्रैल डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती तक अनुसूचित जाति के कल्याण के अनेकों कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसी प्रकार अन्य वर्गों के हित में भी राज्य सरकार ने अनेक निर्णय लिये हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुझे खुशी है कि प्रदेश में आज लाड़ली लक्ष्मी योजना में 41 लाख बेटियाँ लाड़ली लक्ष्मी बन चुकी है। वर्ष 2012-13 में जहाँ प्रदेश का लिंगानुपात एक हजार बेटों पर 914 बेटियों का था, वह बढ़कर अब 956 हो गया है। मेरा यह अभियान तब-तक जारी रहेगा, जब तक बेटे और बेटियाँ बराबर की संख्या में जन्म न लें। बेटियों के बिना दुनिया नहीं चल सकती है। महिला सशक्तिकरण के लिए बेटियों के कल्याण के लिए अनेकों योजनाएँ बनाई गई है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सीएम राइज स्कूल खोलने का अद्भुत कार्य किया जा रहा है। यह स्कूल 18 से 26 करोड रुपए तक के बनेंगे, जो सर्वसुविधायुक्त्होंगे। मैं जानता हूँ कि हर एक बच्चे को आगे बढ़ने का अवसर मिले। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं चाहता हूँ कि कई बच्चे विशेषकर ग्रामीण परिवेश में रहने वाले प्रतिभावान होते हैं, लेकिन अंग्रेजी में प्रतिभा का प्रकटीकरण नहीं कर पाते। हमने यह तय किया है कि मध्यप्रदेश में अगले साल से मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में करवाई जाएगी, जिससे अंग्रेजी न जानने वाले बच्चे भी डॉक्टर और इंजीनियर बन सकें। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय को भारत के 100 के प्रमुख विश्वविद्यालय में शामिल किये जाने का प्रयास किया जाएगा। प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और शहरी एवं ग्रामीण विकास के प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि एक समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश बनाने में सुशासन हमारा मूल मंत्र है। सीएम हेल्पलाइन, जनसुनवाई, समाधान ऑनलाइन के साथ मोबाइल पर जन सुविधाएँ देने का नया अभियान हमने चलाया है। जनता को बिना किसी परेशानी के निश्चित समय-सीमा में सेवाओं का लाभ मिले, इस दिशा में हम निरंतर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने यह भी फैसला किया है कि असामाजिक तत्वों को हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। माफियाओं के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया जा रहा है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। हजारों हेक्टर जमीनें हमने माफियाओं से मुक्त कराई है और कई जगह जहाँ इन्होंने कब्जा किया था, अब वहाँ गरीबों के मकान बनाने का काम किया जा रहा है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।इंदौर में और भोपाल में पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू किया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न अंचलों में धार्मिक और पर्यटन क्षेत्रों को विकसित करने का कार्य भी किया जा रहा है। पर्यटन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान लेकर उभरा है। पर्यटन को रोजगार से जोड़ने के काम भी व्यापक रूप से किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वच्छता में इंदौर ने नया रिकॉर्ड बनाया है। आज इंदौर देश के लिये आइकॉन बन गया है। मध्यप्रदेश स्वच्छता में तीसरे नंबर पर आया है। सभी के मिले-जुले प्रयासों से हम मध्यप्रदेश को स्वच्छता में पहले नंबर पर लाएंगे। उन्होंने कहा कि आगामी मार्च में फिर स्वच्छता सर्वेक्षण प्रारंभ होगा। इसमें गाँव हो या शहर, सभी जगह स्वच्छता के नये आयाम स्थापित कर हम मध्यप्रदेश को स्वच्छता में भी नंबर वन बनाये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैंने प्रदेशवासियों से अपील की थी कि कुपोषण समाप्त करने के लिए एक आँगनवाड़ी गोद लें। मध्यप्रदेश में 97 हजार आँगनवाड़ी में से 48 हजार आँगनवाड़ी गोद ली गई है। गोद लेने का मतलब उस आँगनवाड़ी में शासकीय सुविधाएँ ठीक से मिले, यह प्रयास करना है। आँगनवाड़ियों में बेहतर काम करते हुए हमे अपने बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराना है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कहा कि मैं पिछले दिनों भोपाल और ग्वालियर नगर के भ्रमण पर निकला था। जहाँ कुछ लोगों को फुटपाथ पर सोते हुए देखा। ऐसे वर्ग की भी चिंता करते हुए हमने रैनबसेरा बनवाए हैं। यहाँ उन्हें आश्रय दिया जा रहा है। साथ ही दीनदयाल रसोई योजना का लाभ भी जरूरतमंदों को दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों से आव्हान किया कि पर्यवरण संरक्षण के लिये परिवार के विभिन्न अवसरों पर पौध-रोपण जरूर करें। मुख्यमंत्री ने सभी से लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने और विदेशी उत्पादों को नकारने का भी आव्हान किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त बिजली का उत्पादन हो रहा है। जनता को सस्ती बिजली देने के लिये 21 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि फालतू बिजली जलाई जाये। उन्होंने कहा कि जितनी जरूरत हो, बिजली का उतना ही उपयोग करें। बिजली बचाना, बिजली बनाने के बराबर है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हर शहर और हर गाँव वासी अपने गाँव-शहर को आगे बढ़ाने का संकल्प लें। उन्होंने नशामुक्ति के लिये भी प्रदेशवासियों का आव्हान किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न, समृद्ध और एक शक्तिशाली भारत बनाने के संकल्प को पूरा करने में सभी अपना योगदान दें।
इंदौर के नेहरू स्टेडियम में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा नयनाभिराम झाँकियाँ निकाली गई और आकर्षक परेड की प्रस्तुति हुई। उत्कृष्ट परेड प्रस्तुत करने वाले प्लाटूनों और झाँकियों को पुरस्कृत किया गया। साथ ही इंदौर जिले में कोरोना के दौरान उल्लेखनीय सेवाएँ देने एवं सहयोग करने वाले तथा अन्य विभागीय कार्यों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों, स्वयंसेवी संगठनों आदि को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया।
समारोह में सासंद श्री शंकर लालवानी, विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री जयपाल सिंह चावड़ा, संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, आई जी श्री राकेश गुप्ता सहित विधायक, जन-प्रतिनिधि, अधिकारी एवं नागरिक उपस्थित रहे।