एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ का जबलपुर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आरोपों पर पलटवार

बेहतर होता गृह मंत्री अमित शाह सीएए के समर्थन में रैली व जनसभा के लिये उन राज्यों में जाते , जहाँ इस क़ानून को लेकर निरंतर विरोध स्वरुप हिंसा हुई है।
मध्यप्रदेश की शांत धरती पर इस क़ानून के नाम पर भाजपा नेताओ को गुमराह करने व फ़िज़ा ख़राब करने के लिये आने की आवश्यकता नहीं है।
अमित शाह  , आप कांग्रेस को नहीं जनता को समझाये , जो इस सच्चाई को बेहतर ढंग से जानती है कि केन्द्र सरकार अपनी असफलताओं को छिपाने के लिये व वर्तमान हालातों से ध्यान भटकाने के लिये सीएए , एनआरसी जैसे क़ानून को जनता पर ज़बर्दस्ती थोपने का काम कर रही है।
जनता ने राज्य में कांग्रेस को पूरे पाँच वर्ष के लिये प्रदेश की सत्ता की बागडोर सौंपी है। इसे जनता की गलती बताकर आप जनादेश का व जनता का अपमान कर रहे है।पाँच वर्ष बाद पूरी हिम्मत व विश्वास के साथ , काम के आधार पर हम जनता के बीच ज़रूर जायेंगे।
पिछले एक वर्ष में मध्यप्रदेश , छतीसगढ़ , राजस्थान , महाराष्ट्र व झारखंड के विधानसभा चुनाव के परिणामों से आपको जनता का मूड समझ लेना चाहिये।
जनता आपकी पूर्व की प्रदेश सरकार को याद ज़रूर कर रही है लेकिन इसलिये कि किस प्रकार झूठ व घोषणा वाली सरकार थी।उसने
प्रदेश को बर्बाद कर दिया , क़र्ज़ के दलदल में धकेल दिया ,खेती को घाटे का धंधा बना दिया ,युवाओं को बेरोज़गार बना दिया , प्रदेश को महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से असुरक्षित प्रदेश बना दिया।
हमने तो एक वर्ष में ही प्रदेश में कामो के आधार पर बदलाव ला कर दिखा दिया है , सरकार क्या होती है।365 दिन में वचन पत्र के 365 वादों को पूरा कर बता दिया है कि हम काम में विश्वास रखते है , झूठी घोषणाओं , वादों में नहीं।
प्रदेश की जनता मेरी उम्र नहीं काम देख रही है। इसी उम्र में उसने मुझ पर विश्वास कर आपकी पार्टी के कई युवा नेताओ की उम्मीदों पर पानी फेरा है।

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