एमपी में वनाधिकार के निरस्त दावा प्रकरणों का त्वरित निराकरण हो – मुख्यमंत्री कमल नाथ
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने आज आदिम जाति कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान
वनाधिकार के निरस्त दावा प्रकरणों का तेज़ गति से निराकरण करने के निर्देश दिए
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने वनाधिकार अधिनियम में निरस्त प्रकरणों के परीक्षण कार्य में तेजी लाने और हर 15 दिन में इसकी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। श्री कमल नाथ आज मंत्रालय में आदिम जाति कल्याण विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने वन मित्र पोर्टल के जरिये निरस्त पट्टों के दावों के शत-प्रतिशत प्रकरण प्राप्त कर सभी जिला कलेक्टरों को इसका त्वरित निराकरण करने के निर्देश जारी करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने जबलपुर में शंकर शाह, रघुनाथ शाह संग्रहालय का कार्य शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के पारंपरिक कौशल और कला को बढ़ावा दिया जाये, जिससे उनके आय के स्रोत बढ़ सकें। मुख्यमंत्री ने आदिवासी क्षेत्रों में और किसानों को जैविक खेती के लिये प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने छात्रावासों और आश्रमों में गुणवत्तापूर्ण सुविधाएँ देने को कहा।
मुख्यमंत्री ने आदिम जाति कल्याण विभाग की सेवा वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता बतलाई। उन्होंने विभाग द्वारा मध्यप्रदेश ट्राइबल अफेयर्स ऑटोमेशन सिस्टम के जरिए योजनाओं का कम्प्यूटरीकरण और हितग्राहियों के खातों में सीधे भुगतान किए जाने के प्रयासों की सराहना की।
मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम ने मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों पर की गई कार्यवाही की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वन मित्र पोर्टल के माध्यम से वन अधिकार अधिनियम में निरस्त दावों का परीक्षण कार्य जारी है। सभी छात्रावास परिसर में गांधी स्तंभ स्थापित किए जा रहे हैं। महात्मा गांधी से जुड़े वर्धा, साबरमती जैसे महत्वपूर्ण स्थलों का विद्यार्थियों को भ्रमण कराने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहन्ती, प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण श्रीमती दीपाली रस्तोगी, अतिरिक्त आयुक्त श्री ऋषि गर्ग, संचालक श्री राकेश सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।