मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में कोरोना के नियंत्रण के लिये किये गये प्रबंधों और टीकाकरण की उपलब्धि के लिये टीम इंदौर को दिया धन्यवाद
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों पर जताया संतोष
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज इंदौर में कोरोना के नियंत्रण के लिये किये गये प्रबंधों तथा टीकाकरण की उपलब्धि के लिये टीम इंदौर को धन्यवाद दिया। उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इसके नियंत्रण के लिये एहतियात के रूप में की जा रही तैयारियों पर संतोष जताया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अगर इसी तरह की तैयारियाँ रही तो तीसरी लहर की चुनौतियों का सामना आसानी से कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि रोको-टोको अभियान निरन्तर चलाया जाये। आवश्यकता होने पर कोविड के प्रोटोकाल का पालन कराने के लिये सख्ती भी बरती जाये और विशेष सावधानी, सजगता एवं सतर्कता भी रखें, जिससे कोरोना की तीसरी लहर बड़ी चुनौती के रूप में सामने नहीं आये।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज एआईसीटीएसएल इंदौर में आयोजित कोरोना के प्रबंधों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति, रोकथाम के लिये हो रहे प्रयासों, कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिये की जा रही तैयारियों, अस्पताल, ऑक्सीजन प्रबन्धन, टीकाकरण आदि की समीक्षा की। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सांसद श्री शंकर लालवानी, विधायकगण, राज्य आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य सहित जन-प्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इंदौर ने प्रस्तुत किया बेहतर उदाहरण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विगत माहों के दौरान कोरोना नियंत्रण तथा टीकाकरण के लिये इंदौर की टीम ने अद्भुत कार्य किया है। एकजुट और सामंजस्य के साथ कोरोना की चुनौती का सामना किया गया। कोरोना को समय रहते नियंत्रित कर लिया गया। टीकाकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, इसके लिये पूरी इंदौर टीम बधाई की पात्र है। इंदौर ने सामंजस्य और एकता के साथ जो कार्य किये हैं, वह बेहतर उदाहरण हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इंदौर ने कोरोना नियंत्रण और टीकाकरण के साथ ही अनेक क्षेत्रों में देश में अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। कोरोना काल के दौरान शासकीय अस्पतालों में उपचार आदि की बेहतर व्यवस्थाएँ रही। इसके फलस्वरूप लोगों का विश्वास शासकीय अस्पतालों के प्रति बढ़ा है।
जन-जागरूकता के साथ रोको-टोको अभियान चलाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोविड प्रोटोकाल तथा कोविड अनुकूल व्यवहार के पालन के लिये जन-जागरूकता और रोको-टोको अभियान निरन्तर चलाया जाये। लोगों को समझाइश दें कि वे सावधानी और सतर्कता रखकर कोरोना से सुरक्षा पा सकते हैं। जागरूकता के संबंध में सभी जन-प्रतिनिधि अपनी अपील और संदेश का प्रसार सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से करें। उन्होंने कहा कि अभी विवाह समारोह आयोजित हो रहे हैं। इसको देखते हुए आयोजकों तथा समारोह से संबंधित अन्य लोगों को कोविड प्रोटोकाल के पालन के संबंध में जानकारी दें और उनसे पालन करवायें। विवाह समारोहों में विशेष सावधानियाँ बरती जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सीमाओं पर भी विशेष सावधानी रखें। यह प्रयास किया जाये कि कोई भी व्यक्ति संक्रमित होकर प्रदेश में नहीं आये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि तीसरी लहर को देखते हुए ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाये।
ब्लैक फंगस के मरीज हुए कम
संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि संभाग में 80 ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं। ब्लैक फंगस से निपटने के प्रबंधों की जानकारी देते हुए बताया कि ब्लैक फंगस के मरीज अब लगातार कम हो रहे हैं।
तीसरी लहर में बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के लिये विशेष इंतजाम
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिये एहतियान किये जा रहे प्रबंधों की जानकारी दी और बताया कि ऑक्सीजनयुक्त बेड की संख्या बढ़ाई गई है। कोरोना पॉजिटिव पाये जाने पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के उपचार के लिये विशेष व्यवस्था की गई है। पीसी सेठी अस्पताल को विशेष रूप से तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना के दूसरे चरण में जहाँ ऑक्सीजनयुक्त और आईसीयू बेड्स की संख्या 7,650 थी, उसे बढ़ाकर 10 हजार 250 किया गया है। इनमें महिलाओं और बच्चों के आईसीयू युक्त बेड्स की संख्या भी पर्याप्त रखी गई है। जिले में पहली बार चार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भी कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया गया है। निजी क्षेत्र के 111 अस्पतालों में 8,434 बेड्स की व्यवस्था और शासकीय क्षेत्र के विभिन्न अस्पतालों में 1,816 बेड्स की व्यवस्था की गई है।
बैठक में बताया गया कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने पर उनके लिये चार विशेष मातृ शिशु एम्बुलेंस के साथ डॉक्टर्स एवं नर्स को विशेष रूप से ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की गई है। ट्रेनिंग का कार्य प्रारंभ हो गया है। प्रत्येक अस्पताल में एक-एक मास्टर ट्रेनर्स तैयार किये जा रहे हैं। वह अपने-अपने अस्पतालों में डॉक्टर और नर्सेस को ट्रेनिंग देंगे।
आगामी 10 अगस्त तक सभी 42 ऑक्सीजन प्लांट होंगे चालू
बैठक में बताया गया कि इंदौर जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। जिले में 52 करोड़ रूपये की लागत से 42 ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं। इनमें से 11 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हो गये हैं। शेष 31 ऑक्सीजन प्लांट का कार्यादेश जारी कर दिया गया है। सभी ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण आगामी 15 अगस्त तक पूरा हो जायेगा।
76.77 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण
टीकाकरण महाअभियान में इंदौर जिले में 28 लाख लोगों के टीकाकरण के लक्ष्य के विरूद्ध अभी तक 21 लाख 55 हजार लोगों का टीकाकरण हो चुका है। शहरी क्षेत्र में लगभग 80 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में 70.41 प्रतिशत उपलब्धि रही है। जिले में महाअभियान के तहत गत 21 जून को सवा दो लाख लोगों का एक दिन में टीकाकरण कर रिकार्ड कायम किया गया। इंदौर जिला देश में अव्वल रहा। इंदौर जिले में टीकाकरण अभियान को सभी वर्गों के सहयोग से जन-आंदोलन बनाया गया है। जिले में 16 स्थानों पर ड्राइव इन वैक्सीनेशन सेंटर बनाये गये। महिलाओं और दिव्यांगों के टीकाकरण के लिये भी विशेष व्यवस्था की गई।
जनता ने स्वत: लगाये प्रतिबंध
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया कि जिले में टीकाकरण के प्रति विशेष जागरूकता बढ़ी है। कई संगठन और संस्थाएँ आगे आकर अपने-अपने क्षेत्रों में स्व-प्रेरणा से प्रतिबंध लगा रहे हैं कि उनके यहाँ बगैर टीकाकरण के कोई प्रवेश नहीं करें। बताया गया कि 40 से अधिक रहवासी संघों ने अपने यहाँ बिना वैक्सीनेशन प्रमाण-पत्र के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। चोईथराम मंडी, निरंजनपुर मंडी, लक्ष्मीबाई अनाज मंडी, छावनी अनाज मंडी में भी बिना वैक्सीनेशन प्रमाण-पत्र के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। सियागंज, क्लाथ मार्केट, 56 दुकान एसोसिएशन और समस्त औद्योगिक संगठनों द्वारा बिना वैक्सीनेशन प्रमाण-पत्र के प्रवेश पर 10 जुलाई के पश्चात प्रतिबंध लागू करने का निर्णय लिया गया है। विभिन्न संगठनों द्वारा ‘नो वैक्सीन-नो सैलरी एवं नो वैक्सीन- नो एंट्री’ नियम लागू किया जा रहा है।
सूक्ष्म कार्य-योजना के बेहतर परिणाम
बैठक में बताया गया कि इंदौर में विगत महीनों में कोरोना के दूसरे चरण के संक्रमण के नियंत्रण के लिये सूक्ष्म कार्य-योजना बनाकर कार्य किया गया। इसके अच्छे परिणाम मिले। कई क्षेत्रों में जहाँ बड़ी संख्या में मरीज आ रहे थे वहाँ इस व्यवस्था से कोरोना को त्वरित नियंत्रित करने में मदद मिली। जिले में गाँव और कॉलोनीवार सूक्ष्म योजना बनाकर कोरोना नियंत्रण के कार्य किये गये। कोरोना की रोकथाम के लिये जिले में मास्क की अनिवार्यता की गई है। जन-जागरण अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। कान्टेक्ट ट्रेसिंग और नियमित रूप से सेम्पलिंग कर सतत निगरानी रखी जा रही है।