नया आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनेगा, जिसमें सभी वर्गों का कल्याण होगा योजनाएँ आम आदमी तक ठीक ढंग से पहुँचाई जायेंगी मध्यप्रदेश में कोई भी माफिया और सत्ता का दलाल नहीं छोड़ा जायेगा शिवराज सिंह चौहान ने कहा वे चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने मैं यह दंभ और अहंकार से नहीं कह रहा हूं लेकिन उसके बाद मैं शायद पहली बार सदन में नीति विषयक मामले पर बोल रहा हूं, मध्यप्रदेश में ऐसी व्यवस्था का निर्माण जिसमें हम दूसरों की सेवा करने का अवसर भी चाहे व्यक्ति हो, चाहे स्वयं सेवी संस्थाएं हों, उनको दे सकें और सरकार तथा समाज भी मिलकर यह काम कर सकें. मेरे हिसाब से यह आत्मा का सुख होगा तो आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में हम इस तरह की व्यवस्था को भी खड़ा करना चाहते हैं. समाज के जितने कमजोर वर्ग हैं।
भोपाल,26 फरवरी 2021, एमपीपोस्ट । मध्यप्रदेश विधानसभा में 24 एवं 25 फरवरी,2021 को राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का उत्तर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज,26 फरवरी, 2021को देते हुए सरकार की नीतियों , उपलब्धियों और भविष्य के कार्यकर्मों के वारे में विस्तार से जानकारी दी।
मध्यप्रदेश विधानसभा में सदन के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का उत्तर देते वक्त पुनः कहा की वे चौहान हमेशा कहता रहा कि यह सदन केवल ईंट और गारे का भवन नहीं है, लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है. इसमें हम चर्चा, संवाद, विचार, चिंतन और मंथन करते हैं और उसी चर्चा, चिंतन एवं मंथन से कई बार अमृत निकलता है, जो जनता के बीच पहुंचाने का हम प्रयास करते हैं। सदन में सार्थक चर्चा हो और जब चर्चा हो तो चर्चा करने वाले भी मौजूद रहें,आपने अपनी उपस्थिति यहां दर्ज कराई है, हमने कहा था कि हम जब उत्तर दें तो हमें भी सुनना. सीतासरन शर्मा वरिष्ठ विधायक हैं, उन्होंने इस चर्चा का प्रारंभ किया और चर्चा बड़ी सार्थक हुई है। सर्वश्री बहादुर सिंह , लक्ष्मण सिंह , देवेन्द्र वर्मा , यशपाल सिंह , अशोक मर्सकोले , हिरालाल , शैलेन्द्र जैन , प्रियव्रत सिंह , सूबेदार सिंह , पी.सी. शर्मा ,श्रीमती मालिनी गौड़ , श्रीमती झूमा सोलंकी , श्रीमती कृष्णा गौर , बृजेन्द्र सिंह राठौर , दिलीप सिंह परिहार, जालम सिंह पटेल, जितु पटवारी, बाला बच्चन , आशीष गोविन्द शर्मा , तरुण भनोत , फुन्देलाल सिंह मार्को , धर्मेन्द्र लोधी , कमलेश्वर पटेल , संजीव सिंह , प्रहलाद लोधी , सुखदेव पांसे , महेन्द्र हार्डिया , नीलांशु चतुर्वेदी , विनय सक्सेना , राजेश कुमार प्रजापति , नारायण सिंह पट्टा , उमाकांत शर्मा , आरिफ मसूद , पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय , सोहनलाल बाल्मीक , बापू सिंह तंवर आप सबने चर्चा में भाग लिया और चर्चा सच में बहुत सार्थक हुई है. कमलनाथ जी ने निश्चित तौर पर भाग लिया है, मैं सबसे पहले उन्हीं को धन्यवाद दिया है. लेकिन सदन का वरिष्ठ सदस्य होने के नाते भी और नेता होने के नाते भी जिस गंभीरता से विशेषकर नये सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया है, मैं उनको बहुत बधाई देना चाहता हूं. कई सदस्यों ने तो बहुत सारगर्भित अपने उद्बोधन दिये हैं। यह सदन का कार्यकाल ऐसा रहा है कि जिसमें साल, सवा साल हम लोग चर्चा में भाग नहीं ले पाये. आज मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि चाहे वह पक्ष के हमारे साथी हों, चाहे हमारे प्रतिपक्ष के साथी हों, सब काहू का लीजिये, साचा असद निहार। पछपात ना कीजिये कहै कबीर विचार।। आपने जो जो कहा है चाहे पक्ष के मित्रों ने कहा हो, चाहे प्रतिपक्ष के मित्रों ने कहा हो, सकारात्मक सुझाव आपने दिये हैं. सदन का नेता और मुख्यमंत्री होने के नाते मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि गंभीरता से विचार करके जो क्रियान्वित किये जा सकते हैं, उसको क्रियान्वित करने की भरपूर कोशिश करेंगे. हम केवल इसमें नहीं पड़ेंगे कि मैं अच्छा और तू बुरा. आखिर सार्थक चर्चा से जनता के हित के कुछ फैसले होने चाहिये और चर्चा को मैं इसी रुप में लूंगा. कुछ आलोचनाएं भी हुई हैं, होती हैं लोकतंत्र में जरुरी है यह. निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय, बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय. सकारात्मक आलोचनाओं का स्वागत है और वह सत्ता पक्ष को और जिम्मेदार बनाती है,वह जो सकारात्मक आलोचना हुई है, उसको भी हम सकारात्मक भाव से ही लेंगे. दो चीजे नेता प्रतिपक्ष ने बड़े जोर देकर कहीं. एक उन्होंने कहा कि प्रस्तावित है, प्रस्तावित है. जब हम पहले योजना बनाते हैं तो प्रस्तावित ही करते हैं और अकेले हमने ही प्रस्तावित ही नहीं की, मैंने फिर आपकी सरकार का, पिछली बार का राज्यपाल महोदय का अभिभाषण पढ़ा, तो आपने भी दो बार प्रस्तावित है. 3 बार करना है और 6 बार किया जाएगा तो आपने प्रस्तावित किया, हमने भी प्रस्तावित कर दिया, इसमें क्या आपत्ति है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, परंतु प्रदेश का विकास निरंतर जारी रहना चाहिये। हम सभी के सहयोग से नया आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बना रहे हैं, जिसमें समाज के सभी वर्गों का कल्याण होगा। हर व्यक्ति के लिये मूलभूत सुविधाएँ रोटी, कपड़ा, मकान, पढ़ाई, दवाई तथा रोजगार सुनिश्चित होगा। हम पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के दर्शन पर चलते हैं, जिसके अनुसार समस्त जड़ और चेतन में एक ही चेतना का वास है। हम न केवल मनुष्य अपितु समस्त प्राणियों एवं प्रकृति का संरक्षण करते हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और सदन के नेता श्री शिवराज सिंह चौहान आज,26 फरवरी, 2021को राज्य विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के समापन अवसर पर अपना वक्तव्य दे रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा सदन के कुशलता पूर्वक संचालन के लिये विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम को धन्यवाद देते हुए मध्यप्रदेश विधानसभा में मुख्यविपक्षी दल कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ को भी स्वस्थ एवं सकारात्मक चर्चा के लिये धन्यवाद दिया।
सदन लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह सदन मात्र एक ईंट-गारे का भवन नहीं, बल्कि लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है। यहाँ से चिंतन, मंथन और विचार के उपरांत निकलने वाला अमृत जनता तक पहुँचाया जाता है। श्री चौहान ने सार्थक चर्चा में भाग लेने के लिये सभी विधायकगणों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने विशेष रूप से नये सदस्यों को उनके सारगर्भित उद्बोधन के लिये बधाई दी।
सकारात्मक आलोचनाओं का स्वागत है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हमेशा सकारात्मक आलोचनाओं का स्वागत किया है। सदन में पक्ष एवं विपक्ष का विचार किये बिना प्रदेश के विकास के लिये जो भी महत्वपूर्ण सुझाव आये हैं, उन सब पर अमल करने की पूरी कोशिश की जायेगी।
मोदी जी की पूरी दुनिया में चर्चा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सदन को अवगत कराया की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वैभवशाली समृद्ध एवं सशक्त भारत के निर्माण का सपना पूर्ण हो रहा है। आज केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में श्री मोदी जी का नाम सम्मान से लिया जा रहा है। उन्होंने कोरोना की लड़ाई को जिस प्रकार से लड़ा, वह पूरे विश्व के लिये उदाहरण है। दूसरे देशों को वैक्सीन के रूप में संजीवनी बूटी देकर भारत ने दुनिया में नाम किया है।
जनता की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री सदन में कहा कि प्रदेश की जनता की सेवा में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। प्रदेश के विकास में परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे।
पेट्रोल एवं डीजल पर वेट,अतिरिक्त वेट कम किया
मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश श्री चौहान ने सदन को बताया सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल पर वेट,अतिरिक्त वेट कम किया।
एक लाख 18 हजार 455 करोड़ रुपये जनता के खातों में डाले
मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार ने विभिन्न योजनाओं आदि के अंतर्गत कुल एक लाख 18 हजार 455 करोड़ रुपये जनता के खातों में डाले हैं। पिछली सरकार ने फसल बीमा का 2200 करोड़ का प्रीमियम नहीं भरा था, हमनें प्रीमियम जमा कराया और 3100 करोड़ रुपये की राशि किसानों को दिलाई गई, 100 करोड़ उद्यानिकी फसलों की राशि किसानों के खातों में डाली गई। इसी प्रकार 800 करोड़ रुपये सहकारी बैंको को दिये गये। प्रधानमंत्री सम्मान-निधि के अंतर्गत प्रदेश के 78 लाख किसानों को 5 हजार 474 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई। इसक अलावा राज्य सरकार ने सम्मान-निधि के रूप में इन सभी किसानों को 4-4 हजार रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई है। प्रदेश में एक करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूँ तथा 37 लाख मीट्रिक टन धान समर्थन मूल्य पर खरीदे गये। किसानों के खातों में फसल खरीदी के 36 हजार करोड़ रुपये डाले गये।
हमने समृद्ध मध्यप्रदेश बनाया
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2003 में मध्यपदेश की हालत खराब थी। सड़कों में गड्ढे नहीं, बल्कि गड्ढों में सड़क थी। हमने प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया। पहले केवल 4 घंटे बिजली मिलती थी। हमारी सरकार ने 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई। हमने सिंचाई क्षमता को 7.5 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 41 लाख हेक्टेयर किया है। नर्मदा, गंभीर, क्षिप्रा नदियों को जोड़ने का कार्य किया गया। कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने चमत्कार किया है।
जन्म से लेकर मृत्यु तक के लिये योजनाएँ
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हर वर्ग के कल्याण के लिये जन्म से लेकर मृत्यु उपरांत परिवार सहायता तक के लिये योजनाएँ बनाई हैं। संबल योजना, जिसे पिछली सरकार ने बंद कर दिया था, हर गरीब का सुरक्षा चक्र बन गई है। गाँव के विकास की पंच परमेश्वर योजना एवं मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने की लैपटॉप प्रदाय योजना को पुन: चालू किया गया है।
बेटियों का सम्मान एवं सुरक्षा सर्वोपरि
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारे लिये बेटियों का सम्मान एवं सुरक्षा सर्वोपरि है। इसके लिये प्रदेश में निरंतर कार्य हो रहे हैं। मध्यप्रदेश के न्यायालयों ने बेटियों के विरुद्ध अपराध पर 74 प्रकरणों में मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई है।
आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप पर कार्य
मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है सभी को बुनियादी सुविधाएँ सुनिश्चित करना। प्रदेश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसरों के लिये सरकार में भर्ती के अलावा निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जा रहा है। हमारे समय 3 लाख करोड़ का निवेश प्रदेश में आया है। प्रदेश में उद्योगों का जाल बिछाया जा रहा है। विभिन्न क्लस्टर आ रहे हैं। कोरोना काल में 17 नये उद्योग लगना प्रारंभ हुए हैं। प्रदेश में “स्टार्ट योअर बिजनेस इन 30 डेज” के माध्यम से उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल भी बनाई जा रही है।
कोई भी गरीब बिना छत के नहीं रहेगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आगामी वर्षों में कोई भी गरीब बिना छत के नहीं रहे, इस योजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। गरीब को एक दिन की मजदूरी में पूरे महीने का राशन मिल जाये, इसके लिये एक रुपये किलो पर उन्हें गेहूँ, चावल और नमक दिलाये जा रहे हैं। प्रदेश में 37 लाख नये गरीबों को पात्रता पर्ची जारी कर यह सुविधा दी जा रही है।
कोई भी स्कूल बंद नहीं किया जायेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसी भी स्कूल को बंद किये जाने की कोई योजना नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिये हर 20-25 किलोमीटर पर सी.एम. राइज सकूल खोले जायेंगे जो अध्ययन की आधुनिकतम सुविधाओं से सुसज्जित रहेंगे। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छठवीं कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा देने के पूरे प्रयास किये जायेंगे।
मध्यप्रदेश में सभी के लिये स्वास्थ्य
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में हर व्यक्ति को अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिल सके, इसके लिये सभी शासकीय अस्पतालों को उत्कृष्ट बनाया जा रहा है। प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 2 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं, जिनके माध्यम से एक साल में 5 लाख तक का नि:शुल्क इलाज चिन्हित निजी अस्पतालों में मिल सकेगा।
राज्य में महिला स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाया गया
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाया जा रहा है। उनके खातों में 1150 करोड़ रुपये बैंकों के सहयोग से डाले गये हैं। प्रदेश में लोकल को वोकल बनाया जा रहा है। एक जिला-एक उत्पाद योजना में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में 2 लाख स्ट्रीट वेण्डर्स को 10-10 हजार रुपये स्व-रोजगार के लिये दिलाये गये हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्र के पथ व्यवसाइयों को 115 करोड़ रुपये व्यवसाय के लिये दिलवाये गये हैं। रोजगार के लिये प्रत्येक जिले में हर माह रोजगार मेले लगाये जा रहे हैं।
मन, बुद्धि एवं आत्मा के सुख का भी ध्यान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी सरकार मन, बुद्धि और आत्मा के सुख पर भी पूरा ध्यान दे रही है। मन के सुख के लिये लोक-कलाओं, सांस्कृतिक गतिविधियों तथा खेलकूद आदि को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। हर पंचायत में एक खेल मैदान बनाये जाने की योजना है। बुद्धि के सुख के लिये हमारी प्रतिभाओं के प्रकटीकरण के प्रयास किये जा रहे हैं। बच्चों के बौद्धिक विकास पर जोर दिया जा रहा है। आत्मा के सुख के लिये अधिक से अधिक लोक-कल्याण किया जा रहा है। कोरोना काल में मध्यप्रदेश की जनता ने दूसरे राज्यों के प्रवासी मजदूरों की सेवा का जो कार्य किया है, वह बहुत बड़ा आत्मिक सुख है।
सभी वर्गों के कल्याण के लिये कार्य
प्रदेश में अनुसूचित-जाति, अनुसूचित-जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा सवर्ण सभी वर्गों के कल्याण के लिये कार्य किये जा रहे हैं। पांचवीं अनुसूची के संबंध में विचार किया जा रहा है। पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिये सरकार अपना पक्ष मजबूती से रख रही है। अनुसूचित-जनजाति वर्ग एवं गरीबों को साहूकारों के चंगुल से छुड़ाने के लिये अवैध ऋणों को शून्य घोषित किया गया है। सवर्ण आयोग बनाया जा रहा है।
माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही
मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न प्रकार के माफियाओं के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश में 1500 भू-माफियाओं से 3 हजार 300 एकड़ भूमि छुड़वाई गई है। चिटफण्ड कम्पनियों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए लोगों को उनकी राशि भी वापस कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा पर्यावरण की सुरक्षा में सभी सहयोग दें
मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के समापन के दौरान अपने वक्तव्य के अंत में ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने संकल्प लिया है कि वे एक वर्ष तक रोज एक पेड़ लगायेंगे। हम सभी का कर्त्तव्य है कि हम अधिक से अधिक पेड़ लगायें एवं उनकी सुरक्षा करें। हमें अपने नदी, पहाड़ों एवं पूरी प्रकृति का संरक्षण करना है। उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा में सभी के सहयोग की अपील की।