11 लाख 28 हजार निर्माण श्रमिकों को 112 करोड़ 81 लाख रूपये की आपदा सहायता राशि अंतरित की
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान नेकहा है कि आगामी एक जून से प्रदेश में धीरे-धीरे कोरोना कर्फ्यू समाप्त किया जाएगा। ऐसे में आपको पूरी सावधानी रखनी हैं। मास्क लगाना है, एक दूसरे से दूरी रखनी है, कहीं भीड़ नहीं करनी है, बार-बार हाथ धोने हैं। सबको वैक्सीन लगवाना है। इन सब सावधानियों का पालन करते हुए हम कोरोना से लड़ते भी रहेंगे और काम-धंधा भी करते रहेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के निर्माण श्रमिकों से बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसके पूर्व प्रदेश के 11 लाख 28 हजार निर्माण श्रमिकों के खाते में कोविड-19 सहायता योजना के अंतर्गत 112 करोड़ 81 लाख रूपये की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित की। इस अवसर पर श्रम एवं खनिज संसाधन मंत्री श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
पाँच माह का नि:शुल्क राशन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शासन द्वारा सभी गरीबों, जिनमें निर्माण श्रमिक भी शामिल हैं, को पाँच माह का प्रति सदस्य पाँच-पाँच किलो प्रतिमाह नि:शुल्क राशन दिया जा रहा है, जिसमें तीन माह का राशन राज्य सरकार और दो माह का राशन केन्द्र सरकार दे रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह राशन प्रत्येक गरीब को मिल जाए, यह सुनिश्चित करें।
आपका भाई आपके साथ खड़ा है
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार कोविड उपचार योजना में कोरोना का नि:शुल्क इलाज कर रही है। आयुष्मान कार्डधारी व्यक्ति एवं उसके परिवार को वर्ष में पाँच लाख रूपये तक सम्बद्ध निज़ी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी गई है। इसके अलावा सभी शासकीय अस्पतालों एवं अनुबंधित अस्पतालों में भी कोरोना का नि:शुल्क इलाज हो रहा है। प्रदेश में कोरोना से माँ-बाप की मृत्यु पर बच्चों को पाँच हजार रूपये मासिक पेंशन देने की योजना भी चालू की गयी है। सरकार संकट के समय पूरी तरह आपके साथ है। आपका भाई आपके साथ खड़ा है।
गुस्सा तो नहीं हो अपने भाई से
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से टीकमगढ़ जिले के निर्माण श्रमिक श्री परीक्षित अहिरवार, इंदौर की श्रीमती शशि वर्मा, मंडला की श्रीमती गिरिजा वनवासी, भिंड के श्री प्रसाद राठौर तथा सीहोर की श्रीमती लता मालवीय से बातचीत भी की। उन्होंने पूछा कि कोरोना के दौरान पाबंदियाँ लगाने पर वे अपने भाई से गुस्सा तो नहीं हैं। यदि कोरोना कर्फ्यू नहीं लगाया जाता तो प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रित नहीं होता। यह जरूरी था। अब कोरोना नियंत्रित हो गया है, अत: हम धीरे-धीरे पाबंदियाँ खत्म करेंगे। स्थानीय क्राइसिस मैनेजमेंट समूह निर्णय करेंगे कि क्या खुले और कब-कब खुले। सभी ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू तो ज़रूरी था। यह नहीं होता तो कोरोना नहीं जाता।
आप अपनी सुरक्षा स्वयं करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना से आपको अपने गाँव-शहर की खुद सुरक्षा करनी पड़ेगी। सारी सावधानियों का पालन करें। साथ ही वैक्सीन जरूर लगवाएँ। यह कोरोना से बचने का सुरक्षा चक्र है।