मध्यप्रदेश को राजा भोज ने दिया था सुशासन का मंत्र : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया
मुख्यमंत्री ने किया धार में भोज उद्यान में राजा भोज की प्रतिमा का अनावरण एवं शिल्प कला दीर्घा का लोकार्पण
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धार जिला मुख्यालय स्थित इन्दौर नाका पर 3 करोड़ 47 लाख रूपये की लागत से निर्मित महाराजा भोज उद्यान के लोकार्पण के साथ वहाँ स्थापित की गई राजा भोज की प्रतिमा का अनावरण कर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने शिल्प कला दीर्घा -हाट बाजार का लोकार्पण और पंचवर्षीय रोड मैप का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने परिसर व शिल्प कला दीर्घा -हाट बाजार का अवलोकन कर प्रशंसा की। लोग अपने परिवार व ईष्ट मित्रों के साथ आकर यहाँ का आनन्द ले सकते हैं। उद्यान में दो गजीबों का निर्माण किया गया है, जहाँ लोग बैठकर प्राणायाम भी कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि धार की पहचान राजा भोज से है। राजा भोज ने पूरे प्रदेश को सुशासन का मंत्र दिया था। हमारी अध्येय, आस्था और श्रद्धा का केंद्र हैं राजा भोज जिनसे हम प्रेरणा प्राप्त करते हैं। भव्य प्रतिमा यहाँ लगाई गई उनकी भव्य प्रतिमा को देखकर सचमुच में मन आनंदित हुआ। मैं प्रतिमा के निर्माण के इस फैसले पर आप सभी का अभिनंदन करता हूँ। जिन कलाकारों ने प्रतिमा बनाई है उनको भी धन्यवाद देता हूँ। प्रतिमा की स्थापना के साथ राजा भोज उद्यान, हाट बाजार भी बनाया गया है। हाट बाजार का लाभ धार की जनता उठाएगी। शिल्पकार, कलाकार तथा अलग-अलग सामान बनाने वाले कलाकारों को भी इसका लाभ निश्चित तौर पर मिलेगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा ने कहा कि आज राजा भोज की प्रतिमा के अनावरण के साथ हमारा सपना पूरा हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि परिसर को भव्य रूप देने के लिए और भी धनराशि उपलब्ध करवाने के संबंध में उचित निर्णय लें।
भोज उद्यान की विशेषताएँ
मुख्यमंत्री अधोसंरचना मद के द्वितीय चरण में 9 हजार 500 वर्ग मीटर में भोज उद्यान बनाया गया है। उद्यान में राजा भोज की विशेष कांस्य की 15 फीट ऊँची तथा करीब 2 हजार 300 किलो वजनी प्रतिमा स्थापित की गई हैं। यह पूरे प्रदेश की दूसरी भोज प्रतिमा है। उद्यान का परिसर किलानुमा बनाया गया है। इसमें दो भव्य द्वार बनाए गए हैं। लोगों के बैठने के लिए लाल पत्थर से बैठक निर्मित की गई है। यहाँ फव्वारे एवं कलाकृतियां सजाई गई हैं। हाट बाजार में शिल्पियों के लिए 42 दुकानों का निर्माण कराया गया है। महिलाओं एवं पुरुषों के लिये सुविधाघर का निर्माण, टू व्हीलर व फोर व्हीलर वाहनों के लिए सुव्यवस्थित पार्किंग, एलईडी लाइट्स से साज-सज्जा और वर्षा जल निकासी के लिए सम्पूर्ण परिसर में नालियाँ बनायी गई है।
राजा भोज का धार से सम्बंधित इतिहास
राजा भोज परमार या पंवार वंश के नौवें राजा थे। परमार वंशीय राजाओं ने मालवा की राजधानी धारानगरी (धार) से आठवीं शताब्दी से लेकर चौदहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध तक राज्य किया था। कहा जाता है कि वर्तमान मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को राजा भोज ने ही बसाया था, तब उसका नाम भोजपाल नगर था, जो कालान्तर में भूपाल और फिर भोपाल हो गया। राजा भोज ने सन् 1000 ई. से 1055 ई. तक राज्य किया। धार में भोज शोध संस्थान में भोज के ग्रन्थों का संकलन है। भोज रचित 84 ग्रन्थों में दुनिया में केवल 21 ग्रन्थ ही शेष हैं। भोज धारा नगरी के राजा सिन्धुल के पुत्र थे। उनकी माता का नाम सावित्री था। जब भोज पाँच वर्ष के थे, तभी इनके पिता अपना राज्य और इनके पालन-पोषण का भार अपने भाई मुंज पर छोड़कर स्वर्गवासी हुए थे।
कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह सिसोदिया, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सांसद श्री छतर सिंह दरबार, विधायक श्रीमती नीना वर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा, पूर्व मंत्री रंजना बघेल, नगर पालिका अध्यक्ष श्री पर्वत सिंह चौहान, उपाध्यक्ष श्री कालीचरण सोनवानिया सहित सभी पार्षद, अधिकारी कर्मचारी और गणमान्य नागरिक आदि मौजूद थे।