मध्यप्रदेश में कोरोना पर जीत विश्वास, प्रेम और समझाइश से संभव – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
निर्धारित दरों से अधिक चार्ज करने पर निजी अस्पतालों पर होगी कार्रवाई
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के उपचार में कोई भी निजी अस्पताल शासन द्वारा निर्धारित दरों से अधिक राशि नहीं वसूलें। निर्धारित दरों से अधिक चार्ज करने पर निजी अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी। आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भी तय दर से अधिक राशि न वसूली जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बड़े शहरों के साथ-साथ तहसील और विकासखण्ड स्तर पर भी पर्याप्त बेड की व्यवस्था की जाए। शासकीय के साथ-साथ निजी अस्पतालों का भी सहयोग लिया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में कोरोना संक्रमण की स्थिति की वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव गृह श्री राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों तथा कोरोना मरीजों के प्रबंधन के संबंध में ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन, इंदौर के डॉ. भंडारी, एल.एन. मेडिकल कॉलेज भोपाल, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज भोपाल के चिकित्सकों से बात की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा विभिन्न जिलों के प्रभारी ओआईसी से वस्तुस्थिति की जानकारी ली।
मास्क नहीं लगाएंगे तो पाप के भागी बनेंगे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के विरूद्ध इस युद्ध में जनता के साथ से ही जीत संभव होगी। घबराहट, डर या अविश्वास के माहौल में कमी लाना है। कोरोना संक्रमण से बचाव की सावधानियों जैसे मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पालन समझाइश और प्रेम से कराने से ही जीत संभव होगी। कोरोना से बचाव के लिए सावधानियों का पालन कराने में जनसामान्य का सहयोगी भाव विकसित करना होगा। लोगों में यह विचार विकसित करना होगा कि यदि हम मास्क नहीं लगाएंगे तो हम बीमारी फैलाने के पाप के भागी बनेंगे। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किल कोरोना-II आरंभ किया जाएगा।
प्रभावी प्रबंधन के लिए होगा व्यापक विचार-विमर्श
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोविड संक्रमण के नियंत्रण और रोगियों के प्रबंधन के संबंध में शासकीय के साथ-साथ निजी अस्पताल प्रबंधकों, चिकित्सा विशेषज्ञों, पैरामेडिकल स्टाफ, जिला प्रशासन तथा जनसामान्य का फीडबैक लेना आवश्यक है। व्यापक विचार-विमर्श से प्रबंधन अधिक प्रभावी होगा। जनसामान्य का सहयोग लेने के लिए कोरोना वॉलेंटियर अभियान आरंभ किया जा रहा है। इसके साथ ही “मेरे परिवार की सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी” की थीम पर लोगों को जागरूक किया जाएगा।
एडमिशन प्रोटोकॉल विकसित होगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि टेस्टिंग को बढ़ाने के लिए सभी जिलों को नए लक्ष्य दिए गए हैं। सभी जिले इस लक्ष्य के अनुरूप टेस्टिंग को तत्काल बढ़ाएं। होम आइसोलेशन को प्रोत्साहित किया जाए और संक्रमण से गंभीर रूप से प्रभावित व्यक्तियों को ही अस्पतालों में भर्ती करें। इस संबंध में निश्चित एडमिशन प्रोटोकॉल विकसित कर पूरे प्रदेश में लागू किया जाए।
विवाह में मेहमान कितनी संख्या में और कहां से आ रहे हैं, इसकी जानकारी ली जाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शादी, विवाह के आयोजन में पर्याप्त सतर्कता की जरूरत है। विवाह आयोजनों के लिए अनुमति लेना और मेहमानों की संख्या को सीमित रखना आवश्यक है। विवाह आयोजन में कितने लोग किन-किन स्थानों से आएंगे इसकी जानकारी भी आवश्यक रूप से ली जाए। यह संकट का समय है, बचाव के लिए इस प्रकार की बंदिश लगाना जरूरी है।
रतलाम में हो रहा है 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी दुकानदारों का वैक्सीनेशन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न जिलों के ओआईसी से उनके प्रभार के जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति, उपलब्ध बेड की संख्या, टेस्टिंग, बेड की संख्या में वृद्धि की संभावना आदि के संबंध में जानकारी ली। रतलाम के ओआईसी श्री अनूपम राजन ने बताया कि रतलाम में 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी दुकानदारों के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। बड़वानी के ओआईसी श्री विवेक पोरवाल ने बताया कि निजी अस्पतालों में एडवांस में बेड बुक कराने की जानकारी मिल रही है। वास्तविक पीड़ित व्यक्तियों को बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था की जा रही है। छिंदवाड़ा सहित महाराष्ट्र से लगे जिलों में ग्रामीण क्षेत्र में भी मास्क के लिए वातावरण निर्मित करने के निर्देश दिए गए।
प्रदेश में भोपाल और इंदौर का पॉजिटिविटी रेट सर्वाधिक
वीडियो कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश कोरोना संक्रमण में देश में सातवें क्रम पर है। पिछले सात दिन में इंदौर का औसत पॉजिटिविटी रेट 15%, भोपाल का 19%, जबलपुर का 11%, ग्वालियर का 08%, उज्जैन का 09%, खरगोन और रतलाम का 15-15%, बैतूल का 13%, बड़वानी का 16% और छिंदवाड़ा का 07% रहा। नए प्रकरणों की संख्या इंदौर में 788, भोपाल 549, जबलपुर में 236, ग्वालियर में 146, उज्जैन में 98, रतलाम में 85, खरगोन में 75, बड़वानी में 73, कटनी में 65, छिंदवाड़ा में 62, बैतूल और नरसिंहपुर में 61-61, सिवनी में 56 और शाजापुर में 51 रही। प्रदेश के 23 जिलों में प्रकरणों की संख्या 50 से 20 के बीच में है और 15 जिलों में यह संख्या 20 से नीचे हैं।