मंत्रियों की पाँच समितियाँ तय करेंगी कोरोना संक्रमण नियंत्रण की आगामी रणनीति
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे-मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रि-परिषद की बैठक के पूर्व अपने संबोधन में कहा कि मंत्रि-परिषद के सभी साथियों, प्रदेश की जनता, सभी क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी, जन-प्रतिनिधियों के अथक प्रयासों, निरंतर सहयोग और कड़ी मेहनत से कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन समन्वित प्रयासों के लिए सभी का आभार माना।
प्रदेश के 34 जिलों का पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत या उससे कम
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के प्रकरण लगातार कम होते जा रहे हैं। मध्यप्रदेश कोरोना को नियंत्रित करने की स्थिति में आता जा रहा है। आज 2 हजार 422 पॉजिटिव केस आए जबकि स्वस्थ हुए व्यक्तियों की संख्या 7 हजार 373 है। स्वस्थ होने की दर लगातार बढ़ रही है। रिकवरी रेट 92.68 प्रतिशत हो गया है। कल 15 जिलों आगर-मालवा, भिण्ड, अशोकनगर, अलीराजपुर, खण्डवा, बड़वानी, बुरहानपुर, मण्डला, झाबुआ, नरसिंहपुर, सिंगरौली, निवाड़ी, डिण्डौरी, शाजापुर, टीकमगढ़ में कोरोना के प्रकरण 10 से कम आए हैं। भिंड और आगर मालवा में तो मात्र एक-एक केस आया है। जिला प्रशासन और क्राइसिस मैनेजमेंट समितियाँ लगातार इसी प्रकार कार्य करती रही तो 31 मई तक संपूर्ण प्रदेश में कोरोना के प्रकरण शून्य हो जाएंगे। प्रदेश के 34 जिलों का पॉजिटिविटी रेट भी 5 प्रतिशत या उससे कम रहा है। यह बड़ी उपलब्धि है।
किसी भी कोरोना संक्रमित को सुपर स्प्रेडर नहीं बनने दिया जाएगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भविष्य में कोरोना से लड़ने की रणनीति जनता की सहभागिता से ही बनाई जाएगी। हमारा प्रयास है कि कोरोना के न्यूनतम केस हों। इस स्थिति में जहाँ भी संक्रमण फैले, उसे तत्काल नियंत्रित किया जा सकता है। एक जून से अनलॉक की प्रक्रिया आरंभ हो रही है। पूरे प्रदेश में सघन टेस्टिंग लगातार जारी रहेगी और कोविड केयर सेंटर चलते रहेंगे। टेस्टिंग में जो भी कोरोना प्रकरण आए उसका होम आइसोलेशन या कोविड केयर सेंटर में इलाज सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही कान्टेंक्ट ट्रेसिंग कर अन्य प्रभावितों का आवश्यकतानुसार उपचार किया जाएगा। किसी भी कोरोना संक्रमित को सुपर स्प्रेडर नहीं बनने दिया जाएगा।
कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाना आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश को तीसरी लहर से बचाने के लिए आवश्यक रणनीति बनानी होगी। कोविड अनुकूल व्यवहार के अंतर्गत मास्क पहनने, दूरी बनाए रखने, बार-बार हाथ धोने और भीड़ नहीं लगाने जैसे नियमों को अपने व्यवहार का भाग बनाना होगा। इससे संक्रमण और कोरोना प्रभावितों की संख्या एकदम से नहीं बढ़ेगी। यह रणनीति समाज के सहयोग के बिना संभव नहीं है।
जन-सहभागिता से होगा बेहतर कोविड प्रबंधन सुनिश्चित
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोविड संक्रमण पर आगामी रणनीति निर्धारित करने के लिए पाँच विषयों पर मंत्री गण की समितियाँ बनायी जाएगा। इसके अंतर्गत क्रमशः टीकाकरण अभियान समिति, अनलॉक प्रक्रिया निर्धारण समिति, कोविड अनुकूल व्यवहार जागरूकता समिति, ऑक्सीजन आत्म-निर्भरता समिति और अस्पताल प्रबंधन एवं सुविधाओं को उपलब्ध कराने संबंधी समिति होगी। यह समितियाँ आवश्यकतानुसार जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी, विकासखंड क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी और ग्राम तथा नगर क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी से सलाह-मश्वरा कर अपनी अनुशंसाएँ सरकार को प्रस्तुत करेंगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम जनता के साथ मिलकर आगामी सभी रणनीतियाँ निर्धारित करेंगे। इससे हमें जनता का अधिक सहयोग और सहभागिता प्राप्त होगी और जन-सहभागिता से बेहतर कोविड प्रबंधन सुनिश्चित होगा। प्रदेश की जनता तय करेगी कि प्रदेश को अनलॉक की ओर कैसे ले जाना है और भविष्य में व्यवस्थाओं का संचालन किस प्रकार से किया जाना है।