मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है संकट एवं परीक्षा की घड़ी है, पूरे धैर्य, संयम एवं आत्म-विश्वास से कार्य करें : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
जनता की सेवा में कोई कमी न छोड़ें
उपचार के लिए पर्याप्त बिस्तर, ऑक्सीजन एवं अन्य व्यवस्थाएँ हों
होम आइसोलेशन की हो पुख्ता व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। यह संकट एवं परीक्षा की घड़ी है, पूरे धैर्य, संयम एवं आत्म-विश्वास से कार्य करें। जनता की सेवा में कोई कमी न छोड़ें। कोरोना के उपचार के लिए अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तर, ऑक्सीजन, दवाएँ, इंजेक्शन एवं अन्य सभी व्यवस्थाएँ हों। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि होम आइसोलेशन की पुख्ता व्यवस्था हो तथा जिन मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता हो उन्हें ही अस्पताल में भर्ती किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव गृह श्री राजेश राजोरा, अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा आदि उपस्थित थे।
11 से 14 अप्रैल तक टीका उत्सव
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आगामी 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक प्रदेश में टीका उत्सव मनाया जाए, जिसमें 45 वर्ष से अधिक उम्र के अधिक से अधिक व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाए। हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि कोरोना वैक्सीन का एक भी डोज़ वेस्ट न हो और लक्षित समूह का कोई व्यक्ति टीकाकरण से न छूटे।
लॉक डाउन के स्थान पर कोरोना कर्फ्यू
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लॉकडाउन के स्थान पर कोरोना कर्फ्यू शब्द का प्रयोग किया जाए इससे लोगों में कोरोना के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
कोरोना के टेस्ट बढ़ाए जाएँ
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कोरोना के टेस्ट बढ़ाए जाएँ। जल्दी जाँच हो जाने से समय पर उपचार हो जाता है तथा मृत्यु दर को न्यूनतम किया जा सकता है। जिलों में फीवर क्लीनिक्स की संख्या बढ़ाई जाये। कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट 24 घंटे में मिल जाये।
माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाये
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना नियंत्रण के लिये छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाये जाये। जिलों की स्थिति अनुसार बड़े कंटेनमेंट जोन भी बनाये जा सकते हैं।
कमाण्ड एंड कंट्रोल सेन्टर प्रभावी हों
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि होम आइसोलेशन की मॉनीटरिंग के लिये हर जिले में कमाण्ड एंड कंट्रोल सेन्टर प्रभावी ढंग से काम करें। मरीज को दवाओं की किट चिकित्सकीय परामर्श के साथ ही कम से कम दिन में दो बार उससे बात भी की जाये। समय-समय पर वीडियो कॉलिंग भी करें।
बिस्तरों की उपलब्धता बतायें
जिलों में जनता को बिस्तरों की उपलब्धता भी प्रतिदिन बताई जायें। सी.एम. हेल्पलाईन नम्बर 181 तथा डिस्ट्रिक्ट कमाण्ड एंड कंट्रोल सेन्टर नम्बर 1075 पर सम्पर्क करने पर उन्हें बिस्तरों की उपलब्धता तथा अन्य जानकारी दी जाये। सार्थक पोर्टल पर भी यह जानकारी अंकित की जाये। सार्थक पोर्टल पर 184 निजी अस्पतालों की पैकेज रेट भी अपलोड किये जाये।
ऑक्सीजन संबंधी व्यवस्था के लिये राज्य-स्तरीय सैल
मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने एक राज्य-स्तरीय सैल बनाया गया है, जिसके प्रभारी अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा हैं। बिस्तरों की संख्या तथा कोविड केयर सेन्टर्स की व्यवस्थाओं के संबंध में श्री नीरज मण्डलोई को राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी बनाया गया है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी की वी.सी. में मध्यप्रदेश की स्थिति बताई
इसके पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश की स्थिति बताते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना की ट्रेनिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट, टीकाकरण तथा टेंडेंसी बदलने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में चलाया जा रहा है। भारत में 31 लाख डोज़ प्रतिदिन लगाए जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में आज कोरोना के 4324 प्रकरण आए हैं, एक्टिव प्रकरण 26 हज़ार से अधिक हैं, जिनमें से 62% होम आइसोलेशन में हैं।
प्रदेश में जनता को जागरूक करने के लिए ‘मेरा मास्क मेरी सुरक्षा’, ‘मैं कोरोना वालेंटियर’ जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं। ‘स्वास्थ्य आग्रह’ अभियान भी चलाया गया।
प्रकरणों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या तथा ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाई जा रही है। प्रत्येक जिले में कोविड केअर सेन्टर बनाए गए हैं। प्रदेश में RTPCR टेस्ट बढ़ाए जाएंगे।