संकल्प लें कि मध्यप्रदेश को कोरोना से मुक्त रखना है: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नागरिकों से अपील
संक्रमण नियंत्रण के लिए जन-समुदाय के सहयोग का मॉडल प्रभावी रहा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना अनुकूल व्यवहार पर प्रदेशवासियों को दिया संदेश
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आज बुद्ध पूर्णिमा है। आज ही के दिन बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। भगवान बुद्ध ने कहा था- सर्वं दु:खं, दु:ख समुदय, दु:ख निरोध और दु:ख निरोध गामिनी प्रति पथ अर्थात दु:ख है़, दु:ख का कारण है और कारण का निवारण भी किया जा सकता है। इसके लिए गौतम बुद्ध ने अष्टांग मार्ग बताया। उन्होंने हमें मध्यम मार्ग पर चलने की शिक्षा दी। गौतम बुद्ध ने हमें अनुशासित जीवन जीने का मार्ग बताया। आज कोरोना संकट ने मानवता को एक बार फिर झकझोर कर रख दिया है। कोरोना वायरस का दु:ख हमारे सामने है, वायरस फैलने का कारण भी है पर इस कारण का निवारण किया जा सकता है। इसके कुछ उपाय हमने किए हैं। आज मुझे यह बताते हुए संतोष है कि सबके प्रयासों से कोरोना संक्रमण अब प्रदेश में नियंत्रण की स्थिति में है।
रिकवरी रेट 93.39 प्रतिशत है पर सावधानी भी जरूरी है
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों के नाम जारी संदेश में कहा कि कल 70 हजार से अधिक टेस्ट हुए। जिनमें से पॉजिटिव केस केवल 2 हजार 189 आए और 7 हजार 846 व्यक्ति स्वस्थ हुए। पॉजिटिविटी रेट घटकर 3.1 प्रतिशत रह गया है। रिकवरी रेट बढ़कर 93.39 प्रतिशत है। यह प्रतिशत लगातार बढ़ता जा रहा है। लेकिन हमें निश्चिंत नहीं होना है। संकट अभी टला नहीं है। खतरा अभी बाकी है वायरस हमारे बीच है। यह बात सही है कि 17 जिलों में आज 10 से कम केस आए लेकिन अभी भी इन्दौर और भोपाल में बहुत सावधानी की आवश्यकता है। दोनों स्थानों पर लगातार 500 से अधिक पॉजिटिव केस आ रहे हैं। रतलाम, रीवा, अनूपपुर, सीधी आदि जिलों को भी सावधानी की जरूरत है। इन जिलों के साथ ही संपूर्ण प्रदेश में सावधानी की आवश्यकता है।
संक्रमण नियंत्रण में जनता का जनता के लिए जनता द्वारा मॉडल प्रभावी रहा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू लागू करने के परिणामस्वरूप संक्रमण की दर में कमी आई है। संक्रमण को नियंत्रित करने में जनता का जनता के लिए जनता द्वारा मॉडल प्रदेश की अलग पहचान बना है। संक्रमण नियंत्रण अकेले सरकार ने नहीं किया। हमने संकट से निपटने के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाए। ग्राम, वार्ड, ब्लाक, शहर और जिला स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप गठित किए गए। जिला स्तर पर प्रभारी मंत्रियों के साथ -साथ सांसदगण, विधायकगण, कलेक्टर्स, एसपी सहित सभी स्तर के जन-प्रतिनिधि, सामाजिक, राजनैतिक कार्यकर्ताओं ने दायित्व संभाला। विकासखंड स्तर पर विधायक ने नेतृत्व प्रदान किया। यह हमारा अभिनव प्रयोग रहा।
गाँव से लेकर जिले तक क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने संभाली जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्राम स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप में सरपंच-पंच, सामाजिक -राजनैतिक कार्यकर्ता, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, आँगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं, पटेल, मुकद्दम, ए.एन.एम. और चौकीदार अर्थात ग्राम स्तर का अमला जुटा। जो भी निर्णय हमने लिए वे विक्रेन्द्रित तरीके से लिए। ग्राम स्तर पर कोरोना कर्फ्यू कैसे लगेगा, इसका निर्णय ग्राम स्तर पर लिया गया। गाँव में आना-जाना ग्रामीणों ने बंद किया, गाँव में कौनसी गतिविधि चलेगी, काम कैसे चलेगा इसका तरीका गाँव वालों ने तय किया। क्राइसिस मैनेजमेंट की टीम सर्वे दलों के साथ घर-घर पहुँची। ये टीमें अगर घर-घर नहीं जाती तो कई लोगों के सर्दी, खाँसी, जुकाम का पता ही नहीं चलता। ग्रामस्तर पर यह योगदान अमूल्य है। इसी प्रकार शहरों में वार्ड के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने वार्ड स्तर की व्यवस्थाएँ संभाली है। जनपद स्तर पर वहाँ के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने व्यवस्थाएँ संभाली। माइक्रो कन्टेनमेन्ट एरिया बनाना हो या कोविड केयर सेंटर का संचालन सभी दायित्व क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने संभाला। संपूर्ण जिलों में कोरोना कर्फ्यू कैसे लागू होगा। जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पताल, इलाज की बाकी व्यवस्थाएँ सभी का नियंत्रण और प्रबंधन जिले के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप द्वारा किया गया।
भीड़, मेले, ठेलों और आयोजनों से अभी बचना होगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश का मॉडल जन-भागीदारी का मॉडल है और इसी मॉडल के कारण संक्रमण की दर को नियंत्रित करने में सफलता मिली। लेकिन अभी लम्बा रास्ता तय करना है। कोरोना कर्फ्यू अभी लागू है, पर यह अनंत काल तक लागू नहीं रह सकता। हमने तय किया है कि एक जून से धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियाँ खोलेंगे। कोरोना का वायरस रहेगा अत: अभी पूरी सावधानी से गतिविधियों का संचालन आवश्यक है। भीड़, मेले, ठेलों आयोजनों से अभी बचना होगा। यदि हमने यह नहीं किया तो संक्रमण को बढ़ने में देर नहीं लगेगी और हम पुन: संकट में फँस जाएंगे।
कोरोना के कष्ट को हम फिर से नहीं देखना चाहते
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश उस स्थिति से भी गुजरा है जब अस्पतालों के सभी बिस्तर भरे थे। ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए दिन-रात एक करने पड़ रहे थे। कितने ही लोगों को ऑक्सीजन लगी, कुछ लोग वेन्टीलेटर पर चले गए और कुछ लोग तो इस दुनिया से ही चले गए। प्रश्न यह है कि क्या हम उस कष्ट को फिर से देखना चाहते हैं? निश्चित ही हम ऐसी परिस्थितियाँ नहीं बनने देंगे। इसके लिए सावधानी की आवश्यकता है।
कोरोना कर्फ्यू धीरे-धीरे खोला जाएगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू धीरे-धीरे खोला जाएगा। कौनसी गतिविधि कब आरंभ होगी, क्या खुला रहेगा, क्या बन्द रहेगा, यह ग्राम, वार्ड, ब्लाक, नगर और जिला स्तर की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियाँ तय करेगी। अलग-अलग जिलों में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग व्यवस्थाएँ होंगी। यह भी स्थानीय स्तर पर ही तय होगा। जो जिले पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो गए हैं, वहाँ की गतिविधियाँ अलग होंगी। जहाँ संक्रमण फैला है वहाँ क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी अलग से विचार करेगी।
स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप समितियाँ निर्णय लेंगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आगामी रणनीति के बारे में एक जून से पहले निर्णय लेना आवश्यक है। उसके लिए एक-दो दिन में ही चर्चा कर पूरी सावधानी बरतते हुए निर्णय लिया जाए। अनलॉक का जो वैज्ञानिक तरीका है उससे समितियों को अवगत कराया जाएगा और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप समितियाँ निर्णय लेंगी।
तीसरी लहर को रोकना है
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अब तीसरी लहर की संभावना है। यदि हम असावधान रहे तो संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ता रहेगा। यदि इस संक्रमण का विस्फोट हुआ तो वही तीसरी लहर हो जाएगी। अत: हमें दिन-प्रतिदिन की जरूरी गतिविधियाँ चलाते हुए तीसरी लहर को रोकने की कोशिश करना है। इसके लिए रोडमैप तैयार किया गया है। गतिविधियाँ आरंभ होंगी लेकिन पूरी तरह से नहीं। राजनैतिक रैलियाँ, सभाएँ, धार्मिक आयोजन पूरी तरह से बन्द रहेंगे। शादी-विवाह में न्यूनतम संख्या का बंधन होगा। जो लोग सम्मिलित हों वह टेस्ट कराकर आएँ, आयोजन स्थल पर टेस्ट की व्यवस्था की जाएगी।
प्रतिदिन होंगे 75 हजार टेस्ट
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यदि बाजार खुलेंगे तो दुकानदार और ग्राहक के व्यवहार को तय करना होगा। संक्रमण एक से दूसरे में न फैले इसके लिए मास्क का उपयोग, दुकान के सामने गोले बनाने और उसके अनुशासन का अनुसरण आवश्यक होगा। भीड़ इकट्ठी नहीं हो पाए इसलिए धारा 144 लगी रहेगी। इसके साथ-साथ टेस्ट भी जारी रहेंगे। लगभग 75 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाएंगे। फीवर क्लीनिक चलते रहेंगे, मोबाइल टेस्टिंग टीम भी कार्य करेगी। टेस्टिंग का यह लाभ होगा कि यदि कोई संक्रमित है तो उसका तत्काल पता चल जाएगा। संक्रमित को होम आइसोलेशन में, मेडिकल किट देकर अथवा कोविड केयर सेंटर में उसके रहने की व्यवस्था की जाएगी। इससे संक्रमण नहीं फैलेगा। कोविड केयर सेंटर अभी बन्द नहीं होंगे।
कान्टेक्ट ट्रेंसिंग और माइक्रो कन्टेनमेन्ट एरिया की प्रक्रिया जारी रहेगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कान्टेक्ट ट्रेसिंग जारी रहेगी। संक्रमितों की संख्या कम होने से ट्रेसिंग प्रभावी तरीके से हो सकेगी। परिवार का यदि एक व्यक्ति संक्रमित पाया गया तो परिवार के सभी सदस्यों का टेस्ट कराया जाएगा और संक्रमित से मिलने वाले सभी व्यक्तियों की टेस्टिंग होगी। इससे यदि संपर्क में आया कोई व्यक्ति संक्रमित हुआ है तो उसका भी इलाज होगा और संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। जिन स्थानों पर अधिक संख्या में संक्रमित व्यक्ति मिलेंगे उन क्षेत्रों को माइक्रो कन्टेनमेन्ट एरिया बनाया जाएगा। इन क्षेत्रों में आना-जाना बन्द कर संक्रमण को फैलने से रोका जाएगा।
आज से आरंभ होगा चौथा किल-कोरोना अभियान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहाँ कि किल-कोरोना अभियान जारी रहेगा। आज से किल-कोरोना अभियान-चार आरंभ किया जा रहा है। गाँव-गाँव में टीमें जाकर सर्दी, जुकाम, खाँसी वालों को चिन्हित करेंगी। ऐसे व्यक्तियों का तत्काल इलाज आरंभ किया जाएगा। इससे जहाँ भी संक्रमण की थोड़ी सी भी संभावना होगी उसे वहीं नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इन उपायों से हम संक्रमण को बड़ी लहर नहीं बनने देंगे। यह सब करना आवश्यक है। यदि इसमें लापरवाही हुई तो तीसरी लहर का विस्फोट हो जाएगा।
कोरोना सक्रंमण से लड़ाई को सामाजिक आंदोलन बनाना होगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अब कोरोना के साथ ही जीना है अत: यह सब सावधानियाँ हमें अपनानी होगीं। इसमें आप सबका सहयोग आवश्यक है। अनुशासित और संयत व्यवहार आवश्यक है। हमें यह प्रण करना होगा कि हम मास्क लगाकर ही बाहर निकलेंगे और जो बिना मास्क के दिखेगा उसे हम टोकेंगे भी। क्योंकि बिना मास्क का व्यक्ति स्वयं अपने लिए ही खतरा नहीं अपितु बाकी सबके लिए भी खतरनाक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मास्क लगाने और लगवाने, दूरी बनाए रखने, सेनेटाइजर से हाथ साफ करने, बार-बार हाथ धोने जैसे नियमों का पालन करने का दायित्व जन-जन को निभाना होगा और इसका अपने आसपास के लोगों से पालन भी करवाना होगा। यह प्रत्येक व्यक्ति का कर्त्तव्य है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में कार्यरत एक लाख 17 हजार कोरोना वालेंटियर्स से यह दायित्व निभाने की अपील की। स्वयं को कोरोना वालेंटियर्स के रूप में रजिस्टर कराने के लिए भी प्रदेशवासियों का आव्हान किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के साथ-साथ स्व-सहायता समूह, जन-अभियान परिषद की टीम, सामाजिक, राजनैतिक संगठन सक्रिय हों और कोरोना संक्रमण से लड़ाई को सामाजिक आंदोलन बना दिया जाए। राज्य सरकार अपना दायित्व निभा रही है। शासन स्तर पर कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
धर्मगुरू , राजनैतिक, सामाजिक संगठन और स्वंयसेवी दल भी सक्रिय हों
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार ने जनता को राहत देने के लिए कई तरह की योजनाएँ बनाई हैं वह जारी रहेंगी। इस समय सबसे बड़ा कार्य है कोरोना के संक्रमण पर नियंत्रण। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी धर्म गुरुओं से अपील की कि वे अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए अपने अनुयायियों को अनुशासित रहने के लिए प्रेरित करें। राजनैतिक दल, सामाजिक संगठन, स्वयं सेवी दल भी इस दिशा में सक्रिय हों। मध्यप्रदेश को कोरोना नियंत्रण के मॉडल के रूप में स्थापित करें। दुनिया चलाते हुए कोरोना पर नियंत्रण की हम एक अलग राह बना देंगे।
सब साथ मिलकर चलें और कोरोना पर नियंत्रण करके दिखाएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना नियंत्रण के लिए प्रदेशवासियों का आव्हान करते हुए कहा कि आईये हम संकल्प करें कि मैं अपने ड्यूटी निभाऊँगा, मैं अनुशासन का पालन करूंगा और नियमों को मानूंगा। यदि हमने यह कर लिया तो हमारा प्रदेश कोरोना से मुक्त ही रहेगा। कोई लहर हम नहीं आने देंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम इलाज की और बाकी सभी व्यवस्थाएँ जारी रखेंगे। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करेंगे। डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती, ऑक्सीजन प्लांट जैसे कार्य जारी रखेंगे। स्थिति को बिगड़ने नहीं देंगे। यह संकल्प सबसे बढ़ा है आईये हम सब मिलकर साथ चलें, कोरोना पर नियंत्रण करके दिखाएँ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए दिनकर की कविता की पंक्तियों से प्रदेशवासियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि ‘खम ठोक ठेलता है जब नर,पर्वत के जाते पाँव उखड़, मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है’।