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मध्यप्रदेश के कृषि उत्पाद देश ही नहीं दुनिया में धूम मचायेंगे -मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान

 

खेती और पशुपालन में नया अध्याय सिद्ध होगा मिशन अर्थ
देश की दूसरी सीमन प्रयोगशाला,985 गौ-शालाएं,33 विद्युत उपकेन्द्र लोकार्पित
आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए अर्थ-व्यवस्था और रोजगार पर केंद्रित मिशन अर्थ कार्यक्रम सम्पन्न

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना की कठिन परिस्थितियों में किसान की कर्मठता ही अर्थ-व्यवस्था का आधार बनी है। प्रदेश में पिछले साल हुए अनाज के भरपूर उत्पादन ने प्रदेश ही नहीं देश को मजबूती प्रदान की। राज्य सरकार किसान की आय को दोगुनी करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। खेती-पशुपालन- उद्यानिकी- मछली पालन- सहकारिता को समग्रता में लेकर फसलों के विविधीकरण, फूड प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और सही मार्केटिंग से हमारे प्रदेश के उत्पाद देश ही नहीं दुनिया में धूम मचायेंगे। मध्यप्रदेश सरकार का एक वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री श्री चौहान मिंटों हाल में आयोजित राज्य स्तरीय मिशन अर्थ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मिशन अर्थ के अंतर्गत भदभदा भोपाल में 47 करोड़ 50 लाख रूपये की लागत से स्थापित देश की दूसरी अत्याधुनिक सीमन उत्पादन प्रयोगशाला का डिजीटली लोकार्पण किया। कार्यक्रम में विभिन्न ग्राम पंचायतों में 260 करोड़ रूपये की लागत से बनी 985 सामुदायिक गौ-शालाओं का लोकार्पण और 50 करोड़ रूपये से बनने जा रही 145 सामुदायिक गौ शालाओं का शिलान्यास भी किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मिशन अर्थ कार्यक्रम में 33 विद्युत उपकेंद्रों का लोकार्पण और चार उप केन्द्रों का भूमि पूजन भी किया। इनकी कुल लागत 1530 करोड़ रूपये है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में स्व-सहायता समूहों द्वारा उद्यानिकी रोपणियों में उत्पादित 80 लाख पौधे प्रदेशवासियों को समर्पित किये। इसके साथ ही किसान उत्पादक संगठन और कृषि अधोसंरचना निधि के हितग्राहियों को चेक भी वितरित किये।

कन्या पूजन और मध्यप्रदेश गान से आरंभ हुए इस कार्यक्रम में पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, उर्जा मंत्री श्री प्रद्युम सिंह तोमर, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंसकरण मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह तथा विधायक श्री रामेश्वर शर्मा उपस्थित थे। राज्य स्तरीय कार्यक्रम से सभी जिले डिजिटली जुड़े थे। भोपाल में स्थापित अत्याधुनिक सीमन उत्पादन प्रयोगशाला पर लघु फिल्म का प्रस्तुतिकरण भी किया गया।

गोबर शिल्प से बनी मूर्ति व पुस्तक भेंट

मुख्यमंत्री श्री चौहान को पशुपालन मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल द्वारा गोबर से शिल्प से बनी मूर्ति तथा गोबर शिल्प से ही बनी पुस्तक ‘काऊ अवर अल्टीमेट सेवियर’ भेंट की गई। इस पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गोबर से ऐसे नवाचार सोच से परे हैं। इन गतिविधियों से लगता है कि हमारी गौ शालायें आत्म-निर्भर होंगी।

कोरोना से सरकार और समाज को मिलकर लड़ना है

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण के विरूध लड़ाई राज्य सरकार और समाज को मिलकर लड़ना है। मास्क लगाने के नियम का गंभीरता से पालन करें, इसे किसी भी स्थिति में हल्के में न लें। उन्होंने प्रदेशवासियों से स्वप्रेरणा से टीकाकरण के लिए आगे आने की अपील की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अर्थ-व्यवस्था प्रभावित नहीं हो इसके लिए लॉकडाउन नहीं लगाया जा रहा है। कोरोना को नियंत्रित करने के लिए आप सब का सहयोग आवश्यक है।

समर्थन मूल्य से अधिक मिलने पर ही किसान बाजार में बेचें अपना उत्पाद

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया। इस कड़ी में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोड मैप विकसित किया गया। अर्थ व्यवस्था और रोजगार इस रोड मैप के आधार हैं। प्रदेश के युवा और किसानों में क्षमता,प्रतिभा और योग्यता है। किसान उत्पादक संगठन कृषकों की एकता, पहल और प्रगति का प्रतीक बनेगें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यदि किसानों को समर्थन मूल्य से अधिक कीमत मिले तो ही वे अपना उत्पाद बाजार में बेचें। राज्य सरकार किसानों का एक- एक दाना खरीदेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सीमन प्रयोगशाला, किसान उत्पादक संगठन, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम, मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना, मवेशियों के लिए यूनिक आईडी जैसी गतिविधियां प्रदेश में कृषि और पशुपालन का नया अध्याय लिखेंगी।

कार्यक्रम को पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल और किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने भी संबोधित किया। अपर मुख्यसचिव पशुपालन श्री जे.एन. कंसोटिया ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।

सीमन उत्पादन प्रयोगशाला

भदभदा भोपाल में स्थापित सेक्स सॉर्टेड सीमन प्रोडक्शन फेसलिटी से उच्च अनुवांशिकता के देशी साण्डों जैसे गिर, साहीवाल, थारपारकर और भैंस की मुर्रा नस्लों का सेक्स सॉरटेड उत्पादन किया जा सकेगा। इसके उपयोग से 90 प्रतिशत बछिया ही पैदा होगी जिससे उच्च अनुवांशिक गुणवत्ता की मादाओं की बढ़ोतरी होने से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी। बछड़ों के लालन-पालन में अनावश्यक व्यय की बचत होगी। निराश्रित पशुओं की संख्या को भी सीमित किया जा सकेगा।

किसान उत्पादक संगठन (FPO)

एफपीओ के गठन के लिए न्यूनतम 300 से 500 किसान सदस्यों को शामिल किया जाता है। प्रदेश के 418 एफपीओ विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों जैसे बीज उत्पादन, उपार्जन, प्रोसेसिंग,दूध उत्पादन,मुर्गी पालन, शहद उत्पादन और विपणन आदि कार्य कर रहे हैं। एग्रीक्लचर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड की स्कीम से एफपीओ को लाभान्वित कराने का कार्य किया जा रहा है।

एग्रीक्लचर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम में मध्यप्रदेश प्रथम

इस योजना में कृषि से जुड़े उद्यमी, एफपीओ, स्टार्टअप, स्व-सहायता समूह इत्यादि जो भी लोग कृषि अद्योसंरचना निर्माण के लिए बैंक से ऋण लेना चाहते हैं, उन्हें दो करोड़ की सीमा तक ऋण उपलब्ध कराया जाता है। यह वित्तीय सहायता कोल्ड स्टोरेज,कोल्ड चैन, वेअरहाउस,साइलो,पैक हाउस, ग्रेडिंग एवं पेकेजिंग यूनिट, लाजिस्टिक सुविधा, ई-राइपनिंग चेम्बर,आदि के लिए प्रदान की जा रही है। इस योजना में मध्यप्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर है।

दो करोड़ 45 लाख गौ-भैंस वंशीय पशुओं को यूनिक आईडी देकर मध्यप्रदेश देश में प्रथम

राज्य के मवेशियों का भी अब यूनिक आईडी होगा। योजना के तहत गौ-भैंस वंशीय पशुओं के कान में टैग लगाया जा रहा है। टैग पर बारह अंकों का आधार नम्बर अंकित है। जिसे इनॉफ साफ्टवेयर में अपडेट किया जा रहा है। साफ्टवेयर में मवेशियों का लेखा जोखा होगा। जो ऑनलाईन भी उपलब्ध होगा। प्रदेश में अब तक 2 करोड़ 45 लाख गौ-भैंस वंशीय पशुओं की टैगिंग की जा चुकी है। इस योजना में मध्यप्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर है।

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मध्यप्रदेश के किसानों को 89 हजार करोड़ रूपये की राशि एक साल में दी गई है,किसान से संवाद और चर्चा के माध्यम से किसानों के कल्याण कार्य होंगे-
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा

मध्यप्रदेश के किसानों को 89 हजार करोड़ रूपये की राशि एक साल में दी गई है,किसान से संवाद और चर्चा के माध्यम से किसानों के कल्याण कार्य होंगे- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा

शुद्धिकरण सप्ताह में होगा प्रावधानों और नियमों में जरूरी संशोधन का कार्य

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राजस्व विभाग सहित किसानों से संबंधित अन्य विभागों की व्यवस्थाओं में आवश्यक सुधार के लिए शुद्धिकरण सप्ताह के अंतर्गत संशोधन कार्य आरंभ होगा। किसान मंच बनाकर संवाद और चर्चा के माध्यम से किसानों के कल्याण कार्यों को और बेहतर ढंग से पूरा किया जायेगा। कृषकों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने के कार्य निरंतर जारी रहेंगे। कोरोना से बचाव में भी किसानों का सहयोग लिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज शिवाजी नगर में भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित किसान संवाद कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।

प्राप्त सम्मान का मान रखूंगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारतीय किसान संघ ने आज किसान मित्र सम्मान दिया है, जिसके लिए संघ का आभारी हूँ। किसान संघ से मिले इस सम्मान का सदैव मान रखूंगा। मध्यप्रदेश के परिश्रमिक किसानों ने रिकार्ड गेहूँ उत्पादन कर मध्यप्रदेश को उपार्जन में पंजाब से आगे बढ़कर पहले स्थान पर लाने का कार्य किया है। भारतीय किसान संघ के देश में 500 से अधिक शाखायें हैं। संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री यहां उपस्थित हैं, जो इस संगठन को किसान वर्ग की वास्तविक समस्याओं के समाधान का माध्यम बनाने का कार्य कर रहे हैं।

किसानों को दी 89 हजार करोड़ की राशि

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गत वर्ष जब कोरोना का संकट शुरू हुआ और उन्होंने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला, तब किसानों की अनेक समस्याएं लंबित थीं। सबसे पहले फसल बीमा योजना का 2200 करोड़ का प्रीमियम राज्य सरकार द्वारा जमा किया गया, जो पूर्व सरकार ने जमा नहीं किया था। इस राशि के जमा करने के फलस्वरूप 3200 करोड़ रूपये की राशि प्राप्त हुई। एक वर्ष में 8699 करोड़ रूपये की बीमा राशि किसानों के खाते में जमा की गई। इसके अलावा 100 करोड़ रूपये उद्यानिकी फसलों के बीमा के भी जमा किये गये। सभी मिलाकर विभिन्न योजनाओं में किसानों को 89 हजार करोड़ रूपये की राशि दी गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 6 हजार रूपये में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के 4 हजार रूपये मिलाकर प्रदेश के प्रत्येक पंजीकृत किसान को साल में 10 हजार रूपये की राशि प्रदान करने का कार्य किया गया। शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण की व्यवस्था की गई। आगे भी आवश्यक राशि की व्यवस्था कर किसान कल्याण योजनाओं को लागू किया जायेगा।

‘एक जिला एक उत्पाद योजना’ में किसान सहयोग करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा किएक जिला एक उत्पाद योजनामें भी किसान सहयोग करें। आलू, मटर, टमाटर, केला आदि का विपुल उत्पादन करने वाले जिले उत्पादों को एक्सपोर्ट के काबिल बनाएं। प्रोसेसिंग यूनिट भी किसानों द्वारा लगाई जाए। इन्हें राज्य सरकार अधिकतम सहयोग करेगी। एफपीओ (FPO) के माध्यम से भी किसान भागीदारी करें। इन संगठनों को राज्य सरकार का पूरा सहयोग प्राप्त होगा।

कम पानी में सिंचाई का लाभ लें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की सिंचाई का रकबा साढ़े सात लाख हेक्टेयर से बढाकर 41 लाख हेक्टेयर के पार किया गया। इसे 65 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने के लिए हम संकल्पित हैं। अप्रैल और मई माह में जल संरचनाओं के विकास का कार्य होगा। पानी की एक-एक बूँद बचाने के लिए किसान वर्ग का सहयोग चाहिए। हम स्प्रिंकलर सिंचाई को भी बढ़ाएंगे। कम पानी में सिंचाई का कार्य हो जाए, इस दिशा में पाइप के माध्यम से और अन्य वैकल्पिक माध्यमों से सिंचाई कार्य को विस्तार देंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गेहूँ और धान के अलावा अन्य फसलों को भी साथ में उगाने के संबंध में किसान वर्ग पहल करे। कैश क्राप लेकर किसान अधिक लाभ अर्जित करें। जैविक कृषि के अलावा अन्य मॉडल अपनाये जा सकते हैं।

टीका लगवाएं किसान बंधु

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसान बंधु कोरोना से बचाव के लिए सावधानियां रखें। टीका अवश्य लगवाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुझे वैक्सिनेशन कार्य में किसान संघ का सहयोग चाहिए। 45 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक कोरोना से बचाव का टीका अवश्य लगवाएं क्योंकि यह वैक्सीन शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में सहयोगी है। इसके साथ ही संक्रमण से बचाव के लिए सभी को सजग रहना है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारतीय किसान संघ द्वारा प्राप्त सुझावों पर विचार कर उन्हें किसान हित में लागू किया जायेगा। कार्यक्रम में भारतीय किसान संघ के अनेक पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट उद्यान में गुलमोहर का पौधा लगाया

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट उद्यान में गुलमोहर का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी नागरिकों से भी पौधे लगाने का आग्रह किया है।

गुलमोहर : ग्रीष्म काल की प्राकृतिक सुंदरता

गुलमोहर के पेड़ की सुंदरता उसके फूलों से होती है। गर्मी के दिनों में गुलमोहर के पेड़ पत्तियों की जगह फूल से लदे होते हैं।

गुलमोहर के फूल देखने में जितने सुंदर होते हैं उतने ही उपचारात्मक गुणों वाले भी होते हैं। फूलों के वर्ग के आधार पर यह मूलत: दो प्रकार का होता है- पहला लाल गुलमोहर तथा दूसरा पीला गुलमोहर। फूलों के रंग के आधार पर इसके औषधि परक गुण भी अलग होते हैं।

भारत के नम, आद्र और गर्मी वाले जगहों में गुलमोहर के फूल सबसे ज्यादा खिलते हैं। सनातन धर्म में गुलमोहर के फूल को पवित्र माना गया है। आयुर्वेद में भी गुलमोहर के बहुत सारे औषधीय गुण हैं जो इसे अद्वितीय बनाते हैं ।

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मध्यप्रदेश के मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक विशेष गढ़पाले ने कहा उपकेन्द्रों,लाइनों के रख-रखाव के दौरान कार्मिकों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए. https://twitter.com/mppost1/status/1378335171846438914

मध्यप्रदेश के मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक विशेष गढ़पाले ने कहा उपकेन्द्रों,लाइनों के रख-रखाव के दौरान कार्मिकों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए


प्रबंध संचालक द्वारा भोपाल एवं ग्वालियर रीजन के कार्यों की समीक्षा

मध्यप्रदेश के मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक ने कहा कि उन फीडरों पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जाए जहॉं गत वर्ष की तुलना में लोड तुलनात्मक रूप से बढ़ा हुआ है। इन क्षेत्रों में विजिलेंस टीम को भेजा जाए और व्यापक पैमाने पर चेकिंग कराई जाए। खासतौर पर मूँग की फसल और धान की फसल वाले क्षेत्रों पर फोकस करें।

प्रबंध संचालक ने कहा कि उपकेन्द्रों, लाइनों के रख-रखाव के दौरान कार्मिकों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। चेकिंग टीम कम से कम 4 से 7 दिन कैम्प करे तभी परिणाम प्राप्त होंगे। उच्चदाब उपभोक्ताओं की बकाया राशि तत्काल वसूली जाए। विश्लेषण करने पर पाया गया कि कई उच्चदाब उपभोक्ता अपना नियमित बिल भुगतान नहीं कर रहे हैं। ऐसे मामलों को बारीकी से देखा जाए। प्रबंध संचालक ने मैदानी अधिकारियों को कहा कि सुरक्षा प्रोटोकाल एवं सुरक्षा साधनों का इस्तेमाल किया जाए। जूनियर इंजीनियर के सुपरविजन में ही रख-रखाव के कार्य किये जाएं। प्रबंध संचालक श्री विशेष गढ़पाले भोपाल एवं ग्वालियर रीजन के मैदानी महाप्रबंधक एवं उप महाप्रबंधक की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

प्रबंध संचालक ने निर्देशित किया कि गंभीर शिकायतों का तत्काल निराकरण एवं कार्यवाही सुनिश्चित की जाए ताकि ऐसे प्रकरण समाप्त हो सकें तथा समय-सीमा के प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय में सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी स्तर पर कार्मिकों के स्थानांतरण आवेदन उचित माध्यम से प्राप्त होने चाहिए। प्रबंध संचालक ने यह भी कहा कि कार्यालयों में बैठे ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार की जाए जिनको चेकिंग कार्य में तत्काल नियुक्त किया जा सके। मानसून पूर्व के सभी रख-रखाव जल्दी पूर्ण कर लिए जाएं ताकि आंधी-तूफान आने की दशा में विद्युत अवरोध कम से कम हो। प्रबंध संचालक ने कहा कि चालू अप्रैल माह एवं मई माह में गर्मी निरंतर बढ़ेगी इसलिए उपभोक्ताओं की खपत के आधार पर बिल अधिक आएंगे इसके लिए बिलिंग करते समय हर स्तर पर सावधानी रखी जाए तथा उपभोक्ताओं को सही रीडिंग के बिल भेजे जाएं। भार वृद्धि के प्रकरण तत्काल स्वीकृत किए जाएं, वितरण ट्रांसफार्मर की असफलता दर पर नियंत्रण करें, विद्युत अपव्यय को रोकने के लिए उपकेन्द्रों पर केपेसिटर बैंक चालू मिलना चाहिए।

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