मध्यप्रदेश में कोरोना के विरूद्ध जंग में नर्स बहनों का जोश और जुनून अद्भुत रहा: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना के विरूद्ध जंग में जुटी सभी नर्स बहनों ने जिस जोश और जुनून से अपने कर्त्तव्यों को निभाने की पराकाष्ठा की है, वह अद्भुत है। प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के लिये जो समन्वित प्रयास हुए उनमें नर्स बहनों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने ट्वीट के माध्यम से प्रदेश की सभी नर्स बहनों का हृदय से अभिनंदन किया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अमले की नर्स बहनों ने कोरोना योद्धा की भूमिका निभाते हुए बुलंद हौसलों के साथ कोरोना से जंग लड़ी है। उनके द्वारा न केवल कोरोना मरीजों का उपचार किया गया बल्कि अपने व्यवहार से उनका मनोबल भी बढ़ाया है। अस्पताल और कोविड केयर सेंटर्स से जो कोरोना मरीज ठीक होकर अपने घर गये, उन्होंने नर्स बहनों द्वारा की गई सेवाओं के प्रति आभार भी माना।

टीकाकरण महाअभियान में भी रही सक्रिय भूमिका

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से सुरक्षा कवच देने के लिये चलाये गये टीकाकरण महाअभियान में भी नर्स बहनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनके सहयोग से प्रदेश में सर्वाधिक टीकाकरण हो सका और मध्यप्रदेश ने वैक्सीनेशन में देश में एक अलग पहचान बनाई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि टीकाकरण महाअभियान के शुरूआती दिनों में रिकार्ड वैक्सीन लगाई गई, जिसमें नर्स बहनों के सहयोग को नकारा नहीं जा सकता। सुबह से लेकर देर रात तक वैक्सीन लगाने का कार्य चलता रहा और नर्स बहनों ने समय और अपनी परवाह न करते हुए टीकाकरण केन्द्रों पर आये सभी व्यक्तियों को वैक्सीन लगाई। यह उनके बुलंद हौसलों का परिचायक है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में जो समन्वित प्रयास किये गये, उनमें भी नर्स बहनों का सराहनीय योगदान रहा है। कोरोना की तीसरी लहर से लोगों को बचाने के लिये अब और अधिक बेहतर प्रयास राज्य सरकार कर रही है। इसके लिये जरूरी संसाधनों के साथ ऑक्सीजन एवं आवश्यक दवाओं की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संभावित कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिये पुन: जन-भागीदारी मॉडल को अपनाते हुए कार्य किया जाएगा। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग के अमले के साथ जिला, ब्लॉक, वार्ड और ग्राम स्तर के क्राईसिस मैनेजमेंट ग्रुप एवं समाजसेवी संस्थाएँ अभी से सक्रिय हैं।

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