एमपी के गंजबासोदा की घटना मृतकों को 5 लाख, घायलों को 50 हजार की सहायता और नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय स्थित सिचुएशन रूम से की बचाव कार्य की मॉनीटरिंग
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गंजबासोदा की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मृतकों के परिवारजन को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता तथा उनके नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था की जाएगी। घटना में अब तक तीन शव निकाले जा चुके हैं। उन्नीस लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। घायलों का इलाज विदिशा और गंजबासोदा के अस्पतालों में जारी है। राहत की बात है कि यह सभी लोग खतरे से बाहर हैं। विदिशा जिले के गंजबासोदा के ग्राम लाल पठार की घटना की उच्च-स्तरीय जाँच और पीड़ितों को हरसंभव चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में लगा है।
विदिशा के प्रभारी मंत्री श्री सारंग रात से घटना-स्थल पर मौजूद
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रालय स्थित सिचुएशन रूम से गंजबासोदा के रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनीटरिंग की। राहत और बचाव कार्य में लगे जिला प्रशासन के अमले, एस.डी.आर.एफ., एन.डी.आर.एफ. की टीम, डॉक्टरों और ग्रामीणों से मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वर्चुअली संवाद किया। सिचुएशन रूम में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, अपर मुख्य सचिव गृह श्री राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी उपस्थित थे। घटना-स्थल से चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं विदिशा जिले के प्रभारी मंत्री श्री विश्वास सारंग ने राहत और बचाव कार्य की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। मंत्री श्री सारंग राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कल रात से घटना-स्थल पर मौजूद हैं और राहत एवं बचाव कार्यों का समन्वय कर रहे हैं। आपदा प्रबंधन के लिए हाल ही में आरंभ हुए सिचुएशन रूम से मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा घटना की मॉनीटरिंग का यह पहला मौका है।
विदिशा, रायसेन, अशोकनगर, भोपाल के साथ वाराणसी से भी आया बचाव दल
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पीड़ित परिवारों के साथ सरकार खड़ी है। आगे भी जरूरत होगी तो इन परिवारों की पूरी मदद की जाएगी। घटना-स्थल पर पर्याप्त हाईड्रा और पोकलेन मशीनें मिट्टी हटा रही हैं। समस्या यह है कि भुरभुरी मिट्टी होने के कारण मलबा बार-बार गिर रहा है। कुएं से पानी निकालने के लिए पंपों की संख्या बढ़ाई जा रही है। एन.डी.आर.एफ. और एस.डी.आर.एफ. की टीम रात से ही काम कर रही है। वाराणसी से भी एन.डी.आर.एफ. का एक दल बचाव कार्य के लिए आया है। अशोकनगर, विदिशा, रायसेन और भोपाल से एस.डी.आर.एफ. की पाँच टीमें बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। बचाव कार्य जल्द पूर्ण हो, इसके लिए दलों को बदला जा रहा है। जो दल रात में कार्य कर रहे थे, उन्हें आराम देते हुए नए दलों को आज सुबह से राहत और बचाव कार्यों में लगाया गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राहत और बचाव कार्य में लगी टीमें बिना पलक झपकाए कार्य कर रही हैं। मलबे की समस्या के कारण एस.डी.आर.एफ. की टीम के सदस्य सहित ट्रेक्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गए, परन्तु उन्हें बचा लिया गया है। कमिश्नर, कलेक्टर, डीजीपी, एसपी सभी घटना-स्थल पर हैं। प्रयास यही है कि जल्द से जल्द बचाव कार्य पूर्ण हो।