मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड से अर्थ-व्यवस्था प्रभावित हुई है। खनिज गतिविधियाँ अर्थ-व्यवस्था को गति देती हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने में अधिकतम सहयोग करना हमारा संकल्प है। प्रदेश में माइनिंग गतिविधियों को गति देने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे। हमारा प्रयास होगा कि वर्ष 2022 तक प्रदेश में एक सौ से अधिक खनिज ब्लाक्स की नीलामी हो।
मुख्यमंत्री श्री चौहान केंद्रीय खनिज मंत्री श्री प्रहलाद जोशी से प्रदेश के खनिज संबंधित विषयों पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा कर रहे थे। वीडियो कांफ्रेंस में दिल्ली से केन्द्रीय खनिज राज्य मंत्री श्री राव साहब दानवे भी शामिल हुए। प्रदेश के खनिज मंत्री श्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव खनिज संसाधन श्री सुखवीर सिंह भी उपस्थित थे।
खनिज ब्लाक्स की नीलामी में तेजी लाई जाए
केन्द्रीय मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि खनिज गतिविधियाँ मूलभूत अर्थ-व्यवस्था में योगदान देती हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मंशा है कि आत्म-निर्भर भारत के निर्माण के लिए खनिज क्षेत्र में प्रक्रियाओं को सरलीकृत कर खनिज ब्लाक्स की नीलामी में तेजी लाई जाए। इसके लिये विभिन्न कानूनों में आवश्यक सुधार भी किया गया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत कार्यवाही जारी है। केंद्रीय मंत्री ने मध्यप्रदेश में ब्लाक्स की नीलामी के लिए जारी गतिविधियों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि समय-सारणी निर्धारित कर आगामी नीलामी प्रक्रिया संचालित की जाए।
प्रदेश में कोल गैसीफिकेशन की आवश्यकता
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोयले के भंडार प्रचुर मात्रा में हैं। प्रदेश में कोयला खनन का कार्य भारत सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में इन कंपनियों को कोल गैसीफिकेशन और लिक्विडिफिकेशन के लिए कार्य करने के निर्देश दिए जाएं। इससे पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा के स्रोत को समृद्ध करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग द्वारा बैतूल और छतरपुर जिले में दुर्लभ खनिजों की खोज के लिए सर्वे जारी है। यह कार्य समय-सीमा में पूर्ण किया जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चूना पत्थर की रॉयल्टी दरों को पुनरिक्षित करने का अनुरोध भी किया।
भोपाल में भारतीय खान ब्यूरो का कार्यालय आरंभ किया जाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में खनिज ब्लाकों के खोज कार्य और नीलामी प्रक्रिया में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण तथा एमईसीएल से तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। भोपाल में भारतीय खान ब्यूरो का कार्यालय आरंभ करने का भी अनुरोध किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उर्वरक उत्पादन के लिए उपयोगी ग्लोकोनाइट खनिज का औसत मूल्य निर्धारित करने की मांग की। बैठक में मॉयल (मैगनीज ओर इंडिया लिमिटेड) द्वारा बालाघाट और छिंदवाड़ा जिलों में 1961 से आरक्षित क्षेत्रों को अनारक्षित करने के संबंध में भी चर्चा हुई।
5 हेक्टेयर से कम क्षेत्र पर खनिज पट्टा स्वीकृत करने की व्यवस्था हो
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 5 हेक्टेयर से कम क्षेत्र पर खनिज पट्टा स्वीकृत नहीं करने के प्रावधान को शिथिल करने और मुख्य खनिजों की 2014 से अधिसूचित रायल्टी दरों का पुनर्निर्धारण करने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने छतरपुर के मडदेवरा रॉक फास्फेट ब्लाक में यूरेनियम की संभावना को देखते हुए एटामिक मिनरल डिवीजन द्वारा लगाई गई रोक पर पुनर्विचार करने का अनुरोध भी किया। केन्द्रीय खनिज मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया।
वर्ष 2020-21 में खनिज से प्राप्त हुआ 4446 करोड़ रूपये का राजस्व
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में मुख्य खनिज की 831 खदानों से वर्ष 2020-21 में 2908 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। गौण खनिज की 6338 खदानों से वर्ष 2020-21 में 1538 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। आगामी वर्षों में नीलाम होने वाले खनिज ब्लाक्स से 50 साल तक लगभग 30 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य है।