मध्यप्रदेश में कोरोना वॉलेंटियर्स को 15 अगस्त और 26 जनवरी को सम्मानित किया जाएगा : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा
तीसरी लहर को रोकने के लिए अधिक से अधिक वॉलेंटियर बनें प्रदेशवासी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने “मैं कोरोना वॉलेंटियर अभियान” के कार्यकर्ताओं से किया संवाद
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना नियंत्रण में प्रदेश के जन-भागीदारी मॉडल ने देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। ग्राम, वार्ड, जनपद, शहरों और जिलों में जनता के साथ आने तथा क्राइसिस मेनेजमैंट कमेटियों द्वारा जिम्मेदारी लेकर जनता कर्फ्यू में सहयोग करने के परिणाम स्वरूप ही प्रदेश में कोरोना नियंत्रित हो पाया है। ‘ मैं कोरोना वॉलेंटियर अभियान’ भी इस पूरी मुहिम का सशक्त अंग रहा है। कोरोना को नियंत्रित रखने और तीसरी लहर को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर प्रदेशवासियों को इस अभियान से जोड़ना होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एनसीसी, एनएसएस कैडेट्स, युवाओं और किशोरों से कोरोना वालेंटियर बनने की अपील की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय से ‘मैं कोरोना वॉलेंटियर’ अभियान के अंतर्गत पंजीकृत वॉलेंटियर्स तथा मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। वाणिज्यिक कर, वित्त तथा योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा और जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री विभाष उपाध्याय कार्यक्रम में उपस्थित थे। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट तथा पर्यटन, संस्कृति एवं अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए।
1 लाख 19 हजार से अधिक हैं कोरोना वॉलेंटियर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिंगरौली, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, शहडोल, सतना, ग्वालियर और भोपाल के कोरोना वॉलेंटियर्स से वर्चुअली बातचीत भी की। ‘मैं कोरोना वॉलेंटियर’ अभियान से अब तक 1 लाख 19 हजार 730 से अधिक व्यक्ति जुड़े हैं। इनमें से लगभग 61 हजार से अधिक वालेंटियर्स ने वैक्सीनेशन समन्वयक, चिकित्सा सुविधा समन्वयक, मास्क जागरूकता समन्वयक, मोहल्ला टोली संगठन समन्वयक और दान श्रेणी के अंतर्गत प्रतिदिन सक्रिय रहते हुए अपना योगदान दिया।
कोरोना वॉलेंटियर्स को प्रमाण-पत्र प्रदान किये जायेंगे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना वालेंटियर्स तथा जन-अभियान परिषद के जिला समन्वयकों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी धर्मों में पीड़ित व्यक्ति की मदद को सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। कोरोना की आपदा सदियों में आया भयानक संकट है। ऐसे में पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अपनी जान को खतरे में डालते हुए आगे आये वॉलेंटियर्स के समर्पण और कर्मठता को देखकर मैं अभिभूत हूँ। कोरोना वालेंटियर्स को 15 अगस्त और 26 जनवरी को प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा।
वॉलेंटियर्स को अभी निभानी होगी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना नियंत्रण में है पर अभी चुनौती खत्म नहीं हुई है। कोरोना अनुकूल व्यवहार के पालन के लिए लोगों को जागरूक करना और उसका पालन सुनिश्चित कराना बड़ा दायित्व है। यह कोरोना वॉलेंटियर्स के बिना संभव नहीं होगा। वालेंटियर्स को अपने गाँव, वार्ड की जिम्मेदारी लेनी होगी। टेस्टिंग,कांटेक्ट ट्रेसिंग, किल कोरोना अभियान लगातार चलते रहेंगे। इन गतिविधियों से ही हम तीसरी लहर को रोक पायेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ‘सागर की अपनी क्षमता लेकिन मानव भी कब थकता है’ की पंक्तियों से कोरोना वालेंटियर्स को निरंतर सक्रिय रहने की प्रेरणा दी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया संवाद
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिंगरौली की सुश्री आरती बंसल, उज्जैन के श्री रूपेश परमार, शहडोल के श्री अंचल श्रीवास्तव, इदौर के श्री प्रखर दुबे, जबलपुर के श्री प्रमोद, सतना की सुश्री कीर्ति दुबे और ग्वालियर के श्री अंशुमन शर्मा से कोरोना वॉलेंटियर के रूप में उनके अनुभवों को साझा किया।