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हमें विचारधारा के मतभेद भूल कर भारत के विकास का रास्ता निकालना है

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान

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  • प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्पों की सिद्धि के लिए काम कर रही है 23वीं मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक – मुख्यमंत्री श्री चौहान केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में सशक्त हो रहा है सहकारी संघवाद आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में परिषद की बैठक की मेजबानी का अवसर मिलना मध्यप्रदेश के लिए सौभाग्य केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई 23वीं मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक मध्यप्रदेश सहित उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हुए सम्मिलित मुख्यमंत्री श्री चौहान हैं, मध्य क्षेत्रीय परिषद के उपाध्यक्ष

प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्पों की सिद्धि के लिए काम कर रही है 23वीं मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक – मुख्यमंत्री श्री चौहान

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में सशक्त हो रहा है सहकारी संघवाद

आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में परिषद की बैठक की मेजबानी का अवसर मिलना मध्यप्रदेश के लिए सौभाग्य

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई 23वीं मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक

मध्यप्रदेश सहित उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हुए सम्मिलित

मुख्यमंत्री श्री चौहान हैं, मध्य क्षेत्रीय परिषद के उपाध्यक्ष

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सौभाग्य है कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक की मेजबानी का अवसर मध्यप्रदेश को मिला। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने परिषद की बैठक में झीलों की नगरी भोपाल पधारे अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ सालों में भारत का फेडरल स्ट्रेक्चर मजबूत होकर उभरा है। हमें विचारधारा के मतभेद भूलकर भारत के विकास का रास्ता निकालना है। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में मध्य क्षेत्रीय परिषद, प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्पों की सिद्धि के लिए काम कर रही है और सहकारी संघवाद को बल मिल रहा है। नीति आयोग, मुख्यमंत्री परिषद और मध्य क्षेत्रीय परिषद जैसे संस्थागत उपायों से राज्य और केन्द्र मिलकर टीम इंडिया की तरह काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान कुभाभाऊ ठाकरे सभागृह में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान परिषद के उपाध्यक्ष भी हैं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्पकरसिंह धामी उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल तथा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी बैठक में वर्चुअली सम्मिलित हुए। प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस सहित केन्द्र, मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों के अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्मृति-चिन्ह के रूप में राजाभोज की प्रतिमा भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने “एक जिला-एक उत्पाद” योजना में प्रदेश के विभिन्न जिलों में निर्मित उत्पाद जैसे चंदेरी का स्टॉल, बाघ प्रिंट, सेंड स्टोन से निर्मित कला कृति तथा हर्बल चाय भी अतिथियों को भेंट की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद केन्द्र और राज्य के सहयोग का सेतु तो है ही, साथ ही परस्पर विचारों और अनुभवों को साझा करने का यह सशक्त माध्यम भी बन गई है। कई जटिल और नीतिगत विषयों का परिषद की बैठकों के माध्यम से समाधान हुआ है। परिषद ने संविधान की भावना के अनुरूप केन्द्र और राज्यों के संबंधों को सशक्त और सकारात्मक बनाया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्प को साकार करने मध्यप्रदेश निरंतर कार्यरत है। राज्य में प्रचलित दरों पर 19.74 प्रतिशत की विकास दर अर्जित की है, जो देश में सर्वाधिक है। भारत के 05 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने में योगदान देने के उद्देश्य से प्रदेश में 500 बिलियन डॉलर के लक्ष्य के साथ कार्य जारी है। देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश ने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप बनाया और इस पर तेजी से कार्य जारी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के विकास, जन-कल्याण और स्वराज के तीनों मंत्रों को प्रदेश ने अपना मिशन बनाया है। पूँजीगत व्यय बढ़ाने से अधो-संरचना विकास होता है और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होते हैं। इसलिए प्रदेश अब राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के 04 प्रतिशत तक पूँजीगत व्यय कर रहा है। इस वर्ष पूँजीगत व्यय के लिए 48 हजार 800 करोड़ रूपये का बजट रखा गया है, जो अब तक का सबसे बड़ा बजट प्रावधान है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता रोजगार और स्व-रोजगार है। स्व-सहायता समूहों से विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में 43 लाख परिवारों की बहनों को जोड़ने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि के विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। केन्द्र और राज्य सरकार की हितग्राहीमूलक फ्लेगशिप योजनाओं में शत-प्रतिशत सेचुरेशन के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती 25 सितम्बर से विशेष अभियान आरंभ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने परिषद के सम्मुख रखे विचार-विमर्श के लिए प्रमुख बिन्दु

· स्वामित्व योजना में हितग्राहियों को ऋण की सरल उपलब्धता के लिए बैंकों को निर्देशित करना।

· प्रदेश में समग्र पोर्टल से अन्य विभिन्न डाटाबेस जोड़कर सिंगल सिटीजन डेटाबेस का निर्माण किया जा रहा है। केन्द्र सरकार के विभिन्न पोर्टल्स के साथ राज्य के पोर्टल के इंटीग्रेशन के लिए केन्द्रीयकृत संस्थागत व्यवस्था करना।

· प्रदेश में मत्स्य पालकों एवं पशुपालकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसान क्रेडिट कार्ड दिए जा रहे हैं। बैंक केसीसी स्वीकृत करने में रूचि नहीं ले रहे हैं। इस संबंध में केन्द्र सरकार स्तर से बैंकों को दिशा-निर्देश जारी करना।

· प्रदेश में केन्द्रीय उपक्रमों एवं रक्षा प्रतिष्ठानों को आवंटित ऐसी भूमि, जिसका वे उपयोग नहीं कर रहे हैं, उसे राज्य शासन को वापस करने के संबंध में नीति बनाने की आवश्यकता।

· मध्यप्रदेश में 36 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बिगड़े वन हैं। वनों के इस क्षेत्रफल को दृष्टिगत रखते हुए क्षतिपूर्ति वनीकरण के संबंध में बनें नियमों को शिथिल करना, जिससेअन्य प्रदेशों की योजनाओं के विरूद्ध प्रदेश में क्षतिपूर्ति वनीकरण का कार्य संभव हो सके।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रीतथा संपूर्ण अंतर्राज्यीय परिषद सचिवालय का आभार मानते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के “सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास” के मंत्र को सार्थक करते हुए राज्य और केन्द्र एक टीम के रूप में जनता के कल्याण के लिए निरंतर कार्यरत रहेंगे।

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