मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान 12 अगस्त को महिला स्व-सहायता समूहों को ऋण वितरण कर करेंगे संवाद
मुख्यमंत्री निवास पर दोपहर 2.30 बजे
- 12 अगस्त को स्व-सहायता समूहों की महिलाओं से संवाद करेंगे। मुख्यमंत्री निवास पर दोपहर 2.30 बजे होने वाले कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों की लगभग 300 समूह सदस्य बहनें पहुँचेंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान समूहों को लगभग 200 करोड़ रूपये के बैंक ऋण राशि का वितरण भी करेंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन सहित क्षेत्रीय चैनल एवं सोशल मीडिया माध्यमों से किया जाएगा।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार-12 अगस्त को स्व-सहायता समूहों की महिलाओं से संवाद करेंगे। मुख्यमंत्री निवास पर दोपहर 2.30 बजे होने वाले कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों की लगभग 300 समूह सदस्य बहनें पहुँचेंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान समूहों को लगभग 200 करोड़ रूपये के बैंक ऋण राशि का वितरण भी करेंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन सहित क्षेत्रीय चैनल एवं सोशल मीडिया माध्यमों से किया जाएगा।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की निर्धन महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ कर उनका सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण किया जा रहा है। प्रदेश के 45 हजार ग्रामों में लगभग 3 लाख 84 हजार स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया है। इन समूहों से लगभग 43 लाख परिवार जुड़े हैं। इनमें से 16 लाख 79 हजार परिवारों को कृषि तथा 6 लाख 19 हजार परिवारों को अन्य गतिविधियों से जोड़ा गया है।
पंचायत निर्वाचन में इन स्व-सहायता समूहों के लगभग 17 हजार सदस्य पंच, सरंपच, जनपद एवं जिला पंचायत सदस्य पदों पर निर्वाचित हुए हैं। इनमें 1907 सरपंच, 429 उप सरपंच, 46 जिला पंचायत सदस्य, 381 जनपद सदस्य और 14 हजार 378 पंच बने हैं। पंचायत राज संस्थाओं में स्व-सहायता समूहों की इतनी बड़ी भागीदारी पहली बार देखने को मिली है।
राज्य सरकार ने स्व-सहायता समूहों को पर्याप्त बैंक ऋण दिलवाने की व्यवस्था भी की है। समूहों के उत्पादों के क्रय-विक्रय के लिये आजीविका मार्ट पोर्टल बनाया गया है। इस पर समूहों के लगभग 6 हजार 700 उत्पाद अपलोड किये जा चुके हैं। पोर्टल से अब तक लगभग 500 करोड़ रूपये का व्यवसाय समूह की महिलाओं ने किया है। समूह सदस्य बहनों ने ‘हर घर तिरंगा अभियान’ में लगभग 63 लाख तिरंगे तैयार किये हैं। स्कूल गणवेश तैयार करने का कार्य भी स्व-सहायता समूह कर रहे हैं।