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एमपी देगा 550 बिलियन डॉलर का योगदान देगा

 मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान

Story Highlights
  • भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थ-व्यवस्था बनाने में तेजी से आगे बढ़ते मध्यप्रदेश ने हासिल की 19.74 प्रतिशत विकास दर मध्यप्रदेश में एक लाख सरकारी पदों पर शीघ्र होगी भर्ती प्रदेश में कृषि विविधीकरण, प्राकृतिक खेती और डिजिटल एग्रीकल्चर को प्रोत्साहन राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में मध्यप्रदेश ने लगाई बड़ी छलांग राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मध्यप्रदेश में मातृभाषा में अध्ययन और अध्यापन पर जोर सहकारी संघवाद के साथ एक भारत - श्रेष्ठ भारत के निर्माण में नीति आयोग की अहम् भूमिका मुख्यमंत्री श्री चौहान नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में शामिल हुए

भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थ-व्यवस्था बनाने में
तेजी से आगे बढ़ते मध्यप्रदेश ने हासिल की 19.74 प्रतिशत विकास दर
मध्यप्रदेश में एक लाख सरकारी पदों पर शीघ्र होगी भर्ती
प्रदेश में कृषि विविधीकरण, प्राकृतिक खेती और डिजिटल एग्रीकल्चर को प्रोत्साहन
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में मध्यप्रदेश ने लगाई बड़ी छलांग
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मध्यप्रदेश में मातृभाषा में अध्ययन और अध्यापन पर जोर
सहकारी संघवाद के साथ एक भारत – श्रेष्ठ भारत के निर्माण में नीति आयोग की अहम् भूमिका
मुख्यमंत्री श्री चौहान नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में शामिल हुए

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थ-व्यवस्था बनाने के लिए मध्यप्रदेश द्वारा 550 बिलियन डॉलर का योगदान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश 21वीं सदी के आत्म-निर्भर भारत के प्रधानमंत्री श्री मोदी के व्यापक विजन को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत के निर्माण में नीति आयोग की बड़ी भूमिका है। नीति आयोग किस तरह राज्यों की ताकत बनता है, मध्यप्रदेश उसका ज्वलंत उदाहरण है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज राष्ट्रपति भवन में नीति आयोग की शासी परिषद की 7वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने की।

तेजी से आगे बढ़ता मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2020 में ही आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप विकसित कर लिया गया था। मध्यप्रदेश ने वर्ष 2021-22 में 19.74 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है। प्रदेश सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत पूँजीगत व्यय कर रहा है और वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पूँजीगत व्यय हेतु 48 हजार 800 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि रोजगार हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है और अगले एक वर्ष में एक लाख सरकारी पदों पर भर्ती की जायेगी। उन्होंने बताया कि हितग्राही मूलक योजनाओं में शत-प्रतिशत सेचुरेशन के लिए विशेष अभियान चलाये जायेंगे।

कृषि विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के फसल विविधीकरण दृष्टिकोण से प्रेरणा लेते हुए प्रदेश में सरसों और ग्रीष्मकालीन मूंग के रकबे में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में गेहूँ और धान के स्थान पर कृषि विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के माध्यम से दाल, रागी, जौ, मोटे अनाज, कोदो-कुटकी, रामतिल, तिल, मसाले, औषधीय फसलें, फलों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस योजना में आईटीसी, पतंजलि, देहात जैसी प्राइवेट कम्पनियों से एक लाख 86 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि विविधीकरण में 13 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से दो प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा देवारण्य योजना प्रारंभ की गई है, जिसमें तीन वर्षों में 10 हजार हेक्टेयर भूमि में औषधीय पौधों का उत्पादन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पिछले 5 सालों में प्रदेश में 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में मिशन मोड में बाँस उत्पादन किया गया है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश में राज्य प्राकृतिक कृषि बोर्ड का गठन किया गया है।

डिजिटल एग्रीकल्चर के प्रयोग

खेती में आधुनिक तकनीक के उपयोग के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि फसल बीमा पंजीयन को राज्य के लैण्ड रिकार्ड से जोड़ा गया है, जिससे ओवर और डुप्लीकेट इन्श्योरेंस को रोकने में सफलता मिली है। साथ ही बीमा भुगतान में उपज आकलन के लिए सेटलाइट आधारित रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। प्रौद्योगिकी के इन प्रभावी उपयोग से कृषि सेक्टर में लगभग 2500 करोड़ रूपये की बचत संभावित है। किसानों और राजस्व अमले की सुविधा के लिए ई-गिरदावरी एप्लीकेशन लागू कर दिया गया है। किसानों को अपनी उपज का विक्रय अपने घर से उचित मूल्य पर करने के लिए “फार्म गेट एप” भी विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में कृषि यंत्रों में सबसिडी का भुगतान ई-रूपी व्हाउचर से करने का निर्णय लिया गया है।

स्कूल शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि वर्ष 2021 के राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में मध्यप्रदेश बड़ी छलांग लगाकर देश में 5वें स्थान पर पहुँच गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एडाप्ट एन आँगनवाड़ी अभियान से आँगनवाड़ियों के कायाकल्प में जनता को जोड़ने का सफल अभियान चलाया जा रहा है। जहाँ एक ओर आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री-प्राइमरी शिक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर उच्च गुणवत्ता वाले 9200 सी.एम. राइज स्कूल खोले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में पिछले वित्त वर्ष में लगभग 18 हजार 500 स्कूल शिक्षकों की भर्ती की गई है। स्कूल में विद्यार्थियों को साइकल वितरण में भी ई-रूपी का उपयोग किया जायेगा।

उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में मातृभाषा में अध्ययन और अध्यापन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। भोपाल के गांधी मेडिकल कालेज में सत्र 2022-23 से एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई हिन्दी माध्यम में प्रारम्भ की जा रही है। साथ ही प्रदेश के 6 इंजीनियरिंग कॉलेजों में बी.टेक. कार्यक्रम और 6 पॉलीटेक्निक कॉलेजों में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की हिन्दी में पढ़ाई की व्यवस्था कर दी गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश के विद्यार्थियों को पी.एम. गतिशक्ति परियोजना से जोड़ने के लिए एक सुनियोजित रूपरेखा तैयार की जा रही है। साथ ही प्रदेश में नई खेल संस्कृति का विकास किया जा रहा है, जिससे हमारे खिलाड़ी विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि देश-भक्ति और अनुशासन विकसित करने के लिए एन.सी.सी. और एन.एस.एस. में विद्यार्थियों की भागीदारी को प्रदेश में कुल विद्यार्थियों का तीन प्रतिशत तक बढ़ाने की कार्यवाही की जा रही है।

नगरीय विकास और अर्बन गवर्नेंस

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश के नगरीय निकाय स्वच्छता का कीर्तिमान रच रहे हैं। प्रदेश के नगरों में अधो-संरचना विकास के अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं।

नगरीय निकायों के वित्तीय प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में लगभग 600 करोड़ रूपये की अनुपयोगी सम्पत्तियों को चिन्हित कर मॉनेटाइज किया जा चुका है। जी.आई.एस. और अन्य तकनीकों का उपयोग कर सभी शहरों में विकास योजना तैयार की जा रही है और पी.एम. गतिशक्ति में मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम और लॉजिस्टिक हब तैयार करने का कार्य भी प्रारम्भ किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि नगरीय विकास में नागरिकों की सहभागिता बढ़ाने के लिए “नगर गौरव दिवस” का आयोजन किया जा रहा है। सभी नगरीय निकायों में 23 सेवाएँ ऑनलाइन प्रदाय की जा रही हैं।

सुशासन के क्षेत्र में विशेष पहल

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश में सुशासन की दिशा में की जा रही पहलों की जानकारी देते हुए बताया कि देश में पहली बार प्रदेश में राज्य सांख्यिकी आयोग का गठन किया गया है, जिसके द्वारा विकासखण्ड से लेकर राज्य स्तर तक आंकड़ों को एकत्र करने और उनका विश्लेषण करने का कार्य किया जायेगा। नीति आयोग के सहयोग से मध्यप्रदेश नीति एवं योजना आयोग में एक वर्टिकल बना कर विभिन्न योजनाओं के प्रभाव आकलन हेतु विशेष कदम उठाये गये हैं। प्रदेश में 50 आकांक्षी विकासखण्डों का निर्धारण कर उनके विकास का तंत्र विकसित किया गया है। प्रदेश में नई जल नीति और नई सहकारिता नीति का भी निर्माण किया जा रहा है।

मुख्यमत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्पों को साकार करने की दिशा में मध्यप्रदेश कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में हम नेशनल एजेंडा के सभी लक्ष्य हासिल करेंगे।

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