सीएम एमपी शिवराज सिंह चौहान 29 जुलाई को करेंगे “फाइनेंशियल इनक्लूजन इंडेक्स रिपोर्ट” का विमोचन
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर भी उपस्थित रहेंगे
- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 29 जुलाई को कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में अपरान्ह 4 बजे "फाइनेंशियल इनक्लूजन इंडेक्स रिपोर्ट" का विमोचन करेंगे। इस दौरान रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर भी उपस्थित रहेंगे। रिपोर्ट अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेष्ण संस्थान द्वारा तैयार की गयी है। रिपोर्ट के विमोचन के बाद सेमीनार होगा।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 29 जुलाई को कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में अपरान्ह 4 बजे “फाइनेंशियल इनक्लूजन इंडेक्स रिपोर्ट” का विमोचन करेंगे। इस दौरान रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर भी उपस्थित रहेंगे। रिपोर्ट अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेष्ण संस्थान द्वारा तैयार की गयी है। रिपोर्ट के विमोचन के बाद सेमीनार होगा।
संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने बताया कि भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक रूप से कई कदम उठाए हैं। जन धन खातों की जैम ट्रिनिटी, आधार डिजिटल आईडी और मोबाइल फोन से आम नागरिकों तक प्रभावी वित्तीय पहुँच विकसित करना भारत की मुख्य रणनीति रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी के लिए बैंकिंग’ की कल्पना की है। केंद्रीय बैंक ने नए बैंकिंग लाइसेंस जारी करने के साथ प्रतिस्पर्धी बैंकिंग को तेज करने के लिए कार्य किया है।
मध्यप्रदेश ने राज्य और जिला स्तर पर उपाय कर इस एजेंडे को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। राज्य ने सभी प्रमुख लाभार्थी उन्मुख सरकारी योजनाओं में प्रत्यक्ष खाता हस्तांतरण को शामिल कर डिजिटल वित्तीय सेवाओं के विस्तार के प्रयास किए हैं। मध्यप्रदेश ने वित्तीय लीकेज की संभावना को रोकने के लिए प्रधानमंत्री जन-धन योजना खातों को आधार से जोड़ने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
एआईजीजीपीए ने सभी जिलों में वित्तीय समावेशन के स्तर को मापने के लिए एक सूचकांक बनाने का कार्य किया। प्रभावी वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की उपलब्धता के माध्यम से समाज के सीमांत वर्ग की सहायता के लिए इस सूचकांक का विशेष रूप से उपयोग किया जा सकता है।
कार्यक्रम में वाणिज्यिक बैंकों, राज्य सरकार के अधिकारी, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ, वित्तीय साक्षरता के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन, नाबार्ड, आरबीआई, सिडबी, एसएचजी, शिक्षाविद सहित बड़े वित्तीय सेवा प्रदाता उपस्थित रहेंगे।