सुचारू पेयजल प्रदाय पर ली आपात बैठक
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में गर्मी के मौसम में सुचारू पेयजल प्रदाय को लेकर प्रातः 6:30 पर निवास कार्यालय में आपात बैठक बुलाई। बैठक में अपर मुख्य सचिव पीएचई श्री मलय श्रीवास्तव, जल निगम के प्रबंध संचालक श्री तेजस्वी.एस.नायक, कमिश्नर भोपाल श्री गुलशन बामरा, प्रमुख अभियंता श्री के.के. सोनगरिया तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में पेयजल की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पेयजल और पानी की सुचारू आपूर्ति के लिए निर्देश दिए कि लो प्रेशर तथा बिजली के कारण टंकियों में पानी नहीं भर पाने जैसी समस्याओं और गैप्स को चिन्हित कर तत्काल समाधान किया जाए। विद्युत आपूर्ति के संबंध में त्वरित समन्वय की व्यवस्था स्थापित की जाए ।जहाँ आवश्यकता हो वहां हैंडपंप की व्यवस्था और जहाँ पानी के परिवहन की आवश्यकता हो वहाँ पानी का परिवहन करा कर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जलापूर्ति के लिए जितनी अधोसंरचना निर्मित हुई है, उसका उपयोग सुनिश्चित किया जाए। स्टाफ की कमी आउटसोर्स तथा अमले की अन्य आवश्यक व्यवस्था कर दूर की जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अधिकारी मैदानी स्तर की केवल अच्छी स्थिति ही नहीं दिखाए, समस्याओं की भी जानकारी दें। समस्याओं का समाधान करना और आवश्यक समन्वय कर हल निकालना हमारी जिम्मेदारी भी है और धर्म भी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेयजल जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति में ग्राम स्तर तक जो भी समस्याएँ आ रही हैं, जो भी गैप्स हैं, उनकी जानकारी मुझे तत्काल दी जाए। रियल टाइम सिचुएशन से मुझे अवगत कराया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूरे प्रदेश से पानी की समस्या की जानकारी मिल रही है। लोगों को राहत देना हमारा कर्त्तव्य है। अधिकारी गाँव-गाँव जाएं, समस्या देखें और उसके निराकरण के लिए कार्य कर लोगों को समाधान बताएं। मैदानी स्तर पर पानी आपूर्ति की व्यवस्था में लगे अमले को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिकारियों को तत्काल प्रदेश स्तर के अमले की बैठक लेने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मूलभूत आवश्यकताओं पर जनता की समस्या देखकर मन व्यथित होता है । जनता की मूलभूत आवश्यकताओं और अपेक्षाओं से जुड़े इन पदों पर बैठकर, यदि यह तड़प नहीं है, तो हम लोक सेवक का दायित्व नहीं निभा रहे हैं। राज्य सरकार के पास उपलब्ध अमला बेहतर कार्य कर सकता है। कर्मचारियों की क्षमता का पूरा उपयोग किया जाए। पेयजल जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को जनता को उपलब्ध कराने के लिए कर्मचारियों, अधिकारियों को भावनात्मक रूप से भी प्रेरित किया जाए। जलापूर्ति के लिए ग्रामीण विकास, नगरीय विकास ,पीएचई, सिंचाई विभाग आदि की समन्वित योजना बनायी जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समस्या ग्रस्त इलाकों में तत्काल राहत देने के साथ-साथ इन क्षेत्रों का स्थाई समाधान निकालने के निर्देश भी दिए । मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जहाँ आवश्यक हो वहाँ जल जीवन मिशन की योजनाओं का आकलन कर उनमें सुधार किया जाए।