नल से जल पहुँचने पर हर्षित है ग्रामवासी, महिलाओं और बहनों का कष्ट हुआ दूर : मुख्यमंत्री श्री चौहान
बुरहानपुर के शत-प्रतिशत ग्रामों में नल से पहुँचा जल
मुख्यमंत्री के समक्ष पचमढ़ी में जल जीवन मिशन की गतिविधियों पर मंत्री समूह का प्रस्तुतिकरण
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जल जीवन मिशन के कार्यों से अनेक गाँव में माताओं और बहनों को पीने का पानी लाने के लिए जो कष्ट होता था, उससे मुक्ति मिली है। यह एक बड़ी उपलब्धि है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के अभियंता निरंतर कार्यों का निरीक्षण कर कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करें। ग्रामवासी भी योजना की देख-रेख में सहयोग करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जल जीवन मिशन की अवधि वर्ष 2024 तक है। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में मिशन में संतोषजनक कार्य हुआ है। आवश्यकतानुसार ग्रामों में जल-प्रबंधन किया जाये। मजरे-टोलों तक पेयजल पहुँचाया जाये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेयजल योजना के बेहतर संचालन और संधारण का कार्य किया जाए। अधिक से अधिक लोगों को जल की उपलब्धता का लाभ मिले। जहाँ कहीं ट्रांसफार्मर में गड़बड़ी है, उसे ठीक करवाने और योजनाबद्ध रूप से योजना संचालित करने के लिए संबंधित विभाग और अधिकारी सजग रहें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बुरहानपुर में 30 मार्च को जल-महोत्सव में जल जीवन मिशन के संपन्न कार्यों का शुभारंभ हो रहा है। जिले के शत-प्रतिशत ग्रामों में नल से जल पहुँचने लगा है। हर ग्राम में जल-महोत्सव होगा। अन्य जिलों में भी जहाँ योजना पूर्ण हुई है, उन्हें 30 मार्च के जल-महोत्सव से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्री समूह द्वारा प्रस्तुत सुझावों पर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये। प्रमुख रूप से जो सुझाव आये, उनमें जिस गाँव में जल-स्रोत नहीं हैं, वहाँ योजना का क्रियान्वयन न करने, योजना के क्रियान्वयन से सड़कों की क्षति होने पर सुधार कार्य करवाने, पूर्ण हुई योजना का हस्तांतरण शीघ्र करने और मिशन के कार्यों को वर्ष 2024 तक पूर्ण करना शामिल हैं। मंत्रीगण डॉ. नरोत्तम मिश्रा, श्री हरदीप सिंह डंग, श्री ओमप्रकाश सखलेचा, श्री राजवर्धन सिंह आदि ने भी पेयजल आपूर्ति और जल जीवन मिशन के कार्यों पर अपने विचार रखे।
मंत्री समूह की ओर से लोक निर्माण और कुटीर एवं ग्राम उद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने प्राप्त सुझावों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 17 हजार 318 गाँवों में एकल रूप से योजना का क्रियान्वयन किया जा चुका है। इस पर 11 हजार 190 करोड़ रुपये का व्यय हुआ है। इसी प्रकार प्रदेश में 16 हजार 853 समूह नल-जल योजनाएँ क्रियान्वित की गई हैं, जिन पर 18 हजार 454 करोड रुपए का व्यय हुआ है।