नये पॉजिटिव केसेस की संख्या में हो रही कमी
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा प्रदेश के 18 जिलों की कोरोना नियंत्रण कार्य की गहन समीक्षा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संक्रमण नियंत्रण के सफल प्रयासों का अनुकरण करें। प्रदेश के कुछ जिलों में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिये शादियों की तिथियाँ भी आगे बढ़ा दी हैं। यह अनुकरणीय पहल है। प्रदेश में जनता कर्फ्यू के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम मिलने लगे हैं। नये पॉजिटिव रोगियों की संख्या में कमी आई है। स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने वालों की संख्या बढ़ी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज प्रदेश के 18 जिलों में कोरोना नियंत्रण प्रयासों की वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कोरोना नियंत्रण के प्रयासों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों की सराहना करते हुए खण्डवा, छिन्दवाड़ा और बुरहानपुर कलेक्टर को नियंत्रण के लिये किये गये प्रयासों का विवरण शासन को भेजने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर, उज्जैन, रतलाम, टीकमगढ़, धार, अनूपपुर, झाबुआ, नीमच, देवास, निवाड़ी, मंदसौर, खरगोन, शाजापुर, आगर-मालवा, अलीराजपुर, बड़वानी, खण्डवा और बुरहानपुर जिले के प्रभारी मंत्री, जन-प्रतिनिधियों और कलेक्टर से सीधे संवाद कर संक्रमण की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर में ड्राइव-इन द्वारा संक्रमण जाँच के लिये बड़े मैदानों में व्यवस्था के नवाचार की सराहना की। उन्होंने कहा कि संक्रमण की आरंभिक अवस्था में पहचान से उस पर आसानी से नियंत्रण हो जाता है। अत: संक्रमण की प्रारंभिक अवस्था में ही जाँच किया जाना जरूरी है। उन्होंने इस संबंध में जन-जागृति का व्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन गरीबों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये संकल्पित है। गरीब व्यक्ति, जिनके पास पात्रता पर्ची नहीं है, उन्हें भी नि:शुल्क अनाज उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थान पर किसी भी अवस्था में भीड़-भाड़ नहीं होना चाहिये। जन-प्रतिनिधि इस संबंध में सामुदायिक संगठनों और स्वयं-सेवी संस्थाओं के सहयोग से शादी के आयोजनों को टालने के लिये प्रेरित करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ‘कोरोना को नकेल डालो, शादियों को अभी टालो’ जैसे स्थानीय भाषा में स्लोगन बनाकर जन-जागरण के कार्य व्यापक स्तर पर किये जायें। उन्होंने कहा कि संक्रमण की चेन तोड़ना ही इस संकट से निजात दिलायेगा। चेन को तोड़ देंगे, तो इलाज की व्यवस्थाएँ भी बेहतर हो जायेंगी।
बैठक में बताया गया कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस से आये टैंकरों को खाली कर हवाई जहाज द्वारा वापस भेजा गया है। प्रदेश को ऑक्सीजन के 2 नये टैंकर भी प्राप्त हुए हैं, जिन्हें राउरकेला में फिलिंग के लिये भेज दिया गया है। उन्हें बताया गया कि प्रदेश में आज 12 हजार 758 नये केसेस आये हैं। इस तरह गत दिवस की तुलना में 700 केसेस की कमी हुई है। उपचारित होने वालों की संख्या भी बढ़कर 14 हजार 156 हो गई है। वृद्धि दर भी घटकर 21.7 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश में 204 आइसोलेशन और 64 ऑक्सीजन वाले कोविड केयर सेंटर शुरू हो गये हैं, जिनमें 12 हजार 290 आइसोलेशन बेड्स और 965 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं, जिनकी आक्यूपेंसी का प्रतिशत क्रमश: 29 और 58 प्रतिशत है।
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मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति पाँच गुना बढ़ी: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
आवश्यकतानुसार जिलों में पंहुँचाई जा रही है ऑक्सीजन
एमपीपोस्ट, 28 ,अप्रैल 2021,भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मरीजों के उपचार में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी। प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिये जो प्रयास किये गये, उसमें बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। प्रदेश में अप्रैल माह में ही ऑक्सीजन की उपलब्धता पाँच गुना हो गई है। प्रदेश में 8 अप्रैल को 130 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता थी, जो आज बढ़कर 540 मीट्रिक टन हो गई है। उपलब्ध ऑक्सीजन को विभिन्न मार्गों से होते हुए 18 जिलों में पहुँचाया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारा प्रयास है कि सभी जिलों में मांग अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति हो।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिये सरकार ने हर मोर्चे पर प्रयास किये हैं। समेकित प्रयासों से अल्प समय में मध्यप्रदेश को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन मिलना शुरू हो गई है। प्रदेश के भोपाल और इंदौर एयरपोर्ट से इंडियन एयरफोर्स के विशेष विमानों से ऑक्सीजन टैंकर प्रतिदिन बोकारो और जामनगर भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश से जिन टैंकरों को ऑक्सीजन के लिये भेजा गया, अब वे ऑक्सीजन संजीवनी लेकर वापस आना शुरू हो गये हैं। यह क्रम लगातार जारी रखा जाएगा। कोरोना काल में ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और संबंधित केन्द्रीय मंत्रालयों के द्वारा दिये गये सहयोग के प्रति आभार माना है।
ऑक्सीजन के लिये स्थानीय व्यवस्थाएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुचारू बनाने के लिये राज्य सरकार द्वारा 2000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गये हैं। इसके साथ ही जिलों में स्थानीय व्यवस्था से भी लगभग 2 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स लगाए जा चुके हैं। प्रदेश के भोपाल, रीवा, इंदौर, ग्वालियर और शहडोल जिला चिकित्सालयों में एक करोड़ 60 लाख रुपये से नवीनतम वीपीएसए तकनीक आधारित ऑक्सीजन प्लांट्स लगाये जा रहे हैं। इस नवीनतम तकनीक से ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। इन प्लांट से बनने वाली ऑक्सीजन 50 बेड्स के लिए उपलब्ध हो सकेगी।
प्रदेश के बालाघाट, धार, दमोह, जबलपुर, बड़वानी, शहडोल, सतना और मंदसौर जिलों में 5 करोड़ 87 लाख रुपये से अधिक की लागत के डेबेल तकनीक आधारित 570 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले ऑनसाईट ऑक्सीजन गैस जनरेटर प्लांट लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही 8 जिलों में भारत सरकार के सहयोग से पीएसए तकनीक आधारित 8 ऑक्सीजन प्लांट्स स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 6 प्लांट्स ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। प्रदेश के 37 जिलों के लिए राज्य सरकार स्वयं के बजट से जिला अस्पतालों में पीएसए तकनीक से तैयार होने वाले नए ऑक्सीजन प्लांट्स लगा रही है। खंडवा और सारणी थर्मल पॉवर स्टेशंस के माध्यम से 7 हजार लीटर क्षमता वाले नए ऑक्सीजन प्लांट अगले 3 सप्ताह में तैयार हो जाएंगे। इन प्लांट से लगभग 200 सिलेंडर ऑक्सीजन प्रतिदिन प्राप्त हो सकेगी। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के बेड्स को ऑक्सीजन बेड्स में परिवर्तित करने के लिए पाइप लाइन डालने का कार्य भी युद्ध स्तर पर जारी है।