विश्व स्वास्थ संगठन -WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडीशनल मेडिसिन का सेंटर मध्यप्रदेश में बने – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है की

हमारे ऋषियों ने कहा है- सारी दुनिया एक परिवार है, असहमतियों को भी स्थान है। जियो और जीने दो का भाव सदियों से है।

सब सुखी हों के पहले जरूरी है सब निरोगी हों। योग और आयुर्वेद भारत की पद्धति दुनिया की अमूल निधि है

मध्यप्रदेश में 21 प्रतिशत ट्राईबल जनसंख्या है, 89 ट्राइबल ब्लॉक हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया की राज्य में 31% वन क्षेत्र है, जबकि नेशनल एवरेज 24%है।

10 नेशनल पार्क, 23 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी हैं। 1752 आयुष डिस्पेंसरी, 23 आयुष हॉस्पिटल व 36 आयुष एलोपैथी हॉस्पिटल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा मध्यप्रदेश में आयुष की अपार संभावनाएं हैं।

कोविड काल में सरकार ने 3000 हजार प्रशिक्षको से 1 लाख लोगों को प्रतिदिन योग कराया।

निरोग रहने के लिए योग का प्रचार प्रसार हमारे प्रधानमंत्री ने दुनिया को कराया।

केमिकल से जो औषधियां बन रही हैं उससे नुकसान को हम जानते हैं, इसलिए आयुर्वेद की तरफ दुनिया जा रही है

जब हम पराधीन हो गए तो हमारी परंपराएं भुला दी गई

आज हमें अपनी प्राचीन विधाओं को लेकर गंभीर होना है

एक जिला – एक उत्पाद की हमने योजना बनाई है

औषधियों के खजाने हमारे मध्यप्रदेश में हैं।

पीढ़ी दर पीढ़ी हो औषधियों का ज्ञान ट्रांसफर होता था वो अब विलुप्त होने की कगार पर है।

20-25 साल पहले मध्यप्रदेश में आवंला व्यापक स्तर पर उगाया गया था।

जनजाति समाज को जोड़कर हम औषधियों को उगाएं।

ग्राम सभाओं को अधिकार देने की हम सोच रहे हैं

जलवायु के हिसाब से हम देखें कि कहां क्या बेहतर उत्पाद हो सकता है।

पन्ना में सबसे अच्छा आंवला होता है, तो हो सकता है अमरकंटक में कुछ और उत्पाद बेहतर हो

पौधों की आपूर्ति और प्रबंधन के लिए निजी संस्थाओं से अनुबंध भी कर सकते हैं

एफपीओ का निर्माण कर सकते हैं।

संग्रहण, पैकेजिंग, भंडारण की हमें चेन बनानी पड़ेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा हम कृषि, फॉरेस्ट, आयुष, रूरल, ट्राइबल, उद्योग, आईटी विभाग को जोड़कर हम करेंगे

औषधियों के उत्पादन से वेलनेस टूरिज़्म को भी बढ़ावा मिलेगा। रोजगार भी बढ़ेगा।

टास्क फोर्स का गठन हम जल्द कर दें।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की विश्व स्वास्थ संगठन -WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडीशनल मेडिसिन का सेंटर भी मध्यप्रदेश में बने मनरेगा से क्या हम वन औषधियों का उत्पादन करने वालों को जोड़ सकते हैं, इस पर विचार करना चाहिए।
आयुष और पर्यटन को साथ-साथ हम लेकर आएं

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