समन्वित प्रयासों से सुधर रही है मध्यप्रदेश में कोरोना की स्थिति पॉजिटिविटी दर में कमी,रिकवरी दर में वृद्धि – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा
कोरोना की चेन को तोड़ने जिला स्तर से ग्राम स्तर पर हो रहे प्रयास
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कोरोना से निपटने के लिये जो रणनीति अपनाई है, उसे अमल में लाया जाकर जन-सहयोग भी जुटाया गया है। जिला स्तर से ग्राम स्तर पर सक्रिय क्राईसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों के साथ कोरोना वॉलेंटियर्स भी पूरी लगन से कार्य कर रहे हैं। इसके साथ उपचार की माकूल व्यवस्थाओं के चलतें जहाँ एक ओर कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में सफलता मिल रही है, वहीं दूसरी ओर समन्वित प्रयासों से कोरोना की पॉजिटिविटी दर लगातार कम हो रही है और रिकवरी दर बढ़ रही है। प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट आज घटकर 10.68 प्रतिशत और रिकवरी रेट 86.10 प्रतिशत हो गया है। प्रदेश के 50 जिलों में पॉजिटिव प्रकरणों की तुलना में रिकवरी के प्रकरण अधिक हैं।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये पिछले एक माह में प्रतिदिन किये जा रहे कोरोना टेस्टिंग की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी की जा रही है। वर्तमान में 65 हजार से अधिक टेस्ट किये जा रहे हैं। रविवार 16 मई को 66 हजार 517 टेस्ट किये गए। प्रदेश में प्रतिदिन आ रहे नये कोरोना प्रकरणों की तुलना में मरीजों के रिकवर होने की संख्या ज्यादा है। शुक्रवार 14 मई को रिकवरी रेट 84.47 प्रतिशत, 15 मई को रिकवरी रेट 85.24 प्रतिशत रहा, जो आज 16 मई को घट कर 86.10 प्रतिशत हो गई है।
समुचित प्रबंधन, प्रयासों एवं चिकित्सकीय सुविधाओं की बढ़ोत्तरी से प्रतिदिन स्वस्थ और संक्रमण मुक्त होने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। प्रदेश में एक दिन में जितने लोग स्वस्थ हुए हैं, उनमें से 76.3 प्रतिशत ऐसे मरीज हैं जो होम आइसोलेशन में और 4.8 प्रतिशत ऐसे मरीज हैं जो कोविड केयर सेंटर में थे। इस प्रकार 81.1 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं जो अस्पताल जाये बिना होम आइसोलेशन और कोविड केयर सेंटर में ही स्वस्थ हो रहे हैं। शेष 18.9 प्रतिशत मरीज अस्पतालों से संक्रमण मुक्त होकर सकुशल अपने घर पहुँचे हैं।
कोविड 19 मैनेजमेंट स्ट्रेटजी
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना नियंत्रण एवं व्यवस्थाओं के लिये जो मैनेजमेंट स्ट्रेटजी अपनाई उसमें टेस्टिंग को नागरिकों के मूल अधिकार के रूप में माना गया। इसके लिये फीवर क्लीनिक, लगातार टेस्टिंग कैपेसिटी में बढ़ोत्तरी एवं टेस्टिंग के परिणाम में लगने वाले समय को कम किया गया। डिस्ट्रिक्ट कमाण्ड एवं कण्ट्रोल सेंटर द्वारा होम आईसोलेशन की मॉनीटरिंग एवं कोविड केयर सेंटर के द्वारा संस्थागत आईसोलेशन की व्यवस्था की गई। स्वास्थ्य अधोसंरचना में संर्वद्धन, मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के तहत निःशुल्क उपचार एवं ऑक्सीजन का प्रबंधन किया। फ्रण्ट लाईन वर्कर, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं एवं 45 या अधिक आयु वर्ग के समस्त नागरिकों का टीकाकरण, 18 से 45 आयु वर्ग के टीकाकरण हेतु वैक्सीन की अधिकतम उपलब्धता को सुनिश्चित करते हुए वैक्सीन के डोसेस के अपव्यय को कम किया गया। राज्य स्तर से जिला, ब्लॉक, ग्राम और वार्ड स्तर पर क्राईसिस मैनेजमेंट ग्रुप गठित कर उन्हें सक्रिय किया गया। सभी ग्राम पंचायतों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के आव्हान पर ग्रामों में जनता कर्फ्यू लगाया। इसके साथ ही किल कोरोना अभियान का पूरे प्रदेश में प्रभावी क्रियान्वयन कर प्रांरभिक चिन्हांकन और तत्काल उपचार की व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है।
होम आइसोलेशन
प्रदेश में 76 हजार 775 मरीज वर्तमान में होम आइसोलेशन में हैं। इनमें से 95 प्रतिशत मरीजों से दूरभाष पर कम से कम एक बार संपर्क किया गया है। अभी तक टेली मेडिसिन सेवा में 49 हजार मरीजों को परामर्श दिया गया। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में होम आइसोलेशन में रहने वाले 99 प्रतिशत मरीजों को मेडिकल किट और हेल्थ ब्रोशर की होम डिलेवरी की जा रही है।
कोविड केयर सेंटर्स
प्रदेश के 52 जिलों में 354 कोविड केयर सेंटर्स प्रारंभ किये जा चुके हैं, जिनमें मंद लक्षणों वाले रोगियों का इलाज किया जा रहा है। इनमें वर्तमान में कुल 21 हजार 988 आइसोलेशन बेड्स और 3240 ऑक्सीजन बेड्स स्थापित किये गए हैं। इसी प्रकार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक कुल 22 हजार 404 से अधिक संस्थागत क्वारेंटाइन सेंटर्स बनाये जा चुके हैं, जिनमें लगभग 2 लाख 69 हजार 309 से अधिक बेड्स स्थापित किये गए हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित सभी कोविड केयर सेंटर्स/ संस्थागत क्वारेंटाइन सेंटर्स में रहने वाले शत प्रतिशत मरीजों को मेडिकल किट और हेल्थ ब्रोशर प्रदान किये जा रहे हैं।
किल कोरोना अभियान
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने और संभावित कोरोना संक्रमित रोगियों के उपचार के लिये किल कोरोना अभियान-3 का संचालन 7 मई से किया जा रहा है। अभियान में ग्रामीण क्षेत्र के सर्वे के लिये लक्षित जनसंख्या लगभग 6 करोड़ 27 लाख है। सुपरवाईजरी टीम ने संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर एक लाख 83 हजार 197 व्यक्तियों को मेडिकल किट प्रदान की गई हैं और 4,492 व्यक्तियों को कोविड केयर सेन्टर और 32 हजार 717 संदिग्ध व्यक्तियों को फीवर क्लीनिक रेफर किया गया हैं। अभियान में 2,426 पॉजीटिव प्रकरणों का चिन्हांकन हुआ है। शहरी क्षेत्र में ‘किल कोरोना अभियान-3’ के तहत लगभग 2 करोड़ 16 करोड़ जनसंख्या सर्वे लक्षित किया गया हैं। 872 कोविड सहायता केन्द्र स्थापित किये गए हैं। इन कोविड सहायता केन्द्रों पर 86 हजार 159 संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर 65 हजार 213 को मेडिकल किट प्रदान की गई हैं और 13 हजार 353 संदिग्ध व्यक्तियों को फीवर क्लीनिक रेफर किया गया हैं। अभियान में 1,463 पॉजीटिव प्रकरणों का चिन्हांकन हुआ है।
कोरोना-वॉलेंटीयर्स
कोरोना वॉलेंटियर्स सरकार के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर कोविड नियंत्रण में जन-जागरूकता के कार्यों के साथ वैक्सीनेशन के लिये ग्रामीणों को प्रेरित करन, मरीजों को चिकित्सा परिवहन में सहयोग, मास्क वितरण, जरूरतमंदों को भोजन वितरण सहित जिला प्रशासन के अन्य कार्यों में अहम योगदान दे रहे हैं। प्रदेश भर में कोरोना वॉलेंटियर्स की संख्या अब एक लाख 14 हजार 137 से भी अधिक हो गयी है।
मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना
मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में प्रदेश के शासकीय अस्पतालों और कोविड केयर सेन्टर में प्रदेश का कोई भी नागरिक भर्ती होकर निःशुल्क इलाज करा सकता हैं। इस कम्पोनेन्ट के तहत अब तक एक लाख 9 हजार 871 लोगों का उपचार किया गया है। प्रदेश के चार जिलों इन्दौर, भोपाल, देवास और उज्जैन के प्राइवेट चिकित्सा महाविद्यालय के अस्पतालों में अनुबंधित बिस्तरों पर प्रदेश का कोई भी व्यक्ति भर्ती होकर निःशुल्क उपचार करा सकता हैं। इस कम्पोनेन्ट के तहत 29 हजार 848 उपचार किया गया हैं। आयुष्मान से सम्बद्ध समस्त अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड की पात्रता रखने वाले परिवार के सभी सदस्यों का निःशुल्क उपचार किया जा रहा हैं। इस कम्पोनेन्ट के तहत 7,018 मरीजों का उपचार किया गया हैं।
अस्पतालों के विरूद्ध कार्यवाही
कोविड-19 उपचार से संबंधित निजी चिकित्सालयों में कोविड उपचार से संबंधित प्रोटोकाल एवं मापदंडों के उल्लघन करने वाले चिकित्सालयों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जा रही है। अभी तक 228 प्रकरणों में 87 लाख 45 हजार रूपये का जुर्माना, 48 प्रकरणों में नोटिस और 53 प्रकरणों में एफआईआर पंजीकृत करवाई गई और 112 व्यक्तियों को राशि वापस करवाते हुए राहत प्रदान की गई।