संभावित तीसरी लहर के लिए पूरी सजगता से जरूरी इंतजाम
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रभाव को रोकने के लिए जो सामूहिक प्रयास हुए है, उसमें आशातीत सफलता भी मिली है। चिकित्सकीय विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने पूरी सजगता के साथ मेडिकल ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं के साथ जरूरी इंतजाम पूरे प्रदेश में कर लिए हैं। इन व्यवस्थाओं के साथ आवश्यक है कि प्रदेश की जनता कोरोना प्रोटोकाल के अनुकूल व्यवहार अपनाएँ और स्वयं जागरूक होकर अन्य लोगों को भी जागरूक करें।
सीटी स्केन व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में हमने जो खोया है, उससे सबक लेकर वे सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई हैं, जिनकी बदौलत हम कोरोना की तीसरी लहर के प्रभाव को बढ़ने नहीं देंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमने यह भी तय कर लिया है कि अक्टूबर माह तक सभी जिलों में सीटी स्केन की व्यवस्था उपलब्ध हो जाए। अभी तक 30 जिलों में 32 स्लाइस की सीटी स्केन मशीन लगाने का कार्य अंतिम चरण में है। शीघ्र ही सभी जिलों में सीटी स्केन मशीनें भी स्थापित कर दी जाएगी।
वैक्सीनेशन के लिये प्रदेश में होड़
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव का सबसे कारगर उपाय कोरोना वैक्सीन है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश को पर्याप्त वैक्सीन डोजेज उपलब्ध करवाकर महान कार्य किया है। मध्यप्रदेश की जनता ने भी प्रधानमंत्री की भावनाओं को सम्मान देते हुए व्यापक पैमाने पर वैक्सीन लगवाई है। वैक्सीनेशन में प्रदेशवासियों की व्यापक जन-भागीदारीका परिणाम रहा कि मध्यप्रदेश ने राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया। प्रदेश में वैक्सीनेशन कराने वालों का प्रतिशत लगातार बढ़ता जा रहा है। महानगरों की श्रेणी में इंदौर नगर ने सबसे पहले लक्षित समूह को वैक्सीन का प्रथम डोज लगाकर यह साबित कर दिया कि प्रदेश कोरोना मुक्ति की ओर अग्रसर है। साथ ही मध्यप्रदेश की अनेक पंचायतों, नगरीय निकायों और अब विकासखण्डों के भी शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन की जानकारियाँ मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में सीहोर जिले का विकासखण्ड बुधनी भी शत-प्रतिशत वैक्सीनेट हो गया है। वैक्सीनेशन के लिए पूरे प्रदेश में प्रतिस्पर्धा का माहौल बना हुआ है। वर्तमान में सामान्य टीकाकरण-सत्र में भी प्रतिदिन करीब 6 लाख वैक्सीन की डोज लगाई जा रही हैं।
आईसीयू, ऑक्सीजन बेडस में वृद्धि
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में लगातार सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इन संस्थाओं में 784 आई.सी.यू. बेड्स क्रियाशील किये गये हैं। सितम्बर माह तक 650 अतिरिक्त आई.सी.यू बेड और क्रियाशील होंगे। इन संस्थाओं में 11 हजार 156 ऑक्सीजन बेड्स क्रियाशील किये गये हैं। सितम्बर माह तक इनकी कुल संख्या 14 हजार 255 हो जायेगी। कोविड-19 परिदृश्य में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में 2993 आई.सी.यू बेड्स थे। इनकी संख्या सितम्बर तक अतिरिक्त 445 बेड्स मिलाकर 3438 हो जायेगी। कोविड-19 की तीसरी लहर में शिशुओं के संक्रमित होने की आशंका को ध्यान में रखते हुए उपलब्ध 200 पीडियाट्रिक आईसीयू बेड्स के अतिरिक्त 350 नए पीडियाट्रिक आईसीयू बेड्स का प्रबंध हो रहा है। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग की संस्थाओं में भी बच्चों के उपचार के लिए 320 नए पीडियाट्रिक आईसीयू बेड्स और 992 नए पीडियाट्रिक ऑक्सीजन बेड्स की व्यवस्था की जा रही है।
चिकित्सकों और स्टाफ की व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि चिकित्सक, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ के पदों की पूर्ति की प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो गई है। रेडियो ग्राफर, लेब टेक्निशियन और ऑप्थाल्मिक टेक्निशियन के 429 पदों पर भर्ती की भी प्रक्रिया पूरी हो गई है।
आयुष्मान कार्ड
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना प्रदेश में पूरी संवेदनशीलता के साथ संचालित की जा रही है। योजना में अभी तक 2 करोड़ 52 लाख से अधिक हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड जारी किये जा चुके हैं। योजना के हितग्राहियों को शासकीय अस्पतालों के साथ चिन्हित निजी स्वास्थ्य संस्थाओं में 5 लाख रूपये तक का नि:शुल्क उपचार दिये जाने का प्रावधान है। अभी तक 898 पैनलबद्ध निजी और सरकारी अस्पतालों के बढ़ते नेटवर्क के माध्यम से 9 लाख 13 हजारसे अधिक लाभार्थियों के उपचार पर लगभग 1200 करोड़ की दावा राशि मंजूर की जा चुकी है। यह योजना कोरोना संक्रमितों के उपचार में भी व्यापक रूप से सहयोगी रही है।