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गरीबों के कल्याण के संकल्प का प्रतीक है मध्यप्रदेश का बजट

( मध्यप्रदेश के बजट पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से बातचीत )

यह संतुलित, सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी बजट है, जो जनता के सुझावों पर बना है

 

 

सवाल – आज पेश मध्यप्रदेश के बजट में क्या खास बात है ?

जवाब – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया, जिसके लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश जरूरी है। इस दृष्टि से ही यह बजट बनाया गया है। यह गरीबों के कल्याण को सुनिश्चत करने वाला बजट है। यह एक संतुलित, सर्वसमावेशी और सर्वस्पर्शी बजट है, जो जनता से प्राप्त कर करीब चार हजार सुझावों के आधार पर बना है। यह अकल्पनीय और अद्भुत बजट है।

सवाल – गरीबों के कल्याण के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं ?

जवाब – गरीब कल्याण हमारा संकल्प है। हर गरीब को पक्की छत उपलब्ध करवाकर उसका घर का सपना पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना में 08 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण विकास के लिए 24 हजार 443 करोड़ रूपए रखे गए हैं। शहरी क्षेत्र के विकास के लिए 14 हजार 882 करोड़ रुपए की राशि रखी गई है। अधोसंरचना से जुड़ी व्यवस्थाओं के लिए पर्याप्त धनराशि रखी गई है। सड़क, सिंचाई और‍ बिजली की सुविधाएं बढ़ेंगी। सड़कों के लिए जहां 10 हजार 182 करोड़ रूपए का प्रावधान है, वहीं सिंचाई क्षमता 65 लाख हेक्टेयर तक ले जाने के लिए 11 हजार 49 करोड़ रूपए रखे गए हैं। बिजली की अधोसंरचना को ठीक करने के लिए 18 हजार 302 करोड़ रूपए का प्रावधान है।

सवाल – क्या शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी राशि बढ़ाई गई है ?

जवाब – प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेज भवनों के लिए पर्याप्त राशि दी गई है। आयुष्मान भारत के लिए 953 करोड़ रूपए और स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनाने के लिए 16 हजार 55 करोड़ रूपए की राशि रखी गई है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य में प्रयास किए जा रहे हैं। सीएम राइज विद्यालय उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देंगे। प्रदेश के बजट में शिक्षा पर 38 हजार 375 करोड़ रूपए खर्च होंगे, यह पिछले साल से 05 हजार 532 करोड़ रूपए अधिक हैं। इसी तरह पीएमश्री योजना के लिए 277 करोड़ का राज्यांश रहेगा।

सवाल – मुख्यमंत्री जी किसानों को राहत देने की दृष्टि से यह बजट क्या कहता है ?

जवाब – मध्यप्रदेश के बजट में कृषि और किसानों के लिए 53 हजार 964 करोड़ का प्रावधान है। जो किसान डिफॉल्टर हो गए है, उनकी सहकारी समितियों का ब्याज मध्यप्रदेश सरकार भरेगी। इसके लिए ढाई हजार करोड़ रूपए रखे गए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की तरफ से किसानों को 06 हजार रूपए वार्षिक और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में 04 हजार रूपए का अनुदान हर साल दिया जाता है। जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए भी प्रावधान रखा गया है। यही नहीं फसल बीमा योजना के लिए 02 हजार करोड़ रूपए और बिजली ‍बिलों पर सब्सिडी के उद्देश्य से 13 हजार करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान है।

सवाल- महिलाओं के हित में क्या नई पहल की गई है?

जवाब- आधी आबादी के पक्ष में राज्य सरकार ने अनेक योजनाओं में प्रावधान किए हैं।महिलाओं के स्वास्य् और पोषण के लिए वर्ष 2017 में प्रारंभ की गई आहार अनुदान योजना वर्ष 2019 में बंद कर दी गई थी। बैगा, भारिया, सहरिया जनजाति की महिलाओं को एक हजार रूपए प्रतिमाह की राशि वितरित की जाती थी। हमारी सरकार ने इस फिर शुरू किया। अब मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के माध्यम से गरीब वर्ग की शहरी क्षेत्र की महिलाएं भी एक हजार रुपए की राशि प्राप्त करेंगी। महिलाओं के लिए बजट में एक लाख 2 हजार 976 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।

सवाल- अधोसंरचना के लिए राशि बढ़ाने की दिशा में क्या कदम उठाए गए हैं?

जवाब- प्रदेश के बजट में 56 हजार 256 करोड़ रुपए का प्रावधान अधोसंरचना के लिए निर्धारित किया गया है। प्रधानमंत्री जी ने 5 ट्रिलियन डालर की अर्थ व्यवस्था के लिए संकल्प लिया है। मध्यप्रदेश इसमें 550 बिलियन डालर का योगदान देगा। अधोसंरचना और जनकल्याण के साथ ही जीवन मूल्यों और परम्पराओं को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उज्जैन में श्री महाकाल लोक के पश्चात अब औरछा में रामराज लोक, चित्रकूट में दिव्य वनवासी रामलोक, सागर में संत रविदान जी का स्मारक और सलकनपुर में देवी महालोक के विकास का संकल्प है। प्रदेश में अधोसंरचना से रोजगार बढ़ेंगे। चीता प्रोजेक्ट भी पर्यटन विकास में मददगार होगा। नर्मदा एक्सप्रेस वे, विंध्य एक्सप्रेस वे और अटल एक्सप्रेस वे विकास को गति प्रदान करेंगे। प्रदेश में राजस्व संग्रहण तेजी से बढ़ा है। अपने साधनों से भी राशि जुटा रहे हैं।

सवाल- युवाओं की भलाई के लिए इस बजट में कितनी राशि रखी गई है?

जवाब- मुख्यमंत्री कौशल एम्प्रेंटिस शिप योजना में एक हजार करोड़ रुपए रखे गए हैं। कौशल प्रशिक्षण के लिए रखी गई इस राशि से प्रदेश के एक लाख युवाओं को इसका फायदा मिलेगा। एक लाख से अधिक पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया चल रही है। इससे नौजवान लाभान्वित होंगे। स्वरोजगार के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यम योजना में प्रावधान किए गए हैं। भोपाल के बाद अब ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में ग्लोबल पार्क विकसित होंगे। मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना शुरु करने का निर्णय लिया है। कक्षा 12वीं में जो बालिका पहला स्थान हासिल करेगी, उसे राज्य सरकार ई स्कूटी प्रदान करेगी।

सवाल- आपने ई- स्कूटी की बात की। प्रदेश में ग्रीन एनर्जी की दिशा में सरकार की क्या सोच है? ग्रीन बजट की दिशा में क्या किया गया है?

जवाब- बालिकाओं को प्रोत्साहन स्वरूप ई- स्कूटी मिलने से उन्हें पेट्रोल भरवाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। सांची देश की पहली सोलर सिटी बनने जा रही है। ओंकारेश्वर में बांध की जल राशि पर सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए संयंत्र लगाने की पहल हुई है। अंकुर अभियान को जन अभियान बनाया गया है। प्रदेश में 15 वर्ष पुराने वाहन आगामी एक अप्रैल से बंद होंगे।

सवाल- पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जाति जनजाति के कल्याण पर कितना पैसा खर्च होगा?

जवाब- अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग, घुमंतु और अर्धघुमंतु समुदायों के लिए बजट में विशेष प्रावधान है। जनजातीय कल्याण के लिए पिछड़े वर्ष से 37 प्रतिशत अधिक राशि का प्रावधान कर कुल 36 हजार 950 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए 26 हजार 87 करोड़ रुपए का प्रावधान है।

सवाल- खेलों और खिलाड़ियों को क्या मदद मिलेगी?
जवाब- मध्यप्रदेश में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। पहले खेलों के लिए नहीं जाना जाता था। प्रदेश के खिलाड़ी खेल मैदान में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में मध्यप्रदेश तीसरे क्रम पर रहा। प्रदेश में खेलों का बजट तीन गुना बढ़ाया गया है। खेल क्षेत्र में 738 करोड़ रुपए की राशि का बजट प्रावधान है।

सवाल- कांग्रेस कह रही है हम एक हजार की जगह 1500 रुपए की राशि योजनाओं में देंगे, आप का क्या कहना है?

जवाब- कांग्रेस और कमलनाथ जी झूठ बोलते हैं। इन्हें थोड़ी शर्म तो आना चाहिए। यह वही कांग्रेस है जिसने 2017 में भी विशेष पिछड़ी जनजातियों को मिलने वाली राशि का भुगतान बंद कर दिया था। उनके पैसे खा गए। इसी तरह मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, संबल योजना और तीर्थ दर्शन योजना भी बंद कर दी। पुरानी योजनाएं बंद करने वाले और बेरोजगारी भत्ता देने की बात कहकर उससे मुकरने वाले झूठ की दुकान हैं।

सवाल- बजट के दौरान इतना हंगामा क्यों हुआ?

जवाब- खिसियानी बिल्ली खंबा नौचे । उनके पास कुछ था नहीं। वित्त मंत्री जी का भाषण हो गया। सारी चीजें जनता के पास बहुत प्रभावी ढंग से जाएंगी। इसलिए अराजकता मचाओ, चिल्लाओ हंगामा करो। इन्होंने लोकतंत्र की मर्यादाओं को तार तार किया है।

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