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संस्कृति, धर्म, परंपरा और जीवन मूल्यों का संरक्षण सरकार का दायित्व

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान ने कहा

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  • छठवाँ अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन होगा अन्य देशों को अकादमिक कार्यों के लिए विश्वविद्यालय में मिलेगा स्थान अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय की कल्पना को करेंगे साकार साँची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय की साधारण परिषद की बैठक हुई

छठवाँ अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन होगा
अन्य देशों को अकादमिक कार्यों के लिए विश्वविद्यालय में मिलेगा स्थान
अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय की कल्पना को करेंगे साकार
साँची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय की साधारण परिषद की बैठक हुई

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अधो-संरचना विकास कार्यों के संचालन और जन-कल्याण के साथ ही संस्कृति, धर्म परंपरा, जीवन मूल्य और आने वाले समय में विश्व कैसा हो, इस पर चिंतन और कार्य भी सरकार का दायित्व है। साँची बौद्ध विश्वविद्यालय के प्रकल्पों को साकार करने में राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में साँची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय की साधारण परिषद की पाँचवीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा छठवें अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन की रचना सराहनीय है। सम्मेलन की तिथियाँ निर्धारित कर सभी आवश्यक तैयारियाँ की जाएँ। राज्य सरकार इसके लिए पूरा सहयोग करेगी। साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में अन्य देशों को अकादमिक और अन्य कार्यों के लिए स्थान उपलब्ध करवा कर विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप की कल्पना को भी साकार किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि साँची विश्वविद्यालय द्वारा इंदौर में इन्वेस्टर्स समिट और प्रवासी भारतीय दिवस आयोजन के पूर्व 6 एवं 7 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का विचार प्रशंसनीय है। इसके लिए भी आवश्यक तैयारियाँ की जाएँ।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि साँची में श्रद्धा के साथ श्रीलंका और अन्य देशों से लोग आते हैं। यह स्थान राष्ट्रों को जोड़ने का आधार है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जब वे श्रीलंका गए थे तो वहाँ सीता माता के मंदिर के निर्माण और साँची में विश्वविद्यालय प्रारंभ करने का विचार समानांतर रूप से जन्मा। इसे साकार भी किया गया। भारत भूमि से बौद्ध और सनातन विचारधारा विश्व तक पहुँची। भौतिकता की अग्नि में दग्ध इस विश्व मानवता को शाश्वत सत्य का दिग्दर्शन भारत ही करवाएगा। इस दिशा में भारत आगे भी बढ़ रहा है। संभवत: यह ईश्वरीय विधान है, जिसके माध्यम हम सभी हैं। साँची विश्वविद्यालय के सभी प्रस्तावों को राज्य सरकार महत्वपूर्ण मानती है। इसके लिए हर संभव आवश्यक सहयोग दिया जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से भी संवाद स्थापित कर आवश्यक अनुदान और स्वीकृतियाँ प्राप्त की जाएंगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि साँची विश्वविद्यालय परिसर में अन्य देशों को अकादमिक कार्यों के लिए स्थान उपलब्ध करा कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय की कल्पना को साकार किया जाना चाहिए।

विश्वविद्यालय की साधारण परिषद की बैठक में संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. एस.एल.टी.एस. रिनपोचे (लोसेंग तेनजिन), प्रमुख सचिव संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला, परिषद के सदस्य नव नालंदा महाबिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ, पद्मश्री श्री कपिल तिवारी, श्री अभय कात्यायन, श्री उमेश उपाध्याय, प्रो. करम तेज सिंह और विश्वविद्यालय की कुलपति और परिषद की सदस्य सचिव डॉ. नीरजा गुप्ता उपस्थित थीं। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री शैलेंद्र सिंह और अपर मुख्य सचिव वित्त श्री मनोज गोविल भी उपस्थित थे।

विश्वविद्यालय की गतिविधियाँ

बताया गया कि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप विभिन्न कार्यों को अंजाम दे रहा है। अकादमिक सत्र में प्रवेश प्रक्रिया और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में सेमेस्टर व्यवस्था लागू की गई है। विभिन्न बत्तीस प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। साँची विश्वविद्यालय के रायसेन जिले के बारला ग्राम स्थित परिसर को परिवर्तित किया गया है। अब नवीन परिसर साँची में मध्यप्रदेश पर्यटन के गेट-वे रिट्रीट केम्पस में स्थानांतरित हो गया है। साँची के पास सलामतपुर में आवंटित भूमि पर सौंदर्यीकरण कार्य किया जा रहा है। बौद्धिक पीठ की नव रचना के लिए प्रयास किया गया है। खजुराहो में साहित्यिक उत्सव-2023 के लिए की गई पहल की भी जानकारी दी गई। आजादी के अमृत महोत्सव में गतिविधियों के साथ ही विश्वविद्यालय का दूरस्थ अध्ययन केन्द्र खजुराहो में प्रारंभ किया गया है। स्वीकृत 63 पद पर नियुक्तियों की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। अंतर्राष्ट्रीय बुद्धिस्ट सर्किट बनाने की दिशा में श्रीलंका, वियतनाम और कम्बोडिया के साथ कार्य के लिए प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। विश्वविद्यालय में वीडियो रिकार्डिंग स्टूडियो स्थापित करने की पहल की गई है। विश्वविद्यालय के भवन के लिए प्रथम चरण के कार्य पूर्णता की ओर है। आगामी छह माह में इनके पूर्ण होने की आशा है। द्वितीय चरण के लिए विभिन्न कार्यों के प्रस्ताव है। इसके लिए प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालय के भवन के द्वितीय चरण के कार्यों के लिए आवश्यक सहयोग दिया जाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन

बताया कि कि साँची विश्वविद्यालय, प्रदेश में छठवें अंतर्राष्टरीय धर्म-धम्म सम्मेलन करने का विचार कर रहा है। इसके लिए कार्यक्रम स्थल, अतिथियों को आमंत्रित करने और आवश्यक वित्त व्यवस्था के लिए कार्यवाही प्रारंभ की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस सम्मेलन के व्यवस्थित आयोजन के लिए आवश्यक तैयारियाँ प्रारंभ की जाएँ। राज्य शासन आवश्यक बजट भी उपलब्ध करवाएगा।

6 और 7 जनवरी को इन्दौर में अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस प्रस्तावित

बताया गया कि इन्दौर में 7-8 और 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रमों और 10 एवं 11 जनवरी के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का लाभ लेते हुए 6 एवं 7 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का विचार है। इसे मूर्तरूप देने के लिए साँची विश्वविद्यालय द्वारा आईसीएचआर का सहयोग लेने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें भागीदारी करने वाले देश-विदेश के विद्वतजन के नामों पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस कांफ्रेंस के लिए आवश्यक तैयारियाँ करने को कहा।

साधारण परिषद के सदस्यों के अभिमत

संस्कृति मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की संकल्पना को साकार करने में विश्वविद्यालय निरंतर कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में यह विश्वविद्यालय सफलता का चरमोत्कर्ष प्राप्त करेगा।

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. एस.एल.टी.एस. रिनपोचे (लोसेंग तेनजिन) ने कहा कि प्राचीन विधाओं के प्रति पूरे विश्व में आकर्षण देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान के निर्देशन में साँची विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय स्तर की छवि बनाएगा।

नई दिल्ली से आए श्री उमेश उपाध्याय ने कहा कि साँची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश की ओर से भारत को अनुपम देन है। श्री वैद्यनाथ लाभ, नालंदा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान भारतीय दर्शन के अध्येता हैं। साँची विश्वविद्यालय उनके इस रूझान का ही परिणाम है। साँची विश्वविद्यालय और नालंदा महाबिहार विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से भी कार्य करेंगे, ऐसा विश्वास है। महर्षि श्री अभय कात्यायन, ग्वालियर ने कहा कि साँची विश्वविद्यालय से जुड़ने वाले प्राध्यापक और शोधार्थी योग्यता के आधार पर चयनित होते हैं। श्री कपिल तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय में अकादमिक गतिविधियों के साथ ही बौद्ध कलाओं के विविध आयाम सह यात्रा करते हुए दिखाई देंगे। बौद्ध सनातनी ज्ञान परंपरा के लिए यह एक समर्पित केन्द्र के रूप में उभर रहा है।

विश्वविद्यालय के कुलगीत का लोकार्पण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विश्वविद्यालय के कुलगीत का लोकार्पण किया। इस कर्णप्रिय कुलगीत का संगीत निर्देशन संगीत निर्देशक श्री अमित त्रिवेदी ने किया है। इसका गायन श्रीमती प्रिया मलिक और श्री अरुण देव यादव ने किया है। इस गीत को साधारण परिषद के सभी सदस्यों ने सुना और मुख्यमंत्री श्री चौहान सहित परिषद के सभी सदस्यों ने गीत के शब्द चयन, संगीत और गायन शैली की सराहना की।

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