लोकतंत्र में कोई शासक नहीं, सब जनता के सेवक
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान ने कहा
- निवाड़ी जिला मुझे प्राणों से प्यारा गंभीर शिकायतों पर कलेक्टर और तहसीलदार को हटाया प्रदेश में नई सामाजिक क्रांति की शुरूआत अच्छा कार्य करने वालों को सम्मानित करेंगे और गड़बड़ी करने वालों को बख्शेंगे नहीं महाराज खेत सिंह की जयंती पर खंगार समाज के शासकीय सेवकों को मिलेगा ऐच्छिक अवकाश मुख्यमंत्री श्री चौहान गढ़कुंडार महोत्सव में हुए शामिल
निवाड़ी जिला मुझे प्राणों से प्यारा
गंभीर शिकायतों पर कलेक्टर और तहसीलदार को हटाया
प्रदेश में नई सामाजिक क्रांति की शुरूआत
अच्छा कार्य करने वालों को सम्मानित करेंगे और गड़बड़ी करने वालों को बख्शेंगे नहीं
महाराज खेत सिंह की जयंती पर खंगार समाज के शासकीय सेवकों को मिलेगा ऐच्छिक अवकाश
मुख्यमंत्री श्री चौहान गढ़कुंडार महोत्सव में हुए शामिल
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा
है कि लोकतंत्र में कोई शासक नहीं होता सब जनता के सेवक होते हैं। जनता की सेवा ही हमारा धर्म है। महाराजा खेत सिंह बहुत अच्छे शासक थे, निरंतर जन-कल्याण में लगे रहते थे। जनता की अच्छी सेवा हो जनता सुखी रहे और प्रदेश का विकास हो, इसके लिए सबको मिलकर निरंतर कार्य करना है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज निवाड़ी जिले में गढ़कुंडार महोत्सव में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खंगार समाज की पत्रिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा कन्या पूजन से हुआ। महाराजा खेत सिंह की स्मृति में यह महोत्सव प्रतिवर्ष यहाँ मनाया जाता है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नई सामाजिक क्रांति की शुरूआत हुई है। हम प्रदेश में सुशासन स्थापित कर रहे हैं। प्रदेश में जो अधिकारी, कर्मचारी जनता की बेहतर सेवा करेगा उसे पुरस्कृत और गड़बड़ी करने वालों को दंडित किया जाएगा। एक तरफ जहाँ डिंडोरी जिले में विकास मिश्रा जैसे कलेक्टर हैं जो दिन-रात कार्य करते हैं वही निवाड़ी जिले के कलेक्टर श्री तरूण भटनागर एवं तहसीलदार श्री संदीप शर्मा के विरूद्ध गंभीर शिकायतें प्राप्त हुई है। अतः निवाड़ी कलेक्टर एवं तहसीलदार को तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि निवाड़ी के समग्र विकास के लिए बहुत छोटा क्षेत्र होने के बावजूद भी उसे जिला बनाया गया। मुझे निवाड़ी प्राणों से प्यारा है। यह राजधानी से दूर का जिला है। कमिश्नर की ड्यूटी है कि यहाँ व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। जिले में जमीनों की गड़बड़ियाँ और प्रधानमंत्री आवास में अनियमितताएँ आदि की शिकायतें मिली हैं। मुख्यमंत्री ने कमिश्नर को निर्देश दिए कि सभी की जाँच करवाई जाएँ और बेईमानों को दंडित किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महाराजा खेतसिंह के नाम पर सामुदायिक भवन का निर्माण कराये जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गजानंद मंदिर परिसर का विकास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि महाराजा खेतसिंह जयंती पर खंगार समाज के अधिकारियों – कर्मचारियों को ऐच्छिक अवकाश दिया जायेगा। खंगार समाज को आगे बढ़ाने में कोई कसर शेष नहीं छोड़ी जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा यह वीरों की भूमि है, जिसे मैं बार-बार प्रणाम करता हूँ। उन्होंने कहा कि गढ़कुंडार महोत्सव लगातार चलेगा। खंगार समाज ने आज पगड़ी पहनाकर मेरा सम्मान किया है, मैं भी समाज के मान और सम्मान का पूरा ध्यान रखूँगा। समाज ने जो मांगें की हैं, उन्हें प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के लोगों द्वारा मुझे पहनाये चाँदी के मुकुट से बेटियों की शादी में पैर के बिछुए बनवाकर दिए जायेंगे।
जिले के प्रभारी और लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि गढ़कुंडार क्षेत्र में प्राथमिकता से मांगों को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजा खेत सिंह वीर पुरूष है, उनका गौरव पूरे देश में हैं। उनके वंशज देशभक्ति भाव से अपना काम करते रहे। श्री भार्गव ने कहा कि खंगार समाज आगे बढ़े, सरकार आपके साथ है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष यह सम्मेलन और बेहतर और शानदार रहेगा।
विधायक श्री अनिल जैन ने अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि यह सम्मेलन 2006 से मनाया जा रहा है। श्री जैन ने महोत्सव स्थल पर सामुदायिक भवन बनाए जाने सहित अन्य माँगों को विस्तार से रखा तथा उन्हें प्राथमिकता से पूरा कराये जाने का आग्रह किया।
इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पृथ्वीपुर विधायक डॉ. शिशुपाल सिंह यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सरोज राय, खंगार समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रमेश खंगार, श्री अखिलेश अयाची, श्री कप्तान सिंह, पूर्व मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह,सागर संभागायुक्त श्री मुकेश शुक्ला, आईजी सागर श्री अनुराग, कलेक्टर, एसपी सहित अन्य जन-प्रतिनिधि, देश भर से आए समाज के सदस्य, अधिकारी और नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद थे।