एमपी में उद्यानिकी फसलों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग मिशन मोड पर की जाए

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान

“एक जिला-एक उत्पाद” में फसल आधारित 363 खाद्य प्र-संस्करण इकाइयाँ स्थापित
इस वर्ष प्रदेश में बढ़ेगी 25 हजार मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज क्षमता
भोपाल सहित प्रदेश के दस जिलों में बन रहे ग्रीन हाउस क्लस्टर
पान की खेती के लिए भी कृषकों को दिया जा रहा प्रोत्साहन

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि “एक जिला-एक उत्पाद” योजना में जिलों में उद्यानिकी फसलों और उत्पादों की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग की गतिविधियाँ मिशन मोड पर की जाएँ। प्रदेश में 363 खाद्य प्र-संस्करण इकाइयाँ स्थापित की गई हैं। प्रधानमंत्री खाद्य उद्यम उन्नयन योजना में 212 और राज्य योजना में 151 इकाइयाँ स्थापित जा चुकी हैं, जो सराहनीय है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्यानिकी विभाग दीर्घकालीन लक्ष्य में पोटेटो टिशु कल्चर एवं एरोपोनिक लेब, हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी स्थापित करने और 1500 सूक्ष्म खाद्य प्र-संस्करण इकाइयाँ लगाने के कार्यों को पूरा करने के लिए प्रयास बढ़ाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज निवास पर उद्यानिकी तथा खाद्य प्र-संस्करण विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण (स्वतंत्र प्रभार), नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री भारत सिंह कुश्वाह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री शैलेंद्र सिंह एवं अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण श्री जे.एन. कंसोटिया सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में विकसित 14 लाख 28 हजार मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज क्षमता के विकास का कार्य हो चुका है। इस वर्ष 25 हजार मीट्रिक टन क्षमता वृद्धि का लक्ष्य पूरा करने पर फोकस किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्यानिकी विभाग के अल्पकालीन लक्ष्यों में माइक्रो इरीगेशन बढ़ाने, किसानों के खेतों पर चेनलिंक फेसिंग, नर्सरी गौ-शालाओं के कन्वर्जेन्स से जैविक बागवानी, कृषक प्रशिक्षण, माली प्रशिक्षण और उद्यानिकी फसल क्षेत्र विस्तार के कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण किया जाए। वित्त वर्ष के अंत तक संभाग और विकासखण्ड स्तर पर कार्यालय सह प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना और मुरैना में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस प्रारंभ करने का कार्य भी पूर्ण किया जाए।

दस जिलों में बनेंगे ग्रीन हाउस क्लस्टर

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समीक्षा बैठक में फसलों की उत्पादकता में वृद्धि और विविधीकरण, कृषि अधो-संरचना के प्रयास, प्रमाणित जैविक उत्पादन में वृद्धि, कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादों का मूल्य संवर्धन और अतिरिक्त रोजगार के लिए मत्स्यपालन, रेशम पालन विकास और मधुमक्खी पालन के कार्यों को गति देने के निर्देश दिए। बताया गया कि इस वर्ष सीहोर, ग्वालियर और मुरैना में इनक्यूबेशन सेंटर्स का भूमि-पूजन किया गया है। बैतूल जिले में शेडनेट निर्माण का क्लस्टर विकसित किया गया। प्रदेश के दस जिलों भोपाल सहित सीहोर, उज्जैन, रतलाम, नीमच, बड़वानी, खण्डवा, खरगौन जबलपुर और छिंदवाड़ा में ग्रीन हाउस क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।

पान की खेती को प्रोत्साहन

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में किसानों को पान की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। विशेष रूप से बुंदेलखण्ड अंचल में सागर और छतरपुर जिले में किसान इसके लिए आगे आए हैं। वर्ष 2021-22 में 520 हितग्राहियों को प्रतिइकाई 29 हजार रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। वर्तमान वित्त वर्ष में भी हितग्राहियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है।

कृषि विविधीकरण में सब्जी, पुष्प और मसाला क्षेत्र का विस्तार

प्रदेश में कृषि विविधीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में 13 हजार 328 हेक्टयर में क्षेत्र विस्तार का कार्य हो रहा है। फल, पौध-रोपण में आम, अमरूद, नीबू, काजू, अनार, अंगूर, ड्रैगन फ्रूट, स्ट्राबेरी, केला, आँवला और संतरा का उत्पादन 2 हजार से अधिक क्षेत्र में हो रहा है। सब्जी विस्तार क्षेत्र में फसल विविधीकरण का कार्य हो रहा है। इनमें टमाटर, शिमला मिर्च, खीरा, गिलकी, लोकी, भिण्डी आदि का उत्पादन लिया गया है। गतवर्ष की तुलना में सब्जी के साथ ही पुष्प क्षेत्र और मसाला क्षेत्र का विस्तार गतवर्ष की तुलना में 6.45 प्रतिशत अधिक हुआ है। प्रदेश में 137 उद्यानिकी नर्सरियों को स्व-सहायता समूहों से पीपीपी मोड पर सुदृढ़ीकरण के लिए चयनित किया गया। इससे 93 लाख 75 हजार पौधे तैयार किए गए।

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