गरीबों के लिये सरकार की सबसे अधिक जवाबदारी – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा
मध्यप्रदेश को लोक कल्याणकारी राज्य के मॉडल के रूप में स्थापित करना है
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गरीब कल्याण पर गठित मंत्री समूह को संबोधित किया
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लोकतांत्रिक सरकार की सबसे अधिक जवाबदारी गरीबों के प्रति है। गरीब और वंचित वर्ग को ही सरकार के सहयोग और समर्थन की सबसे अधिक आवश्यकता है। राज्य सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। मध्यप्रदेश को लोक कल्याणकारी राज्य के मॉडल के रूप में स्थापित करना है। अत: गरीब और वंचित वर्ग की तात्कालिक सहायता वाली योजनाओं के साथ उनके स्थाई सामाजिक और आर्थिक उन्नयन के लिए हरसंभव प्रयास पूरी गंभीरता से किए जाएँ। बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा के साथ स्थाई आजीविका के लिए बहुआयामी गतिविधियाँ संचालित की जाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमेप के अंतर्गत गरीब कल्याण के लिए गठित मंत्री-समूह की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
इस बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, पशुपालन, सामाजिक न्याय तथा नि:शक्तजन कल्याण मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री रामखेलावन पटेल, नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्री ओ.पी.एस. भदौरिया, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और समूह समन्वयक प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री फैज अहमद किदवई उपस्थित थे। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने बैठक में वर्चुअली भाग लिया।
योजनाओं के फीडबैक के लिए हितग्राहियों से जीवंत संवाद आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि खाद्यान्न वितरण का दायित्व स्व-सहायता समूहों को सौंपने पर भी विचार किया जा सकता है। इसके साथ ही गरीबों को तत्काल लाभ देने वाली वनोपज आधारित गतिविधियों और बकरी पालन, मुर्गी पालन जैसी पशुपालन से संबंधित, हितग्राहीमूलक योजनाओं का व्यापक रूप से संचालन भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मंत्री सहित सभी जन-प्रतिनिधि विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से जीवंत संवाद रखें। इससे योजनाओं के संबंध में आवश्यक फीडबैक मिलेगा और उन्हें अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
गरीबों के खाद्यान्न से छेड़छाड़ न हो
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि खाद्यान्न वितरण संवदेनशील योजना है। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पात्र व्यक्ति इससे वंचित न रहे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि खाद्यान्न वितरण में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उचित मूल्य दुकानों की मॉनीटरिंग क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों द्वारा कराई जाए। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अनियमितता करने वालों के विरूद्ध कालाबाजारी की धाराओं के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जाए। गरीबों के लिए दिए जा रहे खाद्यान्न से छेड़छाड़ पर कलेक्टर और एसडीएम नजर रखें। तहसील और विकासखण्ड स्तर पर भी सतर्कता बनाए रखी जाए।
खाद्यान्न वितरण की नवीन श्रेणी में ट्रांसजेंडर्स भी शामिल
बैठक में जानकारी दी गई कि खाद्यान्न वितरण के अंतर्गत नवीन श्रेणी में घरेलू कामकाजी कर्मी, ट्रांसजेंडर्स, मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना में सम्मिलित परिवारों और अन्य वंचित वर्ग को जोड़ा गया है। प्रदेश में 24 हजार 500 दुकानों से बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन वितरण किया जा रहा है। ‘वन नेशन वन राशन’ के अंतर्गत लगभग 4 लाख परिवारों को पोर्टेबिलिटी के माध्यम से राशन वितरण किया गया है।
3 लाख 16 हजार पथ-विक्रेताओं को 316 करोड़ रूपए का ब्याज मुक्त ऋण
बैठक में जानकारी दी गई कि शहरी गरीबों के लिए दीनदयाल रसोई योजना के अंतर्गत 119 रात्रिकालीन आश्रय स्थलों का नवीनीकरण किया गया है। दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का विस्तार 407 शहरों तक कर लिया गया है। प्रदेश में 3 लाख 16 हजार पथ-विक्रेताओं को 316 करोड़ रूपए का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया गया है। नगरीय विकास विभाग के अंतर्गत 5,416 स्व-सहायता समूहों का गठन कर 54 हजार 160 परिवारों को स्व-सहायता समूहों से जोड़ा गया है। प्रदेश में 27 हजार 452 युवाओं को कौशल विकास के अंतर्गत प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया है।
महिला स्व-सहायता समूह करेंगे सड़कों का संधारण
बैठक में बताया गया कि जनजाति बाहुल्य 15 जिलों में सड़कों का संधारण महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने पर भी विचार किया जा रहा है। बैठक में कृषि एवं किसान-कल्याण, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण, मछुआ कल्याण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, पशुपालन, श्रम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन, महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा तथा उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित गरीब कल्याण से संबंधित योजनाओं पर विचार-विमर्श हुआ।