हम ऐसा मध्यप्रदेश बनाना चाहते हैं, जिसमें साल का हर दिन बच्चों का हो – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
साल में केवल एक ही दिन बच्चों का क्यों हो, हम ऐसा मध्यप्रदेश बनाना चाहते हैं, जिसमें साल का हर दिन बच्चों का हो – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
बच्चे मुस्कुराएँ, खेलें, अपनी सृजनात्मकता को पूरी तरह अभिव्यक्त कर अपना संसार रचें
कोरोना काल में बच्चों की आशा, निराशा, हताशा और आनंद के भावों ने कैलेण्डर में चित्रों का रूप लिया
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया बच्चों से संवाद
यूनीसेफ की राज्य प्रमुख सुश्री मार्गरेट ग्वाड़ा ने की राज्य सरकार की योजनाओं की सराहना
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चाइल्ड राइट्स ऑब्जर्वेटरी म.प्र. के कैलेंडर का विमोचन किया
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि साल में केवल एक ही दिन बच्चों का क्यों हो, हम ऐसा मध्यप्रदेश बनाना चाहते हैं, जिसमें साल का हर दिन बच्चों का हो। बच्चे मुस्कुराएँ, खेलें, अपनी सृजनात्मकता को पूरी तरह अभिव्यक्त करें और अपना संसार रचें। मुख्यमंत्री श्री चौहान विश्व बाल दिवस के अवसर पर चाइल्ड राइट्स ऑब्जर्वेटरी मध्यप्रदेश द्वारा बच्चों की बनाई गई पेंटिग्स पर विकसित 2022 के कैलेंडर का निवास पर विमोचन कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के बाल अधिकार सम्मेलन की याद में 20 नवम्बर को विश्व बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यूनिसेफ के सहयोग से चाईल्ड राइट ऑब्जर्वेटरी मध्यप्रदेश, बाल अधिकारों को बढ़ावा देने और उसके संरक्षण के लिए 2007 से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित कार्यक्रम में यूनिसेफ की मध्यप्रदेश चीफ सुश्री मार्गरेट ग्वाड़ा, चाईल्ड राइट्स ऑब्जर्वेटरी की अध्यक्ष श्रीमती निर्मला बुच, संस्था की सचिव डॉ. श्रीमती शीला भाम्बल सहित लगभग 16 बाल चित्रकार भी उपस्थित रहे।
बच्चों की सृजनात्मक क्षमता का प्रकटीकरण है आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बच्चों के अंदर की सृजनात्मक क्षमता का कैलेंडर में बहुत सुंदर तरीके से प्रकटीकरण हुआ है। बच्चों ने कैलेंडर में कोरोना काल में हुई हताशा-निराशा उसके दुष्परिणाम और इन परिस्थितियों में आशा की स्थिति, आपदा को अवसर बनाने के आनंद को बखूबी अभिव्यक्त किया है। कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई की कठिनाइयों को भी कैलेंडर में स्थान मिला है। कई बच्चों को उनके माता-पिता का काम-धंधा छूटने के कारण हुई पीड़ा को भी अभिव्यक्त किया गया है। बच्चों ने माता-पिता के साथ कोरोना काल में अधिक समय तक रहने के सुख को भी अभिव्यक्ति दी है। स्नेह, प्रेम, ममता, आत्मीयता के आनंद को कोई बता नहीं सकता लेकिन बच्चों ने इन भावनाओं को भी कैलेंडर में चित्र का रूप दिया है।
परिश्रम और निरंतर प्रयास ही सफलता का आधार
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार ने जनता को साथ लेकर अभियान चलाया है। कोरोना में कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जिंदगी दॉव पर लगा दी। राज्य सरकार टीकाकरण के लिए निरंतर अभियान चला रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बच्चों से अपील की कि पढ़ाई के साथ खेलकूद-कला संगीत जैसी गतिविधियों में भी भाग लें और अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए निरंतर प्रयास करें। परिश्रम और निरंतर प्रयास ही सफलता का आधार है। प्रयासों से ही क्षमता विकसित होती है। व्यक्ति की प्रतिबद्धता और उसके प्रयास ही व्यक्ति को लक्ष्य प्राप्ति में मदद करते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बच्चों को अपना जीवन समाज और देश के लिए उपयोगी बनाने का संदेश दिया।
बच्चों की अपील का लोगों पर भावनात्मक प्रभाव – टीकाकरण के लिए करें लोगों को प्रेरित
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में शत-प्रतिशत कोविड-19 टीकाकरण सुनिश्चित करने के अभियान में बच्चों से सहयोग करने की अपील की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उपस्थित बच्चों से कहा कि वे टीकाकरण के लिए सोशल मीडिया पर अपने संदेश डालें। बच्चों की अपील का लोगों पर भावनात्मक प्रभाव होता है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बाल चित्रकारों से किया संवाद
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बाल चित्रकारों से संवाद किया। भोपाल की सुश्री रिमझिम दत्ता ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से कहा कि उनके स्कूल में कला तथा खेलकूद जैसी गतिविधियों के लिए सप्ताह में केवल आधा घंटे का समय होता है। रिमझिम ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से इसे बढ़ाने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल की सुश्री गौरी बिजरोनिया से कहा कि कोरोना काल में स्कूल के वातावरण से वंचित रहने की बच्चों की तकलीफ को देखते हुए ही स्कूल पुन: शुरू किए गए हैं, पर बच्चे मास्क लगाना नहीं छोड़ें।
सामाजिक सुरक्षा के लिए विकसित की गई व्यवस्था प्रभावी
यूनिसेफ की मध्यप्रदेश चीफ सुश्री मार्गरेट ग्वाड़ा ने मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा महिला सशक्तीकरण और विशेष रूप से बालिकाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए चलाई जा रही योजनाओं तथा शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए जारी प्रयासों की सराहना की। सुश्री ग्वाड़ा ने कहा कि प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा के लिए विकसित की गई व्यवस्था प्रभावी है।
बच्चों के मत को नीति निर्माण एवं कार्यक्रमों में सम्मिलित किया जाए
यूनीसेफ के सहयोग से चाइल्ड राइट्स ऑब्जेर्वेटरी मध्यप्रदेश इस बात की पैरवी करती है कि बच्चों के मत को भी सुना जाए और उन्हें नीति निर्माण व कार्यक्रमों में सम्मिलित किया जाए। यूनीसेफ तथा चाइल्ड राइट्स ऑब्जेर्वेटरी ने प्रदेश के 25 जिलों के बच्चों की वर्कशॉप कर यह कैलेण्डर विकसित किया। कैलेण्डर में इन्हीं बच्चों द्वारा निर्मित चित्र हैं। कोरोना काल में चाइल्ड राइट्स ऑब्जर्वेटरी ने प्रदेश के बच्चों की मदद की दृष्टि से उन्हें कला से जोड़ा। ऑनलाइन कार्यशाला के माध्यम से चित्रकला की बारीकियों से अवगत कराया और बच्चों को चित्रों के माध्यम से अपने मन की बात कहने के लिए प्रोत्साहित किया। कोरोना काल में प्रभावित हुए बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य के अधिकार तथा बच्चों द्वारा उनकी स्वयं की परिस्थिति, मनोदशा और सोच पर आधारित चित्रों को 2022 के कैलेण्डर में शामिल किया गया है। यह कैलेंडर “चिल्ड्रन फर्स्ट” के नाम से संयोजित किया गया है।
बच्चों के चित्रों से सजा है कैलेण्डर
कैलेण्डर में भोपाल की गौरी बिजरोनिया, भोपाल के आर्यन दिवाकर, रिमझिम दत्ता, रानी परस्ते, पंकज यादव, तन्मयी मिश्रा, ग्वालियर की सृष्टि राजपूत, इंदौर की वेदही सिंह, उज्जैन की जफिरा कबीर खान, रायसेन के विजय कुशवाह, छतरपुर की आस्था जैन और भिण्ड के नवनीत सिंह के चित्र सम्मिलित किए गए हैं।