CHIEF MINISTER MP -डॉ मोहन यादव का एक साल, मध्यप्रदेश की नयी रफ़्तार: अधोसंरचना विकास की नई उड़ान: जनता के लिए, जनता के साथ
डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में कनेक्टिविटी और अधोसंरचना में ऐतिहासिक प्रगति- लेखक : डॉ हितेष वाजपेयी
मध्यप्रदेश, जो हमेशा से भारत का दिल कहलाता है, अब विकास के हर क्षेत्र में भारत का नेतृत्व कर रहा है। पिछले एक वर्ष में प्रदेश ने अधोसंरचना विकास और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में जो कीर्तिमान स्थापित किए हैं, वे न केवल प्रदेश को सशक्त कर रहे हैं, बल्कि देशभर के लिए एक मिसाल भी बन रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री डॉ. मोहन यादव जी के कुशल नेतृत्व में राज्य ने सड़क, रेल और हवाई परिवहन से जुड़ी परियोजनाओं को अभूतपूर्व प्राथमिकता दी है। ये परियोजनाएं प्रदेश की प्रगति को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं। आइए, जानते हैं इन ऐतिहासिक उपलब्धियों के बारे में विस्तार से।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी के नेतृत्व में कनेक्टिविटी का क्रांतिकारी सफर
“जहां सड़कों का जाल होगा, वहां विकास अपने आप पहुंचेगा!” यह केवल एक कथन नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में साकार हो रही सच्चाई है। पिछले एक वर्ष में मध्यप्रदेश ने सड़कों और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में वह कर दिखाया है, जो अब पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन चुका है। चाहे वह गांव-गांव तक पक्की सड़कों का विस्तार हो या हाईवे और एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण, हर परियोजना प्रदेश को तेज़ गति से प्रगति की राह पर ले जा रही है।
हो रहा सड़क निर्माण: गांव से शहर तक प्रगति की रफ्तार
10,000 करोड़ रुपये का बजट इन कार्यों को पूर्ण करने हेतु आवंटित किया गया है जिसका उपयोग सड़क और पुलों के निर्माण और संधारण के लिए होगा, जो प्रदेश की समृद्धि की मज़बूत नींव बन रहा है। आज 724 किमी लंबाई की 24 सड़क परियोजनाएं स्वीकृत हैं जिनका लोकार्पण और शिलान्यास प्रदेश की कनेक्टिविटी को एक नई दिशा दे रहा है।
ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे, जैसे कि उज्जैन-जावरा मार्ग और उज्जैन-इंदौर सिक्स-लेन हाईवे परियोजनाएं क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को नया आयाम दे रही हैं। साथ ही प्रदेश में 8,565 गांवों को 19,378 किमी लंबी सड़कों से जोड़ा गया है जिसके अधीन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों को अब शहरों की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। 2024-25 के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 3 के तहत 1,000 किमी नई सड़कों का निर्माण और 2,000 किमी सड़कों का नवीनीकरण प्रस्तावित है।
एलिवेटेड कॉरिडोर: शहरी यातायात की नई उड़ान
भोपाल, देवास, ग्वालियर, जबलपुर और सतना जैसे शहरों में एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण न केवल यातायात की समस्याओं को दूर कर रहा है, बल्कि शहरों को आधुनिक स्वरूप भी दे रहा है। इंदौर और भोपाल जैसे मेट्रो शहरों में यातायात अब सुगम और तेज़ हो रहा है, जिससे लोगों का समय और ऊर्जा बच रही है।
सड़कों से बदल रही हैं ज़िंदगियां
डॉ. मोहन यादव जी की सोच के केंद्र में हमेशा आम नागरिक रहे हैं। चाहे किसानों की फसलों को मंडियों तक आसानी से पहुंचाना हो या छात्रों को गांवों से स्कूलों तक, ये सड़कें केवल गड्ढों को भरने का काम नहीं कर रही हैं, बल्कि लोगों के जीवन को बेहतर बना रही हैं।
मोहन-सरकार में मध्यप्रदेश बना कनेक्टिविटी का नया मॉडल
मध्यप्रदेश अब न केवल हर गांव को जोड़ने की दिशा में काम कर रहा है, बल्कि शहरों के बीच हाई-स्पीड कनेक्टिविटी और हरित सड़कों का निर्माण भी कर रहा है। इन परियोजनाओं के माध्यम से व्यापारियों को नए बाजार, किसानों को नई मंडियां और युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। ग्रीनफील्ड और हाई-स्पीड कॉरिडोर जैसे प्रोजेक्ट मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए निवेशकों के लिए आकर्षक बना रहे हैं।
“यह केवल सड़कें नहीं, प्रदेश की प्रगति की नई धमनियां हैं। डॉ. मोहन यादव और मुख्यमंत्री जी की यह दूरदर्शी सोच हर नागरिक के जीवन को सहज, सुरक्षित और समृद्ध बना रही है।”
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में हवाई कनेक्टिविटी का सुनहरा अध्याय: हमारी आसमान की नई उड़ान
“आसमान छूने के लिए पंखों की नहीं, हौसलों की जरूरत होती है।” और जब प्रदेश के नेतृत्व में डॉ. मोहन यादव जैसे दूरदर्शी नेता हों, तो विकास के पंख अपने आप फैल जाते हैं। मध्यप्रदेश अब सिर्फ सड़कों पर दौड़ नहीं रहा, बल्कि आसमान में भी ऊंची उड़ान भर रहा है। नई हवाई सेवाओं, आधुनिक एयरपोर्ट परियोजनाओं और तेज़ी से बढ़ती कनेक्टिविटी ने प्रदेश को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
ग्वालियर का गौरव: राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट
ग्वालियर में देश का सबसे बड़ा और सबसे तेज़ी से तैयार हुआ राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट प्रदेश की प्रगति का जीता-जागता उदाहरण है। आधुनिक सुविधाओं से लैस यह एयरपोर्ट न केवल ग्वालियर बल्कि पूरे मध्यप्रदेश को नए निवेश, पर्यटन और कनेक्टिविटी के लिए आकर्षक बना रहा है।
रीवा ने भरी विंध्य की पहली उड़ान
रीवा ने अपना सपना साकार करते हुए मध्यप्रदेश का छठा एयरपोर्ट हासिल किया है। डॉ मोहन यादव जी ने किया रीवा एयरपोर्ट का उद्घाटन और अब विंध्य क्षेत्र को देश से जोड़ने का यह ऐतिहासिक कदम विकास की नई राह खोल रहा है। यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और हवाई सेवाओं के विस्तार की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है।
आसमान में बढ़ती उड़ानें
ग्वालियर से शुरू हुईं नई उड़ानें, बेंगलुरु, दिल्ली और अहमदाबाद के लिए नई हवाई सेवाओं की शुरुआत ने व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर खोले हैं। हवाई यात्रा को और बेहतर बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये की लागत से वंदे भारत ट्रेनों के लिए नया कोचिंग कॉम्प्लेक्स भी स्थापित किया गया है।
हवाई कनेक्टिविटी से बदलता मध्यप्रदेश
यह केवल हवाई अड्डों और उड़ानों का विस्तार नहीं है अपितु यह मध्यप्रदेश को भारत और दुनिया से जोड़ने की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है। इसके माध्यम से व्यापारियों को तेज़ परिवहन सुविधा मिलेगी, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे कि स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है।इस प्रयास से प्रदेश के दूरदराज़ क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने की पहल भी हो रही है।
डॉ. मोहन यादव की सोच से हमारी उड़ान को लगे पंख
डॉ. मोहन यादव का मानना है कि जब परिवहन के सभी माध्यम मजबूत होंगे, तभी विकास का पहिया तेज़ी से घूमेगा। हवाई सेवाओं का यह विस्तार प्रदेश को न केवल देश, बल्कि दुनिया से जोड़ रहा है।
“मध्यप्रदेश अब केवल ज़मीन पर नहीं, आसमान में भी चमक रहा है। यह केवल कनेक्टिविटी नहीं, बल्कि प्रदेश के हर नागरिक के सपनों की उड़ान है।”
डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में रेल सेवाओं का हुआ अभूतपूर्व विस्तार: रेलवे विकास का स्वर्णिम युग
मध्यप्रदेश की धरती पर रेल सेवाओं ने विकास की नई पटरियां बिछा दी हैं। यात्री सुविधाओं से लेकर औद्योगिक विस्तार तक, रेलवे परियोजनाओं ने प्रदेश को देश के प्रमुख राज्यों में शामिल कर दिया है।
हमारे प्रदेश में वंदे भारत बनी गति और गर्व का प्रतीक
मध्यप्रदेश को अपनी चौथी सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस (खजुराहो-हजरत निजामुद्दीन) की सौगात मिली है। यह ट्रेन यात्रियों के लिए न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि पर्यटन स्थलों जैसे खजुराहो को विश्वस्तर पर नई पहचान दिलाएगी। यात्रियों के आराम और तकनीकी सुविधाओं का अद्भुत संगम वंदे भारत एक्सप्रेस को एक नई ऊंचाई प्रदान करता है।
इंदौर-मनमाड रेलवे लाइन बनी नयी औद्योगिक क्रांति का आधार
18,036 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इंदौर-मनमाड रेलवे लाइन परियोजना से औद्योगिक क्षेत्रों को जबरदस्त लाभ होगा। इस 309 किमी लंबी रेल लाइन पर 30 नए रेलवे स्टेशन बनेंगे। यह परियोजना न केवल इंदौर, बल्कि बड़वानी, धार, खरगोन और खंडवा जैसे जनजातीय जिलों के लिए आर्थिक और औद्योगिक विकास का नया द्वार खोलेगी।
नई रेल कॉरिडोर: प्रगति की नई पटरियां
भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर और आगरा-ग्वालियर हाई-स्पीड कॉरिडोर जैसी परियोजनाएं प्रदेश को आधुनिक रेलवे नेटवर्क से जोड़ रही हैं। इन कॉरिडोर परियोजनाओं से यातायात की गति तेज होगी और माल ढुलाई की क्षमता में जबरदस्त वृद्धि होगी।
रेलवे स्टेशन पुनर्विकास: भविष्य के स्टेशन
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कर कमलों से प्रदेश के 33 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य प्रारंभ हुआ। इन स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं और विश्वस्तरीय ढांचे से सुसज्जित किया जाएगा। साथ ही, 133 रेलवे ओवर ब्रिज और अंडरपास का लोकार्पण प्रदेश के यातायात को और भी सुगम बना रहा है।
डॉ. मोहन यादव का नेतृत्व: विकास की गति को मिली नई ऊर्जा
डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शिता और विकासशील दृष्टिकोण ने मध्यप्रदेश को रेल अधोसंरचना में अग्रणी बना दिया है। ये परियोजनाएं न केवल वर्तमान को बेहतर बना रही हैं, बल्कि प्रदेश के भविष्य को भी सुनहरा कर रही हैं। इन रेल परियोजनाओं ने मध्यप्रदेश को हर तरफ से मजबूत किया है, यात्रियों की सुविधा बढ़ी है और साथ साथ औद्योगिक विस्तार के लिए नया आधार तैयार हुआ है। पर्यटन स्थलों की भी पहुंच आसान और तेज हो गई है।
“यह केवल रेलवे का विस्तार नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की यात्रा है।”
हरित-परिवहन में अग्रसर मध्यप्रदेश: डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री जी की दूरदर्शिता का परिणाम: मेट्रो और ई-बस सेवा: हरित और आधुनिक परिवहन
मध्यप्रदेश अब केवल प्रगति की राह पर नहीं, बल्कि हरित परिवहन की दिशा में भी तेजी से कदम बढ़ा रहा है। डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए परिवहन के हरित और आधुनिक स्वरूप को अपनाने की ओर अग्रसर है।
मेट्रो: शहरों की नई पहचान
भोपाल और इंदौर में मेट्रो परियोजनाएं, जिनके तहत 8 नए मेट्रो स्टेशनों का भूमिपूजन हुआ, प्रदेश की परिवहन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं। मेट्रो परियोजना से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण में भी बड़ी मदद मिलेगी। यह कदम मध्यप्रदेश को स्मार्ट शहरों की श्रेणी में और ऊपर उठाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
नयी ई-बस सेवा है हरियाली की सवारी
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 550 ई-बसों के संचालन का निर्णय हरित परिवहन की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। इन ई-बसों से न केवल यातायात की लागत घटेगी, बल्कि पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर जैसे शहरों में यह सेवा यात्रियों को आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प देगी। डॉ. मोहन यादव और मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हरित परिवहन न केवल पर्यावरण के प्रति प्रदेश की जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि यह मध्यप्रदेश को आधुनिक, टिकाऊ और स्मार्ट प्रदेश बनाने के दृष्टिकोण का हिस्सा भी है।
इंदौर-उज्जैन मेट्रो: ऐतिहासिक और आधुनिकता का संगम
इंदौर और उज्जैन के बीच मेट्रो ट्रेन सेवा शुरू करने की योजना प्रदेश के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी है। यह परियोजना न केवल दो शहरों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी, बल्कि पर्यटन स्थलों को भी और अधिक सुलभ बनाएगी। यह कदम उज्जैन के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को आधुनिक परिवहन के साथ जोड़ने की अनूठी पहल है।
“यह हरित परिवहन की शुरुआत नहीं, बल्कि पर्यावरण और प्रगति के सामंजस्य की ओर बढ़ने का एक मजबूत कदम है।”
न्याय और प्रशासन में नए आयाम: डॉ. मोहन यादव और मुख्यमंत्री जी की दूरदर्शिता का परिणाम
मध्यप्रदेश न केवल भौतिक कनेक्टिविटी में आगे बढ़ रहा है, बल्कि न्याय और प्रशासनिक संरचनाओं को मजबूत कर एक समृद्ध और सशक्त भविष्य की नींव रख रहा है। डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश न्यायिक और प्रशासनिक व्यवस्थाओं के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की ओर अग्रसर है।
न्यायिक प्रशिक्षण: जबलपुर बना केंद्र
जबलपुर में 485 करोड़ रुपये की लागत से मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी का निर्माण, न्यायिक सुधारों और विकास में एक बड़ा कदम है। यह अत्याधुनिक अकादमी न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सर्वोत्तम प्रशिक्षण और सुविधाएं प्रदान करेगी। प्रदेश में न्यायिक तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में यह पहल देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बनेगी।
भोपाल: प्रशासनिक सुधारों का केंद्र
राजधानी भोपाल में नए प्रशासनिक भवनों और अधोसंरचना विकास परियोजनाओं को स्वीकृति देकर प्रशासन को और अधिक संगठित और आधुनिक बनाया जा रहा है। यह पहल प्रशासनिक कार्यों को सुचारू और पारदर्शी बनाने में सहायक होगी। नई अधोसंरचना न केवल कामकाज को सरल बनाएगी, बल्कि जनता को बेहतर सेवाएं भी प्रदान करेगी।
एक बेहतर न्याय और प्रशासन के लिए प्रतिबद्ध
डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री जी की ये उपलब्धियां यह साबित करती हैं कि मध्यप्रदेश न केवल भौतिक विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, बल्कि न्याय और प्रशासन को भी मजबूत और सशक्त बनाने की ओर अग्रसर है।
“यह केवल इमारतों का निर्माण नहीं, बल्कि न्याय और प्रशासन की नींव को मजबूत करने की पहल है।”
अधोसंरचना विकास: जनता के लिए, जनता के साथ
डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री जी का यह प्रयास मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ा रहा है। सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी के क्षेत्र में उठाए गए ये कदम राज्य की आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक संरचना को मजबूत करने के साथ-साथ नागरिकों की जीवनशैली को बेहतर बना रहे हैं।
मध्यप्रदेश आज एक प्रेरणा है, जो दिखा रहा है कि सही नेतृत्व और दूरदर्शिता से कैसे हर क्षेत्र में बदलाव लाया जा सकता है। अधोसंरचना विकास की ये उपलब्धियां न केवल प्रदेश को, बल्कि देश को भी विकास के पथ पर नई दिशा दे रही हैं।
( लेखक : डॉ हितेष वाजपेयी, मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हैं )