आपदा दल सक्रिय रहें, आमजन सावधानी रखें : मुख्यमंत्री श्री चौहान
वल्लभ भवन सिचुएशन रूम से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा समीक्षा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दोपहर वल्लभ भवन स्टेट सिचुएशन रूम से प्रदेश में वर्षा की वर्तमान स्थिति, चंबल बेसिन में बाढ़ और राहत कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान बुधवार को चंबल क्षेत्र में अति वर्षा की स्थितियों का जायजा लेने भी गए थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से इन जिलों के प्रभावित नागरिकों से अनुरोध किया कि सरकार हर पल आपके साथ है, लेकिन नागरिक खुद भी सजग रहें। जीवन महत्वपूर्ण हैं। ऊँचाई के स्थानों पर जाने के प्रशासन के आग्रह और प्रयास में सहयोगी बनें। उन्होंने बताया कि आमजन को बचाने के लिये 3 हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी की गई है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कमिश्नर ग्वालियर से बाढ़ राहत कार्यों में समन्वय की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री चौहान ने अति वर्षा की वर्तमान स्थिति, चंबल बेसिन में बाढ़ और यमुना नदी के बेक वाटर से जल-स्तर बढ़ने और इसके कारण कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनने और संचालित राहत कार्यों की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि प्रभावित इलाकों में आपदा दल निरंतर रेस्क्यू कार्य में लगे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रभावितों के लिए भोजन और पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। चंबल संभाग के तीनों कलेक्टर्स से मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्योपुर कलेक्टर श्री शिवम वर्मा, भिंड कलेक्टर श्री शैलेंद्र चौहान और मुरैना कलेक्टर श्री कार्तिकेय से विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चंबल संभाग के तीनों कलेक्टर से चर्चा प्रारंभ की। उन्होंने चंबल नदी के जल-स्तर को लेकर चर्चा की। मुरैना कलेक्टर ने बताया कि चंबल नदी का जल-स्तर लगातार बढ़ा है, लेकिन स्थिति को देखते हुए समुचित व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई हैं।
मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा सहित संबंधित अधिकारी वल्लभ भवन सिचुएशन रूम में मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रमुख निर्देश
अति वर्षा और बाढ़ से आमजन भी सतर्क रहें।
आमजन से अपील की जाए कि चंबल बेसिन में न जाए, सावधान रहें। प्रशासन के प्रयासों में सहयोग करें।
प्रशासन खाने के पैकेट और आवश्यक सामग्री की व्यवस्था रखें।
जहाँ जरूरी है वहाँ दिन में रेस्क्यू करें, रात का इंतजार न करें।
हेलीकॉप्टर का उपयोग कर लोगों को निकाल कर राहत कैंप में पहुँचाएँ।
पूरी तरह सावधानी बरतें। समन्वय के साथ काम किया जाए।
जन-प्रतिनिधियों को साथ लेकर जन-भागीदारी के साथ लोगों की मदद करने में जुटें।
लोगों को लगातार जागरूक कर सावधानी बरतने को कहे।
मुख्यमंत्री कार्यालय और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही सिचुएशन रूम से लगातार संपर्क में रहें और जो भी जरूरत लगे तुरंत सूचित करें।