मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 20,जनवरी 2022 को कलेक्टर, कमिश्नर कॉन्फ्रेंस की इस मैराथन बैठक के बिंदु एक नज़र में
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज 20,जनवरी 2022 को राज्य मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल में कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस की महत्वपूर्ण बैठक में कुल 15 महत्वपूर्ण विषयो की विस्तार से चर्चा और समीक्षा की
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में कानून व्यवस्था, माफिया के विरुद्ध कार्यवाही और महिला अपराध नियंत्रण,
नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान कार्यवाहियो,
नगरीय् क्षेत्र में सड़कों और अन्य सभी प्रकार के सड़क मार्गो के संधारण,
नगरीय क्षेत्रों में मल – जल निकासी सीवेज ट्रीटमेंट,
जल जीवन मिशन के कार्यों,
धान उपार्जन, कोविड टीकाकरण , अस्पतालों में बेड की उपलब्धता और आयुष्मान,
विमुक्त घुमक्कड़ अर्ध घुमक्कड़ जातियों के जाति प्रमाण पत्र बनाने की कार्रवाई,
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जातियों के श्रमिकों और फेरी वालों के लिए अलग से पहचान पत्र बनाने के कार्यो की प्रगति,
पशुपालकों और मत्स्यपालको को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की समीक्षा की साथ ही शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में कमी लाने की रणनीति,अडॉप्ट एन् आंगनवाड़ी अभियान और जन सहभागिता से निजी स्पॉन्सरशिप कार्यक्रम के संचालन के संबंध में चर्चा की।
बैठक में बेस्ट प्रैक्टिसेज् का प्रस्तुतीकरण किया गया।
विगत बैठक के पालन प्रतिवेदन के अंतर्गत प्रमुख विषयों में आपकी सरकार आपके साथ अभियान, मुख्यमंत्री आवासीय भू अधिकार योजना, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना, अंकुर अभियान , ऊर्जा साक्षरता, माफियाओं से मुक्त हुए भूखंडों के उपयोग पर चर्चा और समीक्षा की
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने Adopt an Anganwadi” आओ, एक आंगनवाड़ी गोद ले बाप जोर दिया
सबसे अधिक आवेदन प्राप्त करने वाले वाले 05 जिले
आगर, सिवनी, सिंगरौली, बुरहानपुर, सीधी
सबसे कम आवेदन वाले जिले
दमोह, भिंड, शिवपुरी, अनूपपुर, विदिशा
मुख्यमंत्री द्वारा adopted आंगनवाडी अंतर्गत भोपाल में 01 आंगनवाड़ी तथा सीहोर जिले में 01 आंगनवाड़ी केंद्र गोद में लिया जाना प्रस्तावित है
‘Adopt an Aanganwadi’ आओ एक आंगनवाड़ी गोद लें की समीक्षा में सीएम ने कहा-
– विधायकों और सांसदों को एक आंगनवाड़ी गोद लेने के लिए मैं अनुरोध करूंगा।
– समस्त कलेक्टर्स भी एक-एक आंगनवाड़ी गोद लें।
– आंगनवाड़ी को ठीक करना और महीने में कम से कम 1 बार उसका अवलोकन करना चाहिए।
– जनभागीदारी मॉडल से हमने आश्चर्यजनक काम किये हैं।
– अगर हम यह मैसेज समाज में प्रभावी रूप से पहुँचायें, तो आंगनवाड़ियों का कायाकल्प हो जाएगा।
55 हज़ार लोगों ने आंगनवाड़ी गोद ली हैं, उन्हें जोड़ें और उन्हें क्या काम करना है, बताएँ।
मध्यप्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन की स्थिति
अब तक दी गई कुल डोज – 10.82 करोड़
18+ आयु समूह की स्थिति
अनुमानित 18+ जनसंख्या- 549.5
कुल डोज 18+ – 1,043.4
फर्स्ट डोज- 533.6 (97.1%)
सेकेंड डोज- 509.6 (92.8%)
15-17 आयु वर्ग की स्थिति (डोज लाख में)
कुल जनसंख्या- 48 लाख
फर्स्ट डोज- 34.0 लाख (70.9%)
सेकेंड डोज- 45.3 लाख (94.3%)
प्रेकॉशन डोज की स्थिति
HCW – Doses | % coverage of total eligible as of today- 2,08,846| 68.8%
FLW – Doses | % coverage of total eligible as of today
– 1,55,707 | 65.3%
60+ with comorbidities – Doses- 92,545
Total Precaution Doses administered- 4,57,098
गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की स्थिति
कुल टीकाकरण- 6,69,891
फर्स्ट डोज- 3,59,116
सेकेंड डोज- 3,10,775
देवास ज़िला प्रशासन द्वारा 15-17 आयुवर्ग के वैक्सीनेशन का कार्य सही ढंग से न करने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अप्रसन्नता व्यक्त की।
बार-बार बात करने के बाद भी कुछ जगह बहुत कम मात्रा में आईसीयू बेड्स अक्रियाशील हैं, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। ( बड़वानी, डिंडौरी, सतना, शाजापुर, रायसेन)
बड़वानी में आईसीयू/एचडीयू बेड्स के कॉन्ट्रैक्टर के खिलाफ एक्शन लें, उसे ब्लैकलिस्ट करें।
यह आपराधिक लापरवाही है, उसका पेमेंट रोकें।
– अगर यह लहर भयानक होती, तो कौन ज़िम्मेदारी लेता?
शाजापुर के कॉन्ट्रैक्टर को भी ब्लैकलिस्ट करें।
कोविड टीकाकरण, अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या और आयुष्मान कार्ड की समीक्षा की
– दतिया ने वैक्सीनेशन का काम बेहतर ढंग से किया है, जिसके लिए जिला प्रशासन को बधाई दी ।
– सभी कलेक्टर्स सभी को साथ जोड़कर वैक्सीनेशन का काम पूरा करें।
– एक सप्ताह के बाद हम पुनः इस विषय पर बैठक करेंगे।
– मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा मध्यप्रदेश ने वैक्सीनेशन का काम अच्छा किया है, जितना शेष रह गया है, उसका काम एक सप्ताह में पूरा करें।
धान उपार्जन को लेकर सीएम ने दिये महत्वपूर्ण निर्देश
– जो काम होते जा रहे हैं, उनका बुलेटिन बनाएँ।
– उपार्जन के लिए उत्तरप्रदेश से लाये जाने वाले क्रांति धान को प्रभावी रूप से रोकने के लिए दतिया ज़िला प्रशासन को बधाई देता हूँ।
– बाहर से आने वाले धान का उपार्जन न हो, इसका ध्यान सभी ज़िले रखें।
– विभाग और कलेक्टर्स ने धान उपार्जन का काम अच्छे से किया है। इसके लिए बधाई देता हूँ।
– किसानों के खातों में पैसा पहुँचे, अनावश्यक देरी न हो, इसके लिए अब प्रयास करें।
-जिलों में भंडारण,आगामी उपार्जन कार्यों की तैयारी कर लें।
-उपार्जित खाद्यान की राशि का भुगतान सुनिश्चित करें।
-प्रदेश के किसानों को आवश्यक सुविधाएं मिलें,
खरीफ उपार्जन
पंजीकृत कृषक
धान – 833865
ज्वार – 19923
बाजरा – 51670
कुल खरीदी
धान – 4364984
ज्वार – 32737
बाजरा – 11566
समर्थन मूल्य
धान – 1940
ज्वार – 2738(हाइब्रिड)2758
बाजरा – 2250
( मात्रा मेट्रिक टन में और राशि करोड़ में)
कृषक भुगतान राशि –
धान- 4877
ज्वार, बाजरा – 70
जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा
– जिन गाँव में पीने के पानी की व्यवस्था होती जाए, वहाँ के लोग प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर धन्यवाद दें।
– कलेक्टर और कमिश्नर चेक करवा लें कि सभी जगह पानी पहुँचा है या नहीं।
– प्रगतिरत एकल ग्राम नलजल योजनाओं के कामों में तेजी लाएँ।
– इनकी गुणवत्ता का भी ध्यान रखें। घर घर पानी पहुँचाने का काम देश में पहली बार हो रहा है। इस काम पर फोकस बहुत ज़रूरी है।
– सारे कलेक्टर इन्वॉल्व होकर काम करें।
– निचले स्तर तक सभी को इन्वॉल्व करें।
– दीनदयाल अंत्योदय समिति भी कार्यों की मॉनिटरिंग करें।
जल जीवन मिशन, हर घर जल ग्राम
जिले अनुसार ग्रामों की संख्या सीहोर- 254
बुरहानपुर- 252
बेतुल – 213
खरगोन- 175
रतलाम -175
धार – 168
दतिया- 152
उज्जैन – 140
रायसेन – 138
विदिशा – 133
खंडवा – 131
देवास – 122
बालाघाट- 105
नीमच – 98
छिंदवाड़ा- 95
राजगढ़ – 93
होशंगाबाद – 84
नरसिंहपुर – 82
आगर – 80
छतरपुर – 80
इंदौर – 73
गुना – 72
श्योपुर- 71
दमोह – 69
अनुपपुर- 68
मुरैना – 60
मन्दसौर- 53
रीवा -50
शिवपुरी -49
हरदा -48
जबलपुर -48
शहडोल -46
सिवनी -44
बड़वानी- 43
कटनी -42
सागर -42
टीकमगढ़- 41
सीधी -37
उमरिया- 37
मंडला -35
अशोकनगर- 32
झाबुआ -32
निवाड़ी -32
शाजापूर -39
सिंगरौली -21
पन्ना -17
भिड…
नल जल योजना के अंतर्गत जिला कलेक्टर्स से अपेक्षायें
– प्रगतिरत रेट्रोफिटिंग एकल ग्राम नल जल योजना के कार्य 31 मार्च 2022 तक पूर्ण कराएं। जिलेवार जानकारी संलग्न।
– पूर्ण की गयी नलजल योजनाओं का जनवरी 2022 में लोकर्पण किया जाये तथा प्रतिमाह पूर्ण होनेवाली योजनाओं का उसके अगले माह में लोकर्पण किया जाये।
– हर घर जल ग्रामों का भौतिक सत्यापन 31जनवरी 2022 तक कराया जाये। जिलेवार जानकारी संलग्न।
– हर घर जल ग्रामों का भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार ग्राम सभाओं के आयोजन एवं प्रमाण पत्र जारी करायें। प्रमाण पत्र, फोटोग्राफ एवं वीडियो को वेबसाईट पर अपलोड कराया जाये।
– 4019 हर घर जल ग्रामों से मान. मुख्यमंत्री जी का संवाद शीघ्र आयोजित होगा, आवश्यक तैयारी करायें।
– DWSM बैठकों के माध्यम से योजनाओं का नियमित अनुश्रवण।
– योजनाओं में गति लाने हेतु अंतर विभागीय समन्वय एवं बाधा निवारण बैठकें।
– भूमि आंवटन एवं भूमि अधिग्रहण प्रकरणों का त्वरित निराकरण।
– वोल्टेज की स्थानीय समस्या में विद्युत विभाग से समन्वय।
खाद्य सुरक्षा प्रशासन की उपलब्धियाँ
शिवराज सिंह चौहान सीएम ने कहा मध्यप्रदेश में अब हुई 15 मोबाइल फूड लेब, जिनकी सहायता से जिलों सहित ब्लॉक, तहसील एवं ग्रामीण स्तर के खाद्य पदार्थों की जांच संभव।
मोबाइल फूड लेब से नागरिकों / खाद्य कारोबारियों
को तत्काल शुद्ध एप के माध्यम से रिपोर्ट जारी की जा रही है।
FSSAI द्वारा सम्पूर्ण देश में ‘ईट राइट सिटी’ प्रतियोगिता का आयोजन
अंतिम चरण में देश के 20 जिले शोर्टलिस्ट
अंतिम 20 में मध्यप्रदेश के 05 जिलों का चयन – उज्जैन, भोपाल, इंदौर, सागर, जबलपुर
मध्यप्रदेश देश में प्रथम
देश में प्रथम ‘भोग’ प्रमाणन मंदिर –
महाकाल मंदिर, उज्जैन
देश में प्रथम एयरपोर्ट ‘ईट राइट कैंपस’-राजा भोज एयरपोर्ट, भोपाल
देश में प्रथम ‘भोग’ प्रमाणन दरगाह
दरगाह-ए-हकीमी, बुरहानपुर
देश में प्रथम ‘ईट राइट स्कूल’-
सन्मति हायर सेकेंडरी स्कूल, इंदौर
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 परिणाम
स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश ने देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है
प्रदेश के टॉप 5 जिले-
इंदौर, भोपाल, ग्वालियर उज्जैन,बुरहानपुर
इंदौर का राष्ट्रीय रैंक में दूसरा स्थान, भोपाल 7 वे पर ग्वालियर 10वें पर और उज्जैन 12 स्थान पर बुरहानपुर राष्ट्रीय रैंक में 16 स्थान पर रहा
स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 हेतु लक्ष्य एवं रणनीति
– सर्वेक्षण में जिलों की भी रैंकिंग होगी, कलेक्टर्स को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा।
– कलेक्टर्स को जिलों में नेतृत्व प्रदान करना होगा तथा समयसीमा बैठक में नियमित समीक्षा करनी होगी।
ओडीएफ प्रमाणीकरण :
– प्रदेश की सभी 378 निकायों को ओडीएफ डबल प्लस प्राप्त करना हैं।
– महत्वपूर्ण-FSTP/ CT-PT संधारण एवं रखरखाव।
जीएफसी स्टार रेटिंग प्रमाणीकरण :
– सभी नगर निगमों को 5 स्टार और शेष सभी निकायों को “न्यूनतम” 3 स्टार
प्रेरक दौर सम्मान :
– सभी नगर निगमों को न्यूनतम ‘गोल्ड’ एवं शेष सभी निकायों को न्यूनतम ‘सिल्वर’
इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, बुराहनपुर ये जिले टॉप 5 जिले हैं
स्वच्छता में इंदौर ने असाधारण स्थान हासिल किया है।
जो हमारे बॉटम के जिले हैं – अनूपपुर, रायसेन, टीकमगढ़, सीधी, भिंड जिले हैं।
कलेक्टर भी पुरस्कृत होंगे, उनका पुरस्कृत होना राज्य शासन का पुरस्कृत होना है।
इसको जिद बनाकर आप कोशिश करें, जनांदोलन बनाना है।
जैसे इंदौर ने इतने इनोवेशन किये हैं कि पूछिये मत।
भोपाल जैसे शहर पीछे क्यों रहे।
इंदौर आइकोनिक शहर हो जाएगा, तो बाकी शहर भी गंभीरता से लें।
भोपाल में बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन गया वहां मुझे गंदगी दिखी। पूरा शहर साफ होना चाहिए।
यह जन आंदोलन के बिना यह नहीं हो सकता। इस काम में फोकस होकर जुट जाएं।
अगली बार हमें फरवरी-मार्च में जुटकर असाधारण उपलब्धि हासिल करनी है।
शहर की सड़कें हमको ठीक चाहिए – इसे प्राथमिकता में लीजिये।
कई बार शहरों में बड़े- बड़े काम चलते रहते हैं लेकिन सड़कें छोड़ देती हैं।
मैं सीधे निर्देशित कर रहा हूँ- सारी सड़कें, इंटरनल सड़कें हमको ठीक करनी है।
ओवरऑल संयोजन आपको करना है- मुझे सड़कें ठीक करनी हैं।
इसे फोकस होकर कर लें, यह करना ही हैं।
विभाग भी देख ले- इसमें फंड की समस्या न बने।
नगरीय क्षेत्र की सड़कों के संधारण की समीक्षा कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिये निर्देश देते हुए कहा
– नगरीय क्षेत्र की सड़कें विकास का प्रतिबिम्ब होती हैं।
– सुधार योग्य सड़कों का चिंहांकन कर प्राथमिकता तय करें, आगामी एक माह में निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर सुधार/संधारण कार्य चार माह में पूर्ण कराएं।
– नगरीय क्षेत्रों में नगरीय निकायों के अलावा अन्य विभागों से संबंधित सड़कों का संधारण संबन्धित विभाग से कराएं।
– कलेक्टर्स वित्तीय संसाधनों (विभागीय बजट, नगरीय निकाय की निधि विधायक/सांसद निधि,डिस्ट्रिक्ट माईनिंग फण्ड, सी.एस.आर. इत्यादि) का संयोजन करें।
– जहां पानी का जमाव रहता है, वहाँ पर कांक्रीट की सडकें बनवायी जाये।
– जिन शहरों में जलप्रदाय एवं सीवरेज की परियोजनाएं चल रही हैं, वहाँ रोड़ रेस्टोरेशन का कार्य शीघ्र पूर्ण कराये जाये।
– कार्यो में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें।
– साप्ताहिक समय सीमा की बैठक में समीक्षा करें।
सड़कों स्थिति को लेकर सीएम ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश
सतना कलेक्टर से – सतना की सड़कें चकाचक करो
रीवा कलेक्टर से DMF से पैसा ले लें, सड़कें मुझे अच्छी चाहिए।
उज्जैन कलेक्टर से मैनेज नहीं करना है सारी सड़कें ठीक करनी है।
महाकाल प्रोजेक्ट पर ठीक काम चल रहा है?
सभी शहर सड़कों के मामले में बेहतर हों, सड़कों को सीमेंट कंक्रीट की सड़कें बनाएं।
मिनी स्मार्ट सिटी के काम ठीक कराएं।
PWD के प्रमुख सचिव बताएं कौन कौन सी सड़कें ठीक कर हैं ।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कलेक्टर्स से अपेक्षाएं
– समय सीमा बैठक में प्रोजेक्ट की नियमित समीक्षा करें।
– लंबित प्रशासनिक मुददो का निराकरण करें।
– रोड कटिंग के कार्य में कटर मशीन का उपयोग करवाएं।
– रोड रेस्टोरेशन का कार्य शीघ्र एवं गुणवत्तापूर्ण करवाएं।
– प्रत्येक घर के लिए सीवर कनेक्शन करवाना सुनिश्चित करें।
– उपचारित जल का पुर्नउपयोग सुनिश्चित करने की कार्य योजना बनवाएं।
– नर्मदा किनारें के सीवर प्रोजेक्ट के कार्यो पर विशेष ध्यान दें।
पिछले दिनों भोपाल नगर निगम ने भोपाल रेलवे स्टेशन के पास अस्थायी रैन बसेरा बना दिया था।
अगर आज के समय में कोई फुटपाथ पर सोये, यह हमारे लिए शर्मनाक है। इसलिए जहाँ आवश्यक हो पहले अस्थायी रैन बसेरा बनाएँ, बाद में स्थायी बनाएँ।
इसके साथ ही दीनदयाल रसोई का काम भी अच्छे से होना चाहिए, इनकी बहुत उपयोगिता है। जहाँ जहाँ आवश्यक है, वहाँ व्यवस्था करें।
यह अभियान दिखना चाहिए कि मिलावटी खाद्य पदार्थों पर सरकार मजबूती से काम कर रही है
हमारा उद्देश्य यही है लोगों को शुद्ध सामग्री मिले और अपराधियों पर कार्यवाई हो।
अच्छी कार्यवाई वाले जिले
ग्वालियर, इंदौर, मुरैना, खरगोन
दो चीजें ध्यान रखनी है।
एक तो अपराधियों में सख्त कार्यवाई करना, उन्हें अंजाम तक ले जाना।
दूसरा जनता के बीच यह संदेश जाना कि सरकार उनके हित में काम कर रही है।
राशन के मामले में सब साफ सुन लें
मै राजगढ़ गया था, अशोकनगर गया था वहाँ लोगों ने शिकायत की।
दो तरह का राशन मिल रहा है केंद्र व राज्य का, कुछ जगह शिकायत आई कि एक ही जगह का राशन मिल रहा है। यह बर्दाश्त नहीं होगा।
राजगढ़ कलेक्टर बताएं मेरे कहने के बाद क्या कार्यवाई हुई।
जहां गड़बड़ी हुई उन्हे सजा तक छोड़ना नहीं है,
अशोकनगर कलेक्टर
आप पूरी दुकानों को देखिए, जहां गड़बड़ है, वहां कार्यवाई कीजिये, जो अच्छा कर रहे हैं, उन्हें बधाई दीजिये।
आप शिकायतों में क्या हुआ- क्या परिणाम निकला बताएं।
कलेक्टर अपना इंटेलिजेंस सक्रीय करें
भोपाल कलेक्टर आपने वेरिफाई कर लिया यह अच्छा है।
सीधी कलेक्टर आपके यहाँ वितरण सहकारी संस्थाएं कर रही हैं क्या?
सतना कलेक्टर बताएं- दुकानें सस्पेंड की है, वहां क्या गड़बड़ी थी?
रीवा में कोई शिकायतें हैं- कलेक्टर बताएं- 20 के ऊपर कार्यवाई की है।
झाबुआ कलेक्टर आप बताइए- जो राशन वितरण हो रहा है, उससे क्या आप संतुष्ट हैं।
बड़वानी कलेक्टर – दो शिकायतें मिली
सीहोर कलेक्टर बताएं राशन मिल रहा है या नहीं? एक केस में एफआइआर हुई।
सीएम हेल्पलाइन में मुझे राशन से सम्बंधित शिकायतें मिली हैं।
जैसा भोपाल कमिशनर सब दुकानों का निरीक्षण किया है वैसा ही आप करें।
यह अभियान चला दें, कुछ शिकायतें आई हैं।
मैं भी 10 दिन अलग- अलग गांवों में जाऊंगा, राशन दुकानों का भी निरीक्षण करूंगा।
गरीब का राशन किसी को खाने नहीं देंगे, चोर बाजारी अधिनियम के तरह कार्यवाई करें, जेल भेजें
राशन वाले मामले में मैं अगले महीने फिर सबसे रिपोर्ट मांगूंगा
7 तारीख को फिर से अन्न उत्सव का कार्यक्रम होगा, जैसा पहले किया था वैसा ही होगा।
इसमें जनता से हम फीडबैक लेंगे। इसमें जनता की राय भी लेंगे।
कार्यक्रम का प्रभारी कोई एक अधिकारी होगा, और विधायकों, सांसदों से भी कहेंगे, मैं भी जाउंगा।
25000 दुकानों पर यह कार्यक्रम होगा
राशन खाद्यान्न की कालाबाजारी संबंधी अपराधों की कार्यवाही
कुल प्रकरण – 257
कुल आरोपी – 289
जब्त सामग्री की अनुमानित कीमत – 4.30 (करोड़ में)
मिलावट भयंकर अपराध की श्रेणी में आता है।
यह भी सुशासन का अंग है कि हम बिना मिलावटी खाद्य पदार्थ जनता तक पहुंचाएं।
यह मिलावट हमको पूरी तरह से खत्म करनी है।
मिलावट से मुक्ति अभियान के अंतर्गत की गई कार्यवाही
– जांच हेतु लिए गये रेग्यूनेटरी नमूनें – 22,027
– राज्य एवं निजी खादय प्रयोगशाला से जारी किये जांच प्रतिवेदन – 24,571
– विभिन्न श्रेणी में फेल घोषित नमूनें – 4680
– जांच हेतु लिये गये सर्विनेंस नमूनें – 2,24,491
– सक्षम न्यायालयों में दर्ज किये गये नवीन प्रकरणों की संख्या- 3246
– निराकृत प्रकरणों की संख्या ADM – 2553
– दोषसिद्ध प्रकरणों की संख्या ADM – 2539
– निराकृत प्रकरणों की संख्या CIM – 66
– कारावास से दण्डित प्रकरणों की संख्या- 55
– अधिरोपित अर्थदण्ड- 11.86 करोड़
– अर्थदण्ड की वसूली – 3.64 करोड़
– दर्ज की गई एफ.आई.आर.- 436
– एन.एस.ए. की कार्यवाही- 41
– सील किये गये खादय प्रतिष्ठान – 182
– जिला प्रशासन द्वारा नष्ट किये गये खाद्य प्रतिष्ठान- 08
– जप्त की गई सामग्री का अनुमानित मूल्य – 19.48 करोड़
– सुधार सूचना पत्र (धारा 32) – 6557
– निलंबित लायसेंस / पंजीयन की संख्या – 137
चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध की गई कार्यवाही
– पंजीबद्ध अपराध संख्या – 62
– आरोपियों की संख्या -120
– गिरफ्तार आरोपी – 24
– जप्त की गई संपत्ति का मूल्य (करोड़ में) – 10.39
– निवेशकों को अब् तक वापस दिलाई गई राशि – 31.5 (राशि करोड़ में)
सहारा के आलावा भी जो कम्पनियाँ हैं, उन पर भी कार्यवाई करें।
अगली बैठक में यह चार्ट चाहिए कि किन किन चिटफंड कंपनियों पर कार्यवाई की
अवैध शराब के विरुद्ध कार्यवाही में प्रथम 5 जिले
इंदौर
बैतूल
जबलपुर
झाबुआ
खरगोन
5 जिले
सीधी
निवाड़ी
आगर मालवा
गुना
सीहोर
भिंड मामले में सीएम ने जताई भारी नाराजगी
भिंड में अवैध शराब से हुई मौतों पर सीएम ने कहा-
अभी जो भिंड में घटना वह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, जो यह कर रहे हैं, वह नर पिशाच हैं
मैं भिंड एसपी से पूछना चाहता हूं – यह लापरवाही क्यों हुई?
आपने पहले उन्हें क्यों नहीं पकड़ा। थाने वाले मिलजुलकर कर रहे होंगे?
इसमें ज़ीरो टॉलरेंस है, मै छोडूंगा नहीं किसी को। बहुत गंभीर कार्यवाई होनी चाहिए,
यह एक के बाद एक श्रखंला जैसी हो गई है, कोई कितना भी प्रभावी हो उन्हें क्रश करना है।
मैं फिर कह रहा हूँ- यदि लापरवाही हुई तो बर्दाश्त नहीं होगा।
यह हो नहीं सकता यह हो रहा है हो और थाने को पता न हो।
एडीजी चंबल- आप क्या कर रहे थे, घटना कैसे हुई।
खनन माफिया-अवैध रेत परिवहन/ उत्खनन संबंधी कार्यवाही
पुलिस द्वारा – 377
खनिज विभाग द्वारा- 1398 वन विभाग द्वारा – 25
कुल प्रकरण – 1800
जप्त रेत की मात्रा (घन मीटर में) – 24932
– जब्त 4 पहिया वाहनों की संख्या – 1792
– राजसात 4 पहिया वाहन – 23
अवैध रेत परिवहन रोकने में छतरपुर, ग्वालियर, सिहोर, राजगढ़, खरगौन इन जिलों ने ज्यादा मामले पंजीबद्ध किये।
खरगोन, रतलाम, टीकमगढ़, जबलपुर, छतरपुर इन जिलों ने सबसे ज्यादा अवैध रेत जब्त की।
इन जिलों को बधाई
हमको वैध रेत चाहिए, हम वैध खदानें करें, इससे रोजगार भी जुड़ा हुआ है। रेत का अवैध परिवहन रुकना चाहिए
हमको स्थानीय लोगों का रोजगार को ध्यान में रखते हुए पॉलिसी बनानी चाहिए।
पीएम आवास को रेत फ्री में मिल जाये।
अवैध रेत परिवहन/उत्खनन संबंधी कार्यवाही – माह (नवंबर – दिसंबर 2021)
प्रथम पाँच ज़िले (कुल पंजीबद्ध प्रकरण के आधार पर):
छतरपुर – 90
ग्वालियर – 66
सीहोर – 64
राजगढ़ – 59
खरगोन – 58
निम्न पाँच ज़िले:
शाजापुर – 10
कटनी – 13
गुना – 15
बुरहानपुर – 16
बैतूल – 18
––—————
प्रथम पाँच ज़िले (जब्त रेत की मात्रा के आधार पर) घन मीटर में:
खरगौन – 3571
रतलाम – 3151
टीकमगढ़ – 3135
जबलपुर – 2119
छतरपुर – 1805
निम्न ज़िले:
बुरहानपुर – 21
शाजापुर – 30
बैतूल – 47
दमोह – 53
अनूपपुर – 58
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की एक तो माफ़िया, गुंडे, बदमाशों को नेस्तनाबूद करना है इन पर कार्यवाई के तो एक्ज़ामपल बनना चाहिए, ऐसे लोगों को आतंक की पर्याय नहीं बनने देना है।
दूसरा जो सामान्य आदमी ने कब्जा कर रखा है, दोनों को एक साथ नहीं तोलना है। कार्यवाई दोनों पर करना है लेकिन दोनों में अंतर रखें।
भू माफ़ियायों व अवैध कब्जाधारियों पर कार्यवाई करने वाले अच्छे जिले(प्रकरण पंजीबद्ध)
भोपाल – 198
इंदौर – 74
गुना- 68
सिवनी- 48
सीहोर – 36
मुक्त कराई भूमि मामले में अच्छा काम करने वाले जिले
गुना- 123 एकड़
सीहोर- 85 एकड़
ग्वालियर – 58 एकड़
आगर मालवा- 47 एकड़
शाजापुर – 34 एकड़
भू माफिया/गुंडा/ शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा धारियों के विरुद्ध की गई कार्यवाही
– भू माफिया के विरुद्ध दर्ज प्रकरण- कुल 779
– गिरफ्तार आरोपियों की संख्या – 45
– तोड़े गए अतिक्रमण की संख्या- 1453
– मुक्त कराई गई भूमि (एकड़ में) – 557
– मुक्त कराई गई भूमि की अनुमानित कीमत ( करोड़ )- 558.2
– एनएसए प्रकरण -2
– एनएससी प्रकरण आदेशित- 3
– जिला बदर – 1
– जिला बदर प्रकरण आदेशित- 13
भूमाफिया/गुंडा/शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा धारियों की वृद्धि की गई कार्यवाही
– पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरण -58
– राजस्व विभाग द्वारा -419
– नगरीय निकाय विभाग द्वारा- 297
वन विभाग द्वारा – 5
कुल दर्ज प्रकरण -779
सीहोर में शुगर फेक्ट्री के पास जो साढ़े चार हजार एकड़ जमीन है, उसका उपयोग जनहित में किया जाना चाहिए
बालक-बालिकाओ की बरामदगी वाले मामले में काफी इम्प्रूवमेंट हुआ है।
इंदौर, भोपाल, जबलपुर, धार, सागर, बैतूल, देवास, अलीराजपुर, अशोकनगर, आगर मालवा जिलों ने अच्छा काम किया है, इन जिलों को बधाई
बच्चों की बरामदगी में निम्न कार्यवाई वाले जिले
श्योपुर, दतिया, निवाड़ी, बुरहानपुर, जबलपुर, रीवा, छिंदवाड़ा, कटनी खंडवा
गुम बालक-बालिकाओं के प्रकरण 1 जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक
– इस अवधि में गुम बालक बालिकाओं की संख्या- 11458
– उक्त अवधि में खोजे गए बालक बालिका (पूर्व प्रकरण सहित)- 13108
महिला अपराध
मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि महिलाओं पर अपराध कम हों।
जिलावाइज़ इसका विश्लेषण करें।
किसी भी कीमत पर महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकना ही हमें।
ऑपरेशन मुस्कान हमको चलाना है, बच्चियों को ढूढ़कर लाना है
प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा हेतु किए गए उल्लेखनीय प्रयास
– प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं के विरूद्ध घटित हो रहे अपराधों के लिए पुलिस विभाग की
टॉलरेंस की नीति है।
– महिला जागरूकता अभियान “सम्मान”/ मुस्कान अभियान
– महिला हेल्प डेस्क – समस्त जिलों के 700 थानों में “ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क’ की स्थापना की गई।
– महिला थाना – प्रत्येक जिले में एक-एक महिला थाना स्थापित किया गया है।
– चालान की प्रति निःशुल्क उपलब्ध कराना – चालान की प्रति निःशुल्क दी जा रही है।
– महिला संबंधी अपराधों की विवेचना हेतु वाहन, वीडियो कैमरा उपलब्ध कराना
– महिला अपराध के आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही – 06 एनएसए, 39 जिलाबदर, 45
हिस्ट्रीशीट/गुण्डा फाईल खोलने एवं 06
ड्रायविंग लायसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई
– अधिकार पत्र – नाबालिग अपहृत तथा गुमशुदा बालिकाओं के लंबित प्रकरणों में विवेचना की प्रगति
के बारे में समय-समय पर
परिजनों/सूचनाकर्ता को अवगत कराने के लिये अधिकार पत्र’ प्रदाय किये जा रहे है।
– आपरेशन हेल्पिंग हेण्ड – एक माह का विशेष अभियान “आपरेशन हेल्पिंग हेण्ड-1” प्रदेश स्तर पर
संचालित किया जा रहा है
चिन्हित अपराधों पर कार्यवाई में रायसेन अच्छा काम किया इन्हें बधाई। 100% मामलों में सजा हुई है।
अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिले
रायसेन
दतिया, भिंड, शहडोल, रेल इंदौर
मंडला
छतरपुर
सीधी
रतलाम
चिन्हित अपराधों में असंतोषजनक प्रदर्शन करने वाले जिले
मुरैना, आगर, निवाड़ी, अलीराजपुर, इंदौर
चिन्हित अपराधों में कम सजा होने पर मुरैना, इंदौर एसपी के जवाब से असंतुष्ट हुए सीएम
मुरैना एसपी से पूछा सिर्फ 11.11% को ही सजा क्यों हुई।
जो पूछा जाए वही बताइए, इतनी कम सजा क्यों हुई, ये बताइए।
इंदौर कमिश्नर से कहा- चिन्हित अपराधों में सजा न हो पाना हमारी विफलता है।
आपका जवाब संतोषजनक नहीं है, इसे सभी पूरी गंभीरता से लें।
चिन्हित अपराधों में 100% सजा होनी चाहिए,
सारे जिले आपस में समन्वय बनाकर काम करें, चिन्हित अपराधों में सजा होनी चाहिए, इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न हो
एसपी रीवा – चिन्हित अपराधों में सजा को लेकर होने वाली बैठकों की जानकारी क्यों नहीं दी यहाँ।
यह और भी गंभीर है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहा मै सबको कह रहा हूँ- हम जो भी काम कर रहे हैं, उसे व्यवस्थित करें। पोर्टल पर उसकी बराबर जानकारी दें।
अब सुन लीजिए- चिन्हित अपराधों में सजा मस्ट है, जो करना है, वो कीजिये. अपराधियों की सजा सुनिश्चित होनी चाहिए।
कोविड टीकाकरण, अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या और आयुष्मान कार्ड की समीक्षा
निर्देश
– दतिया ने वैक्सीनेशन का काम बेहतर ढंग से किया है, जिसके लिए जिला प्रशासन को बधाई देता हूँ।
– सभी कलेक्टर्स सभी को साथ जोड़कर वैक्सीनेशन का काम पूरा करें।
– एक सप्ताह के बाद हम पुनः इस विषय पर बैठक करेंगे।
– मध्यप्रदेश ने वैक्सीनेशन का काम अच्छा किया है, जितना शेष रह गया है, उसका काम एक सप्ताह में पूरा करें।
– देवास ज़िला प्रशासन द्वारा 15-17 आयुवर्ग के वैक्सीनेशन का कार्य सही ढंग से न करने पर मुख्यमंत्री जी ने अप्रसन्नता व्यक्त की।
– बार-बार बात करने के बाद भी कुछ जगह बहुत कम मात्रा में आईसीयू बेड्स अक्रियाशील हैं, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। (बड़वानी, डिंडौरी, सतना, शाजापुर, रायसेन)
– बड़वानी में आईसीयू/एचडीयू बेड्स के कॉन्ट्रैक्टर के खिलाफ ऐक्शन लें, उसे ब्लैकलिस्ट करें।
– यह आपराधिक लापरवाही है, इसका पेमेंट रोकें।
– अगर यह लहर भयानक होती, तो कौन ज़िम्मेदारी लेता? शाजापुर के कॉन्ट्रैक्टर को भी ब्लैकलिस्ट करें।
जनसहभागिता से निजी स्पॉन्सरशिप कार्यक्रम के संचालन के संबंध सीएम शिवराज ने कहा-
– हम सभी लोगों के होते हुए बहुत सारे बच्चे सड़कों पर घूमें, यह हमारे लिए शर्म का विषय है।
– ये बच्चे बाद में गलत रास्ते पर जाते हैं।
– जब हमारे पास व्यवस्था है तो क्यों इतने बच्चे सड़कों पर हैं।
– हमारा संकल्प हो कि ये बच्चे स्ट्रीट पर न रहें।
– हमारी जवाबदारी है कि कोई बच्चा जिसके पालक नहीं है, वो बेसहारा नहीं रहेगा।
– इस् माह में ही जो ज़िले ले रहे हैं, वो ले लें
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों के श्रमिकों एवं फेरीवालों के लिए अलग से पहचान पत्र बनाने के कार्य की प्रगति की समीक्षा कर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अहम निर्देश दिए
– विमुक्त जातियों के मजदूरों के पहचान-पत्र स्थानीय निकायों के माध्यम से जारी कराएं जाएं।
– विमुक्त जातियों के फेरी वालों के पहचान-पत्र नगरीय निकायों के माध्यम से जारी कराएं जाएं।
– आगामी कलेक्टर कांफ्रेंस में कार्य की प्रगति से अवगत कराएं।
– घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ बस्तियों का चिन्हांकन करें। घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ परिवारों का राशन कार्ड बनाया जाना सुनिश्चित करें।
– जिलों में निवासरत इन समुदायों के पारंपरिक कलाओं और आय के साधनों का चिन्हांकन करें, ताकि इनका उन्नयन किया जा सके।
– इनके छात्र-छात्राओं को छात्रावास में मांग अनुसार प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश कराएं।
– आवश्यकता …
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों के जाति प्रमाणपत्र बनाने की कार्यवाही की समीक्षा
निर्देश
– ये वो जातियाँ हैं, जो सबसे पीछे हैं। इनकी कोई राजनीतिक आवाज नहीं है।
– हमारा कर्तव्य है कि हम युद्धस्तर पर इनके प्रमाणपत्र बनाएँ।
– हमारी सरकार का मूलमंत्र है सामाजिक न्याय और सामाजिक समरसता।
– हम हर वर्ग के लिए काम कर रहे हैं।
– संत रविदास जयंती को व्यापक पैमाने पर मनाना है।
– इसमें हम अनुसूचित जाति और कमज़ोर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाओं की घोषणा करेंगे। इसकी तैयारी करें।
– सामान्य वर्ग के भाई-बहनों के लिए हम कौन से कदम उठाएँ, इस विषय पर फोकस करें।
पशुपालकों और मत्स्यपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की समीक्षा में सीएम ने दिये अहम निर्देश
– केसीसी मिलने के बाद हमें एजुकेट भी करना होगा कि इसका कैसे उपयोग करें।
– शिविर लगाकर मछुआ क्रेडिट कार्ड बाँटें और टारगेट पूरा करें।
– परंपरागत मछुआरों की शिकायत आती हैं कि तालाबों में उनको काम नहीं मिलता, कोई दबंग उनके नाम पर कब्ज़ा कर लेता है।
– मछली के काम में ‘बड़ी मछलियाँ’ प्रवेश न करें।
– मछुआरों की समितियाँ अच्छे से बनाएँ और कब्जे न हों।
– एक झटके में सारी समितियाँ निरस्त करो, जाँच करो और असली मछुआरों को काम दो।
– इस संबंध में क्या कार्यवाही हुई, इसकी समीक्षा अगले महीने करूंगा।
: मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग
केसीसी अभियान – 15 नवंबर 2021 से अब तक-
– लक्ष्य – 2,00,000
– आयोजित कैम्पों की संख्या- 109
– कुल प्रस्तुत प्रकरण-14398
– कुल स्वीकृत प्रकरण- 2446
– लंबित प्रकरण -11156
– स्वीकृत राशि (लाख में ) 412.28
– भारत सरकार की बैठक दिनांक 5 जनवरी 2022 के अनुसार मध्यप्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर है
– योजना अंतर्गत कुल 16985 क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किए गए
मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग
केसीसी प्रकरण – अप्रैल 2020 से अब तक-
– लक्ष्य – 2,00,000
– आयोजित कैम्पों की संख्या- 109
– कुल प्रस्तुत प्रकरण-48,212
– कुल स्वीकृत प्रकरण- 16,985
– लंबित प्रकरण – 28,281
–
अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिले
बालाघाट, सीहोर,धार,मंदसौर,टीकमगढ़
असंतोषजनक कार्य वाले जिले
मुरैना, गुना,भिंड, होशंगाबाद, सागर
सीएम ने कहा-
– मुख्यमंत्री भू-अधिकार आवासीय योजना के अंतर्गत हमें पात्रों को आवासीय पट्टा देना है।
– इसमें टीकमगढ़, निवाड़ी जैसे जिलों ने अच्छा काम किया है। बाकी ज़िले भी काम करें।
– मैं अगले महीने इसकी समीक्षा करूंगा।
– रोजगार दिवस के लिए मैं कलेक्टर्स को बधाई देता हूँ। हमने 5.26 लाख लोगों को योजनाओं के माध्यम से ऋण दिया। इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।
– राशन आपके ग्राम योजना में जो वाहन चालक हैं, उनका क्या-क्या काम है, इसके लिए उनको ट्रेन कीजिये।
– राशन आपके ग्राम योजना में जो कठिनाई आ रही हैं, उसका रिव्यू करें। इसका फीडबैक लें।
– ‘अंकुर प्रोग्राम’ को हम सरकारी कार्यक्रम न मानें।
– यह पर्यावरण को बचाने का कार्यक्रम है। इसमें एनजीओज़ को जोड़ें। इस क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले बहुत लोग हैं।
– मैं एक पेड़ रोज लगाता रहूँ, – पौधा रोपण के लिए हमें और लोगों को प्रेरित करने का प्रयास करना पड़ेगा।
–
– अंकुर प्रोग्राम के तहत पंजीयन में जो पीछे रह गए हैं, इस पर ध्यान दें। इसे जनांदोलन का रूप दें।
: अंकुर कार्यक्रम के तहत
– अब तक कुल 3 लाख 78 हजार नागरिकों ने पंजीयन कराया ।
– 5 लाख 88 हजार पौधों का रोपण कर प्रथम फोटो अपलोड किए गए ।
– 92 हजार पौधों के द्वितीय फोटो अपलोड किए गए ।
– प्रदेश के सभी जिलों से 19 फरवरी, 22 तक 10.19 लाख पौधारोपण का स्वनिर्धारित लक्ष्य ।
ऊर्जा साक्षरता अभियान को लेकर चर्चा
ऊर्जा साक्षरता में ग्वालियर ने सबसे अच्छा काम किया है बाकी जिले भी प्रेरणा लें।
मैं ग्वालियर जिले को बधाई दे रहा हूँ,उन्होंने गंभीरता से इसे किया।
जब तक इसे जन अभियान नहीं बनाएंगे तब तक नहीं होगा-
जहां मैं सीएम हाउस में रहता हूँ, वहां बिना मतलब बिजली नहीं जलने देता- मैं खुद ही बटन बन्द कर देता हूँ।
यह स्वभाव में आ जायेगी तो हम इस अभियान को सफल बना लेंगे।
यदि हम जिम्मेदार नागरिक हैं तो इसे खुद से शुरू कर जनता तक ले जाना है।
बिजली बचाना, बिजली बनाने जैसा है, यदि हम बचा लेंगे तो हजारों करोड़ बचा सकते हैं।
यह गुड गवर्नेंस का अंग है।
काम हर एक को करना है, इसमें लापरवाही नहीं चलेगी।
उर्जा साक्षरता अभियान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहानने कहा उर्जा साक्षरता अभियान में विशेष प्रयास किए जाएं। शासकीय कार्यालयों में विद्युत खपत में 10 प्रतिशत कमी लायी
जाए।
—
कलेक्टर-कमिश्नर कॉफ्रेंस के बाद मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश देते हुए कहा की
थानों की रैंकिंग होनी चाहिए, जो अच्छा कर रहे है उसका श्रेय भी देना चाहिए।
भोपाल ने इसे बहुत अच्छे से किया है, बाकि जिले भी इसे अपनाएं
एक ओवरऑल रैंकिंग हमें करना चाहिए।जैसे भारत सरकार राज्यों की रैंकिंग करती है- वैसे ही हमें जिलों की रैंकिंग करनी चाहिए।
डेवलपमेंट के काम हर एक जिला चिन्हित करे- और जिले की अलग पहचान बने, समय सीमा में पूरे हों।
डेवलपमेंट के काम इतिहास रचें, जो रिकॉर्ड समय में बने।
कुछ मानवीयता से जुड़े काम भी करें- जैसे रैनबसेरे बनाने का काम
सभी कलेक्टर्स से कहना चाहता हूं- आप जो कर रहे हैं – आप इतिहास रच सकते हैं, आप बता सकेंगे कि आपने अपनी सर्विस में यह काम किया। वह उदाहरण बन सकता है।
25 फरवरी को हम फिर रोजगार मेले का आयोजन करेंगे।
स्वरोजगार का हमारा अभियान लगातार जारी रहे।
कुछ योजनाओं पर ध्यान जाना जरूरी है- उज्ज्वला योजना, आयुष्मान, पीएम स्वनिधि का टारगेट पूरा करें।
पीएम आवास योजना का टारगेट अचीव करें।
जनकल्याण की योजनाओं को पूरा करने में अपनी एनर्जी लगाएं।
मुझे यह कहते हुए संतोष है कि केंद्र की योजनाओं में हमने अच्छा काम किया।
आपने जो काम किया है वह जनता के बीच जाना चाहिए।
हर अच्छे काम का श्रेय राज्य सरकार को, जिला प्रशासन को मिले इसमें कोई संकोच नहीं करना है।
5 लाख से अधिक लोगों को हमने रोजगार दो महीने में दिया यह बड़ी उपलब्धि है
योजनाओं का क्रियान्वयन ढंग से करना है। पूरी पारदर्शिता के साथ काम करें।
संवेदनशीलता का गुण हम में होना चाहिए – एक दिन मैं रैनबसेरों के निरीक्षण के लिए निकल गया। आप क्यों नहीं निकल सकते।
कोई गरीब फुटपाथ पर क्यों सोए, कोई बुजुर्ग भूखा क्यों रहे- यह हमारा काम नहीं है तो किसका है।
अखबार में जो मानवीयता से जुड़ी खबरें आती है- उस पर हम मदद करें। इलाज आदि की व्यवस्था करें, सरकार लोगों की मदद के लिए ही तो है।
ऐसे जिले मेरे ध्यान में हैं- जहां गड़बड़ है, मैं वेरीफाई करूंगा, फिर देखूंगा।
आपके नीचे का अधीनस्थ यदि गड़बड़ कर रहा है तो आप भी जिम्मेदार हैं। आपको नजर रखनी है कोई गड़बड़ी न करे।
यह हम सबको मिलकर करना चाहिए – तब हम बेहतर कर पाएंगे।
जिन लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिला- वह देखें। उन्हें लाभ दें।
जनकल्याण, सुशासन और विकास यह मध्यप्रदेश की पहचान बने।
आज जितनी चीज़ें हुई हैं – उसका पालन, प्रतिवेदन हो।
अगली बार हम फिर बैठेंगे
—
लगभग 7.30 घंटे चली कलेक्टर कमिश्नर कांफ्रेंस ख़त्म