मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज 14 सितम्बर 2022 को राज्य विधान सभा में महालेखाकार की कथित ड्राफ्ट रिपोर्ट पर विशेष वक्तव्य देने के बाद बताया की टेक होम राशन के परिवहन में जो वाहन स्कूटर, कार और ऑटो रिक्शा उनके कार्यकाल के हैं उनके नंबर सहित मेरे पास है हम उसकी भी जांच कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा टेक होम राशन जो गुणवत्ता में अमानक स्तर का पाया गया था वह कांग्रेस के शासनकाल का है जिसका हमने 36 करोड रुपए का पेमेंट रोका हुआ है ,जितना भी क्षमता से अधिक टेक होम राशन को उत्पादन से लेकर अलग-अलग विषय हैं वह इनके कार्यकाल के भी हैं,सभी तथ्यों की हम बारीकी से जांच कर रहे हैं और उसके आधार पर अंतिम कार्रवाई होगी।
यह बीजेपी की सरकार है जिसने 2018 में यह तय किया था कि हम राशन के पोषण आहार की व्यवस्था को टेक होम राशन की व्यवस्था को महिला स्व-सहायता संघ के महा संघों को देंगे 2018 में कैबिनेट का फैसला हुआ, 7 पोषण आहार संयंत्र बनाने का फैसला हमने किया,वह पोषण आहार संयंत्र बन भी गए लेकिन बीच में सरकार चली गई।
मुख्यमंत्री ने कहा तब कौन थे जिन्होंने वापस इन पोषण आहार संयंत्रों को एमपी एग्रो के नाम पर फिर ठेकेदारों को सौंपने का षड्यंत्र किया था
आखिर गौरी सिंह ने क्यों इस्तीफा दिया था और इन लोगों ने कैबिनेट का फैसला करके एमपी एग्रो को सौंप भी दिया था लेकिन जब बीजेपी की सरकार फिर से आई तब हमने यह पोषण आहार संयंत्र फिर से महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा जो इनको चला रहे हैं हमने शहरों में भी लगभग 200 ठेकेदार से जो पकड़ा हुआ भोजन बनाकर सप्लाई करते थे उसको भी उन लोगों से वापस लेकर हमने महिला स्व सहायता समूह को देकर महिला सशक्तिकरण का काम किया।
सीएम एमपी ने कहा सरकार ने फैसला किया, वक्तव्य के माध्यम से सारी स्थिति सदन को और सदन के माध्यम से जनता को स्पष्ट की जाए।
सदन में वक्तव्य देना यह सरकार का अधिकार है और इस अधिकार का अनेकों बार प्रयोग हुआ है। मुझे यह समझ में नहीं आता अगर सरकार तथ्यों को वक्तव्य के माध्यम से रखना चाहती थी तो प्रतिपक्ष को दिक्कत क्या थी।
प्रारंभ में ही हमने तय किया था। सदन के अंदर वक्तव्य देने की मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष से अनुमति ली थी।
तत्पश्चात सदन के अंदर वक्तव्य दिया। उस समय ही हमने यह कह दिया था नेता प्रतिपक्ष बोलें और कोई सदस्य बोलें, हर एक प्रश्न का उत्तर दिया जाएगा।
लेकिन कांग्रेस को चर्चा से भागना था। उन्हें तथ्यों से मतलब नहीं है।
इसलिए जब मैं, वक्तव्य दे रहा था तब उन्होंने हंगामा किया और सारी बातें ठीक से ना पाए इस बात का प्रयास किया।
उन्होंने कहा जिस कथित रिपोर्ट को CAG की रिपोर्ट बताया जा रहा है, वह CAG की रिपोर्ट नहीं केवल एक ड्राफ्ट रिपोर्ट है, इसे महालेखाकार ने तैयार किया है।
ड्राफ्ट रिपोर्ट में जो पैरा लिखे गए है, वे AG ऑफिस के प्रारंभिक आब्जर्वेशन्स है।
महालेखाकार की यह ड्राफ्ट रिपोर्ट वर्ष 2018 से लेकर 2021 तक की अवधि की है।
रिपोर्ट की अवधि में पिछली सरकार के शासन काल के 15 माह भी सम्मिलित है।
सरकार किसी की भी रही हो, लेकिन हम चाहते हैं सभी बिंदुओं पर बारीकी से जांच हो।
ऑडिटर ने जो 36 लाख का आंकड़ा बताया है, वो मध्यप्रदेश की 11 से 14 वर्ष की किशोरी बालिकाओं की कुल संख्या है, न कि शाला त्यागी बालिकाओं की।
स्कूल शिक्षा विभाग में शाला नहीं जाने वाली बालिकाओं की संख्या में केवल वे बालिकाएं सम्मिलित रहती हैं, जिनका नाम किसी स्कूल में दर्ज नहीं है।
जबकि महिला बाल विकास के सर्वे में वो बालिकाएं भी शामिल हैं, जो स्कूल नहीं जातीं भले ही उनका नाम स्कूल में दर्ज हो । इसलिए इन दोनों विभागों के आंकड़े एक समान होना संभव ही नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा हमारी सरकार ने 11 से 14 वर्ष की किशोरी बालिकाओं का बेस लाइन सर्वे कर रिपोर्ट सितंबर, 2018 में भारत सरकार को भेजी थी।
रिपोर्ट में किशोरी बालिकाओं की संख्या कुल 2 लाख 52 हजार थी। वर्ष 2018 से वर्ष 2021 की अवधि के लिए हितग्राही बालिकाओं की कुल संख्या 5.51 लाख ही है
मार्च, 2018 में भाजपा सरकार ने पोषण आहार व्यवस्था से निजी कंपनियों को बाहर कर राज्य सरकार ने पोषण आहार की बागडोर प्रदेश के महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपी थी।
प्रदेश के 7 जिलों- धार, सागर, मण्डला, देवास, नर्मदापुरम, रीवा एवं शिवपुरी में 7 पोषण आहार संयंत्रों का निर्माण 60 करोड़ रुपए की लागत से कराया गया।
कांग्रेस सरकार ने नवम्बर, 2019 में निर्णय लिया कि ये संयंत्र महिला स्व-सहायता समूहों से वापस लेकर पुनः एम. पी. एग्रो को दे दिए जाएं।
इस निर्णय के परिणामस्वरूप फरवरी, 2020 में एम.पी.एग्रो ने सभी पोषण आहार संयंत्रों को आधिपत्य में ले लिया।
इस प्रकार पोषण आहार व्यवस्था को माफिया मुक्त रखने और स्व-सहायता समूहों को सशक्त करने के हमारे निर्णय को बदल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा मार्च, 2020 में हमारी सरकार वापस आई तो हमने सितंबर, 2021 में ये निर्णय किया कि सभी पोषण आहार संयंत्र महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों को फिर से सौंप दिए जाए।
हमने सभी 7 संयंत्र नवम्बर, 2021 से फरवरी, 2022 के बीच राज्य आजीविका मिशन के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों को सौंप दिए।
इन समूहों को 141 करोड़ रुपए की राशि एडवांस दी गई ताकि वे व्यवस्थित रूप से इन संयंत्रों का संचालन शुरू कर सकें।
आज इन संयंत्रों का टेक होम राशन प्रदाय से लगभग 750 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष का टर्न ओवर है।
हमारी सरकार ने शहरी क्षेत्रों में भी ठेकेदारी प्रथा से गर्म पका भोजन देने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया।
200 से अधिक ठेकेदारों की जगह यह काम शहरी आजीविका मिशन के 2 हजार से अधिक समूहों को सौंप दिया गया।
इन समूहों का कुल टर्न ओवर आज की तारीख में लगभग 60 करोड़ रुपए है।
ड्राफ्ट रिपोर्ट के साथ जो 84 वाहनों के चालानों का उल्लेख है, उनमें से 84 चालानों में से 31 चालान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से संबंधित है।
मुख्यमंत्री ने बताया की उदाहरण के लिए पिछली सरकार के कार्यकाल में परिवहन में उपयोग किए गए क्रमांक JHOS BA 0511 का वाहन रिपोर्ट के अनुसार मोटर साईकिल बताया गया है। इसी प्रकार क्रमांक MP04-HA-0225 और क्रमांक MP09 HE 4058 वाहन कार के नम्बर है, ऐसा बताया गया है।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का एक और उदाहरण देता हूँ। दिनांक 5.10.2019 को जारी चालान से एक वाहन क्रमांक RJ17 GB-0877 का भी आडिट के अनुसार रिकार्ड नहीं पाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा हमने सत्यापन कराया तो पता चला कि इस वाहन का सही नम्बर दरअसल RJ11 GB-0877 है, जो कि वास्तव में एक ट्रक है।
ड्राफ्ट आडिट रिपोर्ट में बताया गया है कि बिजली की खपत को देखते हुए उत्पादन की मात्रा आनुपातिक रूप से अधिक पाई गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कुल 114 दिनों में बिजली खपत की तुलना में अधिक उत्पादन होना बताया गया है। उदाहरणत: इन 114 दिनों में के लिए धार के 12 दिन, मण्डला में 68 दिन का उल्लेख है। धार के 12 दिन की पूरी अवधि कांग्रेस शासनकाल से संबंधित है।
मण्डला के 68 दिन की अवधि में से 15 दिन कांग्रेस शासन काल से संबंधित है। सागर और शिवपुरी संयंत्र में सभी दिवस मार्च, 2020 के बाद के है।
जिस अवधि में पोषण आहार की गुणवत्ता मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाई गई वह संपूर्ण अवधि (मार्च, 2019 से जनवरी, 2020) कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से संबंधित है।
मुख्यमंत्री ने कहा पिछली सरकार के कार्यकाल में लगभग 38 हजार 304 मीट्रिक टन मात्रा, जिसका मूल्य 237 करोड़ रुपए राशि है, के टेक होम राशन की गुणवत्ता अमानक होने के बावजूद भी उसे प्राप्त किया गया। इसके कारण संबंधित एजेन्सी का 35 करोड़ रुपए का भुगतान रोक दिया था।
मुख्यमंत्री ने बताया की गडबड़ी करने वालों पर हमने अब तक 104 अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है, 22 अधिकारियों को निलंबित किया गया है, 6 को नौकरी से निकाल बाहर किया गया है।
3 अधिकारियों की पेंशन रोकी गई है, 2 की वेतनवृद्धि रोकी गई है 40 की विभागीय जाँच चल रही है और 31 अधिकारियों को लघु शास्ति दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा महालेखाकार की रिपोर्ट अंतिम नहीं अंतरिम है, इस पर राज्य सरकार अपना पक्ष पूरी मजबूती के साथ रखेगी हर तथ्य हर आँकड़े की सूक्ष्मता से जाँच कर सरकार बिन्दुवार अपना मत AG को भेजेगी। पूरी जाँच में कोई भी गड़बड़ी पाई जाएगी तो CAG की रिपोर्ट की प्रतीक्षा किए बिना ऐसा करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।