भोपाल विकास योजना प्रारूप-2031 में प्राप्त आपत्ति व सुझावों पर सुनवाई 9 अगस्त से
कुल 3005 आपत्ति एवं सुझाव मिले
भोपाल विकास योजना प्रारूप-2031 में प्राप्त आपत्ति/सुझावों पर सुनवाई 9 अगस्त से
कुल 3005 आपत्ति एवं सुझाव मिले
राज्य शासन द्वारा भोपाल विकास योजना प्रारूप-2031 में उपांतरण के लिये मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश की धारा-19 (2) के अंतर्गत जन-सामान्य से आपत्ति एवं सुझाव प्राप्त करने के लिये सूचना का प्रकाशन मध्यप्रदेश राजपत्र में 2 जून 2023 को किया गया था। प्रारूप प्रकाशन से 30 दिवस में 3005 आपत्ति एवं सुझाव प्राप्त हुए। नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्राप्त आपत्ति एवं सुझावों पर ऑनलाइन सुनवाई 9 अगस्त से की जायेगी। उप सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री के.वी.एस. कोलसानी को सुनवाई के लिये अधिकृत किया गया है।
सुनवाई के लिये 9 चेट-रूम तैयार
प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री नीरज मण्डलोई ने बताया है कि ऑनलाइन सुनवाई के लिये संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश, जिला कार्यालय नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल और राज्य नगर नियोजन संस्थान में 9 चेट-रूम तैयार किये गये हैं। सभी आपत्तिकर्ताओं को 320 समूह में विभाजित किया गया है। प्रत्येक समूह को चेट-रूम में उपस्थित होने का दिनांक एवं समय सूचित किया गया है। ऑनलाइन सुनवाई 9 अगस्त से 4 सितम्बर 2023 तक होगी। प्रथम चरण में 9 से 11 अगस्त, द्वितीय चरण में 16 से 18 अगस्त, तृतीय चरण में 21 से 25 अगस्त, चतुर्थ चरण में 28 से 29 अगस्त, पाँचवें चरण में 31 अगस्त से एक सितम्बर और छठवें एवं अंतिम चरण में 4 से 5 सितम्बर 2023 तक सुनवाई की जायेगी।
आपत्ति एवं सुझाव देने वाले व्यक्तियों को उनके द्वारा प्रस्तुत आपत्ति में उल्लेखित पते पर पत्र द्वारा भी सूचना भेजी गई है। साथ ही व्हाट्सअप मैसेज तथा ई-मेल द्वारा भी सूचना दी गई है। सुनवाई के लिये पूरी सूची, लिंक तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ने की प्रक्रिया को http://mptownplan.gov.in/ वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया गया है। ऐसे आपत्तिकर्ता जिन्हें सुनवाई की सूचना प्राप्त नहीं हुई हो, वह संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश में स्थापित सहायता केन्द्र से सुनवाई की सूचना संबंधी पत्र प्राप्त कर सकते हैं। किसी कारणवश यदि संबंधित आपत्ति/सुझावकर्ता निर्धारित समय पर भाग नहीं ले सके, तो वह 24 घंटे के अंदर मोबाइल नम्बर 9753810032 एवं ई-मेल alpass-tcp@mp.gov.in पर अनुरोध कर सकते हैं। ऐसे व्यक्तियों को फिर से सुनवाई के लिये अंतिम अवसर दिया जा सकेगा।