भोपाल का गाँधी मेडिकल कॉलेज – जीएमसी और एम्स एक-दूसरे से करेंगे अनुभव साझा

जीएमसी और एम्स एक-दूसरे से करेंगे अनुभव साझा : जल्द होगा एमओयू

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सारंग ने दी जानकारी

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि एम्स भोपाल और गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल  के बीच चिकित्सा शिक्षा, उपचार और शोध के क्षेत्र में परस्पर सहभागिता का एमओयू होने जा रहा है।  इसमें एम्स संबंधित विभाग अपना ज्ञान और शोध साझा करेंगे। इससे चिकित्सा छात्रों को चिकित्सकीय अध्यापन और शोध के क्षेत्र में नए आयाम विकसित होंगे। अनुभवों को एक दूसरे से साझा करने से चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं को नया स्वरूप दिया जा सकेगा।

श्री सारंग ने बताया कि चिकित्सा छात्रों को चिकित्सा के अध्यापन क्षेत्र में नये आयाम विकसित करने के लिये नॉलेज एक्सचेंज किया जाना अति-आवश्यक है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत एम्स भोपाल एवं गाँधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के डॉक्टर्स, नर्सिंग और पैरामेडिकल के शिक्षक चिकित्सा, नर्सिंग और पैरामेडिकल छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से अपने परस्पर अनुभव को साझा करेंगे। 

एमओयू के लिए चिकित्सा शिक्षा एवं शोध संबंधी कई विषय परस्पर सहभागिता के लिए चिन्हित किये गए है। इनमें गेस्ट लेक्चर्स का आयोजन, विशिष्ट बीमारियों के केस  प्रेजेंटेशन, जटिल बीमारियों के इलाज में   तकनीकी चिकित्सकीय सहयोग, मल्टी डिसिप्लिनरी रिसर्च के लिये  कोलैबोरेशन, दोनों संस्थानों की चिकित्सा   के क्षेत्र में बेस्ट प्रेक्टिसेस का आदान-प्रदान, पेशेंट सेफ्टी एवं रेशनल एंटीबायोटिक उपयोग के घटक का निर्धारण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का  चिकित्सा जाँच एवं उपचार में उपयोग आदि शामिल है।

मंत्री श्री सारंग में बताया कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नॉलेज एवं रिसर्च एक्सचेंज के द्वारा चिकित्सा, नर्सिंग और पैरामेडिकल छात्रों को चिकित्सकीय अध्यापन और शोध के क्षेत्र में नए आयाम विकसित करना आज की आवश्यकता है। इस एमओयू के अंतर्गत विभिन्न विषयों के परस्पर क्रियान्वयन के लिए एम्स भोपाल एवं गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के चिकित्सकों की उच्च स्तरीय समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया है। समिति छात्रों के व्याख्यान की श्रृंखला के विषय और कैलेंडर को निर्धारित करेगी। 

लेक्चर, सिम्पोजियम, वर्कशॉप और ग्रुप डिस्कशन की गतिविधियों का भी होगा आयोजन

चर्चा में प्रदेश में स्थानिक रोग (एंडेमिक बीमारियों) के लिए मल्टी डिसिप्लिनरी शोध को बढ़ावा दिया जाएगा। चिकित्सा और नर्सिंग के पीजी एवं पीएचडी छात्रों के थीसिस के विषय दोनों संस्थाओं के समन्वय में निर्धारित करने और दोनों संस्थाओं से थीसिस के गाइड और को-गाइड निर्धारित करने की सहमति जताई गई। चिकित्सा क्षेत्र में गुड प्रैक्टिसेस, मेडिकल एथिक्स, क्लीनिकल ट्रायल्स, मेडिकल रेग्युलेशन और मेडिकल डिवाइसेस के क्षेत्र में प्रभावी कार्य करने का निर्णय भी लिया गया।  

आज एम्स, भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री श्री सारंग के साथ, एम्स भोपाल की गवर्निंग बॉडी के चेयरमेन डॉ. वाय. के. गुप्ता, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्री निशांत वरवड़े, एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. उल्का श्रीवास्तव, डीन एम्स डॉ. राजेश मलिक, डीन गांधी चिकित्सा महाविद्यालय डॉ. अरुणा कुमार, जीएमसी मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के डॉ. राकेश मालवीय, डॉ. संजीव गौर, डॉ. लोकेंद्र दवे एवं एम्स भोपाल के चिकित्सा शिक्षक उपस्थित थे।

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