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एमपी के उपभोक्ता जितना जरुरी है, उतना ही करें बिजली का उपयोग

 मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री,प्रद्युम्न सिंह तोमर

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  •  आजादी के अमृत महोत्सव में ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम “उज्ज्वल भारत, उज्ज्वल भविष्य- पॉवर @2047 के अवसर पर मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि बिजली का उपयोग जितना जरुरी है उतना ही करें, इसके लिये हमें खुद जागरूक होने के साथ ही आमजन को भी जागरूक करना होगा।

 

आजादी के अमृत महोत्सव में ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम “उज्ज्वल भारत, उज्ज्वल भविष्य- पॉवर @2047 के अवसर पर मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि बिजली का उपयोग जितना जरुरी है उतना ही करें, इसके लिये हमें खुद जागरूक होने के साथ ही आमजन को भी जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि आज हम खपत से ज्यादा बिजली उत्पादन कर रहे हैं। प्रदेश आज तेजी से विकास की दिशा में बढ़ रहा है तो इसमें ऊर्जा क्षेत्र में हुए बेहतर कार्यों का बड़ा योगदान है। विकास के पहिये निरंतर चलते रहें, इसलिये बिजली उत्पादन महत्वपूर्ण है।

“उज्ज्वल भारत, उज्ज्वल भविष्य – पॉवर @2047 कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा कि देशभर में विद्युत क्षेत्र में हुई प्रमुख उपलब्धियों को उजागर करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। सरकार द्वारा नवीकरण ऊर्जा के रूप में कृषि व घरेलू उपयोग के लिए कुसुम योजना, पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, सोलर पैनल, सोलर पम्प योजना से किसानों तथा ग्रामीणों को लाभान्वित कर रही है। इसके साथ ही मीथेन गैस से विद्युत उत्पादन को बढ़ाने के लिये 2047 तक का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने बताया कि उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य के तहत आयोजित कार्यक्रमों में बिजली के महत्व, संरक्षण और ऊर्जा साक्षरता के बारे में नुक्कड़ नाटक आदि से बिजली उपभोक्ताओं को जानकारी दी गई है। कार्यक्रमों में आजादी के अमृत महोत्सव के साथ ऊर्जा के महत्व और उपलब्धियों से भी अवगत कराया जा रहा है।

साथ ही पिछले दिनों स्कूलों में ऊर्जा संरक्षण को लेकर निबंध प्रतियोगिता एवं नुक्कड़ नाटक के आयोजन किये गए थे। विजयी छात्रों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।

प्रदेश में बिजली क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ

अटल गृह ज्योति योजना में घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घण्टे बिजली।

वर्तमान में बिजली की कुल अनुबंधित क्षमता 22 हजार 672 मेगावाट।

वर्तमान अति उच्च दाब लाइनें 41 हजार 431 कि.मी.।

सौभाग्य योजना में प्रदेश में 19 लाख घरों को बिजली कनेक्शन।

विगत 10 वर्षों में विभिन्न योजनाओं में 30 हजार करोड़ रूपये से अधिक के बिजली से संबंधित कार्य कराए गए।

गैर पारम्परिक ऊर्जा स्त्रोतों की अनुबंधित क्षमता 6 हजार 38 मेगावाट।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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