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आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में भोज मुक्त विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के नये अध्ययन केन्द्र खोलना बेहतर प्रयास

नये अध्ययन केन्द्र खोलना आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण उपलब्धि – मंत्री डॉ. यादव

भोज मुक्त विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के मध्य नये अध्ययन केन्द्र खोलने का हुआ अनुबंध

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भोज मुक्त विश्वविद्यालय 134 नये अध्ययन केन्द्र खोलने जा रहा है, जो आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। इन केन्द्रों के माध्यम से विद्यार्थियों को ऑनलाइन अध्ययन की सुविधा मिल सकेगी। मंत्री डॉ. यादव मिन्टो हॉल, भोपाल में मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय एवं शासकीय महाविद्यालयों के अनुबंध समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव एवं उपस्थितजनों ने सीधी बस दुर्घटना में मृतकों की आत्म-शांति के लिये दो मिनिट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजा भोज को हर क्षेत्र का ज्ञान था। इसे ध्यान में रखकर भोज मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है। यह विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के सकल पंजीयन अनुपात को बढ़ाने में गंभीरता से निर्वहन करेगा। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मंत्री डॉ. यादव ने रामचरित मानस से सामाजिक विकास पाठ्यक्रम एवं भोज कैलेण्डर का विमोचन किया। कार्यक्रम में 134 नये अध्ययन केन्द्र खोले जाने के लिये भोज मुक्त विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के अनुबंध-पत्र आदान-प्रदान किये गये।

प्रमुख सचिव श्री अनुपम राजन ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को अध्ययन की सुविधा देने की दिशा में लगातार प्रयास जारी है। उच्च शिक्षा के प्रति विभाग समर्पण भाव से कार्य कर रहा है। विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा एवं बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराना विभाग की प्राथमिकता है।

कुलपति डॉ. जयंत सोनवलकर ने कहा कि भोज मुक्त विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लगातार अपने अभिनव प्रयास कर रहा है। विश्वविद्यालय आधुनिक तकनीकों के माध्यम से दूरस्थ शिक्षा के लिये नये-नये प्रयोग करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगा। कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में भोज मुक्त विश्वविद्यालय के ऑडियो-वीडियो की महत्वपूर्ण भूमिका रही। विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ. एस.एल. सोलंकी ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा पद्धति से ‘आपकी शिक्षा-आपके द्वार’ के तहत 277 अध्ययन केन्द्रों से विद्यार्थियों को शिक्षा दी जा रही थी। अब 134 नये अध्ययन केन्द्र खुल जाने से 411 अध्ययन केन्द्रों द्वारा 2 लाख से अधिक विद्यार्थी इसका लाभ ले सकेंगे।

कार्यक्रम में अपर आयुक्त उच्च शिक्षा श्री चन्द्रशेखर वालिम्बे, क्षेत्रीय निदेशक, अतिरिक्त संचालक, प्राचार्य एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

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