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मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने राज्य का वर्ष 2023 और 2024 का विधानसभा में बजट पेश किया

वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा द्वारा सदन में 01 मार्च 2023 को प्रस्तुत किये गए बजट भाषण का मूलपाठ :-

 

 

 

एमपीपोस्ट, 01 मार्च, 2023 ,भोपाल। मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने वर्ष 2023 और 2024 के आय व्ययक का उपस्थापन किया तथा मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत राजकोषीय नीति का विवरण मध्यप्रदेश विधानसभा में आज बुधवार दिनांक 1 मार्च 2023 समय 11:04 बजे से अपराह्न 12.47 बजे तक बजट प्रस्तुत किया । मध्यप्रदेश विधानसभा 01 मार्च 2023 को जैसे ही समवेत हुई मध्यप्रदेश विधान सभा के स्पीकर गिरीश गौतम ने विधानसभा की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से विधानसभा में मध्यप्रदेश सरकार का वर्ष 2023 और 2024 के बजट को प्रस्तुत करने को कहा। इसके बाद मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने अपना बजट सदन में पेश किया।

राज्य के वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा द्वारा सदन में पेश किये गए बजट भाषण का मूलपाठ :

मध्यप्रदेश विधान सभा के स्पीकर गिरीश गौतम की अनुमति से मैं ( वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ) ने वित्‍तीय वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्‍तुत किया।

2 . वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने सदन के सदस्‍यों का सादर अभिवादन और प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता को सादर नमन करते हुये सभी को आश्‍वस्‍त किया कि हमारी सरकार उद्देश्यपूर्ण, सामाजिक समरसता व समग्र विकास की व्‍यूह रचना के साथ आगे बढ़ते हुये प्रदेश की जनता के जीवन में समृद्धि लायेगी। हम प्रदेश के विकास रथ को गति देते हुये इसे अग्रणी स्‍थान पर स्‍थापित करने के प्रयासों में कोई कमी नहीं रहने देंगे।

3. वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने कहा की आज, विधानसभा के वर्तमान कार्यकाल का अंतिम वार्षिक बजट प्रस्‍तुत करने जा रहा हूँ। मैं आभारी हूँ, प्रदेश के जनप्रिय व कर्मनिष्‍ठ मुख्‍यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी का, जिनके नेतृत्‍व, मार्गदर्शन में मुझे निरन्‍तर तीसरा मुख्‍य बजट प्रस्‍तुत करने का अवसर मिला है। इस विशिष्‍ट अवसर पर मैं देवाधिदेव महाकाल का आह्वान करता हूँ –

”भारत मध्‍ये स्‍वयंभू ज्‍योतिर्लिंग, यजामहे,
हे पारब्रहम परमेश्वर शिव शम्‍भू, दयामहे,
जय श्री महाकाल, जय जय श्री महाकाल”।

हमारी सरकार का यह निरंतर प्रयास रहा है कि समाज के प्रत्येक वर्ग को विकास की धारा से पूरी तरह जोड़ें, एवं उनके जीवन स्‍तर में सुधार हो।

सुखस्‍य मूलं धर्म: । धर्मस्‍य मूलं अर्थ:।
अर्थस्‍य मूलं राज्‍स्‍य। राज्‍स्‍य मूलं इन्द्रियजय:।
सुख का मूल है, धर्म। धर्म का मूल है, अर्थ।
अर्थ का मूल है, राज्‍य। राज्‍य का मूल है, इन्द्रियों पर विजय।
4. हमारी सरकार का बजट अमृत काल में प्रदेश में समृद्धि, खुशहाली एवं विकास के नये आयाम स्थापित करेगा। इस बजट का लक्ष्‍य महिलाओं, युवाओं, किसानों, गरीब वर्ग, आम जनता को नई शक्ति, नई दिशा व विश्‍वास देना है। मुझे यह अवगत कराते हुए प्रसन्‍नता है कि कुशल वित्‍तीय प्रबंधन से राजस्‍व आधिक्‍य की स्थिति रही है एवं राजकोषीय घाटा भी निर्धारित सीमा में रहा है। बजट प्रस्‍तावों में कोई नए कर का प्रस्‍ताव नहीं है, समुचित राहत दी गई है। हमारा बजट समावेशी बजट है। प्रदेश की जनता को यह विश्‍वास दिलाता हूँ कि हमारी सरकार का यह बजट, उनकी आशा को विश्‍वास में बदलने का, संकल्‍प-पत्र है।
हमारी सरकार की विशेषता हमेशा से रही है,
हिमगिरी सा श्‍वेत धवल जीवन,
विश्‍वास अचल विंध्‍याचल सा,
5. वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने सदस्‍यों से अपील कि है की हम सभी प्रदेश की प्रगति और समृद्धि के लिए परिश्रम की पराकाष्‍ठा और प्रयत्‍नों की परिसीमा करें। आपका साथ, जनता का विश्‍वास और सरकार के प्रयास मिलकर प्रदेश को स्‍वर्णिम मध्‍यप्रदेश बनाने की सद्इच्‍छा को साकार करेंगे।

6. हमारी सरकार ने वर्ष 2022-23 के प्रदेश के बजट को तैयार करने में नवाचार करते हुए आम जनता, प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों एवं विषय विशेषज्ञों से सुझाव प्राप्‍त किये थे। हमने, इस परम्‍परा को वित्‍तीय वर्ष 2023-24 के बजट को तैयार करने में कायम रखा है। आम जनता से 4 हजार से अधिक प्राप्‍त सुझावों में से महत्‍वपूर्ण सुझावों को बजट तैयार करते समय गंभीरता पूर्वक विचार में लिया गया है।

आर्थिक परिदृश्‍य
7. दशकों से भारत की तुलना गजराज से की जाती रही है, जिसमें शक्ति तो बहुत है लेकिन चाल धीमी है। मुझे यह कहते हुये गौरव हो रहा है कि भारत के यशस्‍वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी, के नेतृत्‍व में अब भारत ने शेर की तरह दहाड़ते हुए वैश्विक परिदृश्‍य पर अपनी मौजूदगी दर्ज करायी है। जहां दुनिया की मुख्‍य अर्थव्‍यवस्‍थायें मंदी से जूझ रही हैं, वहां हमारा देश, दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुका है। 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का लक्ष्‍य बेबुनियाद नहीं है। प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि माननीय मुख्‍यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी, के गतिशील नेतृत्‍व में प्रदेश भी अपना योगदान, सम्‍पूर्णता के साथ दे रहा है।

8. राज्‍य के सकल घरेलू उत्‍पाद में वर्ष 2022-23 में अग्रिम अनुमानों के अनुसार प्रचलित भावों पर 16.43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश के सकल घरेलू उत्‍पाद में हमारे प्रदेश का योगदान विगत दस वर्षों में 3.6 प्रतिशत से बढ़कर अब 4.8 प्रतिशत तक पहुँच चुका है।

9. प्रदेश की प्रति व्‍यक्ति आय प्रचलित भावों पर वर्ष 2011-12 में ` 38 हजार 497 थी, जो कि वर्ष 2022-23 (अग्रिम) में साढ़े 3 गुना से अधिक बढ़कर ` 1 लाख 40 हजार 583 हो गई है।

जी-20
10. माननीय प्रधानमंत्री जी की विश्‍व नेता की छवि के दृष्टिगत, भारत को जी-20 समूह की अध्‍यक्षता का सम्‍मान मिला है। इस समूह के कृषि, संस्‍कृति, जी-20 एम्‍पॉवर, विज्ञान, रोजगार, श्रमिक, अधोसंरचना उप-समूहों की 8 बैठकों का आयोजन, हमारे प्रदेश को सौंपा गया है। इन विचारशील बौद्धिक आयोजनों से प्रदेश के नीति निर्धारकों को लाभ एवं प्रदेश को वैश्विक पहचान के साथ कौशल्‍य, रोजगार, कृषि, अधोसंरचना आदि जैसे क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाओं का लाभ मिलेगा।

11. प्रदेश के कुशल नेतृत्‍व पर विश्‍वास दिखाते हुए भारत सरकार ने हमारे प्रदेश के इंदौर शहर को जनवरी, 2023 में प्रवासी भारतीय सम्‍मेलन के आयोजन का गुरूत्‍तर सम्‍मान दिया। 70 से अधिक देशों से 3 हजार 500 से अधिक प्रतिनिधियों के स्‍वागत में हमने दिल के और घरों के दरवाजे खोले। मुझे यह अवगत कराते हुए प्रसन्‍नता है कि विदेशों में निवासरत, प्रवासी भारतीय के हितों के संरक्षण के साथ ही प्रदेश के विकास के लिये राज्‍य में निवेश को आ‍कर्षित करने में प्रत्‍यक्ष व अप्रत्‍यक्ष रूप से सहयोग किये जाने की गतिविधियों को गति एवं दिशा देने में यह सम्‍मेलन सराहनीय रूप से सफल रहा है। आयोजन में पधारे प्रवासी अतिथियों में देश के स्वच्छतम शहर इंदौर को सराहा, जिससे प्रदेश की ख्याति बढ़ी है।

12.
प्रधानमंत्री जी का मैं प्रदेश सरकार की ओर से आभार व्यक्त करता हूँ कि उन्होंने जी-20 के कार्य समूहों की बैठकों एवं प्रवासी भारतीय सम्मेलन के आयोजन का प्रदेश को सम्मान दिया। इन आयोजनों से प्रदेश की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित होगी।

नारी-शक्ति
13. नारी के सशक्त होने पर परिवार सशक्त होता है, परिवार के सशक्त होने पर प्रदेश सशक्त होता है और प्रदेश के सशक्त होने पर राष्‍ट्र सशक्त होता है। हमारी सरकार की मंशा है कि नारी, परिवार में नेतृत्‍व तथा निर्णय लेने की भूमिका में आये। इसके साथ वह, स्‍वयं की दैनन्दिन की जरूरतों के लिए आर्थिक रूप से अन्‍य किसी पर आश्रित न रहे।

14. हमारी सरकार ने नारी मन की अबूझ व्‍यथा को संवेदनशीलता से समझा है। कन्या रत्न की पहली किलकारी से लेकर उसके संपूर्ण जीवनकाल में हमारी सरकार, साथ है। इस हेतु संतान के जन्म के पूर्व उसकी माता के गर्भवती होने पर पोषण की व्‍यवस्‍था, संस्‍थागत प्रसव पर आर्थिक सहायता, कन्या के जन्‍म पर लाडली लक्ष्‍मी योजना, शिशुओं की पोषण व्‍यवस्‍था के लिए आगंनवाड़ी, छात्राओं को नि:शुल्‍क शिक्षा, पुस्‍तकें, गणवेश, छात्रवृत्तियां, सायकिल, कन्‍या शिक्षा परिसर छात्रावास, उच्‍च शिक्षा के लिए प्रोत्‍साहन आदि, कन्‍या विवाह एवं निकाह, प्रसूति सहायता, स्‍व-रोजगार के लिए आर्थिक सहायता, स्‍व-सहायता समूह, प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री आवास, आबादी भूमि में महिलाओं के संयुक्त नाम पर भूमि स्वामी के अधिकार, संपत्ति की रजिस्ट्री में महिलाओं को विशेष छूट, विभिन्‍न पेंशन योजनायें, संबल योजनायें, महिला थाना, शासकीय सेवाओं में आरक्षण आदि जैसे कार्यक्रम संचालित हैं।

15. यह, इन योजनाओं के ही परिणाम है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार वर्ष 2015-16 की तुलना में वर्ष 2020-21 में जन्‍म के समय लिंगानुपात 927 से बढ़कर 956 हो चुका है।

16. माननीय मुख्‍यमंत्री जी के मार्गदर्शन में वर्ष 2007 से आरंभ लाड़ली लक्ष्‍मी योजना में अब तक 44 लाख 39 हजार से अधिक बालिकाएं लाभान्वित हुई हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में रूपए 929 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

17. प्रदेश के समस्‍त 52 जिलों की 84 हजार 465 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों एवं 14 हजार 670 मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के माध्‍यम से किशोरी बालिकाओं एवं अन्‍य महिलाओं को स्‍वास्‍थ्‍य एवं स्‍वच्‍छता संबंधी व्‍यवहारों को बढ़ावा देने एवं जागरूक करने के उद्देश्‍य से उदिता कार्यक्रम संचालित है।

18. हमारी सरकार, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये निरन्तर प्रयास कर रही है। राज्य में महिला स्‍व-सहायता समूहों के 47 लाख से अधिक सदस्यों ने न केवल अपने स्वयं के लिये आर्थिक विकास किया है बल्कि राज्य के विकास में भी योगदान दिया है। इन समूहों को ` 5 हजार 84 करोड़ से अधिक का क्रेडिट लिंकेज उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही 3 लाख ` तक के बैंक ऋण पर 2 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज अनुदान का भार राज्य शासन द्वारा वहन करने का निर्णय लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजनांतर्गत ` 660 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

19. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अन्‍तर्गत अब तक तक लगभग 33 लाख हितग्राहियों का पंजीयन कर 1 हजार 466 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया है। योजना क्रियान्‍वयन में प्रदेश ने राष्‍ट्रीय स्‍तर पर प्रथम स्‍थान प्राप्‍त किया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजनांतर्गत ` 467 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

20. नवीन आबकारी नीति के अंतर्गत शराब की दुकानों से सम्बद्ध अहातों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से नशे की लत को हतोत्साहित करने में मदद मिलेगी।

21. विशेष पिछड़ी जनजातियों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के उद्देश्‍य से आहार अनुदान योजना का क्रियान्‍वयन किया जा रहा है। जिसके अन्‍तर्गत विशेष पिछड़ी जन‍जाति (बैगा, भारिया एवं सहरिया) परिवार की महिला के बैंक खाते में प्रतिमाह राशि रूपए 1 हजार जमा कराए जाते हैं। स्वतंत्र शोध से यह ज्ञात हुआ है कि प्राप्त राशि से अधिकांश महिलाओं द्वारा पोषण संबंधी खाद्य पदार्थों पर ही व्यय किया गया है जिससे उनके सूक्ष्म पोषक तत्वों एवं विटामिन स्तर में वृद्धि हुई है। इस हेतु ` 300 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

22. आहार अनुदान योजना के सुखद प्रतिफलों को दृष्टिगत रखते हुये हमारे जनप्रिय व संवेदनशील मुख्‍यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी द्वारा सर्वसमाज की महिलाओं के आर्थिक स्‍वावलम्‍बन, स्‍वास्‍थ्‍य एवं पोषण स्‍तर में सुधार तथा परिवार में निर्णय लेने की भूमिका के लिए क्रांतिकारी पहल करते हुये प्रदेश को ”मुख्‍यमंत्री लाड़ली बहना योजना” की सौगात दी है। इस योजना के अन्‍तर्गत पात्र महिलाओं के बैंक खाते में ` 1 हजार प्रतिमाह की राशि जमा की जायेगी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजनांतर्गत ` 8 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

23. प्रसूति सहायता योजना में ` 400 करोड़, मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना में ` 929 करोड़, कन्या विवाह एवं निकाह योजना में 80 करोड़, लाड़ली बहना योजना में ` 8 हजार करोड़, विभिन्न सामाजिक पेशनों में ` 3 हजार 525 करोड़ को सम्मिलित करते हुये महिलाओं के लिये वर्ष 2023-24 में कुल ` 1 लाख 2 हजार 976 करोड़ के प्रावधान प्रस्तावित हैं, जो कि वर्ष 2022-23 से लगभग 22 प्रतिशत अधिक है। नारी कल्याण के लिये बजट में प्रस्तावित उल्लेखनीय प्रावधान, हमारी सरकार की महिलाओं के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाती है।

युवा-शक्ति
24. प्रत्येक युवा की अभिलाषा रहती है कि वह शिक्षित, प्रशिक्षित तथा रोजगारयुक्‍त रहे। हमारी सरकार, युवाओं की इस अभिलाषा को पूरी करने में उनका पूरा साथ देती आ रही है। गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा के विस्‍तार के साथ ही वर्तमान आवश्‍यकताओं के अनुरूप उनके कौशल विकास के प्रशिक्षण की व्‍यवस्‍थायें भी जुटाई जा रही हैं। इससे हमारे युवा, शासकीय तथा निजी संस्‍थानों में रोजगार के साथ-साथ स्‍व-रोजगार भी स्‍थापित कर सकने के योग्‍य बन सकेंगे।

25. प्रदेश के युवाओं से आह्वान है कि उम्‍मीदों को आसमान की ऊंचाईयों पर पहुंचा दें, हमारी सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हुये हैं। हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि युवाओं को उत्‍कृष्‍ट शिक्षा एवं संस्‍कार देकर संस्‍कारशील व स्‍वावलंबी ऐसे युवा तैयार करें, जिनके ह्रदय में उत्‍साह, साहस, शक्ति, धैर्य हो, जिनका दिल देश प्रेम से भरा हो, जो प्रदेश को श्रेष्‍ठतम स्‍थान पर ले जाने के लिए संकल्पित हों।

26. माननीय अध्यक्ष महोदय, सदन को बताते हुये हर्ष है कि, हमारी सरकार ने शासकीय सेवा में एक लाख से अधिक नई नियुक्तियाँ देने का अभियान प्रारंभ किया है।

27. संत शिरोमणि रविदास ग्‍लोबल स्किल पार्क भोपाल में प्रति वर्ष लगभग 6 हजार प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस स्किल पार्क की सोच अनुसार ग्‍वालियर, जबलपुर, सागर एवं रीवा में भी स्किल सेंटर प्रारंभ किया जाना प्रस्‍तावित है। हमारी सरकार का यह लक्ष्‍य है कि प्रदेश के युवाओं में इतना कौशल व क्षमता विकसित की जाये, जिससे वे प्रदेश के उद्योगों की आवश्‍यकताओं को पूरा कर सकें।

28. वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश के समस्त जिलों में निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्‍ध कराने हेतु 432 रोजगार मेलों का आयोजन किया। इन मेलों में 40 हजार 45 आवेदकों को ऑफर लेटर प्रदान किया गया। इस वर्ष मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, मुद्रा योजना एवं अन्य स्वरोजगार योजनाओं में 46 लाख 58 हजार से अधिक आवेदकों को बैंकों के माध्यम से ` 30 हजार 800 करोड़ से अधिक का ऋण स्वीकृत कराया गया है।

29. युवाओं को स्‍वरोजगार से जोड़ने के लिए अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक, विमुक्‍त, घुमन्‍तु और अर्द्धघुमन्‍तु एवं महिलाओं के लिये रोजगार मूलक योजनाओं के लिये ` 252 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है।

30. हमारी सरकार की यह स्‍पष्‍ट नीति है कि युवाओं को शिक्षित, योग्‍य, कौशलयुक्‍त बनाया जाये, कि वे स्‍वयं अपनी आजीविका के साधन जुटा सकें। उद्योगों में प्रशिक्षित व अनुभवी मानव संसाधन की कमी है। इस कमी को दूर करने हेतु हमारी सरकार आवश्‍यकतानुसार धन राशि उपलब्‍ध कराने में न कभी पीछे रही है, न रहेगी। महोदय, मुझे यह अवगत कराते हुये हर्ष है कि माननीय मुख्‍यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी की पहल पर ”मुख्यमंत्री कौशल एप्रेन्टिसशिप योजना” प्रारंभ की जायेगी। इस योजना अंतर्गत ` 1 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

31. यह कहावत, ‘पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब’ अब बीती बात हो गई है। “हिन्‍दुस्‍तान का दिल धड़का दो”, के ऊर्जामय घोष के साथ 5 वें खेलों इण्डिया यूथ गेम्‍स, 2022 का भव्‍य व सफल आयोजन, प्रदेश के 8 शहरों में किया गया। सदन को अवगत कराते हुए गौरव व हर्ष हैं कि प्रदेश ने इन खेलों में अभूतपूर्व सफलता के कीर्तिमान स्‍थापित किए हैं तथा 39 स्‍वर्ण, 30 रजत एवं 27 कांस्‍य पदकों के साथ पदक तालिका में तृतीय स्‍थान रहा है। इस आयोजन से प्रदेश में खेलों के लोकव्‍यापीकरण एवं नई खेल संस्‍कृति के विकास को बढ़ावा मिला है।

32. प्रदेश में खेलों के विकास के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों के फलस्‍वरूप ही प्रदेश की उपलब्धियाँ निरंतर प्रगति पर हैं। भोपाल को स्‍पोर्ट्स हब तथा प्रदेश में स्‍पोर्ट्स टूरिज्‍म को बढ़ाने हेतु नाथू बरखेडा, भोपाल में अन्‍तर्राष्‍ट्रीय स्‍पोर्टस कॉम्‍पलेक्‍स का निर्माण व अन्‍तर्राष्ट्रीय स्तर के स्‍पोर्टस साइंस सेन्‍टर की स्‍थापना की जा रही है।

33. प्रदेश में खेलों के विकास एवं खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिये खेल विभाग के बजट को निरंतर बढ़ाया गया है। वर्ष 2023-24 में ` 738 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है, जो वर्ष 2022-23 की तुलना में ढ़ाई गुना अधिक है।

शिक्षा
34. राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति – 2020, अध्‍ययन और अध्‍यापन के लिये वरदान है। विद्यालय, बच्‍चों में कौशल और संस्‍कारों के बीज बोकर उनके संपूर्ण व्‍यक्तित्‍व विकास की नींव रखते हैं। प्रदेश में ऐसे सर्वसुविधा एवं साधनयुक्‍त 9 हजार 200 सी.एम. राईज स्‍कूलों को चरणबद्ध रीति से प्रारंभ किया जा रहा है। इन स्‍कूलों में प्री-स्कूल से 12वीं तक की शिक्षण की व्यवस्था एक ही परिसर में तथा 15 किलोमीटर की सीमा में रहने वाले विद्यार्थियों को परिवहन सुविधा उपलब्‍ध रहेगी। इन स्‍कूलों में गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा के साथ कौशल विकास एवं खेल-कूद भी पाठ्यक्रम में सम्मिलित रहेंगे। अत्‍याधुनिक प्रयोगशाला, पुस्‍तकालय, खेल अधोसंरचना आदि से युक्‍त ये बहुउद्देश्यीय स्‍कूल, शैक्षणिक परिणामों को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर प्रतिस्‍पर्धा योग्‍य बनायेंगे।

35. वर्तमान शैक्षणिक सत्र में 370 सी.एम. राईज स्‍कूल प्रारंभ हो चुके हैं। इन स्‍कूलों में प्रतिवर्ष 1 लाख 35 हजार अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों सहित लगभग 4 लाख विद्यार्थियों को उत्कृष्ट स्तर की शिक्षा प्राप्त होने का अवसर मिलेगा। सी.एम. राईज विद्यालयों के लिये ` 3 हजार 230 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

36. भारत सरकार द्वारा नव घोषित ”पी.एम.श्री.” योजना के अंतर्गत प्रदेश के चिन्हित कुल 730 विद्यालयों में मूलभूत सुविधायें व शिक्षा के स्‍तर में सुधार के कार्य, भारत सरकार के सहयोग से किये जायेंगे। इस योजना अंतर्गत ` 277 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
37. विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्‍धता सुनिश्चित करने के लिए विगत 2 वर्षों में 17 हजार से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति दी गई हैं। 29 हजार शिक्षक संवर्ग के रिक्‍त पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया की जा रही है।

38. स्कूल शिक्षा में व्यापक सुधार के किये गये विभिन्न कार्यक्रमों जैसे, शैक्षिक संवाद, आदर्श प्रश्नों का निर्माण, सतत अनुश्रवण तथा शिक्षकों को प्रोत्साहन के परिणामस्वरुप वर्ष 2021 के सर्वे में हमारा प्रदेश, देश के प्रथम 5 राज्यों में आ गया है।

39. माननीय अध्यक्ष महोदय, छात्राओं को विद्यालयों तक पहुंचने में सुविधा बढ़ाने तथा निर्भरता कम करने, उच्च शिक्षा के लिये प्रोत्‍साहित करने, आत्मविश्वास जागृत करने हेतु नवीन योजना “मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना” प्रस्‍तावित है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के समस्त उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालयों में प्रथम स्‍थान प्राप्‍त करने वाली छात्राओं को ई-स्‍कूटी प्रदाय की जायेगी।

40. इसके साथ ही, उच्‍च शिक्षा के संस्‍थानों को भी श्रेष्‍ठ संसाधन उपलब्‍ध कराकर वैश्विक प्रतिस्‍पर्धा के अनुकूल अध्‍यापन एवं अध्‍ययन के स्‍तर तक पहुँचने योग्‍य बनाया जा रहा है। राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 को सर्वप्रथम लागू कर 168 विषयों के स्‍नातक स्‍तर के पाठ्यक्रम में मल्‍टीपल एंट्री-एक्जिट आधारित पाठ्यक्रमों को तैयार किया गया है।

41. मैनें अपने विगत बजट भाषण में कहा था कि सिंगरौली में खनन प्रौद्योगिकी महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना प्रस्‍तावित है। मुझे यह अवगत कराते हुए प्रसन्‍नता है कि इसकी स्‍वीकृति जारी हो चुकी है।

42. प्रदेश के 06 इंजीनियरिंग महाविद्यालय एवं 06 पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में हिन्‍दी माध्‍यम से भी तकनीकी पाठ्यक्रमों के अध्‍यापन की कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश के 02 इंजीनियरिंग कॉलेजों तथा 05 पॉलीटेक्निक कॉलेजों में सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस की स्‍थापना किये जाने का लक्ष्‍य हैं। संभागीय आई. टी. आई. में 32 प्रमुख ट्रेड में हर वर्ष लगभग 12 हजार प्रशिक्षाणर्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।

43. शिक्षा के लिये वर्ष 2023-24 में ` 38 हजार 375 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि वर्ष 2022-23 से ` 5 हजार 532 करोड़ अधिक है।
किसान शक्ति

44. ‘समृद्ध किसान – समृद्ध मध्‍यप्रदेश’ की अवधारणा को साकार करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

45. प्रदेश के ऐसे किसान, जो सहकारी संस्था से लिये गये ऋणों की माफी के इंतजार में बकायादार हो गये हैं एवं खाद और बीज की सुविधा से वंचित हो गये हैं, की बकाया राशि पर ब्याज का दायित्व हमारी सरकार द्वारा लिया जाना प्रस्तावित है।

46. सहकारी संस्था में पूर्व से डिफाल्टर कृषकों के ऋण पर ब्याज की राशि का दायित्व सरकार द्वारा वहन किया जाना प्रस्तावित है।

47. इस व्यवस्था से सहकारी संस्था के माध्यम से प्रदेश के सभी किसान कृषि कार्यों के लिये शून्य ब्याज दर पर ऋण लेकर कृषि उत्पादन से अपनी आय में वृद्धि कर सकेंगे। इस उद्देश्य हेतु वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कुल ` 2 हजार 500 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

48. प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के लेखों एवं अन्य दस्तावेजों का कम्प्यूटरीकरण व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। जिससे किसानों को पारदर्शी एवं आसान प्रक्रिया के माध्यम से कृषि ऋण प्राप्त हो सके। इस हेतु वर्ष 2023-24 के लिये ` 80 करोड़ का प्रावधान प्रस्‍तावित है।

49. अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के 1 हेक्टेयर तक भूमि धारकों व 5 हार्स पॉवर तक के विद्युत पंप उपयोग कर रहे लगभग 9 लाख 75 हजार किसानों को नि:शुल्‍क विद्युत आपूर्ति, अटल कृषि ज्‍योति योजनान्‍तर्गत 10 हार्स पॉवर तक के 23 लाख 60 हजार किसानों तथा 10 हार्स पॉवर से अधिक के लगभग 55 हजार किसानों को ऊर्जा प्रभारों में सब्सिडी दी रही है। 5 हॉर्स पॉवर के कनेक्शन पर प्रत्येक किसान हेतु ` 54 हजार 650 की विद्युत खपत के विरूद्ध अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 1 हेक्टेयर तक भूमि धारक किसानों को निशुल्क एवं अटल कृषि ज्योति योजना के अन्तर्गत आने वाले कृषि उपभोक्ताओं से मात्र ` 3 हजार 750 लिया जाता है। इस प्रकार 10 हॅार्स पॉवर के कृषि उपभोक्ता से प्रत्येक किसान हेतु ` 1 लाख 15 हजार 505 की विद्युत खपत के विरूद्ध मात्र ` 7 हजार 500 की राशि ली जाती है। इस हेतु वर्ष 2022-23 में लगभग ` 13 हजार करोड़ का भुगतान प्रस्तावित है।

50. प्रदेश के 80 लाख से अधिक किसानों को प्रति किसान प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत ` 6 हजार तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अंतर्गत ` 4 हजार, इस प्रकार कुल ` 10 हजार, की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अंतर्गत ` 3 हजार 200 करोड़ का प्रावधान प्रस्‍तावित है।

51. माननीय प्रधानमंत्री जी की मंशा है कि, किसान अपनी उपज के विक्रय के लिए स्‍वतंत्र रूप से निर्णय ले सकें। हमारा प्रदेश, देश में एकमात्र राज्य है, जिसने फार्म गेट एप के माध्यम से किसानों को अपने घर, अपने खलिहान, गोदाम से अपनी कृषि उपज, अपने दाम पर विक्रय करने के लिये सक्षम बनाया है। इस सुविधा का उपयोग करते हुये वर्ष 2022 में 12 हजार 22 किसानों के द्वारा 50 लाख क्विंटल, कृषि उपज का विक्रय किया है।

52. हमारी सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती के विस्तार एवं संवर्धन के लिए गंभीरता से प्रयास किये जा रहे हैं। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए गठित मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि बोर्ड के माध्यम से 72 हजार 967 किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती के लिए पंजीयन कराया गया है।

53. बाजार की मांग पर आधारित फसलों के उत्पादन हेतु प्रेरित करने तथा निर्यात को बढ़ावा देने वाली एवं आयात को प्रतिस्थापित करने वाली फसलें यथा; दालें, तिलहन, मसाले, औषधीय, सुगंधित तेल आदि की फसलों के विविधीकरण हेतु फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत लगभग 11 हजार एकड़ क्षेत्र में वैकल्पिक फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

54. माननीय महोदय, सदन को यह अवगत कराते हुये मुझे गर्व है कि भारत सरकार की पहल पर, संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को ”इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स” घोषित किया है। भारत सरकार ने मिलेट्स (मोटे अनाज) को ”श्री अन्‍न” की संज्ञा देकर इसकी महत्‍ता को प्रतिपादित किया है। इन उच्‍च पोषक मान के खाद्यान्‍नों को कोदो, कुटकी, रागी, सवां, ज्‍वार, बाजरा आदि फसलों की उत्‍पादकता में वृद्धि एवं मूल्‍य संवर्धन से किसानों की आर्थिक समृद्धि में सुधार होगा। हमारी सरकार ने मिलेट उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन प्रारंभ किया है।

55. मुख्‍यमंत्री कृषक उपार्जन सहायता योजना अंतर्गत ` 1 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्‍तावित है।

56. हमारे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से अपनी कृषि की सुरक्षा उपलब्‍ध कराने हेतु प्रधानमंत्री फसल ब़ीमा योजना अंतर्गत सुरक्षा कवच उपलब्‍ध कराया जा रहा है। इस हेतु राशि ` 2 हजार करोड़ की व्‍यवस्‍था की जा रही है।

57. ग्रामीण कृषक अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत आधार देने में पशुपालन की महती भूमिका है। गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना लागू है। प्रदेश में स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 627 गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजनांतर्गत 3 हजार 346 गौशालाओं के निर्माण स्वीकृत हैं, जिसमें निर्माण पूर्ण कर 1 हजार 135 संचालित हो चुकी हैं। इन गौशालाओं के संचालन के लिये पर्याप्त धन राशि की व्यवस्था की गई है।

58. विशेष पिछड़ी जनजातियों, विशेषकर बैगा, सहरिया एवं भारिया को मुख्यमंत्री दुधारू पशुप्रदाय कार्यक्रम के अन्‍तर्गत दो दुधारू पशु उपलब्ध कराये जायेंगे। हितग्राही अंशदान को 10 प्रतिशत किया गया है।

59. प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को निरन्तर बढ़ाया जा रहा है। कुल दुग्ध उत्पादन में, हमारा प्रदेश, देश में प्रथम तीन स्थान में आ चुका है। प्रतिव्यक्ति दुग्ध उपलब्धता में भी हमारे प्रदेश की औसत, राष्ट्रीय औसत से अधिक है।

60. प्रदेश में पशुओं में लम्पी वायरस का संक्रमण फैलने पर हमारी सरकार द्वारा युद्धस्तर पर कार्यवाही करते हुये तत्परता से अभियान के रुप में 37 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण कराया गया। इस अभियान से इस रोग को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई।

61. किसानों की आय में वृद्धि करने में उद्यानिकी का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण हेतु 3 हजार 769 सूक्ष्म खाद्य उद्यम इकाई स्थापित की जाना है। जिसके विरुद्ध 1 हजार 150 इकाईयों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है तथा 350 इकाईयां स्थापित हो चुकी हैं। फूलों की खेती करने वाले किसानों को अपनी फसल सुरक्षित रखने तथा विपणन की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिये भोपाल में वेंटिलेटेड़ फ्लॉवर डोम की स्थापना प्रस्तावित है।

62. प्रदेश में उपलब्‍ध 4 लाख 39 हजार हैक्‍टेयर जलक्षेत्र में से 4 लाख 36 हजार हैक्‍टेयर जलक्षेत्र मछलीपालन अन्‍तर्गत लाया जा चुका है। मछली उत्‍पादन के बेहतर प्रबंधन और उत्‍पादन में लगातार बढ़ोत्‍तरी के लिए प्रदेश को विशेष श्रेणी में उत्‍कृष्‍ट पुरस्‍कार मिला है।

63. कृषि एवं कृषि से संबंधित योजनाओं के लिए कुल ` 53 हजार 964 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्‍तावित है, जो वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान से ` 804 करोड़ अधिक है।

अधोसंरचना विस्‍तार तथा संधारण

64. अधोसंरचना विस्‍तार, आत्‍मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप का प्रमुख स्‍तंभ है। मुझे सदन को यह बताते हुये प्रसन्‍नता है, कि प्रदेश के इतिहास में वर्ष 2022-23 में हमने अब तक की सर्वाधिक ` 48 हजार 800 करोड़ पूंजीगत मद में प्रावधानित की है। वर्ष 2023-24 के लिए ` 56 हजार 256 करोड़ का प्रावधान प्रस्‍तावित है, जो कि गत वर्ष से लगभग 15 प्रतिशत अधिक है। पूंजीगत व्यय के सुपरिणाम भी स्‍पष्‍ट रूप से दिखाई देने लगे हैं। प्रदेश में सड़कों और पुलों का जाल बिछाने से न केवल यातायात सुगम हुआ है, बल्कि पर्यटन, रोजगार/स्‍वरोजगार, औद्योगिकरण आदि के माध्‍यम से अर्थव्‍यवस्‍था को भी नई ऊर्जा, नई गति, नई ताकत, नई दिशा मिली है।

सड़क एवं पुल

65. वर्तमान वित्‍तीय वर्ष में 2 हजार 450 किलोमीटर सड़क निर्माण, 2 हजार 56 किलोमीटर सड़क नवीनीकरण एवं 25 पुलों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। 3 हजार 124 किलोमीटर सड़कों के सुदृढ़ीकरण के कार्य को अभियान के रुप में लिया गया है। आगामी वर्षों में 7 हजार किलोमीटर की नवीन सड़कें, 12 हजार 389 किलोमीटर सड़कों का नवीनीकरण एवं मजबूतीकरण तथा केन्‍द्रीय सड़क निधि से 625 किलोमीटर नवीन सड़क निर्माण प्रस्‍तावित हैं। इसके अतिरिक्‍त, प्रदेश के समस्‍त रेल्‍वे क्रॉसिंग को समाप्‍त करने की दिशा में 105 रेल्‍वे ओव्‍हर ब्रिज के साथ 334 पुलों का निर्माण प्रस्‍तावित है। पर्वतमाला परियोजना के अंतर्गत प्रस्‍तावित कुल 14 रोप-वे में से उज्‍जैन, ग्‍वालियर, पचमढ़ी तथा पातालकोट के रोप-वे निर्माण की कार्यवाही प्रगति पर है।

66. चम्‍बल नदी के समानान्‍तर 299 किलोमीटर का अटल प्रगति पथ, नर्मदा नदी के समानान्‍तर 900 किलोमीटर का नर्मदा प्रगति पथ एवं राजधानी से प्रदेश की पूर्वी सीमा के दूरस्‍थ जिले सिंगरोली को जोड़ने के 676 किलोमीटर के विंध्‍य एक्‍सप्रेस-वे के कार्य प्रस्तावित हैं। इन मार्गों के दोनों ओर औघोगिक कॉरीडोर विकसित किये जायेगें, जिससे रोजगार व स्‍व-रोजगार के अवसर उपलब्‍ध होगें।

67. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत इस वर्ष 4 हजार किलो मीटर सड़क 197 पुल का निर्माण, 5 हजार किलो मीटर सड़क नवीनीकरण एवं 280 किलो मीटर सड़क उन्‍नयन का लक्ष्‍य है। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 हेतु 1 हजार 700 किलो मीटर सड़क एवं 300 पुलों के निर्माण, 5 हजार 500 किलो मीटर सड़क का पुनर्डामरीकरण एवं 250 किलो मीटर सड़क उन्‍नयन का लक्ष्‍य है।

68. मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 8 हजार 942 ग्रामों को जोड़ने हेतु लगभग 20 हजार 92 किलोमीटर लंबाई की 8 हजार 714 सडकों के निर्माण के प्रस्‍तावित कार्यों में से 8 हजार 458 ग्रामों को बारहमासी एकल सम्‍पर्कता से जोड़ने के लिए 8 हजार 294 सड़कें, लंबाई 19 हजार 138 किलोमीटर का कार्य पूर्ण किया जा चुका है।

69. प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग के ` 15 हजार करोड़ के सड़क निर्माण के कार्य किये जा रहे हैं।

70. सड़क एवं पुल के निर्माण एवं संधारण के लिये वर्ष 2023-24 में ` 10 हजार 182 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

सिंचाई

71. हमारी सरकार ने 2003 में कार्यभार संभाला तब प्रदेश में सिंचाई क्षमता मात्र 7 लाख 68 हजार हेक्टेयर की थी। हमारी सरकार के सतत व योजनाबद्ध प्रयास से प्रदेश में 45 लाख हेक्टेयर से अधिक का सिंचाई क्षेत्र निर्मित हो चुका है। वर्ष 2025 तक आश्‍वासित सिंचाई क्षेत्रफल को बढ़ाकर 65 लाख हेक्‍टेयर तक किया जायेगा।

72. जल संसाधन विभाग द्वारा विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के अन्तर्गत 28 लाख हेक्‍टेयर से अधिक की सिंचाई क्षमता विकसित की जा रही है।

73. नर्मदा जल विवाद न्‍यायाधिकरण में मध्‍यप्रदेश को आवंटित 18.25 एम.ए.एफ नर्मदा जल का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के लिये बांध एवं नहर परियोजनाओं का क्रियान्‍वयन तेजी से किया जा रहा है। प्राधिकरण की समस्‍त परियोजनाएं पूर्ण होने पर लगभग 24 लाख 30 हजार हेक्‍टेयर भूमि सिंचित होगी।

74. ` 44 हजार 600 करोड़ से अधिक लागत की केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, बुंदेलखण्ड की जीवन रेखा सिद्ध होगी। इस परियोजना से प्रदेश के 10 जिलों क्रमश: पन्‍ना, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, निवाडी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी एवं दतिया में 8 लाख 11 हजार हेक्‍टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई तथा 41 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा प्राप्‍त होगी। परियोजना से कुल 103 मेगावाट जल विद्युत एवं 27 मेगावाट सोलर पावर का उत्‍पादन होगा।

75. सतना एवं रीवा जिलों की लगभग 1 लाख 83 हजार हेक्‍टेयर भूमि में नर्मदा जल से सिंचाई के लिये बनाई जा रही बरगी व्यपवर्तन परियोजना की स्‍लीमनाबाद टनल के कार्य को 2023 तक पूर्ण करने हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। कुल 11.95 कि.मी. टनल में से दिसम्‍बर, 2022 तक 8.94 कि.मी. टनल बनाई जा चुकी है, शेष कार्य निरंतर हैं।

76. अटल भू-जल योजना अंतर्गत भूजल स्‍तर सुधार एवं बेहतर प्रबंधन बुन्‍देलखण्ड के 6 जिलों में कुल 9 विकासखण्डों की 678 ग्राम पंचायतों में कार्य किए जा रहे हैं। इन सभी ग्राम पंचायतों के वाटर सिक्‍यूरिटी प्‍लान तैयार किये जा रहे हैं।

77. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वाटरशेड विकास) अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में 3 हजार 10 जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण कर 7 हजार 500 हेक्‍टेयर सिंचाई सामर्थ्‍य विकसित की गई है। प्रदेश में वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में 14 हजार 114 किसान परिवारों को रबी फसल हेतु सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है।

78. सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण व संधारण के लिये वर्ष 2023-24 में ` 11 हजार 49 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

ऊर्जा
79. प्रदेश, ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो चुका है। प्रदेश में समेकित ऊर्जा क्षमता 28 हजार मेगावाट हो गई है। दिनांक 13 जनवरी, 2023 को इतिहास में सर्वाधिक 17 हजार 170 मेगावाट की शीर्ष मांग की पूर्ति की गई।

80. विद्युत की मांग में वृद्धि के साथ ही निर्बाध वितरण सुनिश्चित करने के लिये वर्ष 2023-24 में 970 सर्किट किलोमीटर पारेषण लाईनों, 6 अति‍ उच्‍च दाब उपकेन्‍द्रों, 5 हजार 349 किलोमीटर की वितरण लाईन, 63 उपकेन्‍द्र तथा 2 हजार 447 वितरण ट्रांसफार्मर की स्‍थापना की कार्य योजना है।

81. मैनें अपने पिछले बजट भाषण में उल्‍लेख किया था कि रिवेम्पड ड्रिस्टीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आर.डी.एस.एस.) को प्रदेश में लागू किया जायेगा। मुझे सदन को अवगत कराते हुये प्रसन्‍नता है कि 24 हजार 170 करोड ` की यह कार्य योजना, प्रदेश में लागू हो चुकी है। इस योजना को वर्ष 2025-26 तक पूर्ण किया जायेगा। योजना अन्तर्गत स्मार्ट मीटर के माध्यम से बिना मानव हस्तक्षेप के सटीक बिल दिये जाने संभव होंगे। इसके साथ ही वितरण हानियों में कमी तथा आधुनिकीकरण से संबंधित अधोसंरचना के विकास कार्य किये जायेंगे।

82. विद्युत आपूर्ति की विभिन्न योजनाओं में हितग्राहियों को एक वर्ष में लगभग 23 हजार 666 करोड़ की सब्सिडी दी जा रही है।

83. ऊर्जा क्षेत्र के लिये वर्ष 2023-24 में ` 18 हजार 302 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

उद्योग व व्‍यापार
84. “मैं उद्यमी हूँ मुझे भरोसा है अपने जूनून पर।” प्रदेश के उद्यमियों के इसी भरोसे व जूनून को हमारी सरकार का समर्थन व सहयोग निरन्‍तर रूप से प्राप्‍त हो रहा है। प्रदेश सरकार की सर्वोच्‍च प्राथमिकता है, अधिकतम निवेश और अधिकतम रोजगार।

85. ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स समिट-2023 का सफल आयोजन इंदौर में किया गया। 84 देशों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। जिसके फलस्‍वरूप प्रदेश के औद्योगिक विकास में समग्र रूप से 15 लाख 42 हजार करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश के प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुये, जिसमें लगभग 29 लाख व्‍यक्तियों को रोजगार प्राप्‍त होना संभावित है।

86. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी की पहल पर प्रदेश में निवेशक अनुकूल परिवेश को और बढ़ावा देने के लिए, ”मध्‍यप्रदेश उद्योगों की स्‍थापना एवं परिचालन का सरलीकरण अध्‍यादेश 2023” लागू किया गया है। इसके अंतर्गत उद्योगों को प्रथम तीन वर्षों तक कोई भी निर्धारित अनुमतियां लेने की आवश्‍यकता नही होगी, तथा इकाई का निरीक्षण भी नहीं किया जायेगा। ‘स्टार्ट योर बिजनेस इन 30 डेज’ के अंतर्गत 35 सेवाओं के लिए डीम्‍ड अप्रूवल का भी प्रावधान किया गया है।

87. राज्‍य शासन के अनुपयोगी एवं निष्‍प्रभावी अप्रचलित कानूनों को संशोधन अधिनियमों का (निरसन) अधिनियम, 2021 द्वारा 777 अधिनियम एवं म.प्र. विनियोग (अधिनियम निरसन) अधिनियम, 2021 द्वारा 131 अधिनियमों को निरसित किया गया है।

88. प्रदेश में वर्तमान में 2 हजार 750 से अधिक स्टार्ट-अप तथा 51 इन्क्युबेटर्स कार्यरत हैं। स्‍टार्ट-अप नीति 2022 के लागू होने के पश्चात् लगभग 800 स्टार्ट-अप एवं 18 नवीन इन्क्युबेटर्स स्थापित हुये हैं। प्रदेश के स्टार्ट-अप सेंटर द्वारा वर्ष 2023-24 में उच्च शिक्षा संस्थानों में लगभग 100 बूटकैंप के साथ-साथ राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी एवं व्यापार मेले में भाग लेने के लिये स्टार्ट-अप को अवसर दिये जायेंगे।

89. प्रदेश में 2 नवीन आई.टी.पार्क सहित कुल 14 नवीन औद्योगिक क्षेत्र की कुल 7 हजार 500 एकड़ भूमि को विकसित करने की कार्यवाही तथा 16 विद्यमान औद्योगिक क्षेत्रों में उन्‍नयनीकरण के कार्य संपादित किये जा रहे है। इन्‍दौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर एवं मल्‍टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क को लगभग 1 हजार 400 हेक्‍टेयर भूमि में विकसित किया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र विक्रम उद्योगपुरी उज्‍जैन की कुल 360 एकड़ भूमि में मेडिकल डिवाइसेस पार्क में मेडिकल डिवाइस कंपनियों ने मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट्स लगाना प्रांरभ कर दिया है।

90. सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यमों के 22 औद्योगिक क्लस्टर स्वीकृत किये जा चुके हैं, जिससे प्रदेश में ` 5 हजार 400 करोड़ का निवेश संभावित है एवं लगभग 50 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार प्राप्त होगा।

डिजीटल पहल
91. हमारी सरकार का प्रयास है कि शासकीय प्रक्रियाओं के दक्षता संवर्धन हेतु सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाये। यह भी प्रयास है कि नागरिक सुविधा के कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर इसे अधिक सुगम, तत्‍पर व पारदर्शी बनाया जाये।

92. प्रदेश में भारतनेट परियोजना के तहत ओ. एफ. सी. के माध्यम से जोड़े जा चुके ग्राम पंचायत मुख्यालयों से उक्त ग्राम पंचायतों में स्थित सभी शासकीय एवं अर्धशासकीय संस्‍थानों को इंटरनेट कनेक्टिविटी हेतु अधोसंरचना का निर्माण किया जायेगा। इस कार्य हेतु ` 185 करोड़ की योजना क्रियान्वित है।

93. हमारी सरकार द्वारा वास्तविक हितग्राही को भुगतान सुनिश्चित करने हेतु सभी योजनाओं में डी.बी.टी., उपार्जन की राशि का भुगतान, मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में देय राशि का भुगतान, आधार सन्निहित (ए.ई.पी.एस.) की प्रक्रिया से किया जाना प्रारंभ किया गया है।

94. कोषालयों से आधार सन्निहित (ए.ई.पी.एस.) एवं भारतीय रिजर्व बैंक (ई-कुबेर) से रियल टाइम में वास्तविक हितग्राहियों के बैंक खाते में राशि जमा होगी। आगामी वर्ष में कोषालय के वर्तमान साफ्टवेयर का उन्नयन किया जायेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत ` 300 करोड़ है।

95. फॉरेस्‍ट ई-ऑक्‍शन पोर्टल के माध्‍यम से लकड़ी के ऑक्‍शन किये जाने से पारदर्शी प्रतिस्पर्धा के फलस्वरुप पूर्व की तुलना में अधिक राजस्व प्राप्त हो रहा है। राजस्‍व न्‍यायालय की ऑनलाईन फैसलेस प्रणाली द्वारा भूमि नामांतरण आदि के लिए सायबर तहसील के कार्य डिजिटली किये जा रहे हैं। प्रदेश में फसल सर्वेक्षण एवं फसल बीमा में सेटेलाइट इमेज एवं ड्रोन तकनीकी का उपयोग कर किसानों को पारदर्शी तरीके से सुविधा प्रदाय किया जाना प्रारंभ कर दिया गया है।

96. राज्‍य स्‍तरीय स्‍टेट डाटा सेंटर के अधोसंरचना के विस्‍तार का कार्य प्रगति पर है एवं एक प्राइवेट क्‍लाउड की स्‍थापना की जा रही है। जिसमें आधुनिकतम सिक्‍यूरिटी उपकरण, 3 हजार कंप्‍यूटर कोर की कम्प्यूट क्षमता एवं 1 पेटा बाईट स्‍टोरेज क्षमता के साथ क्लाउड एडॉप्शन फ्रेमवर्क लागू किया जा रहा है।

97. हमारी सरकार का सदैव यह प्रयास रहा है कि प्रदेश के नागरिकों को बेहतर लोक सेवा, उपलब्‍ध हो। ”समाधान एक दिवस-तत्‍काल सेवा व्‍यवस्‍था” में नागरिकों को एक दिवस में सेवा उपलब्‍ध हो रही है। इसके तहत अब तक कुल 1 करोड़ 97 लाख से अधिक नागरिक लाभांवित हुये हैं। सी.एम. हेल्‍पलाईन सेवा अंतर्गत प्राप्‍त लगभग 2 करोड़ 2 लाख प्राप्‍त शिकायतों में से 1 करोड़ 98 लाख शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। लोक सेवा गारंटी कानून के अंतर्गत 28 लोक सेवाओं को मान्‍य अनुमोदन प्रदायगी के अंतर्गत अधिसूचित किया जा चुका है।

98. ई-पंजीयन सॉफ्टवेयर सम्‍पदा 2.0 के माध्‍यम से दस्‍तावेजों के फेसलैस पंजीयन तथा जी.आई.एस. आधारित सम्‍पत्ति मूल्‍यांकन के द्वारा बेहतर सुविधाएं प्रदान किये जाने की कार्यवाही प्रारंभ की जाना प्रस्तावित है। फेसलैस पंजीयन से यह सुविधा होगी कि कई प्रकार के दस्तावेजों हेतु दोनों पक्षकारों को पंजीयक कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी एवं संबंधित पक्षकार घर से ही पंजीयन की कार्यवाही पूर्ण कर सकेंगे।

99. प्रदेश में सीमांकन की प्रक्रिया को सरल, शुद्ध एवं शीघ्र करने के उद्देश्‍य से पूरे प्रदेश में कन्टीन्यूयस ऑपरेटिंग रिफ्रेंस स्टेशन (CORS) नेटवर्क स्‍थापित करने की योजना क्रियान्वित है। इससे भूमि सीमान्‍कन के कार्य में तीव्रता, वस्‍तुनिष्ठता एवं ज्‍यादा विश्‍वसनीयता आएगी।

जनजाति कल्याण
100. हमारा प्रदेश, जनजाति बहुल राज्यों में अग्रणी स्थान पर है। प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों के विकास एवं उनके हितो के संरक्षण के लिए अब तक किए गये कार्यों के परिणामस्‍वरूप जनजाति क्षेत्र में अधोसंरचना का विकास हुआ है, रोजगार-स्‍वरोजगार के अवसर बढ़े हैं तथा जनजातीय समाज, मुख्‍यधारा से जुड़ा है।

101. अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत का विस्‍तार (पेसा अधिनियम) के तहत पेसा नियम, नवम्‍बर, 2022, से लागू किये गये हैं। प्रदेश की कुल 5 हजार 210 ग्राम पंचायतों तथा 11 हजार 783 ग्रामों में ये नियम लागू है। इसमें अनुसूचित क्षेत्रों की ग्राम सभाओं को, जनजातियों के सामाजिक तथा आर्थिक विकास के विशेष अधिकार, यथा वन उपजों का मूल्य निर्धारण, गांव के मजदूर को मांग आधारित रोजगार, साहूकार के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश, परम्परा और संस्कृति का संरक्षण, ग्राम विकास की कार्य योजना, के साथ स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनवाड़ी आदि की निगरानी एवं निरीक्षण के अधिकार सौंपे गए हैं। सरकार के द्वारा किये गये प्रचार-प्रसार एवं जागरुकता से ग्राम पंचायतों तक योजना की जानकारी पहुंची है एवं वर्तमान में 268 ग्राम सभाओं द्वारा तेंदू पत्ते का संग्रहण का कार्य वन विभाग की जगह स्वयं किये जाने के निर्णय लिया गया है।

102. आदिवासी बाहुल्‍य 89 विकासखण्‍डों में सिकल सेल एनिमिया की व्‍यापकता के दुष्‍प्रभाव के निर्मूलन के लिए प्रदेश सरकार मिशन के रूप में कार्य कर रही है। भारत सरकार के द्वारा, वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनिमिया के उन्‍मूलन के लक्ष्‍य की पूर्ति में प्रदेश सरकार सतत प्रयत्‍नशील है। इस मिशन के लिए ` 50 करोड़ का प्रावधान प्रस्‍तावित है।

103. वन अधिकार अधिनियम के अन्‍तर्गत वन भूमि पर काबिज वन निवासियों को 4 हेक्‍टेयर तक की भूमि के वन अधिकार प्रमाण पत्र दिए जाते है। अब तक 2 लाख 74 हजार 966 व्‍यक्तिगत एवं सामुदायिक उपयोग हेतु 29 हजार 966 वन अधिकार प्रमाण-पत्र वितरित किए जा चुके हैं। प्रदेश के 827 वनग्रामों में से 450 से अधिक वनग्रामों का परिवर्तन राजस्व ग्राम में किया जा चुका है। इससे वनग्राम वासियों को मूलभूत सुविधायें तथा वनग्रामों के अभिलेख राजस्व ग्रामों के अनुरूप बन सकेंगे।

104. प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों से संबंधित विभिन्‍न विषयों, योजनाओं के मूल्यांकन एवं अनुश्रवण को और प्रभावशाली बनाने के लिए पृथक से जनजाति प्रकोष्‍ठ गठित किया गया है।

105. प्रदेश के 89 आदिवासी बाहुल्य विकासखण्डों में मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना के माध्यम से नियमित रुप से उचित मूल्य दुकानों के आश्रित ग्रामों में राशन सामग्री का परिवहन कर ग्राम में ही वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है।

106. आकांक्षा योजना अन्तर्गत जनजाति वर्ग के प्रतिभावान चयनित विद्यार्थियों को राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वर्ष 2022-23 में 728 विद्यार्थियों को लाभांवित किया गया।

107. अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिये प्रदेश में 1 हजार 83 आश्रम, 198 जूनियर छात्रावास, 980 सीनियर छात्रावास, 216 उत्‍कृष्‍ठ सीनियर छात्रावास, 167 महाविद्यालयीन छात्रावास संचालित है। जिनमें 1 लाख 50 हजार 370 विद्यार्थी निवासरत है। इसके अतिरिक्‍त 22 हजार 913 प्राथमिक शालाऐं, 6 हजार 788 माध्‍यमिक शालाऐं, 1 हजार 109 हाईस्‍कूल, 898 उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय 63 एकलव्‍य शालायें, 65 कन्‍या शिक्षा परिसर एवं 26 क्रीड़ा परिसर स्‍वीकृत है। इन विद्यालयों में 22 लाख 19 हजार 171 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।

108. वर्ष 2022-23 में पोस्‍ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनान्‍तर्गत 1 लाख 94 हजार 409 विद्यार्थियों को राशि ` 366 करोड़ 43 लाख हजार का वितरण किया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2022-23 में आवास सहायता योजना अंतर्गत ` 188 करोड़ 33 लाख 4 हजार की राशि व्‍यय की जाकर 1 लाख 26 हजार 510 विद्यार्थियों को लाभांवित किया गया।

109. मुझे यह कहते हुये गर्व है कि स्‍वाधीनता संग्राम में आदिवासियों की भागीदारी, जनजातीय चेतना और संघर्ष को शिद्दत के साथ रेखांकित करने का प्रयास हमारे प्रदेश में किया जा रहा है। छिंदवाडा में संग्रहालय का निर्माण, छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तित कर राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा किया जाना एवं प्रतिवर्ष 15 नवम्बर को जननायक बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाना, हमारी सरकार की भावना का प्रतिबिम्‍ब है।

110. अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को स्‍वरोजगार से जोड़ने के लिए भगवान बिरसा मुंडा स्‍व-रोजगार योजना, टंट्या मामा आर्थिक कल्‍याण योजना, मुख्‍यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना संचालित की जा रही हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में ` 60 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

111. महोदय, विगत वर्ष में जनजाति वर्ग के आर्थिक उन्नयन के लिये औषधि एवं सुगंधित पौधों की पैदावार को बढ़ाने के लिये देवारण्य योजना प्रारंभ की गई थी। मुझे यह बताते हुये प्रसन्नता है कि इस योजना अन्तर्गत लगभग 4 हजार 200 हेक्टेयर क्षेत्र में औषधीय पौधे लगाये जा चुके हैं।

112. अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिये वर्ष 2023-24 हेतु ` 36 हजार 950 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। जो कि वर्ष 2022-23 से 37 प्रतिशत अधिक है।

अनुसूचित जाति कल्याण

113. ”बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय” की भावना की यह सरकार प्रदेश के उन वर्गों के लिए प्रतिबद्धता से निरंतर कार्य कर रही है, जिन्‍हें अभी भी सामाजिक व आर्थिक रूप से मुख्‍य धारा में आने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। प्रदेश की अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को विभिन्‍न छात्रवृत्तियों के माध्‍यम से लगभग 23 लाख विद्यार्थियों को लाभांवित करने का लक्ष्‍य है। वर्तमान में 45 विद्यार्थी विदेश की शिक्षण संस्‍थानों में अध्‍ययनरत हैं। 8 हजार युवाओं को रोजगारोन्‍मुखी कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा महिलाओं के आर्थिक उन्‍नयन के लिए भी योजना प्रारंभ की गई है।

114. प्रदेश के 10 संभागीय मुख्‍यालयों में संचालित ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय की कुल विद्यार्थी क्षमता 6 हजार 400 है। इन विद्यालयों में चरणबद्ध रूप से सी.बी.एस.ई. पाठ्यक्रम प्रांरभ किए जा रहे हैं।

115. डॉ. अम्‍बेडकर तथा संत रविदास जी की जयंती पर इन महान व्‍यक्तित्‍वों का श्रद्धापूर्वक स्‍मरण किया गया। संत रविदास जी का भव्य स्‍मारक का निर्माण, सागर में किया जाएगा।

116. प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रदेश के 1 हजार 74 अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों को शामिल किया गया है। जिनमें सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास के 10 क्षेत्रों यथा पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण सड़कें और आवास, डिजिटाईजेशन आदि से संबंधित कार्य कराए जा रहे हैं। वर्ष 2023-24 के लिये ` 129 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

117. अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं के स्वरोजगार हेतु संत रविदास स्‍व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर आर्थिक कल्‍याण योजना, सावित्री बाई फुले स्‍व-सहायता समूह योजना, मुख्‍यमंत्री अनुसूचित जाति वित्‍त पोषण योजना संचालित की जा रही हैं। इस हेतु वर्ष 2023-24 में ` 40 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

118. अनुसूचित जाति उपयोजना के लिये वर्ष 2023-24 हेतु ` 26 हजार 87 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। जो कि वर्ष 2022-23 से 37 प्रतिशत अधिक है।

पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्‍त, घुमन्‍तु और अर्द्धघुमन्‍तु कल्‍याण
119. महोदय, पिछडा वर्ग के युवाओं के लिए हमारी सरकार ने रोजगार मूलक आर्थिक सहायता की नवीन योजना वर्ष 2022-23 में प्रारंभ की है। इसके साथ ही रोजगार प्रशिक्षण की योजनायें भी निरन्‍तर हैं। इस वर्ग के विद्यार्थियों को अध्‍ययन तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रवृत्तियां भी दी जा रही हैं।

120. युवाओं को विदेश में रोजगार उपलब्‍ध कराने की योजना अन्‍तर्गत 200 युवाओं को जापान भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्‍त, मुख्‍यमंत्री पिछड़ा वर्ग तथा अल्‍पसंख्‍यक स्‍व-रोजगार योजना के अन्‍तर्गत नवीन उद्यम तथा स्‍वरोजगार के लिए प्राप्‍त ऋण राशि पर 3 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज अनुदान दिया जाएगा।

121. स्वरोजगार अंतर्गत “पिछड़े वर्ग के युवाओं के लिये रोजगार मूलक आर्थिक सहायता योजना” अन्तर्गत अधिकतम एक लाख ` तक के परियोजना लागत के व्‍यक्ति मूलक प्रकरण एवं उद्यम हेतु ` 50 लाख तक के प्रकरणों के लिए बैंक के माध्‍यम से ऋण उपलब्‍ध कराया जायेगा।

122. विमुक्‍त, घुमन्‍तु और अर्द्धघुमन्‍तु समुदाय, शैक्षणिक, आर्थिक एवं सामाजिक रूप से अत्‍यन्‍त पिछडी हुई हैं। इन वर्गों के शैक्षणिक विकास के लिए प्राथमिक शिक्षा छात्रवृत्ति राज्‍य छात्रवृत्ति, पोस्‍ट मैट्रिक छात्रवृत्ति एवं कन्‍याओं के शैक्षणिक स्‍तर को बढ़ाने हेतु कन्‍या साक्षरता प्रोत्‍साहन आदि विभिन्‍न छात्रवृत्ति योजनाओं को निरन्‍तर रखा गया है। इन योजनाओं में लगभग 48 हजार विद्यार्थियों को लाभांवित किया जा रहा है। विमुक्‍त, घुमन्‍तु और अर्द्धघुमन्‍तु समुदाय के स्वरोजगार के लिये रोजगार सहायता की योजना क्रियान्वित हैं।

123. पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण एवं विमुक्‍त, घुमन्‍तु और अर्द्धघुमन्‍तु समुदाय के लिये ` 1 हजार 481 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है।

सामाजिक न्याय

124. हमारी सरकार का सदैव यह प्रयास रहा है कि असहाय, गरीब तथा जरूरतमंद वर्ग को सरलता, सुगमता तथा पारदर्शिता से राज्‍य सरकार की योजनाओं का लाभ मिले। हमारी सरकार द्वारा वृद्धजनों, निराश्रितों, दिव्‍यांगजनों, कन्‍याओं, कल्‍याणी, परित्‍यक्‍ताओं आदि के लिये चालू किये गये कल्‍याणकारी कार्यक्रम निरंतर संचालित हैं। इन वर्गों के कल्याण हेतु ` 3 हजार 986 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

125. हमारी सरकार ने ऐसे बच्चों जिनके माता-पिता जीवित नहीं है, के आर्थिक एवं शैक्षणिक सहयोग का दायित्व मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना एवं मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना के अन्तर्गत लिया है। इन योजनाओं के अन्तर्गत 4 हजार 704 अनाथ बच्चों को सहायता दी जा रही है।

126. हमारे प्रदेश के संवेदनशील मुख्‍यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान के द्वारा नशामुक्ति के लिए प्रदेश में वृहद स्‍तर पर जन-जागृति अभियान का परिणाम है कि नशा मुक्‍त भारत अभियान के अंतर्गत प्रदेश, पूरे देश में प्रथम स्थान पर रहा है तथा देश के चिन्‍हांकित 272 जिलों में दतिया जिला प्रथम स्‍थान पर रहा है।

127. वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने सदन को बताया की अपने पिछले बजट भाषण में उन्होंने कहा था कि मुख्‍यमंत्री कन्‍या विवाह एवं कन्‍या निकाह योजनाओं के आयोजन पुन: प्रारंभ किये जायेंगे। मुझे सदन को यह अवगत कराते हुये प्रसन्‍नता है कि योजनान्‍तर्गत प्रति कन्‍या देय सहायता राशि ` 51 हजार को बढ़ाकर 55 हजार किया गया है।

128. बच्चों, महिलाओं, विकलांगजनों, निराश्रितों तथा वरिष्ठ नागरिकों आदि के कल्याण के लिये संस्थागत व्यवस्थायें तैयार करने में प्रतिष्ठित सामाजिक संस्थाओं का सहयोग प्राप्त किया जायेगा। इस हेतु राज्य सरकार, 1 हजार करोड़ के सोशल इम्पेक्ट बॉण्ड जारी करेगी। वर्ष 2023-24 के बजट में इस हेतु ` 100 करोड़ का आउटकम फण्ड निर्मित किया जाना प्रस्तावित है।

129. यहॉ पर मैं, हमारी सरकार की भावनाओं को व्‍यक्‍त करना चाहूँगा,
”सबके कुशलक्षेम का इच्‍छुक, सबमें सत है मेरी निष्‍ठा,
सबकी सेवा इष्‍ट मुझे है, सबकी प्रिय है मुझे प्रतिष्‍ठा,
सबही मेरे सखा बंधु हैं, मैं सबके तन की परछाई,
मेरा है संबंध सभी से, सबसे मेरी स्‍नेह दुहाई।”

सांस्कृतिक पुनरूत्थान

130. हमारी संस्‍कृति, हमारा गौरव है। ”संस्‍कृति” वह धारा है, जिसके अवगाहन से चित्त को शांति, विचारों को पवित्रता एवं मन को संतुष्टि मिलती है। हमारी सरकार के प्रदेशव्‍यापी सांस्‍कृतिक आयोजनों से यह धारा, पूरे वेग के साथ प्रवाहित है। विरासत में मिले आस्‍था के केन्‍द्रों का कायाकल्‍प किया जा रहा है।

131. वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने कहा की सदस्यों को यह अवगत कराते हुये प्रसन्नता है कि श्री महाकाल महालोक के लोकार्पण के बाद से मध्य प्रदेश में धार्मिक पर्यटन की वृद्धि होने से निकटस्थ क्षेत्र के निवासियों को रोजगार के अवसर भी निर्मित हुये हैं। ओंकारेश्‍वर में एकात्म-धाम की स्थापना भी इसी दिशा में किया गया श्रद्धायुक्‍त प्रयास है। प्रदेश के अन्‍य आस्‍था केन्‍द्रों जैसे-सलकनपुर में श्री देवी महालोक, सागर में संत रविदास स्मारक, ओरछा में रामराजा लोक, चित्रकूट में दिव्य वनवासी राम लोक को भी श्रद्धापूर्ण स्‍वरूप दिया जायेगा। इस हेतु वर्ष 2023-24 में ` 358 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

132. भारत भवन में कलाग्राम, रामपायली-बालाघाट में डॉक्‍टर केशव हेडगेवार संग्रहालय, ग्‍वालियर में हिंदी भवन तथा अटल बिहारी वाजपेयी स्‍मारक की स्‍थापना प्रस्‍तावित है।

133. मध्यप्रदेश विधानसभा में राज्य के वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने सदन को यह अवगत कराते हुये कहा की कि हमारी सरकार द्वारा वर्ष 2012 में प्रारंभ की गई मुख्‍यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में अब तक 7 लाख 62 हजार 144 तीर्थयात्री लाभांवित हो चुके हैं। आगामी वित्‍तीय वर्ष में तीर्थयात्रियों को वायुयान से भी यात्रा कराया जाना प्रस्‍तावित है। इस उद्देश्य हेतु ` 50 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

पर्यटक सुविधायें

134. मध्‍यप्रदेश अपनी भौगोलिक स्थिति से भारत का ह्रदय कहा जाता है। विस्‍तृत क्षेत्रफल के इस राज्‍य में पर्यटन आकर्षणों की विविधता व बहुलता है। प्रदेश में ऐतिहासिक, धार्मिक एवं वाइल्ड लाइफ आधारित पर्यटन स्‍थल हैं।

135. प्रदेश में निजी क्षेत्र के माध्‍यम से पर्यटन अधोसंरचना विकसित किये जाने के उद्देश्‍य से लैण्‍ड बैंक एवं हेरिटेज सम्‍पत्तियों का बैंक स्‍थापित किया गया है। विभिन्‍न पर्यटन स्‍थलों की पहुंच सुगम व रोमांचक बनाने के लिए 15 रोप-वे बनाये जा रहे हैं।

136. प्रधानमंत्री जी की पहल पर नामीबिया एवं दक्षिण अफ्रीका से 20 चीतों को लाकर पालपुर कूनों में सफलतापूर्वक पुर्नस्‍थापित किया गया है। प्रदेश के लिये यह गौरव की बात है कि हमारा प्रदेश, टाईगर स्टेट के साथ साथ अब देश का पहला चीता स्‍टेट भी बन गया है।

137. प्रदेश में औद्यौगिक निवेश, पर्यटन आदि को आकर्षित करने के लिए वायु मार्ग के परिवहन के विस्‍तार की आवश्‍यकता है। ग्‍वालियर तथा खजुराहो में विमानतल के विस्‍तार एवं विकास के कार्य प्रगति पर हैं। रीवा तथा उज्‍जैन, की हवाई पट्टियों को हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रदेश के धार्मिक एवं पर्यटन स्‍थलों तक हेलीकॉप्‍टर सेवाओं से सुगम पहुंच बनाने की योजना प्रस्तावित है। हवाई पट्टियों के विस्तार हेतु ` 80 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

 

ग्रीन बजट

138. भारत सरकार द्वारा 15 वर्ष से अधिक आयु के वाहनों को चालन से हटाने एवं उन्हें वैज्ञानिक रीति से नष्ट करने की नीति जारी की है। प्रदेश सरकार भी इस नीति को अप्रैल, 2023 से लागू कर, लगभग 1 हजार शासकीय वाहनों का संचालन बंद करेगी। इन वाहनों के स्थान पर यथासंभव इलेक्ट्रिक वाहन क्रय की जाने की नीति लागू किया जाना प्रस्तावित है। इससे प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा मिलेगा।

139. प्रधानमंत्री जी का संकल्‍प है कि भारतवर्ष को वर्ष 2070 तक शून्‍य कार्बन उत्‍सर्जन वाला देश बनाया जाये। इस संकल्‍प की सिद्धि में हमारे प्रदेश का जन-मानस भी सरकार के प्रयासों के साथ जुड़ रहा है। प्रकृति के साथ प्रगति ही हमारा मूल-मंत्र है। पर्यावरण प्रेमी माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा पिछले 2 वर्षों से प्रतिदिन वृक्षारोपण किये जाने की प्रेरणा से प्रारंभ अंकुर अभियान के तहत प्रदेश में अब तक 38 लाख 62 हजार से अधिक पौधे लगाये गये, जो कि भावी पीढ़ी को स्‍वच्‍छ व प्रदूषण रहित वातावरण देंगे।

140. नगर निगम इंदौर द्वारा इंदौर ग्रीन बॉण्‍ड से 244 करोड़ की राशि जुटाई गई है। इस राशि का उपयोग सोलर पावर परियोजना स्थापित करने में किया जायेगा, जिससे जल प्रदाय पर होने वाले विद्युत व्यय में लगभग 5 करोड़ प्रतिमाह की बचत संभावित है।

141. वनों का संरक्षण एवं संवर्धन योजना में वर्ष 2022-23 में 1 लाख 84 हजार हेक्‍टेयर वन क्षेत्र में कार्य किया गया है। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में 2 लाख 10 हजार हेक्‍टेयर क्षेत्र उपचारित किया जायेगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्‍थानीय रोजगार के अवसर में वृद्धि होगी। वर्ष 2023 में वन क्षेत्रों में 4 करोड़ 50 लाख एवं गैर-वन क्षेत्रों में 10 लाख पौधों के रोपण का लक्ष्‍य है।

142. प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की स्‍थापना क्षमता 10 वर्ष पहले मात्र 491 मेगावॉट थी, जो कि 12 गुना बढ़कर 5 हजार 875 मेगावॉट हो गयी है। प्रदेश में विघुत के उत्‍पादन हेतु ` 4 हजार करोड की 750 मेगावॅाट क्षमता की पवन एवं सोलर हाईब्रिड परियोजना की स्‍थापना की जा रही है। प्रदेश के नीमच जिले में 500 मेगावॅाट, आगर जिले में 550 मेगावॅाट एवं शाजापुर जिले में 450 मेगावॅाट की सौर पार्क परियोजनाओं का विकास किया जा रहा है।

143. प्रदेश के ओंकारेश्‍वर में नर्मदा नदी पर स्थित बाँध के बैक वाटर पर ` 3 हजार 600 करोड की लागत से विश्व के सबसे बड़े 600 मेगावॅाट क्षमता के फ्लोटिंग सौर पार्क की स्‍थापना की जा रही है।

144. मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर साँची को प्रदेश की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित किये जाने का कार्य प्रगति पर है।

145. प्रदेश में विद्युत खपत की मांग संतुलित करने की दृष्टि से नवीन तकनीक के रूप में पम्प्ड हाईड्रोस्टोरेज की परियोजना हेतु नीति लागू की गई है।

स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं का विस्‍तार एवं उन्‍नयन

146. हमारी सरकार प्रदेश में इण्डियन पब्लिक हेल्‍थ स्‍टेण्‍डर्स के मापदण्‍डों को लागू करेगी। हेल्थ एण्ड वेलनेस केन्द्र के रुप में परिवर्तित प्रदेश की 10 हजार उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में 12 प्रकार की स्वास्थ्य सेवायें यथा प्रसव देखभाल, नवजात और शिशु स्वास्थ्य देखभाल एवं आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

147. जिला अस्पतालों में निजी भागीदारी से वेट लीज मॉडल के माध्यम से 132 प्रकार की निःशुल्क जाँच सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में हब एण्ड स्पोक मॉडल के तहत 45 प्रकार की जाँच सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

148. हमारी सरकार, प्रदेश से मीजल्‍स रूबेला को वर्ष 2023 तक, क्षय रोग का वर्ष 2025 तक, कुष्ठ रोग, मलेरिया एवं फाइलेरिया को वर्ष 2030 तक उन्‍मूलन करने की दिशा में कार्य कर रही है।

149. आयुष्‍मान भारत, दुनिया की सबसे बड़ी स्‍वास्‍थ्‍य आश्‍वासन योजना है। इसका उद्देश्‍य, समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े अंतिम व्‍यक्ति तक नि:शुल्‍क उपचार उपलब्‍ध कराना है। प्रदेश के कुल 1 करोड़ 8 लाख परिवार को योजना से जोड़ा गया है। योजना में ` 5 लाख तक का नि:शुल्‍क उपचार की सुविधा उपलब्‍ध है। प्रदेश में अब तक ` 2 हजार 500 करोड़ से अधिक की राशि से 24 लाख 68 हजार उपचार प्रदाय किये गये हैं। इस हेतु ` 953 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

150. हमारी सरकार का मिशन है ”सर्वे संतु निरामया”। सरकार की यह अभिनव पहल रही है कि चिकित्‍सा विधा का अध्‍ययन, मातृभाषा हिन्‍दी में भी हो। हमारा प्रदेश, देश का पहला राज्‍य रहा है, जिसने चिकित्‍सा महाविघालयों में चयनित विषयों का अध्‍ययन मातृ भाषा हिन्‍दी में कराये जाना प्रारंभ किया है। हमारी सरकार के निर्णय से अब भाषा ज्ञान, मेडिकल कालेज की पढ़ाई में बाधा नहीं रहेगी।

151. प्रदेश में योग्‍य एवं विशेषज्ञ चिकित्‍सकों की उपलब्‍धता बढ़ाने के लिए विद्यमान चिकित्‍सा महाविद्यालयों में सीट्स वृद्धि एवं नवीन चिकित्‍सा महाविद्यालय स्‍थापित किए जा रहे हैं। आगामी वर्षों में प्रदेश में शासकीय क्षेत्र के कुल 25 चिकित्‍सा महाविद्यालय कार्यशील हो जायेगें। चिकित्‍सा महाविद्यालयों की संख्‍या में वृद्धि से निकटस्थ जिलों की जनसंख्या को समीप में ही विशेषज्ञ चिकित्‍सकों के माध्‍यम से तृतीयक स्तर की चिकित्‍सा की बेहतर सुविधा उपलब्‍ध होगी।

152. प्रस्तावित चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रारंभ होने से वर्तमान 2 हजार 55 एम.बी.बी.एस. सीट्स बढ़कर 3 हजार 605 हो जायेंगी। इसके अतिरिक्त स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिये 649 सीट्स बढ़कर 915 सीट्स उपलब्ध होंगी।

153. बेहतर उपचार व्‍यवस्‍था के लिए चिकित्‍सकों के साथ-साथ प्रशिक्षित नर्सिंग स्‍टॉफ का भी होना आवश्‍यक है। भारत सरकार की नर्सिंग कॉलेज योजना से प्रदेश के चिकित्‍सा महाविद्यालयों में 810 बी.एस.सी नर्सिंग एवं 300 पोस्‍ट बेसिक नर्सिंग की अतिरिक्‍त सीट्स का लाभ मिलेगा। प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजेस में गुणवत्ता सुधार हेतु मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉउसिल में मानव संसाधन का विस्तार किया गया है।

154. वैकल्पिक चिकित्‍सा पद्धति के रूप में आयुष चिकित्‍सा पद्धति को प्रोत्‍साहित कर ग्रामीण स्‍तर पर भी सुलभ कराए जाने के लिए हमारी सरकार निरन्‍तर कार्य कर रही है। इस दिशा में 362 हेल्‍थ एवं वेलनेस सेन्‍टर प्रारंभ किए जा चुकें है, एवं शीघ्र ही 200 और प्रारंभ किए जायेंगे। शासकीय स्‍वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय में 50 बिस्‍तरीय अति विशिष्‍ट पंचकर्म एवं सुखायु केन्‍द्र प्रारंभ किया गया है।

155. स्वास्थ्य क्षेत्रों के लिये वर्ष 2023-24 में ` 16 हजार 55 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। जो कि वर्ष 2022-23 की तुलना में लगभग 17 प्रतिशत अधिक है।
नगरीय विकास

156. प्रदेश के शहरों का विकास, पर्यावरण अनुकूल हो, यह हमारी सर्वोच्‍च प्राथमिकता है। नगरों के सुनियोजित विकास तथा नगरीय नागरिकों को मूलभूत सुविधायें उपलब्‍ध कराने के कार्य शासन तथा नगरीय निकायों के माध्‍यम से निरंतर किये जा रहे हैं।

157. हमारी सरकार, भू-माफियाओं से अतिक्रमित भूमि मुक्‍त कराकर, गरीब, आवासहीन परिवारों को सुराज योजना के अन्तर्गत आवास निर्मित कर उपलब्‍ध करायेगी। नगरीय क्षेत्र के नागरिकों के लिए मुख्‍यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना के अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में स्थित शासकीय भू-खंडों के ऐसे अधिभोगियों को, निर्धारित प्रब्‍याजी एवं भू-भाटक पर 30 वर्षीय स्‍थायी पट्टे पर जारी किये जा रहे हैं।

158. शहरी क्षेत्र में निवासरत 7 लाख 25 हजार आवासहीन परिवारों के लिये निर्माणाधीन आवासों को दिसम्‍बर, 2024 तक पूर्ण कराने का लक्ष्‍य है।

159. महोदय, सदन को यह अवगत कराते हुए गर्व है कि प्रदेश को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर अनेक पुरस्‍कार प्राप्‍त हुए हैं। स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण-2022 में प्रदेश को देश का नंबर वन स्‍वच्‍छ राज्‍य, इन्‍दौर को लगातार छठवें साल देश का सबसे स्‍वच्‍छ शहर तथा कुल 16 राष्‍ट्रीय सम्‍मान प्राप्त होना उल्‍लेखनीय उपलब्धियाँ हैं।

160. इंदौर एवं भोपाल में मेट्रो रेल का संचालन शीघ्र प्रारंभ किया जायेगा। हमारा प्रयास है कि वर्ष 2023-24 में प्राथमिक कॉरीडोर पूर्ण कर लिये जायें। इस हेतु ` 710 करोड़ का प्रावधान प्रस्‍तावित है।

161. अमृत 1.0 परियोजना अंतर्गत 4 हजार 154 करोड़ की लागत से 22 शहरों की जलप्रदाय तथा 10 शहरों की सीवेज परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। अमृत 2.0 मिशन के अंतर्गत प्रदेश के समस्त 413 नगरीय निकाय एवं 05 छावनी परिषद में राशि ` 12 हजार 858 करोड़ के कार्य आगामी वर्षों में किये जायेंगे।
162. नगरीय क्षेत्र में आवागमन तथा परिवहन के लिये सड़कों के निर्माण एवं संधारण की आवश्यकता रहती है। मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों के अंतर्गत ` 750 करोड़ की लागत से सड़कों के उन्नयन एवं सुधार के लिये “कायाकल्प अभियान” प्रारंभ किया गया है।

163. स्‍वच्‍छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रदेश के सभी शहरों को शत प्रतिशत ठोस अपशिष्‍ट का वैज्ञानिक प्रबंधन कर कचरा मुक्त बनाने तथा अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए आगामी वर्षों में राशि ` 4 हजार 914 करोड़ का निवेश किया जाएगा।

164. राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में 95 हजार शहरी गरीब युवाओं को रोजगार हेतु प्रशिक्षित किया जायेगा। 60 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार अथवा स्व-रोजगार से जोड़ा जायेगा। 12 हजार स्व-सहायता समूहों का गठन कर 1 लाख 20 हजार शहरी गरीब परिवारों को जोड़ा जायेगा। पी.एम. स्वनिधि योजना अंतर्गत 6 लाख 28 हजार शहरी पथ-विक्रेताओं को ` 900 करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।

165. राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार नगरीय निकायों को मूलभूत सेवाओं हेतु वर्ष 2023-24 में ` 842 करोड़ का प्रावधान किया गया है जो वर्ष 2022-23 से ` 288 करोड़ अधिक है।

166. नगरीय विकास के लिये वर्ष 2023-24 हेतु ` 14 हजार 882 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है जो कि वर्ष 2022-23 से ` 1 हजार 769 करोड़ अधिक है।

ग्राम विकास

167. प्रदेश के विकास की धुरी, ग्राम विकास है। हमारी सरकार का निरंतर प्रयास रहा है कि विकास और रोजगार सृजित करने वाली नीतियों के माध्‍यम से ग्रामों को स्‍व-समर्थ स्‍वरूप दिया जाये। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के अनुक्रम में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण एवं विविध विकास हेतु स्थानीय निकायों को दिये जाने के लिये ` 3 हजार 83 करोड़ की राशि का प्रावधान प्रस्तावित है।

168. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत मूल सर्वे में सम्मिलित सभी हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं। ऐसे आवासहीन, जिनका मूल पात्रता सूची में नाम नही आ सका उन्‍हें आवास प्‍लस योजना के अंतर्गत्‍ आवास उपलब्‍ध कराने की कार्यवाही की जा रही है। इस योजनांतर्गत ` 8 हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

169. लोकोक्ति के अनुसार “प्यासे को कुएं के पास जाना होता है” लेकिन हमारी सरकार कुएं को प्यासे तक पहुंचाने के लिये अभियान चला रही है। हर घर में नल के माध्यम से जल पहुंचाने की व्यवस्था से ग्रामीण महिलाओं को घर में पानी की व्यवस्था के लिये भटकने की स्थिति समाप्त हो गई है। महिलाओं के समय व श्रम की बचत के साथ उनके जीवन स्तर में भी सुधार आया है। जल जीवन मिशन के पूर्व प्रदेश में केवल 11 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्‍शन से पेयजल सुविधा उपलब्‍ध थी, जो कि अब 47 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को उपलब्‍ध है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत 58 हजार 800 करोड़ से अधिक की योजनाएं स्वीकृत हैं। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से अब तक 56 लाख 70 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों के घरों में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा चुका है। इस योजना के लिये ` 7 हजार 331 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

170. वच्‍छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2022 में पश्चिम क्षेत्र के राज्‍यों में प्रदेश को प्रथम स्‍थान तथा जिला भोपाल एवं इंदौर को क्रमश: प्रथम एवं तृतीय स्‍थान प्राप्‍त हुआ। जिला इंदौर के ग्राम काली-बिल्‍लोद में देश का पहला ग्रामीण मल-कीचड़ प्रबंधन इकाई (FSTP) निर्मित हुआ। वर्ष 2023-24 में लगभग 2 लाख 79 हजार 223 नवीन पात्र परिवारों के घरों में व्‍यक्तिगत शौचालय, 12 हजार 789 सामुदायिक स्‍वच्‍छता परिसर एवं 12 हजार 743 ग्रामों में ठोस एवं तरल अपशिष्‍ट प्रबंधन की गतिविधियां प्रारंभ किये जाने का लक्ष्‍य है।

171. वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में मनरेगा अन्‍तर्गत 22 करोड़ मानव दिवस सृजित किये जा चुके हैं। इस योजनांतर्गत ` 3 हजार 500 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

172. राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित महिला स्‍व-सहायता समूहों को बैंक ऋण पर देय ब्‍याज के विरूद्ध 2 प्रतिशत ब्‍याज की प्रतिपूर्ति राज्‍य शासन द्वारा किए जाने के निर्णय के फलस्‍वरूप ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को बैंकों से मात्र 2 प्रतिशत की ब्‍याज दर पर ऋण उपलब्‍ध हो सकेगा। राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन योजनान्तर्गत वर्ष 2023-24 के लिये ` 660 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

173. प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण तथा उनके नवीनीकरण एवं उन्‍नयन हेतु राशि ` 2 हजार 526 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
174. हमारी सरकार का निरन्‍तर प्रयास है कि प्रदेश के प्रत्‍येक परिवार को न्‍यूनतम मूलभूत आवश्‍यकताओं के साथ प्रतिष्‍ठापूर्ण जीवन यापन करने का अवसर मिले। अत: हमारी सरकार द्वारा प्रत्‍येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में ”आबादी क्षेत्र” की भूमि पर पात्र परिवारों को आवासीय भू-खण्‍ड उपलब्‍ध कराने के लिए मुख्‍यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना प्रारंभ की है।

175. स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी का सर्वेक्षण कर 10 हजार 217 ग्रामों में अधिकार अभिलेख के प्रकाशन कार्य पूर्ण किया जा चुका है।

176. राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार पंचायती राज संस्थाओं को स्थानीय विकास के लिये वर्ष 2023-24 में ` 1 हजार 906 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। ग्राम विकास के लिये कुल ` 31 हजार 774 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

संस्थागत व्यवस्था

177. ”श्रम” वह पूंजी है, जिससे उद्योग, अधोसंरचना, व्‍यापार आदि जैसे क्षेत्रों में विकास संभव हो पा रहा है। हमारी सरकार का यह सद्प्रयास है कि श्रम के पसीने की हर बूंद को सम्‍मान व सुरक्षा मिले, श्रमिक के चेहरे पर शिकन के स्थान पर चमक पैदा हो। इस हेतु मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना लागू की गई है। संबल योजना के अन्‍तर्गत 1 करोड़ 53 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं। इस योजना हेतु वर्ष 2023-24 के लिये ` 600 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

178. पुलिस बल को उपयुक्‍त आवास सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए 25 हजार आवासों के निर्माण की योजना पर चरणबद्ध रूप से कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में 11 हजार 500 आवासों का निर्माण लगभग पूर्णता पर है। इसी प्रकार कुल 453 थाने एवं पुलिस चौकी के भवन निर्माण की योजना भी प्रगतिरत है, 343 भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है।

179. पुलिस बल एवं उनके परिवार को चिकित्‍सा सुविधाओं की उपलब्‍धता को विस्‍तारित किया जा रहा है। भोपाल में 50 बिस्‍तरीय सर्वसुविधायुक्‍त पुलिस चिकित्‍सालय का निर्माण का कार्य प्रगति पर है।

180. गृह विभाग के लिए ` 10 हजार 298 करोड़ का बजट प्रस्‍तावित है, जो कि गत वर्ष से ` 813 करोड़ अधिक है।

181. शासन की नीति, योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लाभ को आम जनता तक पहुँचाने में शासकीय सेवकों की महती भूमिका है। प्रदेश के शासकीय सेवक, अपनी इस भूमिका का निर्वाह पूरे मनोयोग, समर्पण व निष्‍ठा से निरंतर कर रहे हैं। शासन एवं शासकीय सेवक के मध्‍य विश्‍वास का संबंध कायम है।

182. हमारी सरकार ने शासकीय सेवकों के हितों में निरंतर निर्णय लिए हैं। शासकीय सेवकों के कार्यस्‍थलों के रख-रखाव एवं संधारण के लिए नवीन योजना प्रारंभ की गई। बेहतर सुविधायुक्‍त शासकीय आवासों की संख्‍या भी बढ़ाई जा रही है।

183. शासकीय सेवा से सेवानिवृत्ति उपरांत उनके सेवानिवृत्ति हित लाभ शीघ्र प्राप्‍त हो सकने के लिए पेंशन नियमों का सरलीकरण पर विचार किया जा रहा है। अनुकंपा नियुक्ति के लिये परिवार की विवाहित पुत्री को भी पात्रता दी गई है। चिकित्‍सा प्रतिपूर्ति नियमों को सरल एवं मान्‍यता प्राप्‍त निजी चिकित्‍सालयों में आयुष्मान योजना की निर्धारित दरों पर ईलाज की सुविधा दी गई है।

184. शासकीय सेवकों को देय भत्‍तों यथा; आवास किराया भत्ता, गैर-व्यवसायिक भत्ता, वाहन भत्ता, सचिवालय भत्ता आदि, का सातवें वेतनमान के परिप्रेक्ष्य में पुनरीक्षण करने के लिए समिति का गठन किया गया है।

185. करदाताओं को जी.एस.टी. की जानकारी एवं सहायता की सुविधा के लिए वाट्सएप आधारित चैटबॉट हिन्‍दी भाषा में प्रारंभ की गई है। नवीन करदाताओं के लिए वैलकम किट तैयार की गयी, बुकलेट, ई-मेल के माध्‍यम से उनके पंजीयन के एक सप्‍ताह के अंदर भेजी जा रही है।

186. पी.एम. स्‍वनिधि योजना अंतर्गत 20 हजार रुपये तक के ऋण की प्रतिभूति से संबंधित दस्‍तावेजों पर देय स्‍टाम्‍प शुल्‍क को घटाकर 10 रुपये तक सीमित एवं साम्‍यक बंधक, बैंक गारंटी के नवीनीकरण, ऋण के हस्‍तांतरण के देय शुल्‍क तथा औद्योगिक/आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के परिप्रेक्ष्‍य में ऋण संबंधी तथा अन्‍य सुसंगत दस्‍तावेजों पर देय शुल्‍क का सरलीकरण किया गया है।

कर-प्रस्ताव

187. गत वर्ष के बजट की तरह इस बजट में भी कोई नवीन कर अधिरोपित करने अथवा किसी भी कर की दर बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं है।

188. विकासकर्ता को विक्रय का अधिकार देने वाले विकास अनुबंध पर देय स्‍टाम्‍प शुल्‍क 2.5 प्रतिशत से घटाकर 1.5 प्रतिशत किया जाएगा।

189. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (RERA) में पंजीकृत निजी विकासकर्ताओं द्वारा ई.डब्‍ल्‍यू.एस. के पक्ष में निष्‍पादित विक्रय विलेखों पर देय स्टाम्प शुल्क 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य प्रतिशत किया जायेगा। इससे प्रतिवर्ष लगभग 3 हजार 500 ई.डब्‍ल्‍यू.एस. हितग्राहियों को लगभग ` 9 करोड़ की राहत मिलेगी।

190. विकास अनुज्ञा के एवज में विकासकर्ता द्वारा स्‍थानीय निकाय के पक्ष में नियमानुसार भूखण्‍ड बंधक रखे जाने पर निष्‍पादित बंधक विलेख पर देय स्‍टाम्‍प शुल्‍क 0.5 प्रतिशत से घटाकर 0.125 प्रतिशत किया जाएगा।

पुनरीक्षित अनुमान 2022-23

191. पुनरीक्षित अनुमान के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां ` 2 लाख 3 हजार 967 करोड़ तथा राजस्व व्यय ` 2 लाख 2 हजार 468 करोड़ अनुमानित है। राजस्व आधिक्य का पुनरीक्षित अनुमान ` 1 हजार 499 करोड़ अनुमानित है जो कि राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 0.12 प्रतिशत होगा। माननीय प्रधानमंत्री जी के हम आभारी हैं, कि केन्द्रीय करों से हिस्से के रुप में बजट अनुमान की तुलना में ` 10 हजार 436 करोड़ की राशि अधिक प्राप्त होने का अनुमान है।

192. राजकोषीय घाटे का पुनरीक्षित अनुमान ` 47 हजार 339 करोड़ है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.75 प्रतिशत है।

बजट अनुमान 2023-24

राजस्व प्राप्तियां

193. वर्ष 2023-24 में कुल राजस्व प्राप्तियों का बजट अनुमान ` 2 लाख 25 हजार 710 करोड़ है। राजस्व प्राप्तियों में राज्य करों से प्राप्तियां ` 86 हजार 500 करोड़ तथा केन्द्रीय करों में प्रदेश के हिस्से के अंतर्गत प्राप्तियां 80 हजार 184 करोड़ अनुमानित हैं। कर भिन्न राजस्व प्राप्तियां ` 14 हजार 913 करोड़ तथा केन्द्र सरकार से सहायक अनुदान अंतर्गत प्राप्तियां ` 44 हजार 113 करोड़ अनुमानित है।

194. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए प्रदेश के स्वयं के कर राजस्व एवं गैर कर-राजस्व में वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान की तुलना में लगभग 17 प्रतिशत अधिक अनुमान है।

195. राजस्व प्राप्तियों का वर्ष 2022-23 का बजट अनुमान ` 1 लाख 95 हजार 180 करोड़ का है, जिसे ` 30 हजार 530 करोड़ बढ़ाकर वर्ष 2023-24 के लिये ` 2 लाख 25 हजार 710 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

कुल व्यय

196. वर्ष 2023-24 के लिये कुल विनियोग की राशि 3 लाख 14 हजार 25 करोड़, राजस्व व्यय अंतर्गत ` 2 लाख 25 हजार 297 करोड़ तथा पूंजीगत परिव्यय अंतर्गत ` 56 हजार 256 करोड़ प्रस्तावित है। सामाजिक आर्थिक उत्थान की योजनाओं के लिये वर्ष 2023-24 के लिये समग्र रूप से बजट अनुमान ` 1 लाख 60 हजार 519 करोड़ है। विभागवार बजट अनुमान खण्ड – 1 में उपलब्ध हैं।

197. कुल व्यय के लिये वर्ष 2022-23 का बजट अनुमान ` 2 लाख 47 हजार 715 करोड़ का है, जिसे ` 33 हजार 839 करोड़ बढ़ाकर वर्ष 2023-24 के लिये ` 2 लाख 81 हजार 554 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

शुद्ध लेन-देन

198. वर्ष 2023-24 की कुल प्राप्तियां ` 2 लाख 81 हजार 660 करोड़ तथा कुल व्यय ` 2 लाख 81 हजार 554 करोड़ अनुमानित होने से वर्ष का शुद्ध लेन-देन ` 106 करोड़ है एवं अंतिम शेष ` 822 करोड़ का अनुमान है।

199. शुद्ध लेन-देन के लिये वर्ष 2022-23 का बजट अनुमान ` 1 हजार 436 करोड़ का है, जिसे वर्ष 2023-24 के लिये ` 106 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

राजकोषीय स्थिति

200. 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटे की सामान्य सीमा 3 प्रतिशत प्रस्तावित है एवं ऊर्जा क्षेत्र में अपेक्षित कतिपय सुधारों के करने पर अतिरिक्त 0.5 प्रतिशत की सीमा स्वीकृत की जा सकेगी। हमें पूरा विश्वास है कि जो भी सुधार निर्धारित किये जायेंगे उसे हम पूरा कर यह अतिरिक्त सीमा की स्वीकृति प्राप्त करेंगे। उपरोक्त को ध्यान में रखकर बजट अनुमान तैयार किया गया है। वर्ष 2023-24 के लिये भारत सरकार द्वारा विशेष पूंजीगत सहायता योजना में ` 9 हजार 500 करोड़ 50 वर्षीय दीर्घकालिक ब्याज रहित ऋण सहायता प्राप्त होने का अनुमान है। यह ऋण सहायता, राज कोषीय घाटे की सीमा से पृथक है।

201. वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा ` 55 हजार 709 करोड़ अनुमानित है जो कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.02 प्रतिशत अनुमानित है। इस वर्ष 413 करोड़ का राजस्व आधिक्य अनुमानित है।

202. यह बजट अनुमान है परन्‍तु हमारी सरकार का ”वादा” भी है, प्रदेश की जनता से। बिना समझौता किए हर मुश्किल आसान करेंगें, सभी जरूरतों का ध्‍यान रखेंगे। बेहतर सेवा का वादा है, पूरा करेंगे। मेरा विनम्र प्रयास रहेगा कि ”तुम अपने पास रखो, अपने सूरजों का हिसाब, मुझे आखिरी घर तक दिया जलाना है।”

203. हमारी सरकार का बजट ”आशा” जगाता है, ”विश्‍वास” दिलाता है। विश्‍वास, युवाओं को रोजगार का, महिलाओं की आर्थिक आत्‍मनिभर्रता का, किसानों को खेती की सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराने का, आधुनिक तकनीक से उत्‍पादन बढ़ाने का, पशुपालन व मत्‍स्‍यपालकों को व्‍यवसाय बढ़ाने का, बेघरबार को सुविधायुक्‍त आसरा का, शहरी नागरिकों को उत्‍कृष्‍ट अधोसंरचना व प्रदूषण रहित जीवन यापन का, ग्रामीण नागरिकों को ग्राम में ही रहकर नवीनतम तकनीकों की जानकारी देने का, विद्यार्थियों को श्रेष्‍ठ स्‍तर की शिक्षा देने का, कौशल विकास का, जन स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाने का, घर घर पेयजल की सुविधा देने का, निर्बाध विद्युत आपूर्ति का, प्रदेश के किसी नागरिक को भूखा न रहने देने का, व्‍यवसायियों एवं उद्यमियों को सहज व सुगम वातावरण उपलब्‍ध कराने का, नागरिक सुरक्षा का, प्रदेश में सुख शांति का। राज्य वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने प्रस्‍तुत बजट प्रस्‍तावों के संबंध में अटल बिहारी वाजपेयी जी के शब्‍दों का उल्‍लेख करते हुए कहा की

टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्‍वर,
पत्‍थर की छाती में उग आया नव अंकुर,
झरे सब पीले पात,
कोयल की कुहुक रात,
प्राची में अरूणिमा की रेख देख पाता हूँ,
गीत नया गाता हूँ।

204. राज्य के वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने अपने बजट भाषण के अंत में मुख्‍यमंत्री, मंत्रि-परिषद के साथियों, विधायकों, उघोग व व्‍यवसाय जगत के महानुभावों, अर्थशास्त्रियों का आभार प्रकट किया की जिनके परामर्श से बजट को विकासोन्‍मुख तथा कल्‍याणकारी स्‍वरूप दिया जा सका है। वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने वित्‍त विभाग के समस्‍त अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी आभार प्रकट किया की जिन्‍होंने अथक परिश्रम, प्रतिबद्धता से बजट को तैयार कर प्रस्‍तुत करने तक की प्रक्रिया में प्रशंसनीय सहयोग दिया है।

।। जय हिन्‍द जय मध्‍यप्रदेश ।।

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