आत्म-निर्भर भारत बनाने में मध्यप्रदेश के युवा निभाएंगे भूमिका – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

बीते दो माह में सवा पाँच लाख युवाओं को विभिन्न योजनाओं में रोजगार
प्रत्येक माह मनाया जाएगा रोजगार दिवस
हितग्राहियों को हित-लाभ वितरण, मुख्यमंत्री ने संवाद भी किया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्म-निर्भर भारत और आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में युवा महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेंगे। रोजगार आज एक प्रमुख आवश्यकता है। मध्यप्रदेश में बीते दो माह में सवा पाँच लाख युवाओं को विभिन्न योजनाओं में रोजगार और वित्तीय सहायता प्रदान कर आत्म-निर्भर बनने का अवसर दिया गया है। प्रतिमाह एक लाख लोगों को रोजगार से जोड़ने और आर्थिक उन्नयन का लाभ देने के लक्ष्य के मुकाबले दोगुनी उपलब्धि प्राप्त हुई है। प्रतिमाह ढाई लाख लोगों को लाभान्वित करने में सफलता मिली है। अब प्रत्येक माह रोजगार दिवस मनाया जाएगा। हमारे नौजवानों को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार मिले, इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में रोजगार दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। स्वामी विवेकानंद जयंती, राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वामी विवेकानंद की तस्वीर के समक्ष दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओम प्रकाश सखलेचा, विधायक श्रीमती कृष्णा गौर तथा म.प्र. कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड के अध्यक्ष श्री शैलेंद्र शर्मा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज स्वामीविवेकानंद जयंती पर स्वामी जी के इस कथन से प्रेरणा लेना चाहिए कि- “मनुष्य यदि निश्चय कर ले और रास्ता बना ले तो कोई कार्य असंभव नहीं है।” स्वामी जी का वास्तविक नाम नरेन्द्र था, भारत के लिए भविष्यवाणी करते हुए उन्होंने कहा था कि आने वाली सदी भारत की होगी। आज एक और नरेन्द्र (प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी) के नेतृत्व में भारत वैभवशाली और गौरवशाली राष्ट्र बनकर विश्व गुरू के रूप में पहचान बना रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री जमशेद जी टाटा की सफलता का उदाहरण देते हुए कहा कि वे छोटे से कार्य को प्रारंभ कर इतने बड़े उद्योगपति बने। मजबूत संकल्प से युवा अपने कार्य क्षेत्र में अवश्य सफल होंगे।

दो माह में सवा पाँच लाख को योजनाओं में मिला लाभ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में प्रयास बढ़ाए गए हैं। गत 15 नवम्बर 2021 से 12 जनवरी 2022 की अवधि में प्रदेश में 5 लाख 26 हजार 510 युवाओं को लाभान्वित करने का ठोस कार्य हुआ है। हमारा प्रयास ऐसी शिक्षा प्रदान करना है, जो रोजगार भी उपलब्ध करवाए। नई शिक्षा नीति में भी संपन्न भारत के निर्माण की कल्पना है। कक्षा 6वीं से व्यावसायिक शिक्षा के प्रावधान से यह स्पष्ट होता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवाओं के हाथ में कौशल हो और उन्हें जीविका मिले, यह बहुत आवश्यक है। मध्यप्रदेश के नौजवान अब नौकरी मांगने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बन रहे हैं। वास्तव में युवा नया इतिहास रच सकते हैं।

कोरोना काल में भी प्रदेश में निवेश

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल में भी निवेश आया है। टेक्सटाइल उद्योग सहित भिन्न-भिन्न उद्योगों के लिए पृथक-पृथक कलस्टर बनाए जा रहे हैं। सस्ती जमीन और अन्य सुविधाओं का लाभ नई इकाइयों की स्थापना के लिए दिया जा रहा है। सीहोर बुधनी के लकड़ी के कलात्मक खिलौने, भोपाल के बटुए, जनजातीय बहुल जिलों से कोदो-कुटकी सहित अन्य उत्पाद लोकप्रिय हो रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी लोकल उत्पाद को वोकल बनाने का आव्हान कर चुके हैं।

महिलाओं का सशक्तिकरण और आर्थिक उन्नयन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व-सहायता समूह की महिलाओं को ग्रामीण आजीविका मिशन में 12 लाख बहनों को विभिन्न आर्थिक गतिविधियों केलिए दो हजार करोड़ रूपए की क्रेडिट लिंकेज का लाभ दिया गया। यह उपलब्धि ऐतिहासिक है।

बेकलॉग के पदों की पूर्ति और अन्य विभागों में पदों के लिए चयन प्रक्रिया

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में बेकलॉग के पदों की पूर्ति और नवीन पदों पर नियुक्तियों के लिए चयन प्रक्रिया चल रही है। आयुष चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, सहायक, कौशल प्रशिक्षण अधिकारी, जेल प्रहरी, उप यंत्री के पदों के साथ ही सहकारिता और अन्य विभाग में पदों पर चयन के लिए कार्यवाही की जा रही है।

विभिन्न क्षेत्रों से रोजगार सृजन और आर्थिक उन्नयन के प्रयास

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में सहकारिता, कृषि, खनिज और पर्यटन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया है। मध्यप्रदेश का प्रसिद्ध शरबती गेहूं एमपी व्हीट के नाम से दुनिया में लोकप्रिय है। “एक जिला-एक उत्पाद” में सभी जिले के उत्पादों का चयन कर उनके अधिक से अधिक विक्रय के प्रयास किए जा रहे हैं। वनों से समृद्धि हासिल करने के प्रयास हो रहे हैं। देवारण्य योजना का क्रियान्वयन हो रहा है। वनोत्पाद की प्रोसेसिंग के पश्चात औषधि निर्माण के कार्य को बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री राशन आपके द्वार योजना में 89 जनजातीय विकासखंडों में स्थानीय युवाओं को ही खाद्यान्न वितरण का दायित्व दिया गया है। कुसुम योजना में सोलर पैनल की स्थापना से आर्थिक उन्नयन का मार्ग आसान हुआ है। ग्रामीण और शहरी आजीविका योजनाओं से भी युवा लाभान्वित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के क्रियान्वयन पर फोकस किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लाभान्वित युवाओं को बधाई दी और विभिन्न योजनाओं में ऋण राशि की स्वीकृति के लिए बैंकों का भी आभार व्यक्त किया।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने के लिये सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग आगामी 2 साल में 30 लाख रोजगार सृजित करेगा। मध्यप्रदेश में क्लस्टर आधारित उद्योगों का सुनियोजित विकास किया जा रहा है और इसी दिशा में इंदौर में फर्नीचर क्लस्टर 500 एकड़ भूमि पर प्रारम्भ किया गया है। इस क्लस्टर से 20 हज़ार युवाओं को सीधे और 30 हज़ार को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। भोपाल सहित ग्वालियर, नीमच और बैतूल में 4 फर्नीचर क्लस्टर का विकास किया जा रहा है। मध्यप्रदेश अकेला ऐसा राज्य होगा जहाँ कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद बहुत कम अवधि में 5 लाख 26 हज़ार युवाओं को रोजगार दिया गया है। प्रदेश में खिलौना क्लस्टर के विकास में तेजी से काम चल रहा है। इस क्लस्टर में अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों ने भी रुचि दिखाई है। इसके लिए 30 तकनीकी लब से करारनामा किया गया है, जिससे नव उद्यमियों को तकनीकी कौशल उपलब्ध हो सके। विभिन्न जिलों में जल्दी ही सेमिनार आयोजित कर इन उद्यमियों को सपोर्ट किया जाएगा। स्टार्ट अप पॉलिसी को भी जल्द ही अंतिम रूप देंगे।

हितग्राहियों को हितलाभ वितरण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न योजना के हितग्राहियों को हितलाभ प्रदान कर उनसे संवाद भी किया। इनमें भोपाल की श्रीमती कौशर जहाँ, श्री आनंद कुमार जैन, श्री अशोक थापा, श्री अनिल भसमे, श्रीमती पुष्पा बाई, श्रीमती रश्मिता गरई, विदिशा के श्री शानू चौबे और होशंगाबाद के श्री शैलेष बरकुर शामिल हैं। श्रीमती कौशर जहाँ को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में दो लाख की राशि रेडीमेड गारमेंट व्यवसाय के लिए मिली है। विदिशा के श्री शानू चौबे को इसी कार्यक्रम में बेल्डिंग वर्क के लिए दस लाख की राशि प्रदान की गई। इन्होंने आठ अन्य को रोजगार भी दिया है। होशंगाबाद के शैलेष बरकुर ने साढ़े नौ लाख की प्राप्त सहायता से बिजली सामग्री का व्यवसाय शुरू किया है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से श्री अशोक थापा ने फास्ट फूड सेंटर प्रारंभ किया है। श्री अनिल भसमे को स्टेशनरी शॉप के लिए राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में ऋण दिया गया है। श्रीमती पुष्पा बाई को मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना में दस हजार की राशि प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व-रोजगार से जुड़ रहे सभी हितग्राहियों को भी बधाई दी।

हितग्राहियों से किया संवाद

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जिलों में रोजगार मेले में लाभान्वित हितग्राहियों से वर्चुअली संवाद भी किया। बालाघाट के हितग्राही श्री विनोद बर्वे को टेंट डेकोरेशन, नीमच के श्री नीलेश पाटीदार को सीमेंट और पेवर ब्लॉक निर्माण, रीवा के श्री पार्थ पाण्डे को बेकरी प्रोडक्ट्स, ग्वालियर के श्री अली अहमद को गुड़ बूरा और इलायची दाना निर्माण और टीकमगढ़ की अनीता सोनी को खिलौना शॉप प्रारंभ करने की जानकारी मुख्यमंत्री ने ली। मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों से संवाद के दौरान बैंक से मिले ऋण और उनके द्वारा किये जा रहे व्यवसाय के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन सभी युवाओं को व्यवसाय में सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं।

सचिव और उद्योग आयुक्त श्री पी. नरहरि ने स्वागत भाषण में रोजगार दिवस तथा रोजगार मेलों में विभागीय उपलब्धियों की जानकारी दी। रोजगार दिवस का आयोजन प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों पर भी हुआ।

किस योजना से कितना लाभ

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में 3 लाख 87 हजार 55 हितग्राहियों को 2,97 करोड़ रूपये।

पीएम स्वनिधि योजना में 57 हजार 125 हितग्राहियों को 71 करोड़ रूपये।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 691 समूहों और 12 हजार 156 बहनों को 192 करोड़ रूपये।

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में 1602 हितग्राहियों को 20 करोड़ रूपये।

मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना में 63 हजार 764 हितग्राहियों को 63 करोड़ रूपये।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना में 4 हजार 117 हितग्राहियों को 107 करोड़ रूपये।

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