मध्यप्रदेश में अपराधियों पर अंकुश लगाकर जनता को राहत दिलवाना पहली प्राथमिकता- मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान
हर तरह के अपराधों पर हो सख्ती से नियंत्रण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीसी के प्रथम सत्र में की कानून-व्यवस्था की विस्तार से समीक्षा
कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में एक्चुअल और वर्चुअल रूप से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आपराधिक तत्वों पर अंकुश लगाकर आम जनता को राहत उपलब्ध करवाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। चिन्हित अपराधों को रोकने, महिलाओं और बालिकाओं को अपराधों से बचाने, गुमशुदा बच्चों की तलाश, शराब के अवैध व्यवसाय पर नियंत्रण और भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने वालों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज मंत्रालय से वीसी द्वारा कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस की शुरुआत कानून- व्यवस्था की समीक्षा करते हुए ये निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस, सुशासन का माध्यम है। हमने तय किया है कि 29 दिन कार्य करें और एक दिन कार्यों की समीक्षा करें। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री विनोद कुमार, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस तरह की कांफ्रेंस गत 29 नवंबर, 2021 को की थी।
महिलाओं के विरूद्ध अपराध और आपरेशन मुस्कान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आपरेशन मुस्कान में प्रदेश में नाबालिग अपहृत तथा गुमशुदा बालिकाओं के प्रकरणों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि आपरेशन मुस्कान की नियमित समीक्षा की जाए। मुख्यमंत्री ने इंदौर, भोपाल, जबलपुर, धार और सागर में आपरेशन मुस्कान के तहत प्रभावी कार्यवाही की सराहना की। कांफ्रेंस में बताया गया कि वर्ष 2021 में 13 हजार 108 बालक-बालिकाओं को खोजा गया। प्रदेश में 700 थानों में ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। महिला अपराध के आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए 45 हिस्ट्रीशीटर/ गुण्डा फाइल खोलने, 6 के विरूद्ध एनएसए और 39 के विरूद्ध जिला बदर की कार्यवाही की गई।
चिन्हित अपराध
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि चिन्हित अपराधों में कुछ जिलों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। अन्य जिले भी ऐसे अपराधों पर नियंत्रण के प्रयास करें। मुख्यमंत्री ने रायसेन, दतिया, भिण्ड, शहडोल जिले को शत-प्रतिशत सजायाबी प्रतिशत हासिल करने के लिए बधाई दी। इसी तरह मण्डला, छतरपुर, सीधी और रतलाम जिले में भी ऐसे अपराधों पर अच्छा नियंत्रण किया गया है। प्रदेश में चिन्हित अपराधों में सजायाबी औसत 66 प्रतिशत रही है। दोषसिद्धि प्रकरणों में 303 को आजीवन कारावास, 149 को कारावास और 3 को मृत्यु-दण्ड दिया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विशेष रूप से रायसेन को चिन्हित अपराध कंट्रोल करने पर बधाई दी। रायसेन जिले में विभिन्न प्रकरणों में न्यायालय स्तर तक फालोअप कर अपराधियों को दंडित किया गया। दतिया, भिंड, शहडोल और इंदौर जिले भी अपराध नियंत्रण में आगे हैं। अपराधियों को सजा दिलवाने में इन जिलों ने बेहतर कार्य किया है।
गंभीर अपराधों में गिरफ्तारियाँ
हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, डकैती और बलवा जैसे गम्भीर मामलों में अपराध घटित होने के सात दिन के भीतर 24 हजार 736 आरोपी गिरफ्तार किए गए। प्रदेश में 3 हजार 925 अपराधी जिला बदर किए गए। कुल 638 को रासुका में गिरफ्तार किया गया। आर्म्स एक्ट में 13 हजार 233, जुआ एक्ट में 32 हजार 281 और अन्य धाराओं को मिलाकर 9 लाख से अधिक अपराधियों को पकड़ा गया।
भू-माफिया और चिटफंड कम्पनियों के विरूद्ध कार्यवाही और सम्पत्ति संबंधी अपराध
बताया गया कि ग्वालियर, इंदौर, सीहोर, खरगोन, जबलपुर और भोपाल में भू-माफिया के विरूद्ध बड़ी कार्यवाहियाँ की गईं। ग्वालियर में 45 बीघा शासकीय भूमि, इंदौर में 6.941 हेक्टयर भूमि, सीहोर में 51. 45 एकड़ भूमि और जबलपुर में 2.5 भूमि मुक्त कराई गई। भू-माफिया के विरूद्ध एनएसए के 145 मामले दर्ज हुए। राजस्व विभाग ने भी भू-माफिया के विरूद्ध 2 माह में 419 प्रकरण दर्ज किए हैं। प्रदेश में चिटफंड कम्पनियों से गत वर्ष 152 करोड़ रूपये की राशि 46 हजार 245 निवेशकों को वापस दिलवाई गई। दो माह में 62 अपराध पंजीबद्ध किए गए। गिरफ्तार आरोपियों की संख्या 24 है। इस अवधि में 31 करोड़ 5 लाख रूपये की राशि निवेशकों को वापस दिलवाई गई। सतना, इंदौर, आगर-मालवा और रीवा में सहारा इंडिया कम्पनी से निवेशकों को राशि वापस दिलवाई गई। संगठित अवैध शराब निर्माण, बिक्री और परिवहन पर अंकुश लगाते हुए वर्ष 2021 में एक लाख 6 हजार 606 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए। कुल 13 लाख 33 हजार 917 लीटर शराब जब्त की गई। अवैध कार्य में लगे 2 हजार 361 वाहन जब्त कर 259 वाहन राजसात भी किए गए। इस श्रेणी में 408 अपराधियों के विरूद्ध जिला बदर की कार्यवाही की गई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में सम्पत्ति संबंधी अपराधों की जानकारी प्राप्त की। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि वर्ष 2021 में डकैती, लूट, चोरी और गृहभेदन के प्रकरणों में आम जनता की 190 करोड़ रूपये की सम्पत्ति अपराधियों द्वारा हड़पी गई थी, जिसमें से 107 करोड़ की सम्पत्ति मुक्त कराई गई है। राजगढ़ जिले में पुलिस ने ड्रोन का उपयोग कर अपराधी पकड़े हैं।
नशीले पदार्थों की रोकथाम और अवैध खनन रोकने के लिए कार्यवाही
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी जिलों में अवैध शराब के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए। ऐसे अपराधियों को क्रश करना है। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा केमिकल से शराब बनाना जान लेवा है। कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि प्रदेश में नारकोटिक्स विंग ने वर्ष 2021 में 73 नशामुक्ति और जन-जागृति कार्यक्रम आयोजित किए। गत वर्ष एनडीपीएस में 3958 अपराध पंजीबद्ध कर 5 हजार 68 आरोपी गिरफ्तार किए गए। अपराधियों के अवैध आर्थिक स्रोतों को भी बंद करने की कार्यवाही की गई। गत वर्ष अवैध उत्खनन और परिवहन में लगे 323 वाहन राजसात किए गए।
खाद्य पदार्थों में मिलावट पर कार्यवाही
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मिलावटी खाद्य पदार्थ बनाने वालों पर ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, भिंड, सतना, आगर-मालवा, दतिया, मुरैना, खरगोन, कटनी, श्योपुर, शिवपुरी, भिंड, धार, बुरहानपुर और नीमच में बेहतर कार्रवाई हुई है। जनता में विश्वास का भाव लाना है कि इस दिशा में बेहतर काम हो रहा है। यह कार्यवाही सतत रूप से की जाए। कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि गत दो माह में 67 प्रकरण में 100 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। इस अवधि में 1343 लीटर खाद्य तेल, 5341 किलो ग्राम मावा, 1236 किलोग्राम घी, 3980 लीटर पेट्रोल-डीजल और केरोसीन जब्त किया गया। इनकी सम्मिलित राशि 7 करोड़ 6 लाख रूपये है। गत दो माह में राशन और खाद्यान्न की कालाबाजारी के 257 प्रकरण में 389 आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही हुई।
विदेशी नागरिक और सायबर क्राइम
कॉन्फ्रेंस में ऐसे विदेशी नागरिक जो वीजा अवधि समाप्ति के पश्चात भी रूकते हैं, उन्हें ट्रेस कर भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्यवाही की जानकारी दी गई। प्रदेश में वर्तमान में 1571 नागरिक हैं, जिनका ओव्हर स्टे है। मुख्यमंत्री ने इसमें दो श्रेणियों में नागरिकों को शामिल कर न्यायोचित कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने किसी विवशता के कारण स्टे करने वाले नागरिकों की और घुसपैठियों की अलग-अलग श्रेणी के अनुसार कार्यवाही करने को कहा। कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि सायबर अपराधों की रोकथाम के लिए रोडमैप बनाया गया है।