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प्रधानमंत्री,नरेंद्र मोदी जी ने हमेशा सहकारी संघवाद की भावना को मजबूत करने का काम किया है

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री,अमित शाह मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23 वीं बैठक में कहा

Story Highlights
  • श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की संख्याी में बहुत बढोत्तरी हुई है प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्वब में सरकार बनने के बाद नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलवाद की समस्या से सख्ती से निपटने के साथ-साथ इन क्षेत्रों मे विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं इसके अच्छे परिणाम निकले है जब 2009 में वामपंथी उग्रवादी हिंसा चरम पर थी तब वामपंथी उग्रवादी हिंसक घटनाओं की संख्या 2258 थी जो 2021 में घटकर 509 हो गई 2009 में वामपंथी उग्रवादी हिंसा में 1005 लोगों की मृत्यु हुई थी जबकि 2021 में 147 लोगों की जान गई, पुलिस थानों पर वामपंथी उग्रवादी हिंसा में भी कमी आई है, 2009 में ऐसी 96 घटनांए हुई थी जोकि 2021 में कम होकर 46 हो गई केन्द्र सरकार वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों (LWE) में सुरक्षा बलो को और मजबूत करने और गैप्स कम कर रही है इसी के अंतर्गत पिछले तीन साल में 40 नए सुरक्षा कैम्प खोले गए हैं तथा 15 और खोले जाने है यह एक बहुत बडी उपलब्धि है, भारत सरकार राज्यों के साथ मिलकर वामपंथी उग्रवाद की समस्याा को शत प्रतिशत समाप्त करने के लिए कटिबद्ध है

 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज भोपाल में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23 वीं बैठक की अध्यक्षता की
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और छत्तीसगढ़ राज्य अपनी भौगोलिक स्थिति, जीडीपी में योगदान और देश के विकास के लिए महत्व पूर्ण है

श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले 8 साल में पूरे देश में टीम इंडिया की अवधारणा को सामने रख इसे चरितार्थ किया है
श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की संख्याी में बहुत बढोत्तरी हुई है
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्वब में सरकार बनने के बाद नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलवाद की समस्या से सख्ती से निपटने के साथ-साथ इन क्षेत्रों मे विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं
इसके अच्छे परिणाम निकले है जब 2009 में वामपंथी उग्रवादी हिंसा चरम पर थी तब वामपंथी उग्रवादी हिंसक घटनाओं की संख्या 2258 थी जो 2021 में घटकर 509 हो गई
2009 में वामपंथी उग्रवादी हिंसा में 1005 लोगों की मृत्यु हुई थी जबकि 2021 में 147 लोगों की जान गई, पुलिस थानों पर वामपंथी उग्रवादी हिंसा में भी कमी आई है, 2009 में ऐसी 96 घटनांए हुई थी जोकि 2021 में कम होकर 46 हो गई
केन्द्र सरकार वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों (LWE) में सुरक्षा बलो को और मजबूत करने और गैप्स कम कर रही है इसी के अंतर्गत पिछले तीन साल में 40 नए सुरक्षा कैम्प खोले गए हैं तथा 15 और खोले जाने है
यह एक बहुत बडी उपलब्धि है, भारत सरकार राज्यों के साथ मिलकर वामपंथी उग्रवाद की समस्याा को शत प्रतिशत समाप्त करने के लिए कटिबद्ध है
सरकार ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में पिछले 3 सालों में पोस्टल बैंकिंग सुविधा के साथ करीब पॉंच हजार पोस्ट ऑफिस और 1200 से अधिक बैंक शाखायें खोली जा रही हैं
सरकार द्वारा दूरसंचार सेवाओं को गति देने के लिए पहले चरण में 2300 से अधिक मोबाइल टावर लगाए गए हैं और दूसरे चरण में 2500 मोबाईल टॉवर लगाये जा रहे हैं
1957 से 2013 की तुलना में 2014 से अब तक क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की फ़्रीक्वेंसी में तीन गुना वृद्धि हुई है
17 जनवरी, 2022 को हुई मध्य क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति की 14 वीं बैठक में 54 में से 36 मुद्दों को पहले ही हल कर लिया गया, आज की बैठक में कुल 18 मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें से 15 का समाधान निकाल लिया गया
परिषद की बैठकों की गति बढने के साथ ही राज्यों के बीच गुड प्रैक्टिसेस का आदान-प्रदान हो रहा है, इससे अन्ये राज्यों को प्रेरणा तो मिलती ही है साथ ही केन्द्र व राज्यों के बीच बेहतर और स्वस्थ संबंध बनते हैं
हर राज्य में फ़ोरेंसिक साइंस लॉ कॉलेज खोलने चाहिए साथ ही छोटे क़स्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय भाषाओं में विभिन्न माध्यमों से साइबर सुरक्षा संबंधी जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए

 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज 22 अगस्त 2022 को भोपाल में मध्‍य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए जबकि उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री श्री योगी आदित्‍यनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल वर्चुअल माध्‍यम से बैठक में शामिल हुए। बैठक में सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मं‍त्री, केंद्रीय गृह सचिव, अंतर्राज्य परिषद सचिवालय की सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव और राज्य सरकारों तथा केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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