‘‘मध्यप्रदेश में माफिया हारेगा – भाजपा हारेगी – जनादेश जीतेगा’’
‘‘खरीद फरोख्त करने की बजाए, सदन में बहुमत से क्यों भाग रही है भाजपा’’
‘‘आयाराम, गयाराम’’ ही अब मध्यप्रदेश में भाजपा का एकमात्र रास्ता है। मध्यप्रदेश कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत में है, पर करोड़ों रूपये की बोली लगा विधायकों का ईमान खरीदने का षडयंत्र किया जा रहा है। भाजपाई जान लें कि वो अपने कुत्सित मनसूबों में कभी कामयाब नहीं होने वाले। यह बात एक स्वर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद, अधीर रंजन चौधरी, विवेक तन्खा और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दिल्ली में आज 05 मार्च 2020 को सुबह प्रेस वार्ता करते हुए भाजपा पर जमकर निशाना साधते हुए कही है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा की सरकार को हटाने के इस षडयंत्र में मध्यप्रदेश में वो माफिया सरगना शामिल हैं, जिनके पंख कांग्रेस सरकार ने काट दिए व उनकी गैरकानूनी गतिविधियों पर शिकंजा कस दिया। कांग्रेस सरकार ने 11 क्षेत्रों को चिन्हित कर संगठित माफिया व अपराध पर हमला बोला है, जिनमें भू माफिया, सहकारी माफिया, चिटफंड माफिया, माईनिंग माफिया, एक्सटॉर्शन माफिया पर कड़ी कार्यवाही की गई है। व्यापम घोटाले के आरोपियों पर शिकंजा कसा जा रहा है, टेंडर स्कैम व चिटफंड स्कैम के कागज खुल रहे हैं और भाजपा नेता बौखला गए हैं। कांग्रेस सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में की गई किसान कर्जमाफी भी भाजपाईयों को हजम नहीं हुई। पहले चरण में अब तक 20 लाख किसानों का लगभग 9 लाख करोड़ रु. का कर्ज माफ किया जा चुका है। दूसरे चरण में पुनः 11 लाख किसान चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें कर्जमाफी दी जाएगी। मध्यप्रदेश के 87 प्रतिशत लोगों को इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत 1 रु. यूनिट की दर से सौ यूनिट तक बिजली दी जा रही है, जिससे प्रदेश के नागरिकों का बिजली का बिल 70 प्रतिशत कम हो गया है।
मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है। बीते एक साल में लगभग 35 हजार करोड़ रु. का निवेश हो चुका है और लगभग 70 हजार करोड़ रु. के लिए निवेशकों ने स्थान चिन्हित किया है।
कांग्रेस का मानना है की भाजपा को इस बात का साफ आभास हो गया है कि मध्यप्रदेश में उनका जनाधार समाप्त हो गया है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि हाल ही में हुए झाबुआ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा 27000 से अधिक वोटों से परास्त हुई है। निराशा के गर्त में डूबी भाजपा को यह साफ दिखाई दे रहा है कि आने वाले दो विधानसभा उपचुनावों में, जोरा और आगर में उनकी हार सामने खड़ी है। इसीलिए वो सरकार गिराने की राजनीति पर उतर आए हैं।
वर्तमान में कांग्रेस के 114 विधायक हैं, और 1 निर्दलीय प्रदीप मंत्री हैं। अर्थात 115 बहुमत का आंकड़ा है, जो कांग्रेस के पास है। 2 बहुजन समाज पार्टी के विधायक, रामाबाई परिहार और संजीव कुशवाह ने आज भी कांग्रेस के समर्थन की अपनी बात दोहराई है। समाजवादी पार्टी के राधे शुक्ला ने भी अपनी आस्था सरकार में व्यक्त की है। केदार डावर और विक्रम सिंह राणा निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के साथ हैं।
कल भाजपाईयों ने षडयंत्र करके कुछ विधायकों को मानेसर, हरियाणा के एक होटल में बंधक बनाया, पर वो स्वेच्छा से कांग्रेस के समर्थन में वापस आ खड़े हुए। ऐसी भी सूचना है कि दिल्ली से भाजपा के नेता चार विधायकों को जबरदस्ती बैंगलोर ले गए हैं, जिनमें तीन कांग्रेस के और एक निर्दलीय हैं। भाजपा का यह घिनौना षडयंत्र कांग्रेस के नहीं, अपितु मध्यप्रदेश के खिलाफ है। जिसका संपूर्ण जवाब प्रदेश की जनता आने वाले उपचुनाव में देगी।