आधार कार्ड ने दी जन-जन को नई पहचान
मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव ,खाद्य एवं परिवहन,फैज अहमद किदवई
- ‘आधार उपयोग को सरल बनाने के लिए हालिया पहल पर हुई कार्यशाला मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव ,खाद्य एवं परिवहन श्री फैज अहमद किदवई, ने कहा है कि आधार कार्ड ने देश के हर नागरिक को उसकी पहचान दी है। श्री किदवई भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यू.आई.डी.ए.आई.) द्वारा ‘आधार उपयोग को सरल बनाने के लिए हालिया पहल' पर प्रशासन अकादमी में राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
‘आधार उपयोग को सरल बनाने के लिए हालिया पहल पर हुई कार्यशाला
मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव ,खाद्य एवं परिवहन श्री फैज अहमद किदवई, ने कहा है कि आधार कार्ड ने देश के हर नागरिक को उसकी पहचान दी है। श्री किदवई भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यू.आई.डी.ए.आई.) द्वारा ‘आधार उपयोग को सरल बनाने के लिए हालिया पहल’ पर प्रशासन अकादमी में राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आधार ने ऐसे व्यक्तियों को भी पहचान दी जिनके पास अपनी पहचान का कोई आधार नहीं था। उन्होंने कहा कि यूआईडीएआई द्वारा की गई सर्वोत्तम प्रथाओं और हाल की पहलों को साझा करना इस कार्यशाला की महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि ‘आधार’ अविश्वसनीय रूप से मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि 313 से अधिक डीबीटी कल्याण योजनाएँ लाभार्थियों को लाभ और सब्सिडी के लक्षित वितरण के लिए आधार प्लेटफॉर्म का उपयोग हो रहा हैं और अनुमानित बचत रुपये 2.22 लाख करोड़ है।
कार्यशाला के दो सत्रों में आधार पारिस्थितिकी तंत्र में जोड़ी गई नवीनतम प्रमाणीकरण सुविधाओं, आधार के अभिनव उपयोग के मामले और मध्य प्रदेश में लागू सर्वोत्तम प्रथाओं, डेटा गोपनीयता और सूचना सुरक्षा, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और आधार सक्षम भुगतान प्रणाली पर विचार-विमर्श किया गया। इसके साथ ही एम-आधार ऐप, आधार ऑनलाइन सेवाओं, आधार नामांकन और अद्यतन सेवाओं को निवासियों के लिए एक सुगम अनुभव के विषय में भी विस्तार से बताया गया।
ई-के.वाई.सी सेवाओं को किया सक्षम
आई.टी.एस., उप महानिदेशक, यू.आई.डी.ए.आई.श्री. संजय कुमार सोहनी, ने बताया कि आधार भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का मूल बन गया है। इससे डिजिटल विभाजन को पाट दिया है, ई-के.वाई.सी सेवाओं को सक्षम किया है, मोबाइल के माध्यम से दरवाजे पर बैंकिंग सेवा प्रदान की है और सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के जरूरतमंद और योग्य लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे नकद हस्तांतरण की सुविधा दी है। उन्होंने फेस ऑथेंटिकेशन, ऑफलाइन वेरिफिकेशन और यूआईडीएआई द्वारा ली गई ऑथेंटिकेशन फीस में कमी जैसी पहलों का भी जिक्र किया। श्री निकेत दीवान, परियोजना प्रबंधक, यूआईडीएआई, राज्य कार्यालय, भोपाल ने कानूनी पहलुओं को साझा किया।
कार्यशाला में राज्य शासन, बैंकों, बी.एस.एन.एल., डाक विभाग, राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एन.आई.सी.) और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। श्री संजय कुमार सोहनी, आई.टी.एस., डी.डी.जी., यू.आई.डी.ए.आई, आर.ओ.-दिल्ली, श्री प्रेम नारायण, डी.डी.जी., यू.आई.डी.ए.आई, मुख्यालय.-दिल्ली, श्री अभिजीत अग्रवाल, प्रबंध निदेशक, एमपीएसईडीसी लिमिटेड, श्री सुमित पटले, निदेशक यू.आई.डी.ए.आई- राज्य कार्यालय भोपाल, लेफ्टिनेंट कर्नल संजय सिंह रौतेला, निदेशक यू.आई.डी.ए.आई, आर.ओ.-दिल्ली शामिल हुए।