बच्चों को प्रदान की गईं बाल रक्षा किट
मुख्यमंत्री आरोग्य भारती के सुपोषण अभियान कार्यक्रम में हुए शामिल
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ परिवार और एक स्वस्थ राष्ट्र का लक्ष्य सामने रखकर हम सभी को कार्य करना है। स्वर्ण प्राशन सहित सोलह संस्कार वैज्ञानिक हैं। बच्चों को बलवान और बुद्धिमान बनाने में यह उपयोगी है। भारतीय परिवारों में इसी वजह से स्वर्ण प्राशन संस्कार प्राचीन समय से प्रचलित रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज तुलसी नगर में आरोग्य भारती कार्यालय में सुपोषण अभियान के अंतर्गत बच्चों को इम्युनिटी बूस्टर माने गए स्वर्ण प्राशन का प्रदाय कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हजारों वर्ष प्राचीन शैल चित्र भी यह दर्शाते हैं कि स्वस्थ मनुष्य ही संपूर्ण सुखी जीवन जी सकता है। प्रयास यह होना चाहिए कि व्यक्ति बीमार ही न हो।
बच्चों में पैदा होती है रोगों से लड़ने की क्षमता
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में हमारे ज्ञान-वान आचार्यों ने प्राचीनकाल से बैक्टीरिया जनित रोगों से लड़ने के लिए स्वर्ण प्राशन जैसे रसायन का निर्माण किया था। स्वर्ण प्राशन का अर्थ है स्वर्ण (सोना) का सेवन। इसका सेवन पुष्प नक्षत्र के दौरान किया जाता है। स्वर्ण प्राशन बच्चों में विभिन्न रोगों से लड़ने की क्षमता का निर्माण करने में उपयोगी है। स्वर्ण प्राशन बच्चों को चटाया जाता था। ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार परिवार इस का व्यय वहन नहीं कर पाते थे। तब साधारण शहद चटाकर भी संस्कार संपन्न होता था। स्वर्ण प्राशन में स्वर्ण भस्म के साथ ही घी, शहद, गिलोय, शंखपुष्पी और अश्वगंधा जैसे मिश्रण होते हैं। बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए इसका काफी महत्व रहा है। जन्म से लेकर सोलह साल की आयु तक अभिभावक बच्चों को इसका सेवन करवाते हैं। हालांकि अब ग्रामों में भी ये परंपरा लुप्त हो रही है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की इस परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य सराहनीय है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वर्ण प्राशन के प्रचार-प्रसार की आरोग्य भारती की कोशिशें तारीफ के काबिल हैं।
पं. खुशीलाल कॉलेज को बनायेंगे शोध केन्द्र
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दैनिक जीवन में आयुर्वेद का काफी महत्व है। भोपाल का पं. खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक महाविद्यालय एक आदर्श केंद्र है। यहाँ पंचकर्म जैसी सुविधाएँ भी हैं। इस कॉलेज को शोध केंद्र बनाने का प्रयास है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वैद्य पं. रामनारायण शास्त्री की सेवाओं का स्मरण भी किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वर्ण प्राशन वितरण के लिए आरोग्य भारती और अन्य संस्थाएँ एक ग्राम अथवा एक आँगनवाड़ी गोद ले सकती हैं। निश्चित ही इसके लाभ समाज तक पहुँचेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में कुछ बच्चों को बाल रक्षा किट प्रदान की। इसमें एक माह की दवा दी गई है। मुख्यमंत्री ने समाज और सरकार के संयुक्त प्रयासों से इस दिशा में प्रयत्न बढ़ाने की आवश्यकता बताई। उत्तरप्रदेश से आए आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव श्री अशोक कुमार वार्ष्णेय ने भी संबोधन दिया। मंत्र उच्चारण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ और समापन हुआ।
डॉ. उमेश शुक्ला सहित अनेक आयुर्वेदिक चिकित्सक कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आरोग्य भारती कार्यालय परिसर में पौधा भी लगाया। आयुष मंत्री श्री रामकिशोर कावरे भी उपस्थित थे। डॉ. अभिजीत देशमुख ने आभार माना।