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राज्य सरकार और सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया के मध्य हुआ एमओयू

भोपाल । राज्य शासन की स्व-रोजगार योजनाओं में विभिन्न बैंक शाखाओं द्वारा हितग्राहियों के मार्जिन मनी अनुदान, ब्याज अनुदान तथा सीजीटीएमएसई शुल्क अनुदान के क्लेम सेटलमेंट के लिये राज्य-स्तर पर एकमात्र नोडल बैंक के रूप में सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया के साथ विभाग द्वारा एमओयू किया गया। इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा उपस्थित थे।

मंत्रालय में आयोजित बैठक के दौरान मंत्री श्री सखलेचा ने निर्देश दिये कि एमएसएमई (माइक्रो, स्माल, मीडियम एन्टरप्रेन्युअर) लोन के प्रकरणों का बैंकों द्वारा समय-सीमा में निराकरण किया जाये। उन्होंने भारत सरकार की सीजीटीएमएसई योजनांतर्गत एमएसएमई के ऋण कवर किये जाने और आवेदक से कोलेटरल सिक्योरिटी नहीं लिये जाने को भी कहा। श्री सखलेचा ने इस बात पर जोर दिया कि एमएसएमई लोन के प्रकरणों में बैंकों द्वारा की जाने वाली अंडर फायनेंसिंग के चलते परियोजनाओं में एनपीए होने की संभावना अधिक होती है। अतएव राज्य-स्तरीय बैंकर्स समिति से अपेक्षा है कि वह इस अंडर फायनेंसिंग को रोकने के लिये जरूरी कदम उठाये।

मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के कारण एमएसएमई को राहत देने के लिये 3 से 6 माह का मॉरेटोरियम का लाभ दिये जाने के निर्देश दिये गये हैं, किन्तु जागरूकता के अभाव में बहुतेरे एमएसएमई इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऋण लेने वाले एमएसएमई को अवगत कराने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये।

मंत्री श्री सखलेचा ने एमएसएमई ऋण लेने वाले डिफाल्टर व्यक्तियों की जिलेवार एनपीए की जानकारी संकलित की जाने के भी निर्देश दिये, जिसमें अकाउंट एनपीए होने का कारण भी दर्ज किया जाये, ताकि इसका अध्ययन कर भविष्य में इन चूककर्ताओं के लिये राहत पैकेज अथवा योजना तैयार की जा सके।

उल्लेखनीय है कि मंत्री श्री सखलेचा 22 जुलाई को देवास तथा पीथमपुर इण्डस्ट्रियल एरिया में विभागीय अधिकारियों के साथ भ्रमण करेंगे। साथ ही उद्योग संघों के सुझावों एवं समस्याओं को जानने के लिये देवास एवं पीथमपुर में बैठक भी लेंगे।

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