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बिना भीड़ के सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हो उपार्जन कार्य : मुख्यमंत्री श्री चौहान

भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में आगामी 15 अप्रैल से इंदौर, उज्जैन एवं भोपाल छोड़कर शेष जिलों में समर्थन मूल्य पर रबी उपार्जन का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इस दौरान मंडियों में बिना भीड़ के सोशल डिस्टेंसिंग तथा अन्य समस्त सुरक्षात्मक उपायों का उपयोग करते हुए उपार्जन कार्य सुनिश्चित किया जाए। श्री चौहान ने कहा कि इस बार किसानों को मंडियों से बाहर भी सीधे व्यापारियों को समर्थन मूल्य पर अपना अनाज बेचने की सुविधा दी जा रही है। मुख्यमंत्री मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में रबी उपार्जन कार्य की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, सचिव जनसंपर्क श्री पी. नरहरि सहित सभी संबंधित अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

सीमित किसानों को ही प्रतिदिन बुलाएं

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि खरीदी के लिए किसानों को एस.एम.एस. पर यह सूचना दी जाए कि वे किस दिनांक को तथा किस पारी में समर्थन मूल्य केन्द्रों पर अपनी फसल बेचने के लिए आएं। उसी दिन तथा पारी में किसान केन्द्रों पर फसल बेचने आएं, यह सुनिश्चित किया जाए। इस प्रकार की व्यवस्था की जाए कि प्रतिदिन लगभग 10 से 12 किसानों को खरीदी के लिए बुलाया जाए।

‘सौदा पत्रक’ के माध्यम से भी खरीदी

बैठक में बताया गया कि कोरोना की वर्तमान परिस्थितियों के चलते इस बार किसानों को यह सुविधा दी जा रही है कि वे ‘सौदा पत्रक’ के माध्यम से भी व्यापारियों को सीधे अपना अनाज समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे। प्रदेश में यह व्यवस्था 2009 तक चली थी, बाद में इसे बंद कर दिया गया था। इसके अलावा, किसान आई.टी.सी. के खरीदी केन्द्रों पर भी अपनी उपज बेच सकेंगे।

मंडियों के बाहर चना, मसूर, सरसों खरीदी केंद्र

बैठक में बताया गया कि समर्थन मूल्य पर चना, मसूर, सरसों की खरीदी के लिए मंडियों के बाहर गत वर्ष अनुसार इस वर्ष भी खरीदी केन्द्र बनाए जा रहे हैं। इन केन्द्रों की संख्या 790 है, जो पर्याप्त होगी। इन अनाजों की लगभग 8 लाख एमटी की समर्थन मूल्य पर खरीदी संभावित है।

सभी व्यस्थाएँ हों उत्कृष्ट

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि किसानों से समर्थन मूल्य पर उनका अनाज खरीदने के लिए खरीदी केंद्रों पर बारदाना, तुलाई, लदाई, अनाज के परिवहन, भंडारण आदि की सभी व्यवस्थाएं उत्कृष्ट हों। कोरोना संकट के चलते विशेष सतर्कता बरती जाने की आवश्यकता है।

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